धर्म समाज

भगवान श्री बलराम के जयंती पर प्राकृतिक एवं गौ आधारित खेती पर कार्यशाला आयोजित

कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि महाविद्यालय, कृषि विभाग एवं भारतीय किसान संघ के तत्त्वधान में कृषि विभाग के सभागार में 09 सितम्बर को भगवान श्री बलराम जयंती मनाई गई, इस कार्यक्रम में प्राकृतिक एवं गौ आधारित खेती पर कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में प्राकृतिक खेती से जुडे़ कृषक उपस्थित हुए। जिसमें मुख्य अतिथि रूपसाए सलाम, भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष देवलाल दुग्गा एवं अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय डॉ. रत्ना नशीने विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दिव्येंदु दास की अध्यक्षता में संपन्न हुआ, जिसमें सहायक उप संचालक कृषि नारायणपुर, लोकनाथ भोएर, केवीके, कृषि विभाग, उदान्निकी विभाग, पशुधन विभाग, मछली विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारीगन एवं विभिन्न गांव से आए लगभग 50 कृषक उपस्थित थे। अंत में प्राकृतिक एवं गौ आधारित खेती करने वाले 05 कृषकों को प्रमाण पत्र बाटा गया। इस अवसर पर भगवान श्री बलराम जी का पूजन भी किया गया। मुख्य अतिथि द्वारा प्राकृतिक खेती पर गाय के गोबर से खेती करके इसे विज्ञान से जोड़कर खेती करने की सलाह दी गई। यह जयंती प्रतिवर्ष भाद्रपद, शुक्ल षष्ठी तिथि को आयोजित की जाती है। इस कार्यक्रम का ऑन-लाईन शुभारंभ इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय,कृषि मंत्री रामविचार नेताम एवं माननीय सांसद रायपुर श्री बृजमोहन अग्रवाल, प्रबंध मंडल सदस्य विमल चांवला, प्रबंध मंडल सदस्य जानकी सत्यनाराण चद्रा की गरिमामय उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथियों द्वारा प्राकृतिक एवं गौ आधारित खेती एवं उनकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला गया।

और भी

आज भव्य कलश यात्रा के साथ मेहर वाटिका में प्रारंभ होगी भागवत कथा

  ठण्डुराम परिवार (कादमा वाले) कोरबा के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन मेहर वाटिका, अग्रसेन मार्ग में 5 से 12 सितंबर तक कराया जा रहा है। कथा आयोजन की भव्य तैयारी आयोजक परिवार द्वारा पूरी कर ली गई है। कथा स्थल मेहर वाटिका जाने वाले मार्ग को दुल्हन की तरह आकर्षक विद्युत झालरों से सुसज्जित कराया गया है एवं व्यासपीठ भी आकर्षक रूप से मनोहारी छटा बिखेरते हुए सुसज्जित कराई गई है जहां से आचार्य कथा का श्रवण कराएंगे।

भागवत कथा का शुभारंभ 5 सितंबर गुरूवार को प्रात: 9 बजे से श्रीराम जानकी मंदिर पुराना बस स्टैण्ड में पूजा-अर्चना पश्चात प्रारंभ होने वाली भव्य कलश यात्रा के साथ होगा। कलश यात्रा मंदिर से प्रारंभ होकर अग्रसेन चौक होते हुए मेहर वाटिका में कथा स्थल पहुंचकर विराम लेगी। इसके पश्चात कथावाचक आचार्य अतुल कृष्ण भारद्वाज व्यासपीठ पर विराजमान होंगे एवं गणेश पूजन श्रीमद् भागवत कथा महात्म्य एवं गोकरण व्याख्यान के साथ कथा प्रारंभ होगी। प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से कथा व्यासपीठ से आचार्य अतुल कृष्ण भारद्वाज द्वारा श्रवण कराई जाएगी। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के आयोजक रामचन्द्र रघुनाथ प्रसाद अग्रवाल, लक्ष्मीनारायण रामानंद अग्रवाल, कांशीराम रामावतार अग्रवाल, प्यारेलाल रामनिवास अग्रवाल ने भव्य कलश यात्रा एवं भागवत कथा श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित करने नगरजनों से सपरिवार उपस्थिति का आग्रह किया है।

और भी

धर्म के नाम पर बेज़ुबान की बलि क्या सही है ? गीत के माध्यम से समाज को दिया बहुत ही सुन्दर संदेश


छत्तीसगढ़ में वैसे तो हर माह बहुत सारे गीत आते रहते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही ऐसे गीत होते हैं जो लोगों के दिलों को छू जाते हैं और साथ ही बहुत ही सुन्दर संदेश इस गीत के माध्यम से समाज को दिया गया है। हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के ऐसे सुप्रसिद्ध लोक गायक हिरेश सिन्हा जी के बारे में जिन्होंने एक ऐसा छत्तीसगढ़ी गीत माता जसगीत उन्होंने लिखा और गाया है और वह गीत है "तोला का बलि मैं देवंव दाई, जीव ला मारे में पीड़ा होते"। इस गीत के बारे में हमने हिरेश सिन्हा जी से बातचीत किया है उनका कहना है कि आप गाने के बोल से ही समझ पा रहे होंगे कि इस प्रेरणा दायक गीत का उद्देश्य क्या है। 


मैं आपको एक सच्ची घटना बताता हूँ मैं और मेरी धर्म पत्नी जीतेश्वरी सिन्हा एक मंदिर में गए जहाँ पर माता को बलि देने के नाम पर निरीह जीवों की निर्मम हत्या कर के उसको भोजन बना कर खा रहे थे लोगों का कहना था की ये माता का प्रसाद है। मंदिर के आस -पास निरीह जीवों के खून ही खून दिखाई दे रहे थे जिससे मन में निरीह जीवों के लिए  बहुत पीड़ा हो रही थी। 

हमें किसी ने बताया की पास के एक गांव के माता पिता के तीन संतान थे उनके साथ घटना ऐसी घटी की एक-एक कर के तीनो संतानों की मृत्यु हो गई, किसी ने उनको कहा की माता के मंदिर में दो बकरे की बलि चढ़ा दो सब कुछ ठीक हो जायेगा। महिला ने कहा की मैं बकरे की बलि नहीं दूंगी, मैं बलि के जगह एक बकरे की कीमत 15000 रूपए है तो दो बकरे का 30000 रूपए माता के मंदिर में चढ़ा दूंगी जिससे लोगों का भला हो। क्योंकि मैं भी एक माँ हूँ मुझे पता है की वो भी किसी माँ के बच्चे है आज अगर बलि के नाम पर निरीह जीवों की निर्मम हत्या होगी तो उसकी माँ की पीड़ा को मैं भली भांति समझ सकती हूँ। 

हिरेश सिन्हा ने कहा ये सुनकर मेरे मन में विचार आया की क्यों न ऐसा एक गीत बनाया जाय, जिससे की धार्मिक स्थलों पर देवी देवताओं को दी जाने वाली बलि प्रथा की विसंगति को दूर कर निरीह जीवों की निर्मम हत्या पर अंकुश लगाना है। मनुष्य इस धरती का सबसे कुशाग्र बुद्धि के बल पर शासन करने वाला प्राणी होकर निरीह जीवों की संरक्षण संवर्धन करने के बजाए रोज हत्या कर अपने प्रियकर भोजन का हिस्सा बना लिए है। और देवी देवताओं की पावन धाम को निरीह जीवों की बलि चढ़ाकर अपवित्र कर रहे है। मानव समुदाय के द्वारा होने वाले मानवीय भूल को इस गीत से हमे कुछ सबक और सीख लेकर निरीह जीवों के प्रति प्रेम, दया , करुणा ममता बरसाना होगा। और देवी देवताओं को पान फूल प्रसाद चढ़ाकरके प्रसन्न कर सर्व जन मंगल कल्याणकारी विचार से सभी के जीवन में सुख शांति समृद्धि लाना होगा। शिक्षाप्रद गीतो का सभ्य समाज सदैव अनुकरणीय रहेगा।


 
और भी

शान्ति सरोवर सड्ढू में सजाई मई मनमोहक झाँकी

 प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा जन्माष्टमी के अवसर पर विधानसभा मार्ग पर शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में बहुत ही आकर्षक झाँकी सजाई गई है। जिसमें इस संस्थान के  बाल कालाकारों द्वारा महारास और श्रीकृष्ण का तुलादान नामक नृत्य नाटक की प्रस्तुति मन को मोह लेती है। यह झाँकी सोमवार को शाम पांच बजे से रात के दस बजे तक अवलोकनार्थ खुली रहेगी।

इस अवसर पर रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि श्रीकृष्ण जयन्ती पर यही ईश्वरीय सन्देश है कि श्रीकृष्ण के दैवी गुणों और विशेषताओं को जीवन में उतारने का प्रयास किया जावे। गीता में बतलाए अनुसार अपने अन्दर छिपे हुए शत्रुओं काम, क्रोधादि विकारों का नाश करने से ही छोटी-मोटी बातों के लिए जो घर-घर में महाभारत चल रहा है, उसे समाप्त कर सकेंगे।

 

ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने आगे कहा कि विज्ञान के इस युग में श्रीकृष्ण की जयन्ती मना लेना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उनके द्वारा किए गए महान कार्यों के बारे में गहन चिन्तन कर उसे जीवन में उतारने की जरूरत है।

उन्होंने बतलाया कि अर्जुन का अर्र्थ होता है ज्ञान अर्जन करने वाला। श्रीकृष्ण जयन्ती और गीता की सार्थकता इसी में है कि हरेक मनुष्य अर्जुन बने और गीता का अच्छी तरह से विवेचन कर उसे आत्मसात करने का प्रयास करे। कोई भी मनुष्य किसी का शत्रु नहीं होता है। इसका स्पष्ट उल्लेख श्रीमद भगवद् गीता में मिलता है जिसमें लिखा है कि हे अर्जुन मनुष्य के अन्दर व्याप्त काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार ही उसके शत्रु हैं। जब हम इन विकारों पर विजय प्राप्त कर लेंगे तभी हम सुख और शान्ति से रह सकेंगे। गीता के माध्यम से समाज को यह सन्देश दिया गया है कि परमात्मा के साथ प्रीत बुद्घि होकर रहो क्योंकि इससे ही परिस्थितियों पर विजय प्राप्त करने में परमात्मा की मदद मिल सकेगी।

 

उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण का तुला दान नाटक में यही दर्शाया गया है कि सत्यभामा ने कृष्ण को माया और शक्ति के माध्यम से प्राप्त करना चाहा किन्तु पा न सकी। वहीं दूसरी ओर रूक्मणी ने सच्ची प्रीत से प्रभु को पा लिया।

 
और भी

श्री कृष्ण और राधा रानी के रूप में बच्चों ने आकर्षक पोशाक और डांस से दर्शकों का मन मोह लिया

 इस्कॉन मंदिर टाटीबंध में श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव की शुरूआत हो चुकी है। इस भव्य महोत्सव का शुभारंभ बाल महोत्सव फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता एवं भक्ति नृत्य के साथ हुआ। उद्घाटन समारोह में इस्कॉन मंदिर अध्यक्ष एच एच सिद्धार्थ स्वामी, उपाध्यक्ष स्वामी सुलोचन कृष्ण दास ओर जनार्दन दास शामिल हुए। मंदिर प्रांगण में आए प्रतिभागी बच्चों ने बाल कृष्ण और राधा रानी के रूप में फैंसी ड्रेस स्पर्धा में भाग लिया। वहीं, भक्ति नृत्य में भाग लेने वालों बच्चों ने भी अपनी आकर्षक पोशाक और डांस स्टेप से दर्शकों का मन मोह लिया। 

बाल महोत्सव कार्यक्रम की संयोजिका कंचन सिंघानिया और सुलोचन बंका ने बताया कि इस्कॉन मंदिर में पिछले 23 वर्षों से बाल फैंसी ड्रेस स्पर्धा और भक्ति नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। दोनों स्पर्धाओं में कुल 350 बच्चों ने प्रतिभागी के रूप में भाग लिया, जिसमें फैंसी ड्रेस में 50, भक्ति नृत्य के जूनियर वर्ग में 150 और सीनियर वर्ग में 150 बच्चों ने भाग लिया। आज के सांस्कृतिक कार्यक्रम के दोनों स्पर्धाओं में निर्णायक के रूप में परमिंदर कौर और भावेश मौजूद रहे। 

श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के प्रचार प्रसार प्रभारी दिलीप केडिया ओर राजेंद्र पारख ने बताया कि मंदिर प्रांगण को कलकत्ता से मंगाए गए फूलों से सजाया जा रहा है। वहीं, मुंबई और वृंदावन से भगवान के लिए वस्त्र मंगाए गए है। महोत्सव के दूसरे दिन 26 अगस्त, सोमवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी महा महोत्सव एवं भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। इस दिन सुबह 4.30 बजे से मंदिर में पूजन-अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे जो रात्रि 1 बजे तक चलेंगे। सुबह से मंदिर में मंगल आरती, तुलसी आरती, गुरू पूजा, परम पूज्य सिद्धार्थ स्वामी जी द्वारा श्री कृष्ण बाल लीला गुणगान, भजन-कीर्तन, राजभोग अर्पण, राजभोग आरती, उस्थापन आरती, भजन संध्या, संध्या आरती, प्रसाद वितरण, कलश अभिषेकम, महाअभिषेकम, छप्पन भोग अर्पण और रात्रि 1 बजे महाआरती होगी। कलश अभिषेकम के लिए सुलोचन कृष्ण प्रभु से 7710838538 पर संपर्क किया जा सकता है। इस दिन के लिए आजीवन सदस्यों से अपील की गई है कि वे अपना मेंबरशिप कार्ड साथ में लावें। श्री भगवान का विशेष दर्शन सुबह 9 बजे से रात्रि 2 बजे तक होंगे और शाम 7 बजे से रात्रि 1 बजे तक प्रति घंटे भगवान की आरती होगी। साथ ही राजनांदगांव के निखिल-श्याम द्वारा भजन कीर्तन का संगीतमयी कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जो महोत्सव में आकर्षण का केंद्र होगा।

महोत्सव के दौरान फेस्टिवल कमेटी के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल, वाइस चेयरमैन शुभम् सिंघल और सदस्य राजेश किंगर, पवन सचदेव, पंकज मिश्रा, विकास मोदी आदि सदस्य और बड़ी संख्या में देश-प्रदेश से आए श्रद्धालु मौजूद रहे। इस्कॉन मंदिर अध्यक्ष एच एच सिद्धार्थ स्वामी और जनार्दन दास ने सभी भक्तजनों से श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव में अधिक से अधिक संख्या में मंदिर में उपस्थित होकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने और कार्यक्रम का आनंद उठाने का आग्रह किया है।

 

 

और भी

श्री श्री राधा रासबिहारी जी मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव

  रायपुर इस्कॉन के श्री श्री राधा रासबिहारी जी मंदिर की तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव भव्य रूप से मनाई जा रही है। महोत्सव में देश-विदेश आए श्रद्धालुओं ने इस्कॉन मंदिर में आयोजित हवन-पूजन और अनुष्ठानों में अपनी भागीदारी निभाई। वैदिक मंत्रों की गूंज के साथ ही सुबह से मंदिर में हवन-पूजन और अनुष्ठानों का क्रम शुरू हुआ। मंदिर प्रांगण में श्रीकृष्ण के जयकारों के साथ आज उत्सव विग्रह की रेशम वस्त्र शय्या में सुबह 4.30 बजे मंगल आरती हुई और सुबह 7.15 बजे श्रृंगार आरती एवं गुरू पूजा हुई। प्रांगण में सुबह 8 बजे श्रीमद्भागवतम् कथा हुई, जिसका श्रवण सभी उपस्थित श्रद्धालुओं ने किया। इसके पश्चात मंदिर में सुबह 9 बजे से तीन घंटे मंत्रोच्चार के साथ 21 कुंडीय हवन-पूजन हुआ, जिसका लाभ इस्कॉन के सदस्यों के साथ श्रद्धालुओं ने लिया। हवन-पूजन के बाद दोपहर 1 बजे महाप्रसाद का आयोजन किया गया। शाम 4.30 बजे से मंदिर में संगीतमयी भक्ति के साथ भजन-कीर्तन शुरू हुई और का आगाज हुआ और शाम 5.30 बजे श्रीमान गौरांग प्रभु ने भगवान श्रीकृष्ण के जीवन पर आधारित प्रसंगों को प्रवचन के रूप में श्रद्धालुओं को श्रवण कराया। 

प्राण प्रतिष्ठा महा महोत्सव आज

इस्कॉन मंदिर में 19 अगस्त, सोमवार को उत्सव विग्रह की पुष्प शय्या में सुबह 4.30 बजे मंगल आरती, सुबह 5 बजे श्री विग्रहों का नए मंदिर में स्थापना, सुबह 7.30 बजे गुरू पूजा, सुबह 8 बजे परम पूज्य लोकनाथ स्वामी महाराज द्वारा श्री बलराम बाललीला गुणगान, सुबह 9 बजे हवन-पूजा अभिषेक, सुबह 11 बजे उत्सव विग्रह श्रृंगार एवं राजभोग अर्पण, दोपहर 12.30 बजे श्री विग्रहों का प्रथम दर्शन और महाआरती होगी और उसके बाद महाप्रसाद होगा। संगीतमयी भक्ति के क्रम में शाम 4.30 बजे भजन-कीर्तन होगा और शाम 5.30 बजे श्रीमान अमोघ लीला प्रभु द्वारा प्रवचन होगा। इसके बाद शाम 6.30 बजे श्रीधाम वृंदावन से आई माधवाज रॉक बैंड की टीम संगीतमयी प्रस्तुति देगी। 

इस्कॉन में लीला 'द स्प्रिचुअल रॉक बैंड' की धूम 

प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दूसरे दिन मुंबई से आई लीला 'द स्प्रिचुअल रॉक बैंड' की टीम ने श्रीकृष्ण लीला पर आधारित प्रसंगों की संगीतमयी प्रस्तुति दी और राधा-कृष्ण के भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे। रॉक बैंड की प्रस्तुति का अनुभव लेने शहर समेत देश-प्रदेश के श्रद्धालुओं ने कार्यक्रम में शिरकत की। द स्प्रिचुअल रॉक बैंड के परफॉर्मेेंस ने सभी को कृष्ण रंग में रंग मंत्रमुग्ध कर दिया। 

इस्कॉन मंदिर अध्यक्ष एच एच सिद्धार्थ स्वामी ने सभी से इस्कॉन के नए मंदिर में श्री श्री राधा रासबिहारी जी मंदिर प्राण प्रतिष्ठा और श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव पर आयोजित समस्त पावन कार्यक्रमों में सम्मिलित होने सादर आमंत्रित किया है।

 

 

और भी

श्रीश्री राधा रासबिहारीजी मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की हुई भक्तिमय शुरूआत

 राजधानी रायपुर की बहुप्रतिक्षित इस्कॉन, श्री श्री राधा रासबिहारी जी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव बहुत ही धूमधाम से इस्कॉन के नए भव्य मंदिर प्रांगण में मनाया जा रहा है। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में देश-विदेश से श्रद्धालु इस्कॉन मंदिर पहुंच चुके है। सुबह से ही मंदिर प्रांगण में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का उत्साह देखते ही बन रहा था। वैदिक आचार्याें के मार्गदर्शन में सुबह से मंदिर में पूजा-अर्चना और अनुष्ठान शुरू हुए और मंदिर प्रांगण श्रीकृष्ण के जयकारों से गूंजता रहा। कोलकाता से गुलाब, मोंगरा और चमेली के फूलों आज श्री श्री राधा रासबिहारी के श्रीधाम को सजाया गया। वहीं, मुंबई और वृंदावन धाम के वस्त्रों और सामग्रियों से भगवान का श्रृंगार किया गया। महोत्सव के पहले दिन विश्व प्रसिद्ध श्रीकृष्ण नंदोत्सव का मंचन करते हुए जयपुर के भारतीय कला संस्थान ने अपनी प्रस्तुति दी। संस्थान के कलाकारों ने कृष्ण प्रेम से श्रद्धालुओं को ओतप्रोत करते हुए नंदोत्सव की झलक पेश की, जिसमें श्री कृष्ण जन्म लीला, गौर निताई लीला, महारास, मयूर नृत्य का मंचन करते हुए फूलों की होली खेली गई। इधर, अनुष्ठानों के क्रम में शनिवार को सुबह 4.30 बजे से मंगल आरती, श्रृंगार आरती व गुरू पूजा, सुबह 8 बजे श्रीमद्भागवतम् कथा, 9 बजे हवन पूजन, दोपहर 1 बजे महाप्रसाद, शाम 4.30 बजे से भजन-कीर्तन हुआ और शाम 5.30 बजे श्रीकृष्ण के जीवन संबंधित प्रसंगों पर आधारित प्रवचन हुआ, जिससे श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हुए।  

तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में मुंबई और वृंदावन के रॉक बैंड की भव्य संगीतमयी प्रस्तुति प्रदेशवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगी। प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान और भजन कीर्तन 18 और 19 अगस्त को दिनभर चलेंगे। इसी क्रम में रविवार 18 अगस्त को मुंबई के लीला 'द स्पिरिचुअल रॉक बैंड', सोमवार 19 अगस्त को श्रीधाम वृंदावन के माधवाज रॉक बैंड की विशेष प्रस्तुति होगी एवं दोनों दिनों के कार्यक्रम शाम 6.30 बजे आयोजित होंगे। साथ ही 25, 26 और 27 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का आयोजन होगा, जिसमें बाल महोत्सव फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता एवं भक्ति नृत्य, श्री कृष्ण जन्माष्टमी महा-महोत्सव एवं भजन संध्या और शील प्रभुपाद व्यास पूजा महा-महोत्सव जैसे अनेक अनुष्ठान और कार्यक्रम होंगे। 

वहीं, 18 अगस्त, रविवार को अनुष्ठानों का यही क्रम चलेगा और शाम 5.30 बजे से श्रीमान गौरांग प्रभु द्वारा प्रवचन होगा। अगले दिन 19 अगस्त, सोमवार प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दिन सुबह 4.30 बजे मंगल आरती, 5 बजे श्री विग्रहों का नए मंदिर में स्थापना, 7.30 बजे गुरू पूजा, 8 बजे परम पूज्य लोकनाथ स्वामी महाराज द्वारा श्री बलराम बाललीला का गुणगान, 9 बजे हवन-पूजा अभिषेक, सुबह 11 बजे उत्सव विग्रह श्रृंगार एवं राजभोग अर्पण, दोपहर 12.30 बजे श्री विग्रहों का प्रथम दर्शन एवं महाआरती, 1 बजे महाप्रसाद, शाम 4.30 बजे भजन-कीर्तन, शाम 5.30 बजे श्रीमान अमोघ लीला प्रभु द्वारा प्रवचन होगा। 

इस्कॉन मंदिर अध्यक्ष एच एच सिद्धार्थ स्वामी ने सभी से इस्कॉन के नए मंदिर में श्री श्री राधा रासबिहारी जी मंदिर प्राण प्रतिष्ठा और श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव पर आयोजित समस्त पावन कार्यक्रमों में सम्मिलित होने सादर आमंत्रित किया है।

 

 

और भी

धीरेंद्र शास्त्री की चेतावनी : बागेश्वर धाम की दुकानों पर लगानी होगी नेम प्लेट

 उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान रास्ते पर पड़ने वाली दुकानों पर अपना नाम लिखने के आदेश का असर अब पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में भी पड़ने लगा है। पहले प्रदेश के दो बीजेपी विधायकों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर यह मांग की थी कि प्रदेश में भी इसी तरह से किया जाए।


इसके बाद अब बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने धाम पर दुकान लगाने वाले दुकानदारों को चेतावनी दी है कि 10 दिन के अंदर अपनी दुकानों पर नेमप्लेट लगवा लें, नहीं तो क़ानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

 
 
 



धीरेन्द्र शास्त्री ने यह बात गुरु पूर्णिमा के मौक़े पर धाम में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए रविवार को कही। इसके साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश की तारीफ़ की जिसमें दुकानदारों को दुकानों के बाहर नाम लिखने को कहा गया है।

 
 



धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, “हम बागेश्वर धाम में भी दुकान लगाने वाले सभी दुकानदारों को आदेश देते हैं कि अपनी दुकानों के बाहर नेमप्लेट ज़रूर लगाएं, जिससे पता चल सके कि राम वाले हैं या रहमान वाले।”

 
 



उन्होंने कहा, “आप जो हो दुकान के बाहर नेमप्लेट में टांग दो, ताकि आने वाले श्रद्धालुओं का धर्म भ्रष्ट न हो। हमारी आज्ञा है बागेश्वर धाम के सभी दुकानदार 10 दिन के अंदर नेमप्लेट लगवा लें, नहीं तो इसके आगे धाम समिति क़ानून के अनुसार विधिक कार्रवाई करेगी।”

धीरेंद्र शास्त्री अपने बयानों की वजह से ख़बरों में बने रहते हैं। इस चेतावनी के बाद प्रशासन की तरफ़ से अभी तक कोई बयान नही आया है।

 
 



बागेश्वर धाम में देशभर से लाखों लोग आते हैं और वहां दर्जनों दुकानें हैं जिस से धंधा किया जाता है।

 

 

 
और भी

बागेश्वर धाम में 5 दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव की धूम

 बागेश्वर धाम में 5 दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव चल रहा है। महोत्सव के तीसरे दिन शनिवार को लाखों लोगों ने सुबह से बालाजी के दर्शन किए और इसके बाद अपने गुरु के दर्शन किए। बागेश्वर धाम में सुबह करीब 4 बजे से बालाजी के दर्शन के लिए लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा था। मंदिर के आसपास का समूचा क्षेत्र लोगों से भर गया। बालाजी की कृपा पाने के लिए लोग आतुर रहे। सुबह की महाआरती के बाद बालाजी के दर्शनों का क्रम शुरू हुआ जो देर रात तक चलता रहा।


दोपहर करीब 12 बजे से मुख्य पंडाल पर पहुंचे बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के दर्शन के लिए लोग इकट्ठा हो गए थे। पहले वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पादुकाओं का पूजन हुआ, इसके पश्चात गुरू दर्शन प्रारंभ हुआ। महोत्सव को 5 दिवसीय रखा गया है। शनिवार और रविवार को पादुका पूजन व गुरु दर्शन का कार्यक्रम है।

महोत्सव में आने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो इसके पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, भोजन, आवागमन की विधिवत व्यवस्था की गई हैं।

एएसपी के नेतृत्व में 4 जिलों का पुलिस बल तैनात
बागेश्वर धाम में लाखों लोग आ रहे हैं इसलिए सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम करने पड़ रहे हैं। खजुराहो एसडीओपी सलिल शर्मा ने बताया कि छतरपुर के अलावा पन्ना, टीकमगढ़ और सागर से करीब तीन सैकड़ा पुलिस बल बुलाया गया है। दो शिफ्ट में ड्यूटियां निर्धारित की गई हैं। एएसपी विक्रम सिंह के नेतृत्व में दोनों शिफ्टों के लिए एक-एक एसडीओपी नियुक्त किए गए हैं।

10 थाना प्रभारी एवं 15 एएसआई के साथ-साथ 300 पुलिस बल सुरक्षा व्यवस्था में लगा है। आवागमन सुचारