दुनिया-जगत

नासा की चेतावनी, धरती पर गिर जाएगा 4 लाख किलो वाला स्पेस स्टेशन?

अमेरिका: अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने चेतावनी दी है कि अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन धरती पर गिर सकता है। इसे धरती पर गिराने में जरा सी भी लापरवाही बरती गई तो धरती पर तबाही मच सकती है। नासा के एयरो स्पेस सेफ्टी एडवाइजरी पैनल ने इस स्पेस स्टेशन को धरती पर वापस लाने की बात कही है। दरअसल, रूस, कनाडा और जापान समेत दुनिया के 20 देशों ने मिलकर 1958 में अंतरिक्ष में स्पेस स्टेशन को भेजा था। इसे 15 सालों के लिए भेजा गया था। ये अब तक काम कर रहा है। अब इसे धरती पर वापस लाने की तैयारी है। अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन दरअसल एक कृत्रिम संरचना है जो धरती की निचली कक्षा में इसकी मदद से वहां भेजे जाने वाले एस्ट्रोनॉट कई प्रयोग करते हैं और नई-नई जानकारियां सामने लाते हैं।  अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन पृथ्वी से करीब 400 किलोमीटर की दूरी पर है। 109 मीटर लंबे स्पेस स्टेशन का वजन 4 लाख 50 हजार किलो है। ये एक फुटबॉल के मैदान के बराबर है। 15 करोड़ डॉलर की लागत से तैयार हुए स्पेस स्टेशन को अंतरिक्ष की दुनिया की सबसे महंगी चीजों में गिना जाता है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि मेंटनेंस के बाद ये स्पेस स्टेशन अभी भी अंतरिक्ष में काम कर रहा है तो इसे नासा धरती पर लाने की कोशिश में क्यों जुचटा हुआ है। दरअसल, नासा चाहता है कि इसे कुछ सालों तक और अंतरिक्ष में रखा जाए। लेकिन ऐसा करने में मेंटनेंस की जरूरत पड़ेगी। इसके साथ ही खतरे भी बढ़ सकते हैं। इसमें हजारों करोड़ रुपए का खर्च आएगा। अमेरिका ने हाल ही में अपने स्पेस बजट में कटौती की है। इसलिए अब इसे धरती पर उतारने की तैयारी की जा रही है। 

नासा का कहना है कि अब इसको धारती पर लाने की तैयारी की जा रहीं है। कहा कि इसकी लैंडिग आसान है लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान यदि कोई भी लापरवाही हुई तो पृथ्वी पर बड़ा नुकसान भी हो सकता है। साइंटिस्ट्स के लिए प्वाइंट नेमो पर स्पेस स्टेशन की लैंडिंग बड़ी चुनौती होगी, ऐसा नहीं हुआ तो बड़ा नुकसान हो सकता है।

 

 

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इमरान को जेल में धीमा जहर देने के सबूत नहीं मिले हैं : डॉ. सुल्तान

रावलपिंडी: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के निजी चिकित्सक डॉ. फैसल सुल्तान ने कहा कि इस बात का कोई स्पष्ट संकेत नहीं है कि हिरासत के दौरान श्री खान को धीमा जहर दिया जा रहा था।

डॉ सुल्तान ने कहा कि पीटीआई अध्यक्ष न तो जहर के प्रभाव में थे और न ही उन्हें कोई जहर दिया गया था और उन्होंने बैठक के दौरान श्री खान को 'स्वस्थ' पाया। उन्होंने कहा, 'पूर्व प्रधानमंत्री स्वस्थ हैं।

इस बीच संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के समक्ष अपना बयान दर्ज कराते हुए, पीटीआई अध्यक्ष ने गुरुवार को नौ मई के हिंसक दंगों में अपनी संलिप्तता से इंकार किया और कहा कि घटना के समय वह जेल में थे। श्री खान का बयान उनके वकीलों की मौजूदगी में दर्ज किया गया।

इस दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) (ऑपरेशंस) रावलपिंडी फैसल सलीम के नेतृत्व में जेआईटी में पुलिस अधीक्षक (एसपी) (पोटोहर) वकास खान, पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) (न्यू टाउन) मलिक अल्लाह यार, एक इंस्पेक्टर और एक उप-निरीक्षक मौजूद रहे। जेआईटी 45 मिनट तक जेल में रही और श्री खान से पूछताछ की।

जांच अधिकारियों ने कहा कि श्री खान ने हिंसा में शामिल होने के आरोपों को सीधे तौर पर खारिज कर दिया और सवालों का जवाब दिए तथा पेचीदा एवं भ्रमित करने वाले प्रश्नों को टाल दिया।

उल्लेखनीय है कि श्री खान की पत्नी बुशरा बीबी ने जेल में बंद अपने पति की सुरक्षा के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि उन्हें अटॉक जेल में 'जहर दिया जा सकता है', जहां उन्हें पहले पांच अगस्त को उनकी गिरफ्तारी के बाद हिरासत में रखा गया था।

पंजाब के गृह सचिव को लिखे पत्र में पूर्व प्रथम महिला ने कहा कि अदालत ने संबंधित अधिकारियों को उनके पति को रावलपिंडी की अदियाला जेल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था। “मेरे पति को बिना किसी कारण के अटक जेल में कैद कर दिया गया है। कानून के मुताबिक, मेरे पति को अदियाला जेल में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।'

