छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में खुलेंगे सैनिक स्कूल, बृजमोहन के सवाल पर रक्षा मंत्री ने दी जानकारी

 रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में रक्षा मंत्रालय से छत्तीसगढ़ राज्य और विशेष रूप से रायपुर संसदीय क्षेत्र में बालिका सैनिक विद्यालय खोलने की योजना पर सवाल किया है।


जिस पर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने जानकारी दी है कि, रक्षा मंत्रालय ने देश में गैर सरकारी संगठन/न्यास/निजी/सरकारी स्कूलों के साथ साझेदारी रीति में नए सैनिक स्कूल खोल रहा है। जिसकी शुरुवात उत्तरप्रदेश से ही चुकी है। जहां मथुरा में संविद गुरुकुलम उच्च माध्यमिक स्कूल को पूर्णरुपेण-बालिका सैनिक स्कूल के रूप में मंजूरी दी गई है। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ में भी यह प्रयोग हो सकता है। साझेदारी रीति के तहत स्थापित किए जाने वाले नए सैनिक स्कूल की स्थापना का खर्च संबंधित इकाई/एजेंसी ‌द्वारा वहन किया जाएगा।

 

 

 

 

 

 

 

 



सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने भविष्य की प्रौद्योगिकी और उन्नत सुरक्षा विशेषताओं वाले ई-पासपोर्ट शुरू करने के लिए विदेश मंत्रालय से उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी थी।

 

 

 

 
 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 

 



जिसपर विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि, केंद्र सरकार एम्बेडेड चिप के साथ ई-पासपोर्ट शुरू करने के लिए कदम उठाए हैं। वर्तमान में, भुवनेश्वर और नागपुर स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों में ई-पासपोर्ट की परियोजना का परीक्षण चल रहा है। इसके सफलतापूर्वक आरंभ होने और अपेक्षित प्रमाणीकरण के बाद, इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे भारत में शेष क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों में शुरू किया जाएगा। ई-पासपोर्ट एक संयुक्त कागज और इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट है, जिसमें एक एम्बेडेड रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) चिप और इनले के रूप में एम्बेडेड एंटीना है। पासपोर्ट की महत्वपूर्ण जानकारी इसके डेटा पेज पर प्रिंट की जाएगी और साथ ही चिप में संग्रहीत की जाएगी, जिससे इसमें जालसाजी करने की संभावनाएं कम हो जाएगी। दस्तावेज़ और चिप की विशेषताएं अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) दस्तावेज़ 9303 के अनुसार हैं।

 

 

 

 

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सड़क दुर्घटनाओं को रोकने मवेशियों को पहनाया जा रहा रेडियम कॉलर

  कलेक्टर दीपक अग्रवाल के निर्देशानुसार सड़क सुरक्षा के उपाय के तहत पशुपालन विकास विभाग द्वारा मवेशियों को रेडियम कॉलर पहनाया जा रहा है। गरियाबंद, राजिम, फिंगेश्वर एवं अन्य क्षेत्रों के सड़क किनारे पाये जाने वाले पशुओं में रेडियम कॉलर लगाया जा रहा है। साथ ही अन्य जगहों पर भी सड़क सुरक्षा की दृष्टि से यह कार्यवाही की जा रही है। विशेष अभियान के तहत अभी तक लगभग 180 मवेशियों को रेडियम कॉलर पहनाया जा चुका है। साथ ही आगे भी यह कार्यवाही जारी है। मवेशियों में रेडियम कॉलर लगाने से रात में आने-जाने वाले वाहन चालक को दूर से ही मवेशी होने का संकेत मिल जाता है। इससे वाहन चालकों को सतर्क होकर आवागमन करने में आसानी होती है। साथ ही दुर्घटना की भी संभावना नहीं रहती है। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्री अग्रवाल ने सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में सड़कों पर होने वाले दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी उपाय अपनाने के निर्देश दिये थे। साथ ही मवेशियों के गले पर रेडियम बेल्ट अनिवार्यतः लगाने को कहा था। कलेक्टर के निर्देशानुसार सड़क सुरक्षा के उपायों पर क्रियान्वयन किया जा रहा है।

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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दुनिया में बड़ी ताकत के रूप में उभरा भारत: मुख्यमंत्री साय

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को लगातार तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनने पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा कि  नरेन्द्र मोदी का तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को पूरा करने का काम कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हमारे प्रधानमंत्री ने शांतिपूर्वक तरीके से हटा दिया। उन्होंने भारत को आर्थिक रूप से दुनिया की पांचवी सबसे बड़ा ताकत के रूप में खड़ा किया है और 2047 तक इस देश को विकसित भारत के रूप में खड़ा करने का उन्होंने संकल्प लिया है। 


विधानसभा में यह प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप ने प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि  नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक स्तर पर अत्यधिक उंचाईयां प्राप्त की हैं, उनके नेतृत्व में हमारा देश विकसित देशों की श्रेणी में अपना स्थान बना पाएगा। उन्हीं के नेतृत्व में हमारा छत्तीसगढ़ राज्य भी उत्तरोत्तर प्रगति की ओर अग्रसर होगा। 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में  मोदी जी के साथ प्रथम कार्यकाल में राज्य मंत्री के रूप में मुझे काम करने का अवसर मिला ।  मैं साक्षी हूं जिस दिन  मोदी ने पार्लियामेंट में प्रवेश किया उस  दिन झुक कर इस देश की सबसे बड़ी पंचायत (संसद) को प्रणाम करके संसद में प्रवेश किया था और पहले ही दिन के अपने भाषण में उन्होंने कहा था कि गरीबों का हित चिंतक बने रहेंगे और उन्हें गरीबी रेखा से उपर उठाने सतत प्रयास करेंगे। सरकार गरीबों के लिए समर्पित रहेगी, मेरी यह सरकार गरीबों के लिए काम करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त 2014 को जब नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से स्वच्छ भारत मिशन की घोषणा की, तो कुछ लोग उपहास करते थे। यह सफाई और शौचालय निर्माण का काम क्या कोई प्रधानमंत्री सोच सकता है। आज हम सब लोगों को इस बात का पता चल रहा है कि यह योजना कितनी महत्वपूर्ण है। उनके स्वच्छ भारत मिशन की घोषणा के बाद आज हम लोग साफसफाई का महत्व समझे। हमारे प्रधानमंत्री ने करोड़ों परिवारों के घरों में शौचालय का निर्माण कराया है। 

