दुनिया-जगत

अन्‍तर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष ने नरेन्‍द्र मोदी सरकार की प्रत्‍यक्ष लाभ अन्‍तरण योजना की सराहना की

 वाशिंगटन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अन्‍तर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष ने नरेन्‍द्र मोदी सरकार की प्रत्‍यक्ष लाभ अन्‍तरण योजना की सराहना की है और देश के विशाल आकार को देखते हुए इसे चमत्‍कार बताया है। मुद्राकोष के वित्‍त मामलों के विभाग के उपनिदेशक पावलो मॉरो ने कहा है कि दुनियाभर में अनेक देशों से सीखने के लिए बहुत कुछ है और भारत की प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण योजना बेहद प्रभावशाली है। उन्‍होंने कहा कि कम आमदनी वाले लोगों की मदद के लिए यह योजना जिस तरह से लाखों लोगों तक पहुंची है वह एक चमत्‍कार ही है।

मुद्राकोष के प्रमुख अर्थशास्‍त्री पिएरे-ओलिवियर गॉरिन्‍चास ने कहा कि जब विश्‍व आसन्‍न मंदी की आशंका से जूझ रहा है, भारत आशा की नई किरण बनकर उभरा है। उन्‍होंने कहा कि दस खरब डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनने के महत्‍वकांक्षी लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए भारत को कुछ आवश्‍यक संगठनात्‍मक सुधार करने होंगे।

 

श्री गॉरिन्‍चास ने डिजिटीकरण के भारत के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इसने पूरे आर्थिक परिदृश्‍य को बदल दिया है। उन्‍होंने कहा कि वित्‍तीय समावेशन को बढावा देने सहित डिजिटीकरण अनेक तरीकों से लोगों की मदद कर रहा है।

 

 

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अमरीका ने हिंसा के जिम्‍मेदार तालिबान सदस्‍यों पर वीजा प्रतिबंध लागू किए

 वाशिंगटन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमरीका ने अफगानिस्‍तान में सरकारी नीतियों और हिंसा से महिलाओं तथा बालिकाओं के उत्‍पीडन के जिम्‍मेदार तालिबान सदस्‍यों और अन्‍य व्‍यक्तियों पर वीजा प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। मंगलवार को अमरीका के विदेश मंत्री अंटनी बिलिंकन ने कहा है यह प्रतिबंध तालिबान के पूर्व और मौजूदा सदस्‍यों, गैर सरकारी सुरक्षा समूहों और अन्‍य व्‍यक्तियों पर भी लागू होगा। उन्‍होंने कहा कि इस तरह के लोगों और समूहों के परिवारों के सदस्‍यों पर भी वीजा प्रतिबंध लागू होंगे। 

बयान में कहा गया है कि लोगों को इस आश्‍वासन के बावजूद कि तालिबान सरकार अफगान नागरिकों के मानव अधिकारों का सम्‍मान करती है, उसने ऐसी कई नीतियां लागू की है या फतवें दिए हैं जिनमें माध्‍यमिक शिक्षा प्राप्‍त करने और अधिकतर उद्योगों सहित सभी जगहों पर महिलाओं और बालिकाओं के हिस्‍सा लेने पर रोक लगा दी गई है।

 

 

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अमेरिका में भी दिवाली की धूम : 24 को व्हाइट हाउस में होगा कार्यक्रम का आयोजन...

 पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प 21 को मनाएंगे त्यौहार

वॉशिंगटन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। भारत के अलावा विदेशों में भी दिवाली की धूम मची है। और अमेरिका भी इस त्यौहार से अछूता नहीं है। राष्ट्रपति जो बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी दिवाली की तैयारियां शुरू कर दी हैं। 24 अक्टूबर को राष्ट्रपति बाइडन अपने आधिकारिक घर व्हाइट हाउस में दिवाली का जश्न मनाएंगे। कार्यक्रम में उनके साथ भारतीय-अमेरिकी समुदाय के प्रशासनिक अफसर भी शामिल रहेंगे। व्हाइट हाउस में कार्यक्रम को लेकर तैयारियां जारी हैं। इसके अलावा कई और अमेरिकी राज्यों में भी डेमोक्रेट और रिपब्लिकन नेता अपने-अपने स्तर पर भारतवंशियों के साथ दिवाली के जश्न में शामिल होंगे।



दूसरी तरफ पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने फ्लोरिडा स्थित मार-ए-लागो रिसॉर्ट में 21 अक्तूबर को दिवाली मनाएंगे। इसकी जानकारी देते हुए रिपब्लिकन पार्टी के हिंदू विंग- रिपब्लिकन हिंदू कोलिशन (RHC) ने कहा कि ट्रंप के साथ भारतीय-अमेरिकी समुदाय के नेता मार-ए-लागो रिजॉर्ट में मौजूद रहेंगे। आरएचसी के शलभ कुमार ने कहा कि ट्रंप का कार्यक्रम करीब चार घंटे लंबा होगा। इस दौरान उनके रिजॉर्ट पर पटाखे छुड़ाने की संभावनाओं को भी तलाशा जा रहा है।

गौरतलब है कि अमेरिका के साथ-साथ दिवाली का पर्व दुनिया के हर बड़े देश में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पिछले साल ही दिवाली पर व्हाइट हाउस में दीप जलाकर लोगों को त्योहार की शुभकामनाएं दी थीं। बाइडन ने अपने शुभकामना संदेश में कहा था, 'दिवाली का प्रकाश हमें अंधकार से ज्ञान, बुद्धिमत्ता और सच्चाई की ओर बढ़ने की याद दिलाता है। यह हमें विभाजन से एकता और निराशा से आशा की ओर ले जाता है। अमेरिका व दुनियाभर के हिंदुओं, सिखों, जैनियों और बौद्ध लोगों को दिवाली की शुभकामनाएं।

इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने भी राष्ट्रपति रहते हुए व्हाइट हाउस में भारतवंशियों के साथ दिवाली मनाई थी। राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद व्हाइट हाउस में आखिरी दिवाली के दौरान ट्रंप ने कहा था कि रोशनी के इस त्योहार में दोस्त, पड़ोसी और आपके प्रियजन मिलकर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाते हैं। जब अमेरिका में दिवाली पर दीये जलाए जाते हैं तो हमारा देश धार्मिक रूप से आजाद देश के रूप में चमकता है। 

 

 

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नेताओं-अधिकारियों ने राहत फंड को भी नहीं बख्शा, जमकर किया भ्रष्टाचार...

 अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने लगाई पाकिस्तान की क्लास

इस्लामाबाद/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। पाकिस्तान द्वारा भ्रष्टाचार की एक ऐसी करतूत सामने आई है जिसे सुनने के बाद अमेरिका आगबबूला हो गया है। पाकिस्तान में आए भीषण बाढ़ से बचाव के लिए अमेरिका ने राहत फंड भेजा था लेकिन पाकिस्तानी नेताओं और अधिकारियों ने इसमें भी लूट-खसोट मचा दी। जांच में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का पता चला है। इसकी जानकारी जब अमेरिका को लगी तो अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने पाकिस्तान की क्लास लगा दी। प्राइस ने कहा कि इस तरह की हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में ही नहीं बल्कि दुनिया के किसी भी देश में हम भ्रष्टाचार तो स्वीकार नहीं करेंगे। प्राइस ने कहा कि हम दुनिया में त्रासदी झेल रहे देशों की मदद करते हैं, हम उनकी सुरक्षा के लिए वित्तीय सहायता भेजते हैं लेकिन इस तरह से भ्रष्टाचार करना बहुत गंभीर मामला है। हम इसका आंकलन करेंगे और आगे कार्रवाई पर विचार करेंगे।

हमने अपने कार्यक्रमों की निगरानी के लिए टीम बनाई है: नेड प्राइस

भ्रष्टाचार को गंभीर मानते हुए नेड प्राइस ने कहा कि हमने पर्याप्त ट्रैकिंग तंत्र की निगरानी स्थापित किया है। प्राइस ने कहा कि टीम के सदस्य क्षेत्र में हमारे कार्यक्रमों की निगरानी के लिए नियमित यात्राएं करते हैं। हमारे पास एक आपदा सहायता प्रतिक्रिया टीम भी है जिसे डार्ट कहा जाता है और उनके सदस्य सिंध प्रांत के बलूचिस्तान में 10 से अधिक बाढ़ प्रभावित जिलों की यात्रा  कर रहे हैं।

अमेरिका ने बाढ़ राहत के नाम पर दिए थे 460 करोड़ रुपए

अमेरिका ने  पाकिस्तान को बाढ़ राहत प्रदान करते हुए 460 करोड़ रुपये की खाद्य सुरक्षा सहायता के अतिरिक्त 75 करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी।  साथ ही अमेरिका ने विनाशकारी बाढ़ के कारण पूरे पाकिस्तान में हुई तबाही और जानमाल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया था। लेकिन इस तरह से पाकिस्तान में भ्रष्टाचार ने अमेरिका को बड़ा झटका दिया है।

 

 

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चीन में कोविड संक्रमण के बढते मामलों को देखते हुए फिर से लॉकडाउन

 शोगुआन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। चीन में कोविड संक्रमण के बढते मामलों को देखते हुए फिर से लॉकडाउन लगा दिया है और यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिये हैं। ओमिक्रॉन के दो नये स्‍वरूपों का पता चला है, ये दोनों वैरियंट अधिक संक्रामक और तेजी से फैलने वाले हैं।

बीएफ-7 का चार अक्तूबर को शोगुआन शहर और यन्ताई में पता चला था। कोविड का दूसरा वेरियंट बी.ए.-5.1.7 पहली बार चीन में मिला। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अत्यधिक संक्रामक बीएफ-7 के प्रति अधिक सतर्कता बरतने की सलाह दी है। 

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नासा ने दोहरे क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन परीक्षण- डार्ट मिशन के परिणामों की घोषणा की

 वाशिंगटन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी- नासा ने दोहरे क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन परीक्षण- डार्ट मिशन के परिणामों की घोषणा की है। नासा ने परीक्षण को सफल बताते हुए  कहा कि पिछले महीने डार्ट अंतरिक्ष यान की टक्‍कर एक क्षुद्रग्रह से करायी गयी और यह यान क्षुद्रग्रह की गति बदलने में सफल रहा।

डार्ट एक ऐसा अंतरिक्ष यान है जिसे पृथ्वी के लिए खतरा माने जाने वाले क्षुद्रग्रहों की गति बदलने के लिए डिजाइन किया गया है। नासा के प्रमुख बिल नेल्सन ने एक बयान में कहा कि यह पहली बार है जब मानव ने किसी खगोलीय पिंड की गति में बदलाव किया है।

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न्यूजीलैंड में फंसी लगभग 500 व्हेल मछलियों की मौत, खतरनाक शार्क की वजह से कोई नहीं कर पाया मदद

 

पिट द्वीप (छत्तीसगढ़ दर्पण)। न्यूजीलैंड (New Zealand) के दो द्वीप पर लगभग 500 पायलट व्हेल (whales) मारी गई हैं। व्हेल की मौत का ताजा मामला पिट द्वीप का है। सरकार ने इन पायलट व्हेलों की मौत का कारण भी बताया है। दरअसल पिट द्वीप पर शार्क के हमले का खतरा रहता है। इस कारण से इन पायलट व्हेल के रेस्क्यू के लिए कोई ऑपरेशन भी नहीं चलाया जा सका। अधिकारियों का कहना था कि इन पायलट व्हेल को बचाने के चक्कर में कई लोगों की जान भी जा सकती थी।

