छत्तीसगढ़

पोषण पखवाड़ा: छत्तीसगढ़ मना रहा मिलेट्स त्यौहार

पोषण के पावर हाउस ’मिलेट्स’ के फायदों के बारे में लोगों को किया जा रहा जागरूक

रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)च्चों तथा महिलाओं के पोषण एवं स्वास्थ्य देखभाल संबंधी जागरूकता और आदतों में सुधार लाने के लिए प्रदेश में 20 मार्च से पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित पोषण पखवाड़ा 3 अप्रैल तक चलेगा। वर्ष 2023 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इंटरनेशनल मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। इसे ध्यान में रखते हुए इस साल पोषण पखवाड़ा को छत्तीसगढ़ में मिलेट्स त्यौहार के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान लोगों को पोषण के पावर हाउस मतलब मिलेट्स के फायदों के बारे में जानकारी देकर उन्हें इस पारम्परिक पौष्टिक अन्न को दैनिक आहार में शामिल करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए विशेष थीम के अनुसार कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।गौरतलब है कि मिलेट्स (मोटे अनाज) जैसे कोदो, कुटकी, रागी एक पौष्टिक खाद्य विकल्प हैं जो दैनिक पोषण आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद कर सकते हैं। यह शिशुवती महिलाओं के लिए भी बेहद फायदेमंद होते है। इनमें कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, मिनरल्स जैसे पोषक तत्व प्रचुरता से होते हैं। इसे देखते हुए पोषण कल्याण के लिए श्री अन्न अर्थात् मिलेट्स का प्रचार-प्रसार कर उसकी लोकप्रियता बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा के अंतर्गत छह वर्ष तक के बच्चों का वजन, लंबाई एवं ऊंचाई मापन कर बच्चों में पोषण स्थिति की जानकारी भी ली जा रही हैं। सक्षम आंगनबाड़ी के प्रति जनसमुदाय को जागरूक करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। पोषण पखवाड़े के प्रत्येक दिन के लिए कलेण्डर अनुसार गतिविधियां निर्धारित की गई है। इसके अनुसार प्रतिदिन अलग-अलग गतिविधियों के माध्यम से व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर पोषण सम्बन्धित व्यवहार परिवर्तन का प्रयास किया जा रहा है। इन समस्त गतिविधियों को पोषण ट्रैकर ऐप में प्रतिदिन इन्द्राज भी किया जा रहा है।पोषण जागरूकता के लिए प्रदेशभर में जागरूकता रथ, बाइक रैली निकाली जा रही हैं। प्रमुख पंचायतों एवं हाट-बाजारों में महिलाओं एवं बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य एवं देखभाल संबंधी उचित आदतों के विकास एवं सुधार के संबन्ध में वीडियो क्लिप का प्रदर्शन करते हुए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों, ग्राम पंचायतों में लोगों को सुपोषण के संबंध में जानकारी दी जा रही हैं और मिलेट्स को आहार में शामिल करने के फायदे समझाए जा रहे हैं। मिलेट्स से बने व्यंजनों की प्रतियोगिता, प्रदर्शनी एवं मिलेट्स जागरूकता कैम्प भी आयोजित किए जा रहे हैं। कई स्वसहायता समूह मिलेट्स से बने तिरंगा थाली के प्रदर्शन से मिलेट्स का महत्व बता रहे हैं।पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत समुदाय आधारित गतिविधियों जैसे-सुपोषण चौपाल, महिला समूहों की बैठक, पालको का बैठक करना तथा लिंग संवेदनशील, जल प्रबंधन, एनीमिया की रोकथाम व प्रबंधन के प्रति जागरूकता कार्यक्रम को भी शामिल किया गया है। इसमें स्वास्थ्य, पंचायत सहित विभिन्न विभागों का समन्वय भी लिया जा रहा है।

 

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