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज मुझे बताते हुए गौरव होता है जब 2014 में नरेन्द्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने तब आजादी के 65 वर्षों के बाद भी इस देश के 14 हजार से ज्यादा जिन गांवों में बिजली नहीं पहुंची थी, उन घरों में बिजली पहुंचायी गई। 45 करोड़ से ज्यादा गरीबों का जनधन का खाता खोलने का काम पहली बार श्री मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद किया। 

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारे देश के एक पूर्व प्रधानमंत्री ने स्वीकारा था कि हम दिल्ली से 100 रूपए भेजते हैं तो गांव तक 15 रूपए पहुंचता है, किन्तु आज प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं के माध्यम से हितग्राहियों के खाते में डीबीटी से सीधे राशि पहुंचाई जा रही है। उन्हें सफल प्रधानमंत्री के रूप में गांव, गरीब, किसान का आशीर्वाद मिल रहा है, जिससे देश और राज्य निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। 

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रथम कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपरीत परिस्थितियों में देश की सत्ता का नेतृत्व किया, लेकिन अपने कुशल नेतृत्व के कारण परिस्थितियों को अपने अनुकूल भी बना लिया। उन्होंने भारत को विश्व में एक अलग पहचान दिलाई। मोदी के नेतृत्व में भारत प्रत्येक क्षेत्रों में विकास करते हुए आगे बढ़ रहा है, जिसका लाभ देश की जनता को मिल रहा है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सूझबूझ से 140 करोड़ आबादी वाले भारत में कोरोना को कंट्रोल किया और कोरोना से बचाव के लिए 200 करोड़ से भी ज्यादा वैक्सीन उपलब्ध कराई। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार ने संकल्प के साथ मोदी जी की गारंटी को पूरा कर दिखाया है। 

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्रथम कार्यकाल में शपथ लेते हुए कहा था कि मेरी सरकार गरीबों के लिए समर्पित सरकार रहेगी, मेरी यह सरकार गरीबों के लिए काम करेगी। उनका पहला कार्यकाल गरीबों के लिए काम करते हुए बीता, जो आज एक मिसाल है। उन्होंने निचले तबके के लोगों को सम्मान के साथ जीवन बिताने के योग्य बनाया, जिससे आज निचले तबके के लोग सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर रहे हैं। 

प्रस्ताव पर उपमुख्यमंत्री अरूण साव और विजय शर्मा, वित्त मंत्री  ओ.पी. चौधरी सहित अन्य विधायकों ने भी अपने विचार रखे।
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पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदों को लिखा पत्र

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने राज्य के भाजपा सांसदों को पत्र लिखकर, केंद्रीय बजट में छत्तीसगढ़ की उपेक्षा को सदन मे उठाने किया आग्रह किया है। उन्होंने पत्र में आगे लिखा है की आदरणीय आप सब छत्तीसगढ़ के विभिन्न संसदीय क्षेत्रों से निर्वाचित हुए है। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के गठन में छत्तीसगढ़ की जनता ने भी महति भूमिका निभाई है। राज्य के 11 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से 10 क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी के सांसदों को राज्य की जनता ने जिताया है। चुनाव में आप सबने प्रदेश की जनता से वादा किया था डबल इंजन की सरकार बनेगी तो प्रदेश का तीव्र गति से विकास होगा।


मोदी सरकार के पहले बजट से राज्य की जनता अपने आप को ठगा महसूस कर रही है। डबल इंजन की सरकार का राज्य को कोई फायदा नहीं मिला। केंद्रीय बजट में राज्य की अनदेखी की गयी है। सत्तारूढ़ दल के 10 सांसदों वाले राज्य की उपेक्षा पीड़ाजनक है। इसके विपरीत बिहार और आन्ध्रा जैसे राज्यों के लिये केंद्रीय बजट में विशेष प्रावधान है। छत्तीसगढ़ आदिवासी प्रदेश है, राज्य की बड़ी आबादी वन क्षेत्रों में रहती है। आर्थिक शैक्षणिक विकास के इंडेक्स में छत्तीसगढ़ देश के अनेकों राज्यों से पीछे है। छत्तीसगढ़ भी देश के अन्य राज्यों के समान विकास की दौड़ में शामिल हो इसलिए देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा छत्तीसगढ़ को विशेष सहायता की आवश्यकता है।


आप सबको राज्य की जनता ने बड़े आशा और विश्वास के साथ संसद में भेजा है। आपसे मैं आग्रह करता हूं कि राज्य की जनता के अपेक्षाओं के अनुरूप आप राज्य के हितों की आवाज संसद में उठाये। राज्य के सर्वागीण विकास के लिये छत्तीसगढ़ को विशेष राज्य और विशेष आर्थिक पैकेज की मांग बुलंद करें।

यहां हम आपको बता दें कि केंद्र में भाजपा सरकार के तीसरे कार्यकल में पहला बजट पेश किया गया था उस समय विपक्ष  ने बजट को चोरी का बजट और नकलची बजट कहा था और उनका यह भी कहना था कि सिर्फ आंध्र प्रदेश और बिहार को ही इस बजट से लाभ मिला है बाकी राज्यों को इस बजट में उनका नाम तक नहीं लिया गया है इसी तरह छत्तीसगढ़ के लोगो को भी इस बजट से निराशा हुई है।

 

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नदी-नाले एवं पुराने पुल-पुलिया को पार करते समय एहतियात बरतें