श्री खान को अगस्त में हिरासत में ले लिया गया था, जब एक अदालत ने उन्हें 2018-22 के कार्यकाल के दौरान विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से प्रधानमंत्री के रूप में प्राप्त राज्य उपहारों की बिक्री से संबंधित तोशाखाना मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने हालांकि इस सजा को पलट दिया था।

 
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यूक्रेनी ड्रोन ने ज़ापोरीज़िया परमाणु संयंत्र के पास किया हमला, रूस ने किया दावा

यूक्रेन: रूस ने कहा कि यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र, ज़ापोरिज़िया परमाणु स्टेशन के पास रूसी सेना द्वारा नौ यूक्रेनी ड्रोनों को मार गिराए जाने के बाद यूक्रेन परमाणु आपदा का जोखिम उठा रहा है। ज़ापोरिज़िया संयंत्र, जो मार्च 2022 की शुरुआत से रूसी नियंत्रण में है। यूरेनियम 235 युक्त छह सोवियत-डिज़ाइन किए गए VVER-1000 V-320 वॉटर-कूल्ड और वॉटर-मॉडरेट रिएक्टर हैं। संयंत्र के रूसी ऑपरेटर के अनुसार, चार रिएक्टर बंद हो गए हैं जबकि दो रिएक्टर नंबर 4 और नंबर 5 - तथाकथित 'हॉट शटडाउन' मोड में हैं।

रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कीव शासन ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र में आपदा का खतरा पैदा करने और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के कर्मचारियों के रोटेशन को बाधित करने के उद्देश्य से उकसावे की कार्रवाई जारी रखता है। मंत्रालय ने कहा कि रूसी वायु रक्षा बलों ने रूस के कब्जे वाले शहर एनरहोदर के पास नौ यूक्रेनी ड्रोनों को मार गिराया है। आईएईए ने बार-बार कहा है कि दुनिया भाग्यशाली है।

अभी तक ज़ापोरीज़िया संयंत्र में ऐसा हुआ है जहां एजेंसी का कहना है कि परमाणु सुरक्षा बेहद नाजुक बनी हुई है। 2022 में यूक्रेन में सेना भेजने के तुरंत बाद, रूसी सेना ने ज़ापोरिज़्ज़िया स्टेशन पर नियंत्रण कर लिया। यूक्रेन और रूस दोनों ने एक दूसरे पर स्टेशन पर हमले का आरोप लगाया है। 

 

 

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कलेक्टर ने शत प्रतिशत फोटोयुक्त मतदाता पर्ची का वितरण करने के दिए निर्देश

राजनांदगांव:  कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी  डोमन सिंह ने फोटोयुक्त मतदाता पर्ची वितरण कार्य के संबंध में छुरिया विकासखंड के ग्रामों में आकस्मिक निरीक्षण किया। विधानसभा निर्वाचन 2023 के तहत जिले में 7 नवम्बर को होने वाले मतदान के लिए बीएलओ द्वारा मतदाताओं को फोटोयुक्त मतदाता पर्चियों का वितरण किया जा रहा है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिले के सभी मतदाताओं को बूथ लेवल अधिकारी घर-घर जाकर फोटोयुक्त मतदाता पर्ची को वितरण कर रहे हैं।

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी  सिंह ने छुरिया विकासखंड के ग्राम जोशीलमती और खुर्सीटिकुल पहुंचकर फोटोयुक्त मतदाता पर्ची वितरण के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने ग्राम जोशीलमती निवासी डोमन कुमार साहू के घर पहुंचकर फोटोयुक्त मतदाता पर्ची वितरण के संबंध में जानकारी ली। ग्राम जोशीलमती की बीएलओ हेमलता साहू ने बताया कि गांव में  कुल 1278 मतदाताओं को फोटोयुक्त मतदाता पर्ची का वितरण शत प्रतिशत किया गया है। बीएलओ  हेमलता साहू ने दो व्यक्तियों की मृत्यु और एक व्यक्ति अन्य जगह रहने की जानकारी दी। उन्होंने फोटोयुक्त मतदाता पर्ची का वितरण के लिए संधारित पावती पंजी का अवलोकन किया।

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डोमन सिंह ने छुरिया विकासखंड के ग्राम खुर्सीटिकुल के  पारस भण्डारी के यहां फोटोयुक्त मतदाता पर्ची प्राप्ति के संबंध में जानकारी ली। पारस भण्डारी ने बताया कि हमारे घर के सभी मतदाता सदस्यों का मतदाता पर्ची प्राप्त हो गया है। ग्राम खुर्सीटिकुल की बूथ लेवल अधिकारी कौशल्या तारम ने बताया कि गांव में 880 मतदाता है, जिसमें से 860 मतदाताओं को मतदाता पर्ची का वितरण किया जा चुका है। कलेक्टर  सिंह ने शत-प्रतिशत मतदाता पर्ची वितरण नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने समय-सीमा में शत प्रतिशत फोटोयुक्त मतदाता पर्ची का वितरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। सभी मतदाताओं को फोटो युक्त मतदाता पर्ची प्राप्त हो जाना चाहिए। जिससे वे मतदान दिवस पर अपने मताधिकार का प्रयोग आसानी से कर सकें। इस मौके पर तहसीलदार छुरिया विजय कोठारी उपस्थित थे।

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गाजा में इजरायली हमलों में 8,700 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत

गाजा: गाजा पट्टी में पिछले 25 दिनों में इजरायली हमलों में 8,700 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए और 22,000 से अधिक घायल हुए हैं। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी।

मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर लिखा, फिलिस्तीन में शहीद: गाजा पट्टी में 8730, वेस्ट बैंक में 130। उन्होंने कहा कि गाजा पट्टी में घायल लोगों की संख्या 22,000 और वेस्ट बैंक में लगभग 2,100 तक पहुंच गई है।

 
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विदेश मंत्री जयशंकर ने की पुर्तगाली समकक्ष के साथ बैठक

लिसबन: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को अपने पुर्तगाली समकक्ष जोआओ क्राविन्हो के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग में प्रगति पर गौर किया। दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया, यूक्रेन, मध्य एशिया और भारत-प्रशांत पर विचारों का आदान-प्रदान किया। जयशंकर ने एक्स के जरिए बताया  'लिस्बन में एफएम क्राविन्हो के साथ उत्पादक वार्ता की।

हमारे द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग में प्रगति पर ध्यान दिया। निरंतर राजनीतिक आदान-प्रदान और भारत-यूरोपीय संघ संबंधों के लिए पुर्तगाल के समर्थन की सराहना की। भारत में चल रहे परिवर्तन हमारी साझेदारी को उच्च स्तर पर ले जाने में मदद कर सकते हैं। वैश्विक कार्यस्थल और डिजिटल डोमेन पर सहयोग करने से काफी संभावनाएं मिलती हैं। पश्चिम एशिया, यूक्रेन, मध्य एशिया और हिंद-प्रशांत पर विचारों का आदान-प्रदान किया।'

 

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भारत से दगाबाजी कर रहा श्रीलंका! चीन के साथ मिलकर कर रहा ये...

दिल्ली: श्रीलंका में आर्थिक संकट गहराने के बावजूद भारत ने अपने इस पड़ोसी देश को आर्थिक मदद की थी। इसके बावजूद श्रीलंका भारत के ऐतराज के बावजूद चीन के साथ मिलकर चीन के जहाज पर रिसर्च वर्क कर रहा है।


चीन का यह जहाज कहने को ​तो रिसर्च पोत है, लेकिन इस पर भारत की जासूसी करने का भी अंदेशा बना हुआ है। चीन अनुसंधान के बहाने भारत के तटीय क्षेत्रों में होने वाली नौसैनिक हलचल पर नजर करने की हिमाकत कर सकता है।

 

इस पर भारत ने कोलंबो में चीनी पोत की मौजूदगी पर विरोध भी दर्ज कराया था। भारत के साथ ही अमेरिका ने भी विरोध दर्ज कराया था। लेकिन श्रीलंका पर इसका असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है। श्रीलंका और चीन के वैज्ञानिक चीनी पोत पर समुद्र विज्ञान संबंधी संयुक्त अनुसंधान कर रहे हैं।

 


इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि चीनी पोत ‘शी यान 6’ पिछले हफ्ते कोलंबो बंदरगाह पहुंचा था। सूत्रों के मुताबिक, भारत द्वारा आपत्तियां जताए जाने के चलते पोत के आगमन के लिए अनुमति देने में देर हुई, लेकिन इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। कोलंबो में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘30 और 31 अक्टूबर को समुद्र विज्ञान संबंधी अनुसंधान करने के लिए अनुमति दी गई।’ उन्होंने कहा कि पोत अभी पश्चिमी जल क्षेत्र में है।

 

कोलंबो में किया जा रहा चीनी पोत पर रिसर्च वर्क
राष्ट्रीय जलीय अनुसंधान एजेंसी (एनएआरए) के वैज्ञानिक, नौसेना कर्मी और रूहाना विश्वविद्यालय के विद्वानों को पोत पर जाने की अनुमति दी गई है। एजेंसी के महानिदेशक डॉ कमल तेनाकून ने कहा कि पोत के जरिये कोलंबो में बेनतारा के पास अनुसंधान कार्य किया जा रहा है। चीनी अनुसंधान पोत ने सोमवार को श्रीलंका के समुद्र में अनुसंधान शुरू किया। इसे भूभौतिकीय अनुसंधान के लिए चीन का पहला वैज्ञानिक अनुसंधान पोत बताया जा रहा है।

 

अमेरिका ने भी पिछले महीने जताई थी चिंता
पिछले महीने, चीनी अनुसंधान पोत की प्रस्तावित यात्रा को लेकर अमेरिका ने श्रीलंका के समक्ष चिंता जताई थी। हाल में, संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र से इतर न्यूयॉर्क में श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी से मुलाकात करने वाली अमेरिकी उप मंत्री विक्टोरिया नुलैंड ने पोत की यात्रा को लेकर कथित तौर पर चिंता जताई थी। भारत, चीनी पोत की श्रीलंका यात्रा को लेकर चिंता जताता रहा है। चीनी उपग्रह निगरानी पोत की 2022 की शुरूआत में इसी तरह की यात्रा को लेकर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था।

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हजारों लोग जरूरत की वस्तुएं लेने के लिए गाजा में गोदामों पर टूट पड़े