द्वीप पर शार्क मछली का है खतरा
संरक्षण विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि शुक्रवार को चैथम द्वीप पर 250 पायलट व्हेल पाए गए थे। इसके ठीक तीन दिन बाद पिट द्वीप पर 240 पायलट व्हेल के आने की सूचना मिली। विपरीत परिस्थितियों के कारण व्हेल्स को वापस समुद्र में भेजना संभव नहीं था। इसके साथ ही यहां पर शार्क मछली का बड़ा खतरा है, इस कारण से यहां पर रेस्क्यू नहीं किया जा सकता। इनमें से कई ऐसी थीं जो पहले ही मर चुकी थीं और बाकी बची मछलियों को बचाने के लिए उन्हें मारना ही एक विकल्प था।

पीड़ा न झेलनी पड़े इसलिए दिया गया मृत्युदान
अधिकारियों का कहना था कि दोनों द्वीप न्यूजीलैंड के मुख्य द्वीप से दूर हैं इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन बहुत मुश्किल था। टेक्निकल मरीन एडवाइजर डेव लुंडक्विस्ट ने एएफपी को बताया, कि उनकी प्रशिक्षित टीम ने पायलट व्हेल को मृत्युदान दिया ताकि उन्हें पीड़ा ना झेलनी पड़े। डेव ने बताया कि ये फैसला लेना बिल्कुल भी आसान नहीं था, लेकिन उनके पास कोई और चारा भी नहीं था। चैरिटी प्रोजेक्ट जोनाह के जनरल मैनेजर डैरेन ग्रोवर ने कहा कि क्षेत्र में पर्याप्त लोग भी नहीं थे जो व्हेल को बचाने में मदद कर सके।

पहले भी फंसती रही हैं व्हेल मछलियां
चैथम द्वीप समूह पर बड़ी संख्या में पायलट व्हेल का फंसना कोई नई बात नहीं है। 1918 में लगभग 1,000 व्हेलों के समुद्री तट फंसने का रिकॉर्ड मिलता है। हाल के समय में देखा जाए तो साल 2017 में लगभग 700 पायलट व्हेल इस तट पर फंस चुकी हैं। बता दें कि पिट और चैथम द्वीप चैथम न्यूजीलैंड के दक्षिण द्वीप के पूर्वी तट से लगभग 840 किलोमीटर दूर स्थित है। चैथम द्वीप पर लगभग 800 लोग रहते हैं, जिसमें 40 लोग पिट द्वीप पर रहते हैं, वहीं बाकी लोग चैथम द्वीप पर रहते हैं।

बार-बार समुद्र तटों पर क्यों फंस जाती हैं व्हेल?
इतने बड़े समूह में व्हेल मछलियों के बीच पर आ जाने का कारण अभी भी पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है। हालांकि वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ऐसा रास्ता भटकने और तट के बेहद नजदीक आने के कारण हो सकता है। पायलट व्हेल बड़े पैमाने पर फंसने के लिए कुख्यात हैं। चूंकि पायलेट व्हेल बहुत ही सामाजिक होती हैं। ऐसे में खुद की परवाह किए बिना खतरे में पड़े समूह के साथियों के पीछे-पीछे आ जाती हैं। और इस कारण कई बार खुद भी खतरे में पड़ जाती हैं।
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इमरान खान और पीटीआई के अन्य नेताओं पर मामला दर्ज, कभी भी हो सकती है पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी

 
इस्लामाबाद (छत्तीसगढ़ दर्पण)। इमरान खान (Imran khan) की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर संघीय जांच एजेंसी (FIA) ने मंगलवार को कथित रूप से विदेशों से प्रतिबंधित धन हासिल करने के संबंध में मामला दर्ज किया है। इस मामले में इमरान की पार्टी पीटीआई की वित्तीय टीम, एक निजी बैंक प्रबंधक सहित पार्टी से जुड़े कई नेताओं को भी आरोपी बताया गया है। FIR में कहा गया है कि वूटन क्रिकेट लिमिटेड के मालिक आरिफ मसूद नकवी ने पंजीकृत यूनाइटेड बैंक लिमिटेड (UBL) खाते में "गलत तरीके से" पीटीआई के नाम पर धन हस्तांतरित किया था।

फर्जी साबित हुआ हलफनामा
 
FIR में पीटीआई खाते के लाभार्थी के रूप में सरदार अजहर तारिक खान, सैफुल्ला खान न्याजी, सैयद यूनुस अली रजा, आमेर महमूद कियानी, तारिक रहीम शेख, तारिक शफी, फैसल मकबूल शेख, हामिद जमान और मंजूर अहमद चौधरी को नामित किया गया है। पीटीआई ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग के समक्ष आरिफ मसूद नकवी का एक हलफनामा प्रस्तुत किया है जिसमें कहा गया था कि डब्ल्यूसीएल के खातों में एकत्र की गई सभी राशि पाकिस्तान में पीटीआई के खाते में जमा की गई थी। यह हलफनामा फर्जी साबित हुआ है क्योंकि मई 2013 में डब्ल्यूसीएल से पाकिस्तान में दो अलग-अलग खातों में दो और लेनदेन भी किए गए थे।

कभी भी इमरान खान की हो सकती है गिरफ्तारी

ऐसा माना जा रहा है कि शहबाज शरीफ सरकार जल्द ही पीटीआई चीफ को गिरफ्तार करने या उन्हें नजरबंद करने के विकल्पों पर विचार कर रही है। ससे पहले पाकिस्तान संघीय जांच एजेंसी (FIA) सीनेटर सैफुल्ला नियाजी, तारिक शफी और हामिद जमाद को गिरफ्तार कर चुकी है। गौरतलब है कि पाकिस्तान इलेक्शन कमिशन बेंच ने अपने सुरक्षित फैसले में कहा कि पीटीआई के खिलाफ प्रतिबंधित फंडिंग साबित हो गई है। ईसीपी ने अपने सर्वसम्मत फैसले में फैसला सुनाया कि पार्टी को बिजनेस टाइकून आरिफ नकवी और 34 विदेशी नागरिकों से धन प्राप्त हुआ है।
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भारी बारिश बनी आफत : भूस्खलन में 22 की मौत, 50 से ज्याद लापता...