 मानसून के चलते जिले में चार पांच दिन से भारी बारिश हो रही है, जिससे नदी-नालों और पुराने पुल-पुलियों में जलस्तर बढ़ गया है। कलेक्टर श्री प्रभात मलिक ने जनता के नाम जारी संदेश में कहा कि वे किसी भी हालत में जान जोखिम में डालकर उफनते नदी-नाले पार न करें।

  कलेक्टर श्री मलिक ने कहा कि भारी बारिश के कारण जिले के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में पुराने पुल-पुलियों पर पानी का बहाव तेज है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने जनता से अपील की है कि वे इस मौसम में अत्यंत सावधानी बरतें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
 कलेक्टर ने बताया कि प्रशासन ने सभी आवश्यक उपाय किए हैं और आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता जनता की सुरक्षा है। इसलिए, किसी भी स्थिति में जोखिम न लें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।“ उन्होंने विशेष रूप से वाहन चालकों से कहा है कि वे भारी बारिश के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें और जलमग्न सड़कों पर ड्राइविंग न करें। साथ ही, पैदल यात्रियों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
  इसके अतिरिक्त, कलेक्टर ने जिले के सभी एसडीएम और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जलभराव वाले क्षेत्रों में नियमित निरीक्षण करें और आवश्यकतानुसार राहत कार्यों को सुनिश्चित करें। आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय कर दिया गया है और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं ताकि किसी भी जरूरतमंद को त्वरित सहायता मिल सके। आपदा नियंत्रण कक्ष का दूरभाष क्रमांक 07723-223305 तथा ई-मेल  msamund.cg@nic.in है।
  कलेक्टर श्री प्रभात मलिक ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित रहें। उन्होंने कहा, “आपकी सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। इसलिए, सावधानी बरतें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता मांगें।“

 

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छत्तीसगढ़ में अब तक 479.7 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

 शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 479.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 26 जुलाई सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1131.0 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 184.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।

    राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 297.0 मिमी, बलरामपुर में 430.9 मिमी, जशपुर में 309.7 मिमी, कोरिया में 317.3 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 328.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।
    इसी प्रकार, रायपुर जिले में 425.3 मिमी, बलौदाबाजार में 530.0 मिमी, गरियाबंद में 536.0 मिमी, महासमुंद में 381.5 मिमी, धमतरी में 556.1 मिमी, बिलासपुर में 448.3 मिमी, मुंगेली में 493.4 मिमी, रायगढ़ में 369.3 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 225.8 मिमी, जांजगीर-चांपा में 400.8 मिमी, सक्ती में 322.4 कोरबा में 552.9 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 454.2 मिमी, दुर्ग में 319.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। कबीरधाम जिले में 395.3 मिमी, राजनांदगांव में 567.6 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी में 589.2 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 378.4 मिमी, बालोद में 660.1 मिमी, बेमेतरा में 308.3 मिमी, बस्तर में 625.8 मिमी, कोण्डागांव में 525.4 मिमी, कांकेर में 656.4 मिमी, नारायणपुर में 640.5 मिमी, दंतेवाड़ा में 664.5 मिमी और सुकमा जिले में 804.7 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई।

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राज्यपाल ने कारगिल विजय-शौर्य दिवस पर कारगिल युद्ध के शहीदो को किया नमन

राज्यपाल ने कहा कि कारगिल विजय-शौर्य दिवस हमें वीर जवानों के अदम्य साहस और बलिदान की याद दिलाता है जिन्होंने वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देकर राष्ट्र की रक्षा की। शहीदों का यह बलिदान हमें प्रेरित करता है कि हम हमेशा अपने देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए तत्पर रहें। उनकी वीरता और समर्पण हमें यह सिखाता है कि राष्ट्रहित से बड़ा कोई धर्म नहीं है।
 राज्यपाल हरिचंदन ने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हम उनके परिवारों के प्रति भी अपनी संवेदनाएँ व्यक्त करते हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया। देश के प्रत्येक नागरिक को इन परिवारों के बलिदान को सलाम करना चाहिए और उनके साहस की प्रशंसा करनी चाहिए। हम सब मिलकर इन वीर शहीदों की शहादत को नमन करें और अपने देश की प्रगति और समृद्धि के लिए एकजुट होकर कार्य करें।

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जशपुर का मयाली बगीचा देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल

 मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले के मयाली बगीचा को देश के प्रमुख पर्यटन स्थल में शामिल किए जाने तथा स्वदेश दर्शन योजना में जगदलपुर और बिलासपुर को शामिल किए जाने पर केन्द्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के प्रति आभार व्यक्त किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ मंदिर को  प्रसाद योजना में शामिल किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। 

जशपुर के मयाली बगीचा को केंद्र सरकार ने देश के उन 42 डेस्टिनेशंस में चुना है, जिन्हें चुनौती मानते हुए विकसित किया जाएगा। यह केंद्र के स्वदेश दर्शन 2.0 प्रोजेक्ट का हिस्सा होगा। इसी तरह स्वदेश दर्शन योजना में देशभर के 57 शहरों की पहचान की गई है, जिनमें छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और जगदलपुर को शामिल किया गया है। ये वह शहर हैं, जहां अंतरदेशीय पर्यटन केंद्र विकसित होंगे। इसके लिए 29 प्रोजेक्ट मंजूर किए गए हैं, जिनके तहत बिलासपुर और जगदलपुर में भी काम होगा। इसके साथ ही सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ मंदिर समेत देशभर के 29 स्थानों को तीर्थयात्रा के कायाकल्प के लिए प्रसाद योजना में चुना गया है। 