गाजा: फलस्तीनियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कहा है कि हजारों लोग ‘आटा’ और रोजमर्रा की जरूरत की अन्य वस्तुएं लेने के लिए गाजा में राहत सहायता गोदामों पर टूट पड़े। गाजा में फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के निदेशक थॉमस व्हाइट ने रविवार को कहा कि जिस तरह से लोग गोदामों पर टूट पड़े, यह चिंताजनक है, और संकेत देता है कि इजराइल और हमास के बीच तीन सप्ताह के युद्ध के बाद नागरिक आपूर्ति व्यवस्था ध्वस्त होनी शुरू हो गई है। हमास द्वारा सात अक्टूबर को इजराइल पर हमला किये जाने के बाद शुरू हुए युद्ध के तीन सप्ताह बाद, इस सप्ताहांत इजराइली टैंक और पैदल सेना ने गाजा में प्रवेश किया। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसी के साथ युद्ध के ‘दूसरे चरण’ की घोषणा कर दी।

गाजा में शुक्रवार को हुई अबतक की सबसे भीषण बमबारी के कारण अधिकांश संचार व्यवस्था ठप्प हो गई थी। इसकी वजह से गाजा में रहने वाले 23 लाख लोगों का दुनिया के अन्य हिस्सों से संपर्क कट गया था, लेकिन रविवार तड़के गाजा के अधिकांश हिस्सों में संचार बहाल कर दिया गया। इजराइली सेना ने रविवार को कहा कि उसने पिछले 24 घंटों में 450 से अधिक आतंकी ठिकानों पर हमले किये हैं, जिनमें हमास का कमान केंद्र, निगरानी चौकियां और टैंक रोधी मिसाइल दागे जाने वाले स्थल शामिल हैं। सेना ने बताया कि उसने रात में और भी सैनिक गाजा भेजे हैं। इस एजेंसी को यूएनआरडब्ल्यूए के नाम से जाना जाता है और यह गाजा में लाखों लोगों को बुनियादी सेवाएं मुहैया करती है।

क्षेत्र में इसके सभी स्कूल भवन संघर्ष से विस्थापित हुए फलस्तीनियों से खचाखच भरे हुए हैं। यूएनआरडब्ल्यूए ने बताया कि इजराइल ने सीमित मात्रा में राहत सामग्री मिस्र की सीमा के रास्ते गाजा के अंदर जाने देने की अनुमति दी है। कुछ वस्तुएं एक गोदाम में रखी हुई थीं, जहां लोग टूट पड़े। एजेंसी के गाजा में निदेशक थॉमस व्हाइट ने कहा कि लोगों की भीड़ ‘‘तीन सप्ताह से जारी युद्ध और गाजा की कड़ी घेराबंदी के बाद नागरिक आपूर्ति व्यवस्था ध्वस्त होने लगी है। लोग डरे हुए, निराश और हताश हैं।’’ एजेंसी की प्रवक्ता जुलियट ताउमा ने कहा कि भीड़ शनिवार को चार गोदामों पर टूट पड़ी। उन्होंने कहा कि गोदामों में ईंधन नहीं है, जिसकी कमी इजराइली घेराबंदी के बाद पैदा हुई है क्योंकि युद्ध शुरू होने के बाद सभी आपूर्ति काट दी गई है।

इस बीच, गाजा के सबसे बड़े शिफा अस्पताल के पास रहने वाले लोगों ने कहा कि शनिवार रात इजराइल ने अस्पताल के पास हवाई हमले किए, जिससे अस्पताल जाने वाली कई सड़कें बाधित हो गईं। वहीं, इजराइल ने अस्पताल के नीचे हमास का एक गुप्त कमान केंद्र होने का आरोप लगाया है। शिफा अस्पताल में हजारों लोगों ने शरण ले रखी है और हमले में घायल मरीजों से भी यह खचाखच भरा हुआ है। अस्पताल में शरण लिए महमूद अल सावाह ने फोन पर बताया, ‘‘अस्पताल पहुंचना लगातार मुश्किल होता जा रहा है।’’ फलस्तीन में सेवारत रेड क्रिसेंट रेस्क्यू सर्विस ने बताया कि गाजा शहर के एक अन्य अस्पताल को रविवार को इजराइली अधिकारियों से दो फोन आए और उसे खाली करने का आदेश दिया।

इसमें कहा गया है कि हवाई हमले अल-कुद्स अस्पताल से करीब 50 मीटर (गज) की दूरी पर हुए हैं, जहां 12,000 लोग शरण लिए हुए हैं। इजराइल ने एक सप्ताह से अधिक समय पहले अस्पताल को खाली करने का आदेश दिया था, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने यह कहते हुए इमारत को खाली करने सेइनकार कर दिया कि इससे जीवन रक्षक प्रणाली पर रखे मरीजों की मौत हो सकती है।

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हमास के साथ युद्ध के तीसरे चरण में पहुंचा इजरायल: नेतन्याहू

यरूशलम:  इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इजरायल हमास के खिलाफ अपने युद्ध के तीसरे चरण में प्रवेश कर चुका है। श्री नेतन्याहू ने अपने बयान में कहा हम युद्ध के बीच में हैं। हमने स्पष्ट रूप से हमास की सैन्य और संचालन क्षमताओं को नष्ट करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। हम इसे व्यवस्थित रूप से कर रहे हैं। पहला ब्लॉकिंग चरण समाप्त हो चुका है। दूसरा चरण, उन्हें हवा से मारना जारी है।

तीसरे चरण के रूप में आईडीएफ ने गाजा पट्टी में अपनी जमीनी घुसपैठ का विस्तार किया है। गौरतलब है कि 07 अक्टूबर को, फिलिस्तीनी समूह हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल के खिलाफ बड़े पैमाने पर रॉकेट हमला किया, सीमा का उल्लंघन किया और इजरायली लोगों की हत्या की और उनका अपहरण किय।

