दुनिया-जगत

छत्ता निर्माण की साझा ज्यामिति

 हाल ही में मधुमक्खियों और ततैयों पर किए गए एक अध्ययन से आश्चर्यजनक परिणाम सामने आए हैं। प्लॉस बायोलॉजी में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार जैव विकास की राह में 18 करोड़ वर्ष पूर्व अलग-अलग रास्तों पर चल पड़ने के बावजूद मधुमक्खियों और ततैयों दोनों समूहों ने छत्ता निर्माण की जटिल ज्यामितीय समस्या से निपटने के लिए एक जैसी तरकीब अपनाई है।

गौरतलब है कि मधुमक्खियों और ततैयों के छत्ते छोटे-छोटे षट्कोणीय प्रकोष्ठों से मिलकर बने होते हैं। इस प्रकार की संरचना में निर्माण सामग्री कम लगती है, भंडारण के लिए अधिकतम स्थान मिलता है और स्थिरता भी रहती है। लेकिन रानी मक्खी जैसे कुछ सदस्यों के लिए बड़े आकार के प्रकोष्ठ बनाना होता है और उनको समायोजित करना एक चुनौती होती है। यदि कुछ प्रकोष्ठ का आकार बड़ा हो जाए तो ये छत्ते में ठीक से फिट नहीं होंगे और छत्ता कमज़ोर बनेगा।

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रूस का लूना-25 अंतरिक्ष यान चंद्रमा से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त

 रूस का लूना-25 अंतरिक्ष यान अनियंत्रित कक्षा में घूमने के बाद चंद्रमा से टकराकर रविवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। लगभग 50 वर्ष बाद इस देश का यह पहला चंद्र अभियान था। मानवरहित यह अंतरिक्ष यान सोमवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' करने वाला था।

इस अंतरिक्ष यान को चंद्रमा के एक भाग का पता लगाने के लिए सोमवार को चांद की सतह पर साफ़्ट लैंडिंग करना था, जिसके बारे में वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां पर जमे हुए पानी और कीमती तत्व हो सकते हैं। रूस के सरकारी अंतरिक्ष कॉर्पोरेशन, रोस्कोस्मोस ने कहा कि समस्याग्रस्त होने के कुछ ही देर बाद उनका संपर्क लूना-25 से टूट गया।

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पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने यासीन मलिक की पत्‍नी को अहम पद दिया

इस्लामाबाद:  पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार और उसके मंत्रिमंडल ने गुरुवार को आधिकारिक तौर पर कार्यभार संभाल लिया और चयनित कैबिनेट सदस्यों ने राष्ट्रपति भवन में शपथ ली। संघीय मंत्रालयों के लिए मंत्रियों के चयन ने अन्य राजनीतिक ताकतों की चिंताएं बढ़ा दी हैं, लेकिन यह भी संकेत दे दिया है कि पाकिस्तान अपनी विदेश नीति, खासकर अपने कट्टर पड़ोसी भारत के प्रति किस तरह की सोच रखेगा।

कैबिनेट के सबसे महत्वपूर्ण सदस्‍य जलील अब्बास जिलानी हैं। वह अनुभवी राजनयिक हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) और यूरोपीय संघ (ईयू) में राजदूत के रूप में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

जिलानी वर्ष 1999 से 2003 के बीच भारत में उप उच्चायुक्त भी रहे और वर्ष 2007 से 2009 तक ऑस्ट्रेलिया में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे। इससे पहले, जिलानी ने मार्च 2012 से दिसंबर 2013 तक पाकिस्तान के विदेश सचिव के रूप में भी कार्य किया था। जिलानी की नियुक्ति पाकिस्तान की विदेश नीति की दिशा को दर्शाती है। उन्‍हें पश्चिम के साथ रिश्ते सुधारने हैं और भारत के प्रति नीतिगत प्रतिक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करना है। 

एक और महत्वपूर्ण नियुक्ति मानवाधिकार पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक (एसएपीएम) की हुई है। यह पद कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक की पत्‍नी मुशाल हुसैन मलिक को दी गई है।मुशाल हुसैन मलिक कश्मीर विवाद और अपने पति यासीन मलिक, जो भारतीय अधिकारियों की हिरासत में हैं, के बारे में मुखर रही हैं।

मुशाल की नियुक्ति कथित मानवाधिकार हनन के मद्देनजर कश्मीर के मुद्दे को उठाने, कश्मीरियों के लिए धर्म की स्वतंत्रता और बोलने की आजादी के अधिकार और इसे दुनिया के मंचों पर प्रदर्शित करने के लिए विदेश कार्यालय और मानवाधिकार मंत्रालय का उपयोग करने की पाकिस्तान की भविष्य की नीति का भी संकेत देती है।पाकिस्तान की कार्यवाहक व्यवस्था चार प्रमुख कारकों पर केंद्रित है, जैसे अर्थव्यवस्था, विदेश नीति, सुरक्षा और भारत से निपटना उसका मुख्य काम है।

 

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रूस एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ मजबूत करेगा रक्षा संबंध