 केन्द्रीय पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कल राज्य सभा में एक अतारांकित प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि इन योजनाओं पर अमल शुरू हो गया है। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के अंतर्गत विकास की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसके लिए छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और जगदलपुर सहित देश में 57 स्थानों की पहचान की गई है। इस प्रोजेक्ट के तहत 29 परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई है। इसी योजना के तहत चुनौती आधारित गंतव्य विकास के लिए देशभर में 42 स्थानों का चयन किया गया है, जिसमें जशपुर का मयाली बगीचा भी है। उल्लेखनीय है कि मयाली बगीचा जशपुर जिले का बेहद खूबसूरत पर्यटन केंद्र माना जाता है। पर्यटन मंत्रालय ने तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान (प्रसाद) योजना के अंतर्गत विकास के लिए छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ मंदिर को भी चुन लिया है। इसे मिलाकर देशभर में कुल 29 स्थानों का चयन किया गया है, जहां इस योजना के तहत प्रोजेक्ट लाए जा रहे हैं।
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ग्रीन स्टील से शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य के साथ ही खुलेंगे आर्थिक संभावनाओं के भी द्वार-मुख्यमंत्री

क्लाइमेट चेंज की चुनौती से निपटने के लिए पूरी दुनिया ग्रीन स्टील की ओर रुख कर रही है। स्टील के उत्पादन में अग्रणी राज्यों में से एक होने के नाते ग्रीन स्टील छत्तीसगढ़ के लिए भी बड़ी संभावनाएं लेकर आया है। इससे न केवल कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में हमें मदद मिलेगी, अपितु इस क्षेत्र में नवीन पहल कर हम बड़ी आर्थिक उपलब्धियों की संभावनाओं का द्वार खोल सकते हैं। यह बात मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने नवा रायपुर अटल नगर स्थित मेफेयर लेक रिसार्ट में आयोजित ग्रीन स्टील समिट 2024 में शामिल होने के अवसर पर कही। इस समिट का आयोजन भारतीय इस्पात उद्योग को कार्बन रहित बनाने के उद्देश्य से किया गया है। समिट में देश भर के प्रमुख उद्योगपति, व्यापारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने अपने संबोधन में सीआईआई को आयोजन के लिए बधाई  देते हुए कहा  कि छत्तीसगढ़ प्रदेश भारत का सबसे प्रमुख स्टील निर्माता है। हमारे यहां सार्वजनिक क्षेत्र के भिलाई स्टील प्लांट और नगरनार स्टील प्लांट जैसी बड़ी इकाईयां तो संचालित है ही, इसके साथ-साथ निजी क्षेत्र के अनेक छोटे-बड़े इस्पात संयंत्र संचालित हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र एशिया का सबसे बड़ा स्टील प्लांट है और छत्तीसगढ़ में लोहे के विशाल भंडार हैं, जिनमें बैलाडीला, रावघाट और दल्लीराजहरा प्रमुख हैं। छत्तीसगढ़ का देश में कुल उत्पादित स्टील में लगभग 20 प्रतिशत तक का योगदान है और राज्य की अर्थव्यवस्था में उद्योगों की भागीदारी 53.50 प्रतिशत है।

मुख्यमंत्री ने इस्पात उद्योग से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण के वैश्विक चिंताओं पर भी प्रकाश डाला और कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने का दृष्टिकोण सामने रखा है। उन्होंने केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की सराहना की और राज्य में सौर ऊर्जा और हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के प्रयासों का उल्लेख किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीआईआई का यह समिट भारतीय इस्पात उद्योग को कार्बन रहित बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण प्रयास है। आज हम इस समिट में ग्रीन स्टील जैसे रोचक विषय पर बात कर रहे हैं। इस शब्द में खूबसूरती तो है ही, साथ ही साथ जिम्मेदारी भी है।

मुख्यमंत्री ने समिट में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों से ग्रीन स्टील उत्पादन की नई तकनीक को अपनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने का आह्वान किया और कहा कि हमारी एकजुटता से हम स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण का निर्माण करते हुए मिलजुलकर विकास करेंगे।

इस समिट में देश भर के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि भी उपस्थित थे, जिन्होंने ग्रीन स्टील उत्पादन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों और नई तकनीकों पर अपने विचार साझा किए।

इस अवसर पर सीआईआई के पदाधिकारी और उद्योगपति आशीष सराफ, सिद्धार्थ अग्रवाल,  सुवेन्द्र बेहरा, संजय जैन,  पी वी किरण अनंत उपस्थित थे।
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नक्सल पीड़ित परिवारों के परिजनों को प्रथम चरण में 58 लोगों को मिलेगी शासकीय नौकरी

 नक्सली हिंसा में मृतक के परिजनों को छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास नीति के तहत शासकीय सेवा में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर राज्य के सभी वर्गाें के विकास के लिए कल्याणकारी योजनाओं का त्वरित क्रियान्वयन कर लाभांवित किया जा रहा है। आज बीजापुर जिला स्तरीय पुनर्वास समिति की बैठक में नक्सल पीड़ित परिवारों के 58 लोगों को अनुकम्पा नियुक्ति देने का निर्णय लिया गया। 


पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव ने बताया कि अनुकम्पा नियुक्ति के लिए कुल 58 पात्र आवेदकों को प्रथम चरण में अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। पूर्व में जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में पुलिस अधीक्षक कार्यालय से प्राप्त प्रकरणों की समीक्षा करते हुए 19 जुलाई तक दावा आपत्ति आमंत्रित की गई थी, बाद में इस तिथि में वृद्धि करते हुए 24 जुलाई 2024 को निर्धारित की गई। उक्त तिथियों में प्राप्त दावा आपत्तियों का निराकरण करते हुए समिति के निर्णय के आधार पर विभिन्न विभागों में चतुर्थ वर्ग के पदों पर नियुक्ति हेतु अंतिम रूप से 58 आवेदक प्रथम चरण में पात्र पाए गए हैं, जिन्हें यह नियुक्ति दी जाएगी।
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समूह की दीदियां करेगी अब हल्दी का व्यवसायिक उत्पादन