इज़रायल ने जवाबी हमला करते हुए 20 लाख से ज्यादा लोगों के निवास स्थल गाजा पट्टी की पूर्ण नाकाबंदी कर दी जिससे वहां पानी, भोजन और ईंधन की आपूर्ति ठप्प हो गई। बाद में गाजा पट्टी में मानवीय सहायता के लिए ट्रकों को जाने की अनुमति प्रदान की गई। इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष मे हजारों लोग मारे जा चुके हैं और हजारों घायल हुए हैं।

 

 

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हजारों लोग जरूरत की वस्तुएं लेने के लिए गाजा में गोदामों पर टूट पड़े

गाजा: फलस्तीनियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कहा है कि हजारों लोग ‘आटा’ और रोजमर्रा की जरूरत की अन्य वस्तुएं लेने के लिए गाजा में राहत सहायता गोदामों पर टूट पड़े। गाजा में फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के निदेशक थॉमस व्हाइट ने रविवार को कहा कि जिस तरह से लोग गोदामों पर टूट पड़े, यह चिंताजनक है, और संकेत देता है कि इजराइल और हमास के बीच तीन सप्ताह के युद्ध के बाद नागरिक आपूर्ति व्यवस्था ध्वस्त होनी शुरू हो गई है। हमास द्वारा सात अक्टूबर को इजराइल पर हमला किये जाने के बाद शुरू हुए युद्ध के तीन सप्ताह बाद, इस सप्ताहांत इजराइली टैंक और पैदल सेना ने गाजा में प्रवेश किया। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसी के साथ युद्ध के ‘दूसरे चरण’ की घोषणा कर दी।

गाजा में शुक्रवार को हुई अबतक की सबसे भीषण बमबारी के कारण अधिकांश संचार व्यवस्था ठप्प हो गई थी। इसकी वजह से गाजा में रहने वाले 23 लाख लोगों का दुनिया के अन्य हिस्सों से संपर्क कट गया था, लेकिन रविवार तड़के गाजा के अधिकांश हिस्सों में संचार बहाल कर दिया गया। इजराइली सेना ने रविवार को कहा कि उसने पिछले 24 घंटों में 450 से अधिक आतंकी ठिकानों पर हमले किये हैं, जिनमें हमास का कमान केंद्र, निगरानी चौकियां और टैंक रोधी मिसाइल दागे जाने वाले स्थल शामिल हैं। सेना ने बताया कि उसने रात में और भी सैनिक गाजा भेजे हैं। इस एजेंसी को यूएनआरडब्ल्यूए के नाम से जाना जाता है और यह गाजा में लाखों लोगों को बुनियादी सेवाएं मुहैया करती है।

क्षेत्र में इसके सभी स्कूल भवन संघर्ष से विस्थापित हुए फलस्तीनियों से खचाखच भरे हुए हैं। यूएनआरडब्ल्यूए ने बताया कि इजराइल ने सीमित मात्रा में राहत सामग्री मिस्र की सीमा के रास्ते गाजा के अंदर जाने देने की अनुमति दी है। कुछ वस्तुएं एक गोदाम में रखी हुई थीं, जहां लोग टूट पड़े। एजेंसी के गाजा में निदेशक थॉमस व्हाइट ने कहा कि लोगों की भीड़ ‘‘तीन सप्ताह से जारी युद्ध और गाजा की कड़ी घेराबंदी के बाद नागरिक आपूर्ति व्यवस्था ध्वस्त होने लगी है। लोग डरे हुए, निराश और हताश हैं।’’ एजेंसी की प्रवक्ता जुलियट ताउमा ने कहा कि भीड़ शनिवार को चार गोदामों पर टूट पड़ी। उन्होंने कहा कि गोदामों में ईंधन नहीं है, जिसकी कमी इजराइली घेराबंदी के बाद पैदा हुई है क्योंकि युद्ध शुरू होने के बाद सभी आपूर्ति काट दी गई है।

इस बीच, गाजा के सबसे बड़े शिफा अस्पताल के पास रहने वाले लोगों ने कहा कि शनिवार रात इजराइल ने अस्पताल के पास हवाई हमले किए, जिससे अस्पताल जाने वाली कई सड़कें बाधित हो गईं। वहीं, इजराइल ने अस्पताल के नीचे हमास का एक गुप्त कमान केंद्र होने का आरोप लगाया है। शिफा अस्पताल में हजारों लोगों ने शरण ले रखी है और हमले में घायल मरीजों से भी यह खचाखच भरा हुआ है। अस्पताल में शरण लिए महमूद अल सावाह ने फोन पर बताया, ‘‘अस्पताल पहुंचना लगातार मुश्किल होता जा रहा है।’’ फलस्तीन में सेवारत रेड क्रिसेंट रेस्क्यू सर्विस ने बताया कि गाजा शहर के एक अन्य अस्पताल को रविवार को इजराइली अधिकारियों से दो फोन आए और उसे खाली करने का आदेश दिया।

इसमें कहा गया है कि हवाई हमले अल-कुद्स अस्पताल से करीब 50 मीटर (गज) की दूरी पर हुए हैं, जहां 12,000 लोग शरण लिए हुए हैं। इजराइल ने एक सप्ताह से अधिक समय पहले अस्पताल को खाली करने का आदेश दिया था, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने यह कहते हुए इमारत को खाली करने सेइनकार कर दिया कि इससे जीवन रक्षक प्रणाली पर रखे मरीजों की मौत हो सकती है।

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चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन से मुलाकात की

नई दिल्ली: चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने मुलाकात की। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब दोनों देश यूक्रेन और इजराइल में संघर्ष के समय तेजी से तनावपूर्ण संबंधों को स्थिर करने की संभावना तलाश रहे हैं।

व्हाइट हाउस ने कहा कि बाइडन ने ‘‘इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका और चीन दोनों को वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। बीजिंग ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग अगले महीने वार्षिक एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन के लिए सैन फ्रांसिस्को की यात्रा करेंगे या नहीं। चीनी विदेश मंत्री वांग यी अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं, जहां वह शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं।

 

 

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इटली हमास को मानता है आतंकवादी संगठन : ताजानी

रोम: इटली के विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री एंटोनियो ताजानी ने कहा कि रोम फिलिस्तीनी आंदोलन हमास को एक आतंकवादी संगठन मानता है, और वह तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के हालिया बयान के बाद उसके राजदूत को बुलाने के अनुरोध का अध्ययन करने का इरादा रखता है।

श्री एर्दोगन ने कहा कि हमास फिलिस्तीनी लोगों की आजादी के लिए लड़ रहा है। इटली के परिवहन मंत्री माटेओ साल्विनी ने श्री एर्दोगन के बयान को घृणित बताया। उन्होंने कहा कि वह श्री ताजानी को आधिकारिक विरोध भेजने और तुर्की के राजदूत को तलब करना चाहते हैं।

श्री ताजानी ने कहा,  मैं साल्विनी के अनुरोध को सुनूंगा, मैं यह समझने के लिए उनसे बात करूंगा कि उनके प्रस्ताव क्या हैं, लेकिन एक बात निश्चित है इटली के लिए, हमास एक आतंकवादी संगठन है।

 
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चीन ने शेनझोउ-17 मानवयुक्त अंतरिक्ष यान प्रक्षेपित किया

जिउक्वान: चीन ने शेनझोउ-17 मानवयुक्त अंतरिक्ष यान गुरुवार को प्रक्षेपित किया। इसमें सवार तीन अंतरिक्ष यात्रियों को एक अंतरिक्ष स्टेशन मिशन पर लगभग छह महीने तक कक्षा में रहने के लिए भेजा गया।

चीन मानवयुक्त अंतरिक्ष एजेंसी (सीएमएसए) के अनुसार, लॉन्ग मार्च-2एफ वाहक रॉकेट के ऊपर अंतरिक्ष यान, उत्तर पश्चिम चीन में जिउक्वान उपग्रह प्रक्षेपण केन्द्र से प्रक्षेपित किया गया। सीएमएसए के उप निदेशक लिन ज़िकियांग ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि यान में तांग होंगबो, तांग शेंगजी और जियांग शिनलिन अंतरिक्ष यात्री हैं।

वे विभिन्न कक्षा में अंतरिक्ष विज्ञान और अनुप्रयोग पेलोड परीक्षण तथा प्रयोग करेंगे। श्री लिन ने कहा कि तीनों यात्री अतिरिक्त वाहन संबंधी गतिविधियां करेंगे, अतिरिक्त वाहन पेलोड स्थापित करेंगे और अंतरिक्ष स्टेशन के रखरखाव और अन्य कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि शेनझोउ-17 अंतरिक्ष यात्री पहली बार अतिरिक्त वाहन प्रायोगिक रखरखाव करेंगे, जो एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है।

अंतरिक्ष में कचरा बढ़ने के साथ, दीर्घकालिक परिचालन अंतरिक्ष यान पर उनका प्रभाव अपरिहार्य है। श्री लिन ने कहा, प्रारंभिक निरीक्षण के माध्यम से, हमने पाया है कि अंतरिक्ष स्टेशन के सौर पंख कई बार छोटे अंतरिक्ष कणों से टकराए थे, जिससे मामूली क्षति हुई थी।

उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष स्टेशन के कामकाज और प्रदर्शन का आकलन करना भी जारी रखेंगे और अंतरिक्ष स्टेशन के संचालन तथा प्रबंधन कार्यों को करने में जमीनी समर्थन केंद्रों के समन्वय एवं अनुकूलता का परीक्षण करेंगे, ताकि अंतरिक्ष स्टेशन की परिचालन दक्षता और दोष सुधार क्षमता को और बढ़ाया जा सके।

 

 

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गाजा पर जल्द करेंगे जमीनी हमला: नेतन्याहू

दिल्ली: इजराइल और हमास में संघर्ष जारी है। इजराइल गाजा पट्टी स्थित हमास के ठिकानों पर लगातार एयर स्ट्राइक कर रहा है। हालांकि इन हमलों में आम नागरिकों की भी मौत हो रही है। इसी बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बड़ा ऐलान किया है। नेतन्याहू ने राष्ट्र के नाम संदेश में कहा कि गाजा पट्टी पर जल्द ही जमीनी आक्रमण किया जाएगा। दरअसल, गाजा पट्टी की सीमा पर 3 लाख सैनिकों और टैंकरों के साथ इजराइली सेना डटी हुई है और वह आक्रमण के आदेश का इंतजार कर रही है।


इसी बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि जिस तरह 7 अक्टूबर को हमास ने कायराना हमला किया था उसके बाद 'इजराइल अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है और गाजा में जमीनी आक्रमण करने की तैयारियां की जा रही हैं।' नेतन्याहू ने कहा कि ‘हमास के सभी सदस्यों की मौत करीब है।’ उन्होंने बुधवार शाम को राष्ट्र को दिए संबोधन में कहा कि युद्ध के दो मुख्य लक्ष्य ‘हमास की सैन्य और शासन क्षमताओं को नष्ट कर उसका खात्मा करना और हमारे बंधकों को घर वापस लाने के लिए हरसंभव कदम उठाना है।’

हमास के सदस्यों की मौत करीब: नेतन्याहू
राष्ट्रीय एकता का आह्वान करते हुए नेतन्याहू ने कहा, ‘इजराइल अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। जमीन के ऊपर और नीचे, गाजा के अंदर और बाहर- हमास के सभी सदस्यों की मौत करीब है।’ उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री याओव गैलेंट, मंत्री बेनी गैंट्ज, सुरक्षा मंत्रिमंडल, चीफ ऑफ स्टाफ तथा सुरक्षा संगठनों के प्रमुखों के साथ ‘हम जीत मिलने तक युद्ध के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं और राजनीतिक नफा-नुकसान के बारे में सोचे बगैर काम कर रहे हैं।’

'देश को बचाना और जीत हासिल करना हमारा अंतिम लक्ष्य'
इजराइली प्रधानमंत्री ने कहा कि लक्ष्य ‘‘देश को बचाना, जीत हासिल करना है।’ उन्होंने कहा, ‘हम हमास पर कहर बरपा रहे हैं और हम हजारों आतंकवादियों का खात्मा कर चुके हैं तथा यह तो बस शुरुआत है।’ गाजा में निकट भविष्य में जमीनी आक्रमण की अटकलों के बारे में नेतन्याहू ने कहा कि यह जल्द होगा। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि कब और कैसे होगा। उन्होंने कहा, ‘हम जमीनी आक्रमण की तैयारी कर रहे हैं। मैं यह नहीं बताऊंगा कि कब, कैसे, कितने। यह इसलिए ताकि हम अपने सैनिकों की जिंदगी बचा सकें।’

गाजा में जमीनी हमले के लिए 4 लाख सैनिकों की तैनाती की योजना
इजराइल ने सात अक्टूबर को हमास के बर्बर हमले के बाद से गाजा में जमीनी अभियान के लिए 4 लाख सैनिकों को तैनात करने की योजना बनाई है। नेतन्याहू ने हमास की तुलना इस्लामिक स्टेट से करते हुए कहा, ‘जब हम लड़ाई जारी रहने के बीच गाजा में जाएंगे तो हम हत्यारों, अत्याचारों के दोषियों से पूरी कीमत वसूल करेंगे।’ उन्होंने गाजा के नागरिकों से दक्षिणी गाजा में जाने की अपील दोहराई।

करीब 7 लाख नागरिक उत्तरी गाजा से पलायन कर चुके हैं दक्षिण की ओर
 ऐसी जानकारी है कि गाजा के करीब 6 से 7 लाख नागरिक उत्तरी हिस्से से दक्षिणी हिस्से में जा चुके हैं। कुछ गाजा वासी पिछले दो-तीन दिन में उत्तरी हिस्से में अपने घरों में लौट रहे हैं जिससे जमीनी आक्रमण में देरी हो रही है। इजराइल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हेगारी ने कहा कि सेना ने जमीनी आक्रमण के लिए अपनी स्थिति में ‘सुधार’ करने के वास्ते गाजा पट्टी में हवाई हमले तेज कर दिए हैं।

 

 

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अमेरिका के लेविस्टन में अंधाधुंध फायरिंग, 22 लोगों की मौत

लेविस्टन: अमेरिका में एक बार फिर अंधाधुंध फायरिंग की बड़ी वारदात को अंजाम दिया गया है। यहां के लेविस्टन, मेन में गोलीबारी में कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई है, जबकि दर्जनों घायल हैं। अमेरिकी मीडिया के हवाले से यह जानकारी दी गई है। आरोपी का तस्वीर भी जारी की गई है। लेविस्टन अमेरिका के एंड्रोस्कोगिन काउंटी में स्थित है। यह पोर्टलैंड के उत्तर में लगभग 35 मील (56 किमी) दूर स्थित सबसे बड़ा शहर है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को भी लेविस्टन, मेन गोलीबारी के बारे में जानकारी दी गई है। शूटर की पहचान रॉबर्ट कार्ड के रूप में की गई है। कार्ड ने सेना में हवलदार के रूप में 20+ वर्षों तक सेवा की है। वह 4 अप्रैल 1983 को पैदा हुआ था। रॉबर्ट कार्ड ने अलग-अलग स्थानों पर फायरिंग की है। फायरिंग के कारणों का पता नहीं है।पुलिस इसे सोची-समझी साजिश मानकर जांच कर रही है। माना जा रहा है कि गोलीबारी के लिए पहले रेकी की गई। जिन लोगों की हत्या की गई है, उनका प्रोफाइल भी जांच जा रहा है।

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पाकिस्तान ने आजादी की लड़ाई की आड़ में किया आतंकवाद का बचाव

संयुक्त राष्ट्र: पाकिस्तान ने कश्‍मीर और फिलिस्‍तीन को एक तराजू पर रखते हुये आतंकवाद का बचाव किया और कहा कि जब विदेशी कब्जे में रहने वाले लोग इसका सहारा लेते हैं तो यह वैध होता है। भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में टिप्पणियों को अवमानना बताते हुये खारिज कर दिया।

भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि आर. रवींद्र ने कहा: एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा केंद्र शासित प्रदेशों का जिक्र करते हुए आदतन प्रकृति की टिप्पणी की गई थी जो मेरे देश के अभिन्न अंग हैं। मैं इन टिप्‍पणियों को अवमानना की मानूंगा और समय को देखते हुये प्रतिक्रिया देकर उनका महिमा मंडन नहीं करूंगा।

विषय चाहे जो भी हो, पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दा उठाता है, हालांकि उस पर कोई ध्यान नहीं देता। इस्लामाबाद के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने कहा कि हालांकि पाकिस्तान आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा करता है, अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत, आत्मनिर्णय और राष्ट्रीय मुक्ति के लिए विदेशी कब्जे में रहने वाले लोगों का संघर्ष वैध है और इसकी बराबरी आतंकवाद से नहीं की जा सकती।

उन्होंने अमेरिका और उन दूसरे देशों पर स्पष्ट रूप से कटाक्ष किया, जिन्होंने ''आतंकवाद'' के खिलाफ एक मजबूत सार्वभौमिक रुख अपनाया है, और भारत पर पाकिस्‍तानी आतंकवादियों के हमले या इजरायल पर चौतरफा आतंकवादी हमलों की स्थिति में उनका साथ दिया है।

अहमद ने कहा, इस परिषद में कुछ लोगों ने अपने सहयोगियों को सुरक्षा की पेशकश की है जो फिलिस्तीन और कश्मीर में कब्जे वाले लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं। इससे पहले, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने 26/11 के मुंबई हमले का उल्लेख करते हुए पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का नाम लिया था, जबकि परिषद और महासभा ने बार-बार पुष्टि की है कि आतंकवाद के सभी कार्य गैरकानूनी हैं और अनुचित हैं।

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युद्ध में गाजा के करीब दो हजार बच्चे मारे गए

 गाजा: इजरायल-फिलिस्तीनी के बीच संघर्ष बढ़ने के बाद से गाजा पट्टी में कम से कम 2,000 बच्चे मारे गए हैं। मानवीय संगठन सेव द चिल्ड्रन ने सोमवार को यह जानकारी दी।

संगठन ने एक बयान में कहा, पिछले 17 दिनों में गाजा में कम से कम 2,000 बच्चे मारे गए हैं, लगातार हवाई हमलों के कारण गाजा पट्टी में हजारों इमारतें मलबे के ढेर में तब्दील हो गई हैं। बयान में कहा गया है कि वेस्ट बैंक में भी 27 बच्चे मारे गए।

सेव द चिल्ड्रन्स के फ़िलिस्तीन के निदेशक जेसन ली ने कहा, हम सभी पक्षों से बच्चों के जीवन की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान करते हैं, और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इन प्रयासों का समर्थन करने का आह्वान करते हैं। बच्चों को नुकसान से बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान की जानी चाहिए। 

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कांगो नदी में नाव में लगी भीषण आग, 16 की मौत

दिल्ली: अफ्रीका की कांगो नदी में एक नाव में भीषण आग लगने का मामला सामने आया है। यह हादसा सोमवार शाम हुआ। इस भीषण हादसे में 16 लोगों की मौत की खबर है। यह जानकारी स्थानीय अधिकारियों ने दी। जानकारी के अनुसार प्रांतीय डिप्टी पपी एपियाना ने बताया कि नौका ईंधन लेकर जायरे की राजधानी किन्शासा के पूर्वी हिस्से से मबांडाका शहर की ओर जा रही थी।


हादसे से 11 लोगों को सुरक्षित बचाया
उन्होंने बताया कि हादसे में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई। एपियाना के मुताबिक, हादसे के बाद कम से कम 11 लोगों को बचाया गया और फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि कुछ और लोग लापता हैं या नहीं। इससे  पहले कांगो नदी में एक नाव पलट गई थी, जिससे उसमें सवार कम से कम 40 लोग मारे गए थे।

कांगो में पलट गई थी नाव, 40 लोगों की हो गई थी मौत
कांगो में पिछले दिनों नाव पलटने के हादसे में 40 लोगों की मौत हो गई थी। बचाव दल लापता लोगों की तलाशी में जुटा रहा था। यह नाव मबांदाका शहर के पास डूबी थी। उप प्रांतीय गवर्नर टेलर नगनजी के अनुसार, इक्वेटर प्रांत के मबांदाका शहर में शुक्रवार देर रात एक नाव पलट गई। यह नाव यात्रियों को कांगो नदी से सटे बोलोम्बा शहर ले जा रही थी। इस नाव पर 300 से अधिक लोग सवार थे।

नाव से रात में यात्रा करने पर सरकार ने लगाया है प्रतिबंध
इक्वेटर प्रांत के प्रांतीय स्वास्थ्य मंत्री डिडियर मबुला ने कहा कि 189 लोगों को रेस्क्यू किया गया। डिडियर मबुला ने कहा कि अक्सर नाव में क्षमता से अधिक लोग सवार हो जाते हैं जिसकी वजह से ऐसी घटनाएं घटती है। देश के उत्तर-पश्चिम में अधिकांश आबादी अच्छी सड़कों की कमी और कम खर्चीली होने की वजह से नाव से यात्रा करना पसंद करते हैं। कांगो सरकार ने दुर्घटनाओं से बचने के लिए पूरे देश में रात की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया था, हालांकि कई लोग इस निर्देश की अवहेलना कर रहे हैं।

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