 कैरेकस/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। लगातार हो रही भारी बारिश ने वेनेजुएला में आफत मचा दी है। इसी बीच बारिश के चलते देश के मध्य हिस्से में भूस्खलन की खबर सामने आई है। भूस्खलन के कारण लगभग 22 लोगों ने अपनी जान गंवई है, वहीं 50 से ज्यादा लापता हैं। इसकी जानकारी वेनेजुएला की उप राष्ट्रपति डेल्सी रोड्रिगेज ने दी और कहा कि राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं।



वेनेजुएला के उपराष्ट्रपति डेल्सी रोड्रिगेज ने रविवार को कहा कि भारी बारिश के कारण मध्य वेनेजुएला में पांच छोटी नदियों में बाढ़ आ गई है। रोड्रिगेज ने टेलीविजन पर प्रसारित अपने संबोधन में कहा कि शनिवार की रात बारिश ने पहाड़ों से पेड़ों के बड़े तने और मलबे को बहा दिया, जिससे व्यवसायों और खेत को नुकसान पहुंचा। उन्होंने कहा कि समुदाय की पेयजल व्यवस्था को संचालित करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पंप बाढ़ के पानी में बह गए।

रोड्रिगेज ने कहा कि पूरे शहर में अभी भी कीचड़ और चट्टानों के नीचे फंसे लोगों का पता लगाने की कोशिश हो रही है। जबकि सेना और बचाव कर्मियों ने भी बचे लोगों के लिए नदी के किनारों की तलाशी ली। उपराष्ट्रपति ने कहा कि तेजेरियास शहर में जो हुआ वह एक त्रासदी है।



तीन अन्य राज्यों में भी भूस्खलन हुआ

देश की नागरिक सुरक्षा प्रणाली के उप मंत्री कार्लोस पेरेज़ ने रविवार को एक ट्वीट में कहा कि एक हजार बचाव दल क्षेत्र में पीड़ितों की तलाश कर रहे थे। रोड्रिगेज ने कहा कि बारिश के कारण रविवार की सुबह तीन अन्य केंद्रीय राज्यों में भी भूस्खलन हुआ, लेकिन किसी के हताहत होने का दावा नहीं किया। हाल के हफ्तों में ला नीना मौसम पैटर्न के कारण हुई भारी बारिश के कारण मरने वालों की कुल संख्या कम से कम 40 हो गई है। वेनेजुएला को बाढ़ और भूस्खलन का सामना करना पड़ा है।

 

 

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कैनबरा में जयशंकर का हुआ भव्य स्वागत, तिरंगे में रंगा आस्ट्रेलिया का पुराना संसद भवन

 कैनबरा/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। विदेश मंत्री एस जयशंकर अभी आस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड दौरे पर है। ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा पहुंचे विदेश मंत्री का स्वागत बड़े ही अनोखे ढंग से किया गया। जयशंकर के स्वागत के लिए आस्ट्रेलिया के पुराने संसद भवन को तिरंगे की लाइटनिंग से सजाया गया। जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि कैनबरा पहुंचकर आस्ट्रेलिया के पुराने संसद भवन को हमारे राष्ट्रीय रंगों में देखकर बहुत खुशी हुई।


कैनबरा पहुंचे जयशंकर दोनों देशों में द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने के लिए ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे। आस्ट्रेलिया में जयशंकर कैनबरा के बाद सिडनी जाएंगे। यह इस साल विदेश मंत्री की ऑस्ट्रेलिया की दूसरी यात्रा है। जयशंकर की पहली यात्रा फरवरी 2022 में मेलबर्न में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए थी।



जयशंकर अपने समकक्ष पेनी वोंग के साथ 13वीं विदेश मंत्रियों की रूपरेखा वार्ता (FMFD) करेंगे। विदेश मंत्री ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस से भी मुलाकात करेंगे। वह सिडनी में लोवी इंस्टीट्यूट सहित आस्ट्रेलियाई नौसेना, मीडिया और थिंक टैंक के साथ भी बातचीत करेंगे। बता दें कि न्यूजीलैंड की सफल यात्रा के बाद जयशंकर कैनबरा पहुंचे हैं।

अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर ने आकलैंड में न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री नानैया महुता के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी। इस बैठक में हमारे संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा की गई। जयशंकर ने इस दौरान न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न से भी मुलाकात की।



इसके अलावा, विदेश मंत्री ने न्यूजीलैंड में मंत्री बनने वाली भारतीय मूल की पहली व्यक्ति प्रियंका राधाकृष्णन सहित कई मंत्रियों के साथ बातचीत की। मंत्री ने कई सांसदों, व्यापारिक समुदाय के सदस्यों के साथ-साथ भारतीय छात्रों सहित भारतीय प्रवासियों से भी मुलाकात की। वेलिंगटन में उन्होंने भारतीय उच्चायोग के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन भी किया।

 

 

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बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने वाली नाव पलटी, 76 की मौत, राष्ट्रपति ने जताया शोक...