 हल्दी् (टर्मरिक) एक भारतीय वनस्पति है यह अदरक की प्रजाति का 5 से 6 फिट बढने वाला पौधा है जिसमें जड़ की गाठो में हल्दी मिलती है हल्दी को आयुर्वेद में एक महत्व्पूर्ण औषधि मानी गयी है। इसके अलावा भारतीय रसोई में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी भारतीय समाज में इसको बहुत शुभ समझा जाता है विवाह में तो हल्दीे की रस्म का एक विशेष महत्व है। हल्दी का उपयोग धार्मिक कार्यो के अलावा मसाला, रंग सामग्री, औषधि तथा उबटन के रूप में  किया जाता रहा है।

 

दंतेवाडा़

औषधि एवं घरेलू उपयोग में उपयोगिता इस प्रकार है। इसके साथ ही हल्दी में कैंसर रोधी गुण भी पाये जाते है। इस क्रम में विकासखण्ड कुआकोंडा के 5 ग्रामों को हल्दी की पैदावार के अनुकुल वातावरण के मददे नजर चयन किया गया है। इस संबंध में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ’’बिहान’’ के तहत स्थानीय स्व सहायता की दीदियों को हल्दी उत्पादन, करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। इस कड़ी में ग्राम रेंगानार, गढ़मिरी, कुआकोण्डा, हल्बारास, मैलावाड़ा, गोगपाल के इच्छुक 50 महिलाओं को उद्यानिकी विभाग से 20 क्विंटल हल्दी बीज प्रदाय की गई है और समुह की दीदियों ने 40-40 किलो अपने बाड़ी में हल्दी गाठों का रोपण किया है। इस प्रकार हल्दी उत्पादन इस वर्ष होने पर अगले वर्ष इस हल्दी को मां दन्तेश्वरी महिला फार्मर प्रोडयूसर कंपनी लिमिटेड कुआकोण्डा के द्वारा खरीदी भी की जायेगी। खरीदी कर इस हल्दी का समूह के द्वारा प्रसंस्करण कर जिले के सी-मार्ट दुकान तथा थोक किराना दुकानों में सप्लाई करने की योजना है। जिसमें उत्पादन करने वाली समूह के महिलाए को स्थानीय स्तर पर विक्री करने का स्थान तथा उचित दर प्राप्त होगा। यूं तो जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में हल्दी की खेती पूर्व से ही की जाती रही है। परन्तु एक वृहत पृष्ठ भूमि में व्यवसायिक दृष्टिकोण से इसका रोपण लगभग नगण्य है। इसे दृष्टिगत रखते हुए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ’’बिहान’’ द्वारा हल्दी की खेती को महिलाओं की आर्थिक समृद्धि एवं आजीविका से जोड़ते हुए पहल की जा रही है और उम्मीद किया जा सकता है कि निश्चित ही महिलाएं हल्दी का व्यवसायिक उत्पादन कर अपने आर्थिक समृद्धि को बढ़ाएगीं।
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अंतर्राष्ट्रीय कृषि एवं उद्यानिकी एक्सपो के राष्ट्रीय मंच पर छत्तीसगढ़ के 5 उद्यानिकी कृषक सम्मानित

नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 20 से 22 जुलाई तक  सरकार की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाले अंतर्राष्ट्रीय कृषि एवं उद्यानिकी पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मेले में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए बस्तर अंचल के महिला कृषक को लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वहीं उद्यानिकी के क्षेत्र में नवाचार तथा उत्कृष्ट कार्य करने वाले छत्तीसगढ़ के पांच कृषकों को भी सम्मानित किया गया है। कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने उद्यानिकी के क्षेत्र में वनांचल क्षेत्रों सहित प्रदेश के किसानों को अंतर्राष्ट्रीय मेले में अवार्ड मिलने पर उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी।   

    उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि बस्तर के सुदूर अंचल के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में 1000 महिला कृषकों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देने एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने वाली महिला कृषक श्रीमती वेदेश्वरी (बिंदु) शर्मा को उक्त एक्पो में लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। बस्तर की जैविक महिला की पदवी प्राप्त श्रीमती शर्मा के मार्गदर्शन में जिला-कोंडागांव के ग्राम कोकोड़ी एवं आस पास के गांवों के 1000 महिला कृषक, जैविक खेती अपनाकर विगत 6 वर्षों से अधिक आमदनी अर्जित कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 5 एकड़ खेत में श्रीमती शर्मा द्वारा पूर्ण जैविक खेती ली जा रही है, इनके कठिन परिश्रम के परिणामस्वरूप इन्हें राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कारों से पहले भी सम्मानित किया जा चुका है।

    जिला-बिलासपुर के ग्राम मल्हार के कृषक यदुनंदन प्रसाद वर्मा को विगत 5-6 वर्षों से  2.5 एकड क्षेत्र में केला, सब्जी आदि की जैविक खेती करने के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। जिरेनियम की खेती में उत्कृष्ट कार्य करने वाले एवं राज्य में इसकी खेती को बढावा देने वाले जयराम नगर जिला-बिलासपुर के कृषक लोकेश बालकृष्ण पताडे को तकनीकी नवाचार के लिए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। जय किसान नर्सरी, ग्राम बम्हनी चारपारा, जिला राजनांदगांव के कृषक श्री जसवंत कुमार साहू के कुशल मार्गदर्शन एवं अथक प्रयासों से ग्राफ्टेड सब्जी पौध तैयार करने तथा उद्यानिकी के क्षेत्र में नवाचार करने हेतु प्रशस्ति पत्र से नवाज़ा गया। पुष्प की खेती में अपना नाम रोशन करने वाली महिला कृषक श्रीमती अंकिता वर्मा, जिला-रायपुर को ग्रीन हाउस में गुलाब के फूलों की उत्कृष्ट खेती हेतु प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।