मॉस्को: रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने कहा है कि मॉस्को एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना जारी रखेगा। शोइगु ने अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा पर 11वें मास्को सम्मेलन में एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में पश्चिमी राज्यों की सैन्य उपस्थिति में वृद्धि के साथ-साथ अमेरिका द्वारा अपने सैन्य अड्डों में सुधार जारी रखने की ओर इशारा करते हुए कहा, हम उनके साथ सैन्य सहयोग मजबूत करना जारी रखेंगे। एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देश... खासकर जिनके साथ हमने ऐतिहासिक रूप से विशेषाधिकार प्राप्त संबंध स्थापित किए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, रूसी रक्षा मंत्री ने कहा कि सुरक्षा सम्मेलन के ढांचे के भीतर एक बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के उद्भव, रक्षा एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाने के तंत्र और सुरक्षा खतरों का आकलन करने में इन एजेंसियों की भूमिका पर नियमित रूप से चर्चा की गई है। उन्होंने कहा, एकध्रुवीय दुनिया के टूटने और सैन्य रूप से मजबूत प्रतिद्वंद्वी के साथ खुले टकराव के डर से पश्चिमी देश दुनिया भर में स्थानीय संघर्षों को भड़का रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पश्चिमी नीतियों का उद्देश्य मौजूदा संसाधनों पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करने के लिए प्रतिस्पर्धियों को कमजोर करना और इस प्रक्रिया का विरोध करने की कोशिश करने वालों के बीच किसी भी तरह के एकीकरण को रोकना है।

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ब्रिटेन जा रहे प्रवासियों की नाव पलटने से छह अफगानियों की मौत, कई लापता

 ब्रिटेन जा रही एक प्रवासी नाव के इंग्लिश चैनल में डूबने से अफगानिस्तान के छह निवासियों की मौत हो गयी है जबकि कई लोग लापता हैं, जिनता तलाश की जा रही है। फ्रांस के अधिकारियों ने बताया कि यह हादसा शनिवार तड़के हुआ। फ्रांस के तटीय शहर बोलोग्ने के उप लोक अभियोजक फिलिप सबेटियर ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि मरने वाले सभी छह अफगानी पुरुष थे, जिनकी उम्र 30 के आसपास थी। उन्होंने कहा कि बाकी यात्रियों में से ज्यादातर अफगानी और कुछ सूडानी थे। इनमें अधिकतर वयस्क और कुछ नाबालिग थे।

श्री सबेटियर ने कहा कि 49 लोगों को जीवित बचाया गया है, जनमें से 36 को फ्रांसीसी तटरक्षकों द्वारा और 13 को ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा बचाया गया। अभियोजक के कार्यालय के अनुसार पाँच से 10 यात्री अभी भी लापता हैं। उन्होंने बताया कि लापता यात्रियों की तलाश के लिए दो ब्रिटिश जहाजों के साथ, तीन फ्रांसीसी जहाज, एक हेलीकॉप्टर और एक विमान को उत्तरी फ्रांस में सांगाटे के पास के क्षेत्र में लगाया गया है।

ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, एचएम कोस्टगार्ड वर्तमान में चैनल में एक छोटी नाव से जुड़ी घटना को लेकर राहत एवं बचाव कार्य में फ्रांसीसी अधिकारी ग्रिस नेज़ की सहायता कर रहा है। वहीं, फ्रांस की प्रधानमंत्री एलिज़ाबेथ बोर्न ने कहा कि उनकी संवेदनाएं पीड़ितों के साथ हैं। उन्होंने राहत एवं बचाव टीमों के प्रयासों की सराहना की।

 
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पाकिस्तान में 4 चीनी इंजीनियरों समेत 13 की मौत

 पाकिस्तान के बलूचिस्तान में रविवार चीनी इंजीनियरों पर आतंकी हमला हुआ। पाकिस्तान में मौजूद ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के रिपोर्टर ताहा सिद्दीकी के मुताबिक हमले में 4 चीनी इंजीनियर, 9 पाकिस्तानी सैनिक और दो आतंकी मारे गए हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमले में 27 लोग घायल भी हुए हैं।

 

जियो न्यूज के मुताबिक चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के एक थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए यहां चीनी इंजीनियर मौजूद हैं। दो साल पहले भी यहां चीनी इंजीनियरों पर फिदायीन हमला हुआ था। उसमें 9 इंजीनियर मारे गए थे।

 

पाकिस्तान सरकार और फौज की तरफ से मरने वालों के बारे में ऑफिशियली कोई जानकारी नहीं दी गई है। हालांकि पहले फौज ने दो आतंकियों के मारे जाने का दावा जरूर किया था। बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने बयान जारी करके आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है।

 

मजीद ब्रिगेड ने दिया हमले को अंजाम

बलूचिस्तान में पहले भी फौज और चीन के टेक्निकल स्टाफ पर हमले होते रहे हैं। इस बार हुए हमले की जिम्मेदारी भी बलोच लिबरेशन आर्मी यानी (BLA) ने ली है। उसने सोशल मीडिया पर बयान जारी किया। कहा- रविवार को हुए हमले में हमारे दो शहीद शामिल थे। इनके नाम नवीद बलोच और खुदाबख्श उर्फ असलम बलोच हैं। दोनों ही तुरबत इलाके के रहने वाले थे। दोनों ही मजीद ब्रिगेड से ताल्लुक रखते हैं।

 

चीन के नागरिक ही टारगेट पर क्यों

जापान के अखबार ‘निक्केई एशिया’ ने पाकिस्तान में मौजूद चीनी नागरिकों और उनके कारोबार पर खतरे को लेकर एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन की थी। इसकी रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के तमाम आतंकी संगठन चीनी नागरिकों और उनके कारोबार या कंपनियों को ही निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं। इसकी वजह यह है कि बीते 5 साल में यहां उनकी ताकत और रसूख बहुत तेजी से बढ़ा है। कई जगहों पर तो वो स्थानीय लोगों से भी ज्यादा ताकतवर हैं।

 

आतंकी संगठनों को लगता है कि चीनी नागरिकों की वजह से उनकी कम्युनिटी या इलाकों को नुकसान हो रहा है और वो उनके कारोबार छीन रहे हैं। शुरुआती तौर पर कराची और लाहौर जैसे इलाकों में चीनी नागरिकों के कारोबार और ऑफिसों पर हमले हुए। इसके बाद उनकी कंपनियों को टारगेट किया गया।

 

चीनी नागरिकों के लिए अलग प्रोटेक्शन यूनिट

2014 में पाकिस्तान सरकार ने चीन के नागरिकों की सिक्योरिटी के लिए स्पेशल प्रोटेक्शन यूनिट बनाई थी। इसमें 4 हजार से ज्यादा सिक्योरिटी ऑफिशियल्स शामिल हैं। ज्यादातर सिक्योरिटी अफसर फौज से ताल्लुक रखते हैं। ये यूनिट 7567 चीनी नागरिकों को स्पेशल सिक्योरिटी मुहैया कराती है। अकेले बलूचिस्तान में चीनी नागरिकों की 70 मल्टी स्टोरीज बिल्डिंग हैं। इसके अलावा 24 टेम्परेरी कैम्प भी हैं। इन सभी में चीन के वो अफसर और वर्कर रहते हैं जो CPEC से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं।

 

 

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इराक में तुर्की के ड्रोन हमले में 3 की मौत

  इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र में तुर्की के ड्रोन हमले में कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) के एक वरिष्ठ सदस्य सहित तीन लोग मारे गए। वहां की आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने एक बयान में ये बात कही। कुर्दिस्तान क्षेत्र के पूर्व में सुलेमानियाह प्रांत के पेनजवेन शहर के पास तुर्की के एक ड्रोन ने शुक्रवार दोपहर 3:30 बजे मुख्य सड़क पर एक वाहन पर हमला किया। इस हमले में पीकेके के एक वरिष्ठ सदस्य, एक उग्रवादी और वाहन चालक की मौत हो गई।

रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की सेना अक्सर उत्तरी इराक में पीकेके के खिलाफ जमीनी कार्रवाई, हवाई हमले और बमबारी करती रहती है, खासकर समूह के मुख्य आधार कंदील पर्वत में। तुर्की, अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध पीकेके तीन दशकों से अधिक समय से तुर्की सरकार के खिलाफ विद्रोह कर रहा है।

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सोमालिया में सेना ने अल-शबाब के 23 आतंकियों को मार गिराया

 सोमाली राष्ट्रीय सेना ने देश के दक्षिणी हिस्से में अल-शबाब के 23 आतंकवादियों को मार गिराया। रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि तीन सैन्य अभियान खाड़ी क्षेत्र के बुला-फुले में चलाए गए, इसके दौरान सैनिकों ने अल-शबाब के तीन ठिकानों को नष्ट कर दिया। मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, इस दौरान दो कमांडरों सहित 23 आतंकवादियों को मार गिराया गया। निशाने पर एक चौकी, विस्फोटक इकट्ठा करने के लिए एक गैरेज और नेताओं द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला एक प्रशासनिक कार्यालय शामिल था।

रिपोर्ट के अनुसार, नवीनतम सैन्य अभियान ऐसे समय में हुआ है, जब सोमालिया में अफ्रीकी संघ संक्रमण मिशन (एटीएमआईएस) और उसके सहयोगी एटीएमआईएस सेना की वापसी के पहले चरण पर एक संयुक्त तकनीकी मूल्यांकन करने की तैयारी कर रहे हैं, जो जून में संपन्न हुआ था। राष्ट्रपति हसन शेख मोहम्मद द्वारा 2022 में आतंकवादियों के खिलाफ युद्ध की घोषणा के बाद से सरकारी बलों ने अल-शबाब के खिलाफ हमले जारी रखे हैं। राष्ट्रपति ने अल-शबाब आतंकवादियों को उनके गढ़ों से बाहर निकालने की कसम खाई है।

 

 

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छिंगहाई-तिब्बत पठार पर दिखी लुप्तप्राय दुर्लभ मछली

 हाल ही में चीन के छिंगहाई प्रांत के युशू तिब्बती स्वायत्त स्टेट के कृषि और पशुपालन व्यापक प्रशासनिक कानून प्रवर्तन पर्यवेक्षण ब्यूरो से मिली खबर के अनुसार छिंगहाई-तिब्बत पठार की दुर्लभ मछली - पतली पूंछ वाली कैटफ़िश - चीन में तीन नदियों के स्रोत पर लंकांग नदी बेसिन में 40 से अधिक वर्ष तक गायब होने के बाद फिर से नज़र आयी।