 अबुजा/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। नाइजीरिया के अंम्बरा राज्य में रविवार को लोगों को ले जा रही नाव पलट गई। इस हादसे में अब तक 76 लोगों की मौत हो गई। यह नाव बाढ़ में फंसे 85 लोगों को बचाने के लिए आई थी। घटना की जानकारी मिलते ही नाइजीरियाई राष्ट्रपति मुहम्मदु बुहारी ने दुख व्यक्त किया है।


नाइजीरिया के राष्ट्रपति ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा कि देश के ओगबारू इलाके में बढ़ती बाढ़ के बाद 85 लोगों को ले जा रही नाव पलट गई, जिसमें आपातकालीन सेवा केंद्र ने 76 लोगों की मौत की पुष्टि की। दुर्घटना की खबर आने के बाद नाइजीरियाई सरकार ने बचाव अभियान में तेजी लाई है।



बता दें कि त्रासदी के बाद, नाइजीरियाई जलमार्ग प्राधिकरण और राष्ट्रीय आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी ने तेजी से बचाव कार्य शुरू कर दिया है। राष्ट्रपति ने अन्य सभी बचाव और राहत एजेंसियों को दुर्घटना स्थल पर जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने संबंधित एजेंसियों को सुरक्षा प्रोटोकॉल की जांच करने का भी निर्देश दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

राष्ट्रपति बुहारी ने कहा कि वह नाव दुर्घटना से दुखी हैं और उन्होंने संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया कि सभी यात्रियों के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। राष्ट्रपति ने कहा कि मैं मृतकों की आत्मा की शांति और सभी की सुरक्षा के साथ-साथ इस दुखद दुर्घटना के पीड़ितों के परिवार के सदस्यों की भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं।

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जयशंकर ने न्‍यूजीलैंड के वेलिंगटन में भारतीय उच्‍चायोग के नये कार्यालय का उद्घाटन किया

 वेलिंगटन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। भारत के विदेश मंत्री सुब्रहण्यम जयशंकर ने न्‍यूजीलैंड के वेलिंगटन में भारतीय उच्‍चायोग के नये कार्यालय का उद्घाटन किया है। उन्‍होंने कहा कि छोटी समयावधि में भारतीय उच्‍चायोग कार्यालय और तीन मंत्रिस्‍तरीय यात्राओं से न्‍यूजीलैंड के साथ संबंध विकसित करने की साझा प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त होती है। उनहोंने कहा कि एक दूसरे की क्षमताओं से लाभ उठाना संबंधों को बढ़ाने का सार्थक माध्यम है।

विदेशमंत्री ने यह भी कहा कि संबंधों को और मजबूत करने के लिए इसकी समीक्षा होनी चाहिए। भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उन्‍होंने विभिन्‍न क्षेत्रों में सहयोग बढाने की संभावनाओं का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने कहा कि व्‍यापार, डिजिटल, कृषि, शिक्षा, कौशल, पारम्‍परिक औषधि और समुद्री सुरक्षा क्षेत्रों में संबंध बढाने की अपार संभावनाएं है। विदेशमंत्री ने कहा कि सुदृढ सहयोग से शांति, समृद्धि और प्रगति सुनिश्चित होगी।

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'culture of bias': Infosys पर गंभीर आरोप, पूर्व रिक्रूटर बोलीं- हायरिंग में भारतीय मॉम्स को प्राथमिकता नहीं


 न्यूयॉर्क (छत्तीसगढ़ दर्पण)। Infosys faces 'culture of bias': आईटी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी इंफोसिस इन दिनों एक गंभीर आरोपों का सामना कर रही है। मामले में एक अमेरिकी अदालत सुनवाई कर रही है। दरअसल पिछले साल कंपनी पर उम्र, लिंग और राष्ट्रीयता के आधार पर उसकी भर्ती प्रक्रिया में भेदभाव का आरोप लगाया था।

 Indian origin Infosys faces culture of bias 
एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंफोसिस में टैलेंट एक्विजिशन की पूर्व वाइस प्रेसिडेंट जिल प्रेजीन ने दावा किया कि उन्हें भारतीय मूल के उम्मीदवारों, बच्चों वाली महिलाओं और 50 साल से अधिक उम्र के उम्मीदवारों को काम पर रखने से बचने के लिए कहा गया था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इंफोसिस में टैलेंट एक्विजिशन की पूर्व वाइस प्रेसिडेंट जिल प्रेजीन ने दावा किया कि उन्हें भारतीय मूल के उम्मीदवारों, बच्चों वाली महिलाओं और 50 साल से अधिक उम्र के उम्मीदवारों को काम पर रखने से बचने () के लिए कहा गया था। उन्होंने न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की जिला अदालत इस संबंध में एक मुकदमा दायर किया। जिसमें आईटी दिग्गज कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए।

ये मुकदमा (Infosis case in American Court) प्रेजीन ने पिछले साल सितंबर में इंफोसिस और उसके पूर्व अधिकारियों और शेयर होल्डर्स के खिलाफ दायर किया था। इसको लेक प्रेजीन ने आरोप लगाया कि उम्र, लिंग और बच्चों की देखभाल करने वाले की स्थिति के आधार पर महिलाओं को नौकरी देने के मामले में इंफोसिस और उसके अधिकारियों की ओर से भेदभावपूर्ण तरीका अपनाया गया (Indian origin Infosys faces culture of bias) और खासकर भारतीय वर्किंग मॉम्स के बारे में ये अधिक था। इंफोसिस में इस ट्रेंस से जिल प्रेजीन को काफी दिक्कत हुई।