    गौरतलब है कि 3 दिवसीय एक्सपो में छत्तीसगढ़ उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी द्वारा स्टॉल लगाकर पुष्प, फल, सब्जी आदि की प्रदर्शनी लगाई गयी तथा विभागीय योजनाओं, गतिविधियों एवं प्रगतिशील कृषकों की सफलता की कहानी को बैनर के माध्यम से प्रदर्शित किया गया था। साथ ही मशरूम के उत्पाद, प्रसंस्करण उत्पाद, महुआ तथा जामुन का जूस आदि भी स्टाल में प्रदर्शनी एवं विक्रय हेतु रखा गया था। स्टाल में मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा जरेनियम की खेती, पॉली हाउस में आर्किड की खेती, ग्राफ्टेड बैंगन की खेती, ड्रैगन फ्रूट, कालीमिर्च एवं चाय की खेती की विस्तृत जानकारी के साथ लगे डिस्प्ले जिसे पढने और उसकी अधिक जानकारी प्राप्त करने विभिन्न राज्यों के किसानों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना रहा। प्रदर्शनी में आये विशेष अतिथियों एवं अधिकारियों द्वारा भी छत्तीसगढ़ उद्यानिकी के स्टाल में लगाई गयी उत्कृष्ट प्रदर्शनी की प्रशंसा की गयी एवं ‘‘प्रमोशन ऑफ़ बेस्ट हॉर्टिकल्चर एंड फार्म फॉरेस्ट्री प्रैक्टिसेज‘‘ के केटेगरी में भी अवार्ड से सम्मानित किया गया।

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तेंदूपत्ता संग्रहण की दर बढ़ी तो जिले के संग्राहकों को 18.73 करोड़ अधिक मुनाफा

हरा सोना के नाम से ख्यात तेंदूपत्ता का संग्रहण ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि के अतिरिक्त आय का एक पूरक स्त्रोत है। छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर तेंदूपत्ता का संग्रहण लघु वनोपज के रूप में किया जाता है। लाखों ग्रामीण इस कार्य से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य के तेन्दूपत्ता संग्राहकों को अब 5500 रुपए प्रति मानक बोरा की दर से भुगतान किया जा रहा है। जिससे संग्राहकों को पहले के 4 हजार प्रति मानक बोरा की तुलना में 15 सौ रुपए अधिक मिल रहे है। इससे संग्राहकों को तेंदूपत्ता संग्रहण से होने वाली आय बढ़ी है। रायगढ़ जिले की बात करें तो 98 हजार 977 संग्राहकों को 68 करोड़ 68 लाख 11 हजार 180 रुपये का भुगतान किया जा चुका है। बढ़ी दरों के लिहाज से जिले के संग्राहकों को 18.73 करोड़ रुपए ज्यादा मुनाफा मिला है।
       जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित, रायगढ़ एवं धरमजयगढ़ के प्रबंध संचालक ने बताया कि रायगढ़ जिला अंतर्गत दो जिला वनोपज सहकारी यूनियन रायगढ़ एवं धरमजयगढ़ में वर्ष 2024 तेन्दूपत्ता सीजन में 112 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के 94 लॉट निर्धारित है। जिले में संग्रहण हेतु 747 संग्रहण केन्द्र में संग्रहण कार्य हेतु 1 लाख 40 हजार 600 मानक बोरा का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें तेन्दूपत्ता संग्रहण लक्ष्य के विरूद्ध 1 लाख 24 हजार 874.760 मानक बोरा संग्रहण किया गया है। इस वर्ष संग्रहण की दर 5500 रुपये प्रति मानक बोरा (550 रुपये प्रति सौ गड्डी)निर्धारित है।
गेरवानी समिति फड़ सराईपाली के श्री अमृत लाल अगरिया एवं उनकी पत्नी श्रीमती पुना अगरिया ने बताया कि सीजन में उन्होंने 3640 तेन्दूपत्ता गड्डी तोड़कर उसका विक्रय किया था, जिससे उन्हें 20 हजार 20 रुपये का लाभ प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि पुरानी दर के मुकाबले उन्हें प्रति मानक बोरे की दर बढऩे से लगभग साढ़े पांच हजार रूपए ज्यादा मिले। प्राप्त धनराशि को वे खेती-किसानी में खर्च कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस संवेदनशील निर्णय से हम संग्राहकों को पहले से ज्यादा राशि मिल रही है, जो हमारे लिए अतिरिक्त आय का आधार बन रहा है। इसी तरह गेरवानी समिति फड़ गौरमुड़ी के श्री नथीराम एवं उनकी पत्नी सुखमनी ने बताया कि उन्होंने 3420 तेन्दूपत्ता गड्डी तोड़कर उसका विक्रय किया था, जिससे उन्हें 18 हजार 810 रुपये का लाभ प्राप्त हुआ था। प्राप्त रूपये से उन्होंने बरसात में होनी वाली परेशानी को देखते हुए खप्पर वाला घर के छत की मरम्मत कराकर उसमें एस्बेस्टस की छत डलवाए हैं और डोली खेत में भी राशि खर्च की है।

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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पद के लिए 7 अगस्त तक आवेदन आमंत्रित

राजनांदगांव 
एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना राजनांदगांव ग्रामीण 1 द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक 3 उसरीबोड में कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक 1 सुकुलदैहान में सहायिका के पद के लिए 7 अगस्त 2024 तक आवेदन पत्र आमंत्रित की गई है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पद के लिए इच्छुक एवं पात्र आवेदिका निर्धारित तिथि तक कार्यालय एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना राजनांदगांव ग्रामीण 1 जिला राजनांदगांव में सीधे अथवा पंजीकृत डाक के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत कर सकती है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी कार्यालय से प्राप्त की जा सकती हैं। 
 
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बस्तर के हरा सोना संग्राहकों को बैंक मित्र एवं बैंक सखियों से सीधे मिल रही पारिश्रमिक राशि

 बस्तर अंचल में तेंदूपत्ता को हरा सोना माना जाता है,जो वनांचल के संग्राहकों की अतिरिक्त आय का मुख्य जरिया है। गर्मी के दिनों में जब ग्रामीणों के पास न तो खेतों में काम होता है और न ही घर में कुछ काम, तब इसी तेंदूपत्ता यानी हरा सोना का संग्रहण उन्हें मेहनत एवं संग्रहण के आधार पर भरपूर पारिश्रमिक देता है। वनांचल में रहने वाले ग्रामीणों के लिये तेंदूपत्ता के प्रति मानक बोरा की दर में हुई वृद्धि भी खुशियां जगा दी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा तेंदूपत्ता का प्रति मानक बोरा राशि 5500 रुपए किए जाने के बाद संग्राहकों में अपार खुशी है। वहीं तेंदूपत्ता संग्राहकों को तेंदूपत्ता पारिश्रमिक राशि स्थानीय स्तर पर बैंक सखियों के माध्यम से भुगतान होने के फलस्वरूप विशेषकर दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के संग्राहकों को बहुत सहूलियत हो रही है। इसे मद्देनजर रखते हुए कलेक्टर श्री विजय दयाराम के. के मार्गदर्शन में जिले के अंदरूनी ईलाके के संग्राहकों को तेंदूपत्ता पारिश्रमिक राशि का भुगतान बैंक मित्र और बैंक सखियों के माध्यम से किया जा रहा है। तेंदूपत्ता सीजन 2024 में संग्रहित तेंदूपत्ता का 36 हजार 229 संग्राहकों को 12 करोड़ 43 लाख 95 हजार 749 रुपए पारिश्रमिक राशि अपने गांव के बैंक मित्र एवं बैंक सखियों द्वारा की जा रही है।

       लोहण्डीगुड़ा विकासखंड के दूरस्थ ग्राम कुथर के तेंदूपत्ता संग्राहक आयतू और बैसू तेंदूपत्ता संग्रहण कर उसे समिति में बेचने का कार्य वर्षों से कर रहे हैं। एक सीजन में तीन से पांच से आठ हजार रूपए तक कमाई करने वाले इन संग्राहकों का कहना है कि वे सुबह से शाम तक पत्ते तोड़कर उसे गड्डी तैयार करते हैं, फिर फड़ में ले जाकर विक्रय करते हैं। उनका अधिकांश समय वन में ही गुजरता है। मुख्यमंत्री द्वारा 04 हजार रूपए प्रति मानक बोरा राशि की दर को 05 हजार 500 रूपए किए जाने पर खुशी जताते हुए बैसू ने कहा कि इससे उसके जैसे अनेक संग्राहकों को अच्छा लाभ मिला है।दरभा ब्लॉक के ग्राम पखनार की रहने वाली संग्राहक मासे मंडावी एवं सुकली मंडावी का कहना है कि वह कई साल से तेंदूपत्ता तोड़ने का कार्य कर रही है। संग्राहकों के हित में 4000 की राशि 5500 रूपए प्रति मानक बोरा होने पर गरीब संग्राहकों को इससे फायदा होने की बात कही। बकावंड ब्लॉक के डिमरापाल निवासी सुकरी नेताम ने बताया कि वह खेती-किसानी के साथ-साथ तेंदूपत्ता संग्रहण का काम कई वर्षों से कर रही हैं। गांव में तेंदूपत्ता संग्रहण से गर्मी के दिनों में कुछ कमाई हो जाती है। एक-एक पत्तों को तोड़कर बण्डल बनाने में मेहनत लगता है। शासन ने संग्राहकों के परिश्रम का महत्व को समझते हुए राशि बढ़ाई है जो सराहनीय है।
       इन ग्रामीण संग्राहकों ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए प्रति मानक बोरा दर 4000 रुपए से बढ़ाकर 05 हजार 500 रूपये किए जाने से संग्राहकों को राहत मिल रही है। बकावंड डिमरापाल के संग्राहक सैयतो यादव ने बताया कि गांव के पास ही मरहान और जंगल है। आसपास के क्षेत्र में तेंदूपत्ता संग्रहण आसानी से हो जाता है। तेंदूपत्ता संग्रहन से राशि मिलती है तो घर-परिवार की जरूरतें होती है। यह ग्रामीण संग्राहकों के लिए अतिरिक्त आमदनी का मुख्य जरिया है। इस प्रकार तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए प्रति मानक बोरा दर में वृद्धि से जिले के वनांचल में रहने वाले सभी तेंदूपत्ता संग्राहकों को सुखद अनुभूति हुई है।
       बैंक मित्र पखनार रामो कुंजाम ने बताया कि वह ईलाके के 05 ग्राम पंचायतों के 250 से ज्यादा तेंदूपत्ता संग्राहकों को तेंदूपत्ता पारिश्रमिक राशि का भुगतान कर चुके हैं। वहीं लोहण्डीगुड़ा ब्लॉक के कस्तूरपाल के बैंक मित्र सामू कश्यप ने 50 से अधिक संग्राहकों तथा बस्तर विकासखण्ड के भानपुरी की बैंक सखी जमुना ठाकुर ने 56 से ज्यादा संग्राहकों को भुगतान किया है। वहीं बकावंड ब्लॉक के डिमरापाल की बैंक सखी तुलेश्वरी पटेल अब तक डिमरापाल एवं छिंदगांव के 90 से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों को डेढ़ लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान कर चुकी हैं।

जिले के 15 समितियों के तेंदूपत्ता संग्राहकों को बैंक सखियों ने किया भुगतान

   वनमंडलाधिकारी एवं प्रबंध संचालक जिला सहकारी यूनियन जगदलपुर श्री उत्तम गुप्ता ने बताया कि जिले के सभी 07 विकासखण्डों के अंतर्गत 15 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के कुल 36 हजार 229 संग्राहकों को 12 करोड़ 43 लाख 95 हजार 749 रुपए पारिश्रमिक राशि अपने गांव के बैंक मित्र एवं बैंक सखियों से भुगतान किया जा रहा है। जिसके तहत लोहण्डीगुड़ा ब्लॉक के 13 ग्राम पंचायतों के 1947 संग्राहकों को 79 लाख 47 हजार 665 रुपए, तोकापाल विकासखण्ड के एक ग्राम पंचायत के 76 संग्राहकों को 03 लाख 36 हजार 193 रुपए,बास्तानार ब्लॉक के 22 ग्राम पंचायतों के 1831 संग्राहकों को 79 लाख 69 हजार 995 रुपए,बस्तर विकासखण्ड के 65 ग्राम पंचायतों के 10 हजार 78 संग्राहकों को 02 करोड़ 68 लाख 72 हजार 736 रुपए, दरभा ब्लॉक के 21 ग्राम पंचायतों के 1782 संग्राहकों को एक करोड़ 37 लाख 71 हजार 934 रुपए तथा बकावंड विकासखण्ड के 86 ग्राम पंचायतों के 16 हजार 510 संग्राहकों को 05 करोड़ 45 लाख 47 हजार 614 रुपए पारिश्रमिक राशि का भुगतान स्थानीय बैंक सखियों द्वारा किया जा रहा है। जिससे जहां ग्रामीण संग्राहकों को भुगतान प्राप्त करने में सुविधा हुई,वहीं इन बैंक सखियों को भी अच्छी कमीशन राशि मिली।

 

 

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कर्तव्यों में लापरवाही बरतने पर सचिवों को किया गया निलंबित

राजनांदगांव 

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने ग्रामीणों से प्राप्त शिकायतों की जांच पश्चात जनपद पंचायत डोंगरगढ़ अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मेढ़ा के पूर्व सचिव एवं वर्तमान सचिव ग्राम पंचायत कोल्हिापुरी (नवागांव) श्री प्रकाश रामटेके तथा पूर्व सचिव एवं वर्तमान सचिव ग्राम पंचायत अउरदा श्री मनहरण राउत्रे को पदीय कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने एवं उच्च कार्यालयों के निर्देशों का पालन नहीं किये जाने के कारण निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में श्री प्रकाश रामटेके का मुख्यालय जनपद पंचायत डोंगरगढ़ एवं श्री मनहरण राउत्रे का मुख्यालय जनपद पंचायत राजनांदगांव निर्धारित किया गया है। निलंबित सचिवों को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी। 
    मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राजनांदगांव सुश्री सुरूचि सिंह ने मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी जिला अंतर्गत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मोहला से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार सचिव संलग्न जनपद पंचायत मोहला श्री जितेन्द्र कुमार धु्रव एवं सचिव ग्राम पंचायत डूमरटोला श्री तिलक राम हेड़ामे को अपने पदीय कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने एवं उच्च कार्यालयों के निर्देशों का पालन नहीं किये जाने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में में सचिवों का मुख्यालय जनपद पंचायत मोहला निर्धारित किया गया है। इसी तरह मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अम्बागढ़ चौकी से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार सचिव ग्राम पंचायत आटरा श्री हेमुलाल कोमरे को पदीय कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने एवं उच्च कार्यालयों के निर्देशों का पालन नहीं किये जाने के कारण निलंबित किया कर दिया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जनपद पंचायत अम्बागढ़ चौकी निर्धारित किया गया है। निलंबित सचिवों को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी। 
 
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कलेक्टर ने डोंगरगांव विकास योजना प्रारूप 2031 के संबंध में विकास योजना समिति की ली बैठक

 कलेक्टर  संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा डोंगरगांव विकास योजना (प्रारूप) 2031 के संबंध में विकास योजना समिति की बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने डोंगरगांव विकास योजना (प्रारूप) 2031 में सम्मिलित ग्रामों के सरपंच एवं नगरीय निकाय एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से आवश्यक सुझाव प्राप्त करने डोंगरगांव नगर पंचायत में बैठक आयोजित करने कहा। उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) डोंगरगांव, सम्मिलित ग्रामों में सरपंच एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पंचायत डोंगरगांव एवं नगरीय निकाय के स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सुझाव प्राप्त कर विकास योजना में समाहित करने के निर्देश दिये, ताकि डोंगरगांव क्षेत्र के विकास को ध्यान में रखते हुए विकास योजना तैयार की जा सके। इस अवसर पर अध्यक्ष जिला पंचायत  गीता साहू, वनमंडलाधिकारी आयुष जैन, सीईओ जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह, उप संचालक नगर एवं ग्राम निवेश  कमला सिंह, विकास योजना समिति के सदस्यगण, संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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ग्राम किरगी रिवागाहन में मनाया गया स्वच्छता त्यौहार

 राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम किरगी रिवागाहन में विगत दिनों जिला पंचायत के सहयोग एवं एबीस पहल द्वारा दो दिवसीय स्वच्छता त्यौहार मनाया गया। दो दिनों तक चले स्वच्छता त्यौहार का मुख्य उद्देश्य ग्राम को ओडीएफ प्लस बनाने के लिए ग्रामवासियों को जागरूक करना था। जिसके तहत स्कूली बच्चों द्वारा पोस्टर प्रतियोगिता, सेग्रेगेशन को लेकर जागरूकता हेतु नुक्कड़ नाटक के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया गया। इसके अलावा बच्चों ने कबाड़ से जुगाड़ का प्रदर्शन करते हुए ग्रामीणों को प्लास्टिक के उचित प्रबंधन के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में ग्राम पंचायत सरपंच श्रीमती पूर्णिमा साहू, जनपद पंचायत डोंगरगांव एसीईओ होरी लाल साहू, प्राचार्य श्री नरोत्तम लाल कमरिया, ग्राम पंचायत सचिव पूनम साहू, एबीस एक्सपोट्र्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से असिस्टेंट मैनेजर सीएसआर महिमा सोनी, पहल मोटीवेटर विनोद एवं भूमिका सहित विकासखंड समन्वयक एसबीएम, पंच, ग्राम पटेल, शिक्षक, स्वच्छताग्राही दीदी, स्कूली बच्चे एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

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