जानकारी के अनुसार चीनी विज्ञान अकादमी के उत्तर-पश्चिम पठार जीवविज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान ने कुछ स्थानीय विभागों के साथ संयुक्त रूप से चीन के तीन नदियों के स्रोत क्षेत्र में लंकांग नदी की ऊपरी पहुंच में संबंधित मछली संसाधन जांच और जर्मप्लाज्म संग्रह किया। पहली बार, लंकांग नदी की ऊपरी पहुंच में लुप्तप्राय और दुर्लभ मछली, पतली पूंछ वाली कैटफ़िश की खोज की गई।

उत्तर-पश्चिम पठार जीवविज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान के शोधकर्ता चाओ खाई ने परिचय देते हुए कहा कि पतली पूंछ वाली कैटफ़िश छिंगहाई-तिब्बत पठार पर एक अनोखी मछली है, और यह तीन नदियों के स्रोत क्षेत्र में लंकांग नदी में एकमात्र मांसाहारी तल पर रहने वाली देशी मछली भी है।

इसके आवास पर्यावरण पर सख्त आवश्यकताएं हैं और यह एक पारिस्थितिक संकेतक प्रजाति है, जो अप्रत्यक्ष रूप से जल निकायों में जलीय जीवों की रहने की स्थिति को दर्शाती है।

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डायनासौर भी मात खाते थे

 जब तक पृथ्वी पर डायनासौर का राज रहा, स्तनधारी जीव काफी छोटे साइज़ के हुआ करते थे। ऐसा माना जाता है कि जिस समय डायनासौर पृथ्वी पर राज कर रहे थे उस समय स्तनधारी जीव उनसे डरकर यहां-वहां छिप जाते थे। लेकिन चीन में मिला जीवाश्म एक स्तनधारी जीव द्वारा डायनासौर का शिकार करने का दुर्लभ साक्ष्य पेश करता है और उक्त धारणा को चुनौती देता है।

वर्ष 2012 में उत्तरी चीन के लुजियाटुन के हरे-भरे जंगल में एक किसान को एक जीवाश्म मिला था। किसान ने यह जीवाश्म हानियन वोकेशनल युनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलॉजी के जीवाश्म विज्ञानी गैग हैन के सुपुर्द कर दिया।

जीवाश्म लगगभग 12.5 करोड़ साल पुराना था। उस समय इस इलाके में ट्राइसेराटॉप्स के पूर्वज डायनासौर सिटेकोसॉरस अपने दो पैरों पर विचरते थे। ये सिटेकोसॉरस साइज़ में लगभग कुत्ते बराबर थे और शाकाहारी थे। इन्हीं के साथ उस समय का सबसे बड़ा स्तनधारी जीव रेपेनोमेमस रोबस्टस इन जंगलों में विचरता था, जो लगभग अभी के जीव बिज्जू के बराबर था। यह झबरीला था और इसके दांत पैने-नुकीले थे और वह मांसाहारी था। यह सिटेकोसॉरस के शिशुओं का शिकार करने के लिए जाना जाता था।

साइंटिफिक रिपोर्ट्स में शोधकर्ता बताते हैं कि इस जीवाश्म में इन्हीं दोनों प्राणियों की मुठभेड़ कैद है। लेकिन रेपेनोमेमस रोबस्टस के साथ मुठभेड़ में शिशु सिटेकोसॉरस नहीं बल्कि किशोरवय सिटेकोसॉरस है, जिसका आकार रेपेनोमेमस रोबस्टस स्तनधारी से लगभग तीन गुना बड़ा है। सिटेकोसॉरस लगभग 10.6 किलोग्राम का रहा होगा और स्तनधारी लगभग 3.4 किलोग्राम का। दृश्य देखकर लगता है कि स्तनधारी जीव ही डायनासौर पर हावी था। संभव है कि डायनासौर कुछ ही क्षण में स्तनधारी जीव का भोजन बन जाता लेकिन ऐसा होने के पहले ही अचानक ज्वालामुखीय मलबा बहकर आ गया जिसमें ये दोनों योद्धा मारे गए और उसी मुद्रा में कैद हो गए।

जीवाश्म में, स्तनधारी जीव डायनासौर के ऊपर बैठा था, उसके दांत डायनासौर की दो पसलियों में गड़े हुए थे, उसका पिछला पैर डायनासौर के एक पैर के नीचे दबा हुआ था, और उसका एक हाथ डायनासौर का जबड़ा जकड़े हुए था: ज़ाहिर है, इस मुठभेड़ में डायनासौर शिकस्त पाने वाला था।

कुछ शोधकर्ता इस जीवाश्म की वैधता को लेकर शंकित हैं क्योंकि पूर्व में इस क्षेत्र में जीवाश्म जालसाज़ी के कई उदाहरण देखे जा चुके हैं।

लेकिन हैन का कहना है कि उनकी टीम ने स्तनधारी जीव के निचले बाएं जबड़े की सावधानीपूर्वक जांच करके जीवाश्म की सत्यता की पुष्टि कर ली है। जीवाश्म के आसपास की तलछट भी उस तह से मेल खाती है जहां से जीवाश्म मिला था। 

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म्यांमार में शरणार्थियों को ले जा रही नाव डूबी, 17 लोगों की मौत

यागून: म्यांमार के रखाइन राज्य से रोहिंग्या शरणार्थियों को ले जा रही एक नाव समुद्र में डूब जाने से करीब 17 प्रवासियों की मौत हो गयी और कई लापता हो गए। बचाव दल ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

सितवे शहर में श्वे यांग मेट्टा फाउंडेशन के एक बचावकर्मी ब्यार ला ने कहा कि इस सप्ताह रविवार रात एक नाव समुद्र में डूब गयी, जिस पर 50 से अधिक लोग सवार थे। उन्होंने कहा, हमें कल तक 17 शव मिले हैं। बचावकर्मी ब्यार ला ने कहा, हमें आठ व्यक्ति जीवित मिले। पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए ले गई है।

उन्होंने कहा कि बचावकर्मी अभी भी लापता लोगों को ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि जहाज पर सटीक संख्या ज्ञात नहीं है। बंगलादेश की सीमा पर मॉन्गडॉ टाउनशिप में एक रोहिंग्या सहायता कार्यकर्ता ने कहा कि खराब मौसम की वजह से नाव डूब गयी। इस हादसे के बाद करीब 500 अन्य लोग अभी भी मलेशिया जाने की उम्मीद कर रहे हैं।

बौद्ध-बहुल म्यांमार में राखीन लगभग छह लाख रोहिंग्या मुसलमानों का घर है, जिन्हें बंगलादेश से प्रवासी माना जाता है और उन्हें नागरिकता और आंदोलन की स्वतंत्रता से वंचित कर दिया गया। मलेशिया और इंडोनेशिया तक पहुंचने की कोशिश करने के लिए हर साल हजारों रोहिंग्या बंगलादेश और म्यांमार के शिविरों से अपनी जान जोखिम में डालकर समुद्री यात्रा करते हैं।

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के जनवरी के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 39 जहाजों में 3,500 से अधिक रोहिंग्या ने अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी को पार करने का प्रयास किया, जो पिछले वर्ष 700 से अधिक था। एजेंसी ने कहा कि पिछले साल समुद्र में करीब 348 रोहिंग्या मारे गए या लापता हो गए।

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27 साल बाद अमेरिका से लौटा थाईलैंड के राजा का दूसरा बेटा

बैंकॉक: थाईलैंड के राजा के दूसरे सबसे बड़े बेटे 27 साल तक विदेश में रहने के बाद अपने देश की यात्रा पर हैं, जिससे कई थाई लोगों की खुशी का माहौल है। देश के एक प्रमुख समाचार पत्र ने यह जानकारी दी। सोशल मीडिया पर सोमवार से एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वाचरेसोर्न विवाचरावोंग्सेम (42 वर्षीय) को सुवर्णभूमि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के आमगन टर्मिनल से बाहर निकलते हुए देखा गया। बैंकॉक पोस्ट के मुताबिक, राजा के बेटे को थाईलैंड के लोगों के एक समूह को हाथ हिलाकर अभिवादन करते हुए देखा गया। बाहर निकलने से पहले उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, बहुत-बहुत धन्यवाद। 

विवाचरावोंग्सेम एक सप्ताह तक थाईलैंड में रहेंगे। बैंकॉक पोस्ट बताया है कि पिछले कई वर्षों से अमेरिका में रह रहे  वाचरेसोर्न पांच अगस्त को जॉन एफ केनेडी हवाई अड्डे से कैथे पैसिफिक विमान से हांगकांग के लिए रवाना हुए थे। खबर के अनुसार वाचरेसोर्न फ्रा नखोन जिले के वाट रत्चाबोरफिट सथिमहासिमराम रत्चावोराविहान (बुद्ध मंदिर) गए, जहां उन्होंने परम संरक्षक को श्रद्धांजलि अर्पित की। मंदिरों में जाने से पहले उन्होंने शहर के स्तूप के सामने लोगों के अनुरोध पर तस्वीरें खिंचवाईं।

 बैंकॉक पोस्ट के अनुसार, राजा के चार बेटे और एक बेटी है। चारों अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद अमेरिका चले गए, जबकि छोटी बहन उनकी शाही राजकुमारी सिरिवन्नावरी नरितना राजकन्या है, जो थाईलैंड में रहती है। वाचरेसोर्न  के पास अमेरिका में स्टेटसन यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ से कानून में स्नातक और मास्टर डिग्री दोनों हैं। वह न्यूयॉर्क में एक लॉ फर्म में कानूनी सलाहकार हैं, जहां वह 27 साल से रह रहे हैं। 

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भारत के स्वतंत्रता दिवस को अमेरिका में भी राष्ट्रीय जश्न के तौर पर मनाने की तैयारी

वॉशिंगटन: भारत के स्वतंत्रता दिवस को जल्द ही अमेरिका में भी राष्ट्रीय दिवस के जश्न के तौर पर मनाया जा सकता है। सांसद श्री थानेदार के नेतृत्व में भारतीय-अमेरिकी सांसदों के एक दल ने अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउज ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत भारत के स्वतंत्रता दिवस को दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र के राष्ट्रीय दिवस के जश्न के तौर पर घोषित करने का आग्रह किया गया है।

इस प्रस्ताव में कहा गया है कि अमेरिका और भारत के बीच मजबूत साझेदारी, जिसकी जड़ें दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है, वह वैश्विक लोकतंत्र और शांति, स्थायित्व और समृद्धि बढ़ाने के लिए साथ काम करती रहेगी। इस प्रस्ताव को हाउज ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में सांसद श्री थानेदार की तरफ से पेश किया गया है। इसे सांसद बडी कार्टर और ब्रैड शर्मन की तरफ से भी प्रायोजित किया गया है।

प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जून को अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर आए थे और उन्होंने दोनों देशों के समान हितों और स्वतंत्रता, लोकतंत्र, बहुलतावाद, कानून के शासन, मानवाधिकार के सम्मान के प्रति साझा प्रतिबद्धताओं के आधार पर विश्वास और आपसी समझ को एक नए स्तर पर स्थापित किया। 

 

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सोमालिया में हैजा से 30 की मौत, डब्ल्यूएचओ ने तेज की गतिविधियां

 मोगादिशू: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमालिया में हैजा के कारण जनवरी से अब तक  30 लोगों की मौत के बाद लोगों की जान बचाने और हैजा फैलने से रोकने के लिए अपनी गतिविधियां तेज कर दी है।

डब्ल्यूएचओ ने मंगलवार को कहा कि सोमालिया में 2022 से 28 जिलों में और 2017 के सूखे के बाद से बनादिर क्षेत्र में हैजा का निर्बाध संचरण हुआ है। डब्ल्यूएचओ ने कहा, 2023 के महामारी विज्ञान सप्ताह 1 के बाद से सोमालिया के 28 जिलों में हैजा के कारण 30 लोगों की मौत हुयी है और इसके कुल 11,704 संदिग्ध मामले सामने आए हैं।

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि जुलाई के अंत में सोमालिया 28 जिलों में लगभग 235 नए संदिग्ध मामले सामने आए, लेकिन राहत की बात यह है कि इसके कारण किसी की मौत नहीं हुयी। डब्ल्यूएचओ के अनुसार उपर्युक्त जिलों से रिपोर्ट की गई कुल मृत्यु दर 0.3 प्रतिशत है, जो एक प्रतिशत से अधिक की आपातकालीन सीमा से नीचे है। डब्ल्यूएचओ ने कहा, डब्ल्यूएचओ और स्वास्थ्य संस्थाओं ने जुबलैंड राज्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए सूखा प्रभावित जिलों में हैजा प्रतिक्रिया हस्तक्षेपों के कार्यान्वयन को बढ़ाया है।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र ने अप्रैल में चेतावनी दी थी कि सोमालिया में भारी बारिश के कारण अचानक और नदी में बाढ़ आने से जलजनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ सकता है।

 
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पाकिस्तान में रेल हादसा, 30 लोगों की मौत

कराची: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नवाबशाह जिले में रविवार (7 अगस्त) दोपहर एक रेल हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई। 80 लोग घायल हैं। इनमें से 31 की हालत गंभीर बताई गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रावलपिंडी से चलने वाली हजारा एक्सप्रेस सहारा स्टेशन के पास पटरी से उतर गई। कुछ बोगियां पलटकर पास के एक तालाब में भी गिर गईं। अब तक 22 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। 31 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। अफसरों के मुताबिक भारी बारिश की वजह से ट्रैक खराब हो गया था और इसी वजह से यह हादसा हुआ।

जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचे

पाकिस्तान के टीवी चैनल ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक हादसा रविवार दोपहर करीब दो बजे हुआ, लेकिन काफी देर तक कोई जिम्मेदार अफसर मौके पर मौजूद नहीं था। पुलिस ने कुछ लोगों के साथ मिलकर घायलों को निकाला और उन्हें करीब के अस्पताल पहुंचाया। जिस जगह हादसा हुआ, वहां से कराची 275 किलोमीटर दूर है।

जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में रेल हादसे नई बात नहीं हैं, लेकिन बारिश में ये ज्यादा होते हैं। इसकी वजह ये है कि ज्यादातर रेलवे ट्रैक्स अंग्रेजों की हुकूमत के दौर के हैं और इन्हें न तो कभी अपग्रेड किया गया और न ही नई लाइन बिछाई गईं। सिंध और पंजाब के कुछ हिस्सों में तो हालात बेहद खराब हैं। पिछले साल भी इसी सेक्शन में एक हादसा हुआ था और उसमें 21 लोग मारे गए थे।

रविवार को हुए एक्सीडेंट के बाद कराची की तरफ जाने वाली तमाम ट्रेन रोक दी गईं। अफसरों ने बताया कि इस हादसे से दोनों तरफ की लाइनें टूट गई हैं और इन्हें रीस्टोर करने में काफी वक्त लग सकता है।

रेस्क्यू के लिए आर्मी तलब

‘द न्यूज’ वेबसाइट के मुताबिक लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के पास रेस्क्यू के कोई साधन मौजूद नहीं हैं। लिहाजा, लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने पास के कैंटोनमेंट से आर्मी की एक यूनिट को बुलाया है। फिलहाल, आर्मी भी इस हालत में नहीं है कि ब्रिज और तालाब से घायलों या मारे गए लोगों के शव निकाल सके। इसकी वजह यह है कि इस इलाके में काफी कीचड़ है और वहां किसी तरह के इक्युपमेंट्स भी नहीं पहुंचाए जा सकते। पुलिस ने एक क्रेन जरूर बुलाई, लेकिन वो हादसे वाले जगह तक नहीं पहुंच सकी।

रेलवे मिनिस्टर को हादसे की गंभीरता ही नहीं पता

एक हफ्ते में टेन्योर पूरा करने जा रही पाकिस्तान सरकार के रेलवे मिनिस्टर ख्वाजा साद रफीद को दो घंटे बाद तक इस हादसे की जानकारी ही नहीं थी। मीडिया ने जब उनसे इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा- मुझे अभी एक्सीडेंट के बारे में पता लगा है। मैं जानकारी जुटा रहा हूं। फिलहाल, ये नहीं बता सकता कि कितनी बोगियां पटरी से उतरी हैं। वहां की लोकल एडमिनिस्ट्रेशन से संपर्क किया है।

‘द न्यूज’ के मुताबिक हादसे के बाद बदइंतजामी का आलम ये था कि कोई आला अफसर मौके पर नहीं पहुंच सका। इसकी वजह भारी बारिश बताई गई है। हैरानी की बात ये है कि रेलवे और सिविल एविएशन की जिम्मेदारी एक ही मंत्री के पास है और वो अपने चुनाव क्षेत्र में व्यस्त हैं।

रेलवे अफसरों के मुताबिक पांच बोगियां पटरी से उतरी हैं। दूसरी तरफ, लोकल मीडिया ने इनकी तादाद 10 बताई है।

रेलवे अफसरों के मुताबिक पांच बोगियां पटरी से उतरी हैं। दूसरी तरफ, लोकल मीडिया ने इनकी तादाद 10 बताई है।

इस इलाके में तीसरा एक्सीडेंट

2021 के आखिर में सिंध के इसी इलाके में दो रेल हादसे हुए थे। पहले में 21 लोग मारे गए थे, जबकि दूसरे में 50 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। दूसरे हादसे में भिड़ंत मिल्लत एक्सप्रेस और सर सैय्यद एक्सप्रेस के बीच हुई थी।

मिल्लत एक्सप्रेस कराची से सरगोधा और सर सैयद एक्सप्रेस रावलपिंडी से कराची जा रही थी। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, मिल्लत एक्सप्रेस की बोगियां दूसरे ट्रैक पर जा गिरीं। इससे सामने से आ रही सर सैयद एक्सप्रेस उससे टकरा गई। इस कारण बोगियों को काफी नुकसान हुआ था। कई बोगियों को काटा गया था, ताकि घायलों को बाहर निकाला जा सके।

 
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान दोषी करार, 3 साल की सजा

 दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना मामले में दोषी ठहराया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस्लामाबाद की जिला एवं सत्र अदालत ने शनिवार को इमरान खान को 3 साल जेल की सजा सुनाई है। हालांकि, इमरान खान के पास इस सजा के खिलाफ ऊपरी अदालतों में अपील करने का मौका है।

इमरान पर सरकारी उपहार बेचने का आरोप
इस्लामाबाद की जिला एवं सत्र अदालत ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को संपत्ति छिपाने और सरकारी उपहार बेचने के मामले में दोषी ठहराया है। इमरान खान के वकीलों ने ट्रायल कोर्ट के जज पर पहले ही पक्षपात करने का आरोप लगा दिया था। इमरान खान को सजा दिए जाने के खिलाफ पाकिस्तान में एक बार फिर बवाल बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

आपको बता दें कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने तोशाखाना मामले में राहत की मांग करने वाली इमरान खान की याचिका पहले ही खारिज कर चुका है। इमरान पर तोशाखाना से अपने पास रखे उपहारों का विवरण 'जानबूझकर छिपाने' का आरोप है।

इन आरोपों के साबित होने के बाद ही कोर्ट ने इमरान खान को 3 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट के फैसले के बाद इमरान खान की पार्टी PTI की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि यह बिल्कुल शर्मनाक और घृणित है। सरकार इमरान खान को अयोग्य ठहराने और जेल में डालने की साजिश कर रही है

जानें क्या है तोशाखाना मामला?
पाकिस्तान में तोशाखाना एक सरकारी विभाग है, जिसमें विदेशी सरकारों के प्रमुखों की ओर से मिले उपहारों को रखा जाता है। इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए तोशाखाने में रखे गए कीमती उपहारों को कम दाम पर खरीदे और फिर उन्हें लाभ कमाने के लिए ज्यादा दाम पर बेच दिए। इमरान खान को साल 2018 में प्रधानमंत्री के रूप में यूरोप सहित अन्य देशों के दौरे करने पर बहुत से कीमती तोहफे मिले थे।

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आरोप तयः डोनाल्ड ट्रंप ने रची चुनाव परिणामों को पलटने की साजिश

दिल्ली: अमरीका के जस्टिस विभाग के विशेष प्रोसिक्यूटर जैक स्मिथ ने अपनी जांच में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर अब 2020 के चुनाव परिणाम को पलटने की कोशिश का आरोप लगाया है। मामले में ट्रंप पर चार आरोप तय किए गए हैं।


बीते चार महीने में यह तीसरी बार है जब ट्रंप पर आपराधिक आरोप तय किए गए हैं। इसके पूर्व अमरीका के किसी पूर्व राष्ट्रपति पर कोई आपराधिक आरोप नहीं लगाया गया है।

मंगलवार को वॉशिंगटन डीसी में दायर 45 पन्नों के अभियोग पत्र में कहा गया है कि ट्रम्प को पता था कि उनके चुनाव जीतने के दावे गलत हैं फिर भी उन्होंने उन्हें दोहराकर व्यापक रूप से प्रसारित किया।

 सहयोगियों को लपेटे जाने से ट्रंप हैं परेशान

खास बात ये भी है कि इस बार संघीय अभियोजकों ने ट्रंप के साथ छह सह-षड्यंत्रकारियों का भी आरोप पत्र में शामिल किया है। आरोप पत्र के अनुसार, 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के वैध परिणामों को पलटने और सत्ता बरकरार रखने के अपने आपराधिक प्रयासों में ट्रंप इनकी मदद ले रहे थे।

इनके नाम अभियोग पत्र में नहीं है, न ही इन पर आरोप तय हुए हैं। लेकिन अभियोग पत्र में इनका विवरण आ जाने से अमरीका मीडिया में इन्हें पहचान लिया गया है। ये नाम इस प्रकार हैं - रूडी गिलियानी, जॉन ईस्टमैन, सिडनी पॉवेल, जेफरी क्लार्क, केनेथ चेसेब्रो और एक राजनीतिक सलाहकार।

ट्रंप के चुनाव अभियान ने ये सभी आरोप खारिज कर दिए हैं। लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मामले में उनके सहयोगियों को लपेटा जाना ट्रंप को परेशान कर रहा है।

ट्रंप पर चल रहे अपराधिक मामले
1. जांच जारी
जॉर्जिया के चुनाव में हस्तक्षेप
2. आरोप तय
राष्ट्रपति चुनाव (6 जनवरी 2020) में हस्तक्षेप
3. ट्रायल शुरू
- वर्गीकृत दस्तावेजों की मिस हैंडलिंग
- बिजनेस रेकॉर्ड से छेड़छाड़ (पोर्न स्टार मामला)

ट्रंप पर लगाए गए हैं चार आरोप
संघीय अभियोग पत्र में ट्रंप पर 4 आरोप लगाए गए हैं, जो इस प्रकार हैं -
1. अमरीका को धोखा देने की साजिश,
2. बाइडन की चुनावी जीत को कांग्रेस से प्रमाणित होने में बाधा डालने की साजिश
2. वोट देने के अधिकार के खिलाफ बाधा डालना
4. वोट देने के अधिकार के खिलाफ साजिश

 

 

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पाकिस्तान में आत्मघाती विस्फोट में कम से कम 35 की मौत, 200 घायल

पेशावर: बाजौर के खार में कार्यकर्ता सम्मेलन में रविवार को हुए आत्मघाती विस्फोट में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के स्थानीय नेता सहित कम से कम 35 लोग मारे गए। जियो न्यूज ने यह जानकारी दी।

कार्यवाहक सूचना मंत्री फिरोज जमाल शाह काकाखेल ने बताया कि जेयूआई-एफ नेता के भाषण के दौरान हुए विस्फोट में 200 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं। जिला आपातकालीन अधिकारी ने बताया कि घायलों को टिमरगारा और पेशावर के अस्‍पतालों में भी भेजा जा रहा है।

खैबर पख्तूनख्वा (केपी) के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) अख्तर हयात खान ने पुष्टि की कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यह एक आत्मघाती हमला था।उन्होंने कहा कि जांच टीमें विस्फोट स्थल से सबूत इकट्ठा कर रही हैं।

जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच, प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज ने घटना की जांच करने और जिम्मेदार लोगों की पहचान करने के निर्देश जारी किए हैं। आईजी फ्रंटियर कोर (एफसी) मेजर जनरल नूर वली खान स्थिति की निगरानी के लिए बाजौर पहुंच गए हैं। सीएमएच पेशावर को अलर्ट पर रखा गया है और सुरक्षा बलों और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा बचाव अभियान जारी है।

जेयूआई-एफ खैबर पख्तूनख्वा के प्रवक्ता अब्दुल जलील खान ने जियो न्यूज को बताया कि विस्फोट शाम करीब चार बजे हुआ जब मौलाना लईक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। प्रांतीय प्रवक्ता ने कहा कि सम्मेलन के दौरान जेयूआई-एफ एमएनए मौलाना जमालुद्दीन और सीनेटर अब्दुल रशीद भी मौजूद थे।

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