इंफोसिस का प्रस्ताव खारिज
इंफोसिस ने कोर्ट से जिल प्रेजीन (Jill Prejean) के मुकदमे को खारिज करने की मांग की थी। लेकिन शुक्रवार को न्यूयॉर्क के यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने उसके प्रस्ताव को खारिज करने का आदेश दिया। दरअसल ये मुकदमा प्रेजीन ने इंफोसिस के पूर्व सीनियर वीपी व कंसल्टिंग हेड मार्क लिविंगस्टन और पूर्व भागीदारों डैन अलब्राइट व जेरी कर्ट्ज के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। जिसमें उन्होंने इंफोसिस नौकरी देने के मामले में भारतीय महिलाओं (Indian moms Infosys job) और 50 से अधिक पुरुषों के साथ भेदभाव के आरोप लगाए हैं।
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Thailand shooting: हत्यारे के चंगुल से बच निकली, 'कंबल' ने बचाई मासूम की जान

थाईलैंड (छत्तीसगढ़ दर्पण)। थाईलैंड के डेकेयर सेंटर पर हुई गोलीबारी ने दुनिया को हिला कर रख दिया। बेरहम हत्यारे ने 36 लोगों को गोलियों से भून दिया था। उसने 36 में से 24 मासूम बच्चों की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी। जब डेकेयर सेंटर पर गोलीबारी हो रही थी, उस वक्त एक 3 साल की छोटी सी बच्ची कंबल ओढ़कर सो रही थी। वह डेकेयर सेंटर के गोलीकांड में बाल-बाल बच गई ।

 
कंबल ने बचा ली बच्ची की जान
स्काई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक जब डेकेयर सेंटर पर नरसंहार के दौरान 3 साल की लड़की पवनुच सुपोलवॉन्ग (Paweenuch Supolwong) हत्यारे की नजरों से बच गई। जानकारी के मुताबिक जब हत्यारे ने अंधाधुंध गोलियां बरसा रहा था उस वक्त पवनुच कंबल ओढ़कर सो रही थी। हत्यारे के सामने चारों तरफ लाशे बिछी हुई थी। उसे लगा की सभी लोगों को उसने मार दिया है। कहते हैं न, मारने वाला से बचाने वाला बलवान होता है। बच्ची को इस दौरान एक खरोंच तक नहीं आई।
 
हत्यारे ने समझा लड़की को मार दिया
बच्ची की मां ने बताया कि उसकी बेटी पवनुच सुपोलवोंग इसलिए बच गई क्योंकि हमलावर को लगा कि उसने उसे पहले ही मार दिया है। हालांकि वह चुपचाप दिन दुनिया से बेखबर होकर सो रही थी। शायद इसलिए वह बच गई।
 
36 लोगों की हत्या
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 36 लोगों की हत्या करने के बाद आरोपी शख्स पन्या कामराप (Panya Kamrap) ने अपने बच्चे और पत्नी को भी गोली मार दी और उसके बाद खुद को गोली मार ली। आरोपी खुद एक पूर्व पुलिस अधिकारी था।
 
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
थाईलैंड में लाइसेंसधारी बंदूकों की संख्या अन्य देशों की तुलना में अधिक है। हालांकि आधिकारिक आंकड़ों में बड़ी संख्या में अवैध हथियार शामिल नहीं हैं। इससे पहले ऐसी ही सामूहिक गोलीबारी साल 2020 में हुई थी, जिसमें प्रॉपर्टी डीलिंग से नाराज एक सैनिक ने 29 लोगों को गोलियों की भूनकर हत्या कर दी थी।
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पाकिस्तान में आतंकवादियों ने किया वरिष्ठ मंत्री का अपहरण, फौरन शरिया कानून लागू करने की रखी मांग

 

इस्लामाबाद (छत्तीसगढ़ दर्पण)। कई दशकों से आतंकवादियों को पालने-पोसने वाले पाकिस्तान को आज आतंकियों को दूध पिलाने का अंजाम भुगतने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है और पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकवादियों ने एक वरिष्ठ मंत्री का अपहरण कर लिया है। वहीं, रिपोर्ट है कि, आतंकियों ने कई पर्यटकों को भी अगवा कर लिया है और आतंकियों से मंत्री की रिहाई करवाने में शहबाज शरीफ सरकार के पसीने छूट रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस आतंकी घटना को अंजाम पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के आतंकियों ने दिया है।

वरिष्ठ मंत्री को किया गया अगवा
जेल में बंद अपने साथियों की रिहाई की मांग कर रहे आतंकवादियों ने पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा (केपी) को गिलगित-बाल्टिस्तान (जीबी) से जोड़ने वाली प्रमुख मार्ग पर नाकेबंदी कर एक वरिष्ठ मंत्री और कई पर्यटकों का अपहरण कर लिया है। आतंकवादियों ने एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें वरिष्ठ मंत्री के साथ साथ पर्यटकों को कैद में दिखाया गया है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहले दौर की सफल वार्ता के बाद आतंकवादियों ने कैद किए गये सभी लोगों का वीडियो भेजा, ताकि सभी लोगों के जिंदा होने की पुष्टि की जा सके। रिपोर्ट के मुताबिक, जिन पर्यटकों को अगवा किया गया है, उनमें कई विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं।

मंत्री अबैदुल्ला बेग अगवा
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जो वीडियो जारी किया गया है, उसमें मंत्री अबैदुल्ला बेग को देखा जा सकता है, जिसमें उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है, कि वो इस्लामाबाद से गिलगित की तरफ जा रहे थे और उस वक्त उनका अपहरण किया गया है। अपहरण की इस घटना को नंगा पर्वत क्षेत्र में अंजाम दिया गया है और ये वो क्षेत्र है, जहां पहले भी आतंकी कई विदेशी पर्यटकों की हत्या कर चुके हैं। इन आतंकियों पर कई खौफनाक हत्याओं को अंजाम देने का आरोप है, लिहाजा पाकिस्तान सरकार काफी तनाव में है और आतंकियों से बातचीत की जा रही है, हालांकि आतंकियों ने जो मांगे सरकार के सामने रखी हैं, उन्हें मानना शहबाज सरकार के लिए आसान नहीं होगा।

आतंकियों की क्या हैं मांगे?
आतंकियों ने पाकिस्तान सरकार से अपने साथियों की रिहाई की मांग की है, लेकिन पर्यटकों को मौत के घाट उतारने वाले उन आतंकियों की मांगे मानना सरकार के लिए आसान नहीं है। इसके अलावा आतंकियों ने जो दूसरी मांग सरकार के सामने रखी है, उसमें महिलाओं के खेलने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है और इस्लामी कानून लागू करने की मांग की गई है। ऐसा नहीं करने पर सभी लोगों की हत्या करने की धमकी भी दी गई है। फिलहाल अभी तक साफ नहीं हो पाया है, कि क्या पाकिस्तान सरकार आतंकियों की मांगें मानेगी या नहीं?

कैसे किया गया लोगों का अपहरण?
डॉन अखबार ने स्थानीय नागरिकों और सूत्रों के हवाले से बताया है कि, गिलगित बल्तिस्तान के मोस्ट वांटेड आतंकवादी कमांडर हबीबुर रहमान, जिस पर नंगा पर्वत में 10 विदेशियों की हत्या का आरोप है, उसने अपने साथियों के साथ शुक्रवार को शाम करीब 4 बजे डायमेर के चिलास के ठाक गांव में सड़क जाम कर दिया, जिससे दोनों तरफ के यात्री फंस गए। यह घटना तब सामने आई जब शुक्रवार को इस क्षेत्र के सीनेटरों ने प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा आतंकवादी गतिविधियों को लेकर खतरे का अलार्म जारी किया गया था और एक सीनेटर ने हाल ही में जारी खतरे की चेतावनी के बारे में आगाह किया था। वहीं, पाकिस्तान की आंतरिक मंत्रालय ने प्रतिबंधित संगठन द्वारा आतंकवादी हमलों के बढ़ते जोखिम के बारे में बताया है।
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German visa fees: जर्मनी ने भारतीयों को दो वीजा श्रेणी में छूट दी, विवरण देखें

 

मुंबई (छत्तीसगढ़ दर्पण)। मुंबई में स्थित जर्मन वाणिज्य दूतावास (German consulate in Mumbai) ने भारतीय नागरिकों के लिए वीजा शुल्क (German visa fees) में कमी की घोषणा की है। दूतावास ने कहा कि नई नियुक्तियां जल्द ही उपलब्ध होंगी। इस बदलाव के साथ, भारतीयों के लिए शेंगेन वीजा (Schengen visa) नेशनल वीजा (National Visa) शुल्क कम कर दिया है। जर्मनी वीजा अवधि और ठहरने के उद्देश्य के आधार पर जारी किए जाते हैं। शार्ट-टर्म शेंगेन वीजा 90 दिनों तक ठहरने के लिए लागू होता और इससे अधिक समय तक रहने के लिए जर्मन राष्ट्रीय वीजा जारी किए जाते हैं। जर्मन में पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए राष्ट्रीय वीजा मददगार होते हैं।

जर्मनी में शेंगेन और राष्ट्रीय वीजा के लिए नई दरें:
व्यस्कों के लिए शेंगेन वीजा शुल्क अब 6,400 भारतीय रुपये (80 Euro) है। वहीं नाबालिगों के लिए यह शुल्क 3,200 रुपये (40 यूरो) है। वहीं, राष्ट्रीय वीजा शुल्क की बात करें तो व्यस्कों के लिए 6,000 रुपये (75 यूरो), जबकि नाबालिगों के लिए यह 3,000 रुपये (37,50 यूरो) है।

शेंगेन वीजा के लिए प्रोसेसिंग टाइम 15 दिन
शेंगेन वीजा के लिए प्रोसेसिंग (Processing-प्रसंस्करण) टाइम लगभग 15 दिन का है। जर्मन मिशन ने कहा है कि, पीक सीजन के कारण कुछ जर्मन मिशनों में,लोगों के शेंगेन वीजा आवेदन को प्रोसेस (Process-संसाधित) करने में वर्तमान में कम से कम 15 दिनों का औसत समय लगता है। इसलिए आवदेन देने से पहले इसे ध्यान में अवश्य रखें।

अगर जल्दी है तो अपनी यात्रा स्थगित कर दें
मुंबई में स्थित जर्मन वाणिज्य दूतावास ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति की यात्रा की तारीख करीब है या आवेदन की तारीख दो सप्ताह के भीतर है,तो यात्री अपनी यात्रा स्थगित करने के बारे में विचार कर सकते हैं। सामान्य तौर पर वीजा आवेदन को संसाधित करने में कम से कम 15 दिनों का समय लगता है। इस कारण से जर्मन और न ही सेवा प्रदाता इस प्रक्रिया में तेजी ला सकते हैं।

शेंगेन वीजा और नेशनल वीजा क्या है?
यह व्यवस्था यूरोपियन देशों की संयुक्त रूप से वीजा है। शेंगन वीजा में 90 दिनों के लिए पर्यटन या व्यापार वीजा जारी किए जाते हैं। इसके लिए आपको निर्धारित शुल्क जमा करने पड़ता है। यह वीजा पढ़ने या अन्य कार्यों के लिए जारी नहीं किया जाता है। अगर आपको जर्मनी में पढाई करनी है या 90 दिनों से अधिक समय तक के लिए रहना है तो इसके लिए नेशनल वीजा जारी किए जाते हैं।

शेंगेन वीजा
वहीं शेंगेन वीजा में यूरोपियन यूनीयन के सभी देशों में बिना रोकटोक के आने जाने की अनुमति प्रदान की जाती है। इस वीजा के लिए यूरोपियन यूनियन के किसी भी देश के दूतावास में आवेदन किया जा सकता है और जारी होने पर सभी यूरोपीयन यूनीयन के सभी देशों पर लागू होगा।
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California: भारतीय मूल के परिवार का ट्रक चलाता था संदिग्ध हत्यारा, विवाद के एक साल बाद की हत्या

 

कैलिफोर्निया (छत्तीसगढ़ दर्पण)। कैलिफोर्निया (California) में एक बच्चे सहित भारतीय मूल के परिवार के चार सदस्यों के अपहरण और हत्या के संदिग्ध को गुरुवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस के मुताबिक संदिग्ध व्यक्ति का नाम जीसस मैनुअल सालगाडो (Jesus Manuel Salgado) है। जानकारी के मुताबिक हिरासत में लिए जाने से कुछ समय पहले संदिग्ध ने आत्महत्या का प्रयास किया था। फिलहाल एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। इस बीच मेरेड काउंटी शेरिफ वर्न वार्नके ने कहा है कि भारतीय मूल के परिवार की हत्या करने वाले आरोपी का मृतक के साथ पुराना विवाद (old dispute) था।

पीड़ित परिवार की कंपनी में ड्राइवर था संदिग्ध

एलेस बियालियात्स्की के साथ दो और संस्थानों को मिला नोबेल शांति पुरस्कार 2022
जानकारी के मुताबिक सालगाडो एक पूर्व कर्मचारी था जो कि पीड़ितों की कंपनी के लिए गाड़ी चलाने का काम करता था। वार्नके ने बताया कि मारे गए परिवार के रिश्तेदारों ने जांचकर्ताओं को बताया है कि सालगाडो पीड़ित परिवार के साथ काम करता था और उनकी कंपनी का ट्रक चलाता था। करीब एक साल पहले किसी काम को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद हुआ था जिसके बाद सालगाडो ने गुस्से में परिवार को मैसेज या ईमेल भेजे थे। वार्नके ने इस घटना में सालगाडो के अकेले होने से इंकार किया और कहा कि उन्हें लगता है कि इस घटना में सालगाडो की कोई मदद कर रहा था। वार्नके ने कहा, "मेरा मानना है कि उसके साथ कोई और था और कम से कम उसे कुछ चीजें करने में मदद कर रहा था।"

बुधवार को मिला था शव

बता दें कि 48 साल के संदिग्ध सालगाडो पर 8 महीने की आरोही ढेरी, उसके माता-पिता जसलीन कौर और जसदीप सिंह और आरोही के चाचा अमनदीप सिंह के अपहरण और हत्या का आरोप है। पुलिस के मुताबिक आरोपी को मेरेड काउंटी जेल में रखा गया है। सोमवार को लापता हुए पीड़ितों की तलाश करने के बाद, अधिकारियों ने बुधवार को एक खेत क्षेत्र में उनके शव बरामद किए। इस संबंध में पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि परिवार के चार सदस्यों के शव, जो मूल रूप से भारत में पंजाब के रहने वाले हैं, मर्सिड काउंटी के एक दूरदराज के बाग में एक खेत में एक-दूसरे के पास पड़े मिले।
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POK के दौरे पर पहुंचे अमेरिकी राजदूत ने की ऐसी हरकत, भारत ने दिया दो टूक जवाब


कश्मीर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। पाक अधिकृत कश्मीर (POK) का जिस तरह से अमेरिका के पाकिस्तान दूतावास स्थिति अमेरिकी राजदूत ने दौरा किया उसके खिलाफ भारत ने कड़ा रुख दिखाया है। पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत डोनाल्ड ब्लोम ने पीओके का दौरा किया था, इस दौरान उन्होंने कई बार इस इलाके का जिक्र आजाद कश्मीर के तौर पर किया, जिसका भारत ने विरोध किया है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अमेरिकी राजदूत का पीओके दौरे और यहां की गई बैठक को लेकर मोदी सरकार जो विरोध है उसे अमेरिका के सामने दर्ज करा दिया गया है।

पीओके के दौरे पर ब्लोम ने कई बार भारत अधिकृत हिस्से को आजाद जम्मू और कश्मीर कहकर संबोधित किया। उन्होंने खुद इस दौरे की जानकारी ट्वीट करके दी। जिसमे उन्होंने लिखा कायदे आजम मेमोरियल डाक बंगला पाकिस्तान की प्रसिद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहास विरासत को दर्शता है। खुद जिन्ना यहां पर 1944 में आए थे। यहां आकर मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं, यह मेरा पहला आजाद जम्मू कश्मीर का दौरा है।

बता दें कि पीओके में अमेरिका के किसी उच्च स्तरीय राजदूत का यह दूसरा दौरा है। इसे पहले अमेरिका के कांग्रेसमैन इल्हान ओमार ने यहां का दौरा किया था। उनके इस दौरे पर भारत की ओर से कहा गया था कि उन्होंने जम्मू कश्मीर के एक हिस्सा का दौरा किया, जिसे पाकिस्तान ने गैरकानूनी तरह से कब्जा रखा है। अगर इस तरह के नेता अपनी संकीर्ण मानसिकता को दर्शाना चाहते हैं तो यह उनका व्यक्तिगत मसला हो सकता है, लेकिन इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमारी सीमा की संप्रभुता का उल्लंघन करना इसे हमारा बना देता है।

बता दें कि 1994 में भारत ने एक प्रस्ताव पास किया था और कहा था कि पीओके भारत का हिस्सा है और पाकिस्तान को इसे खाली करना चाहिए, अपना अवैध कब्जा खत्म करना चाहिए। जुलाई में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी पीओके को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि यह भारत का हिस्सा था और आगे भी रहेगा। एक रैली को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने शारदापीठ का मसला उठाया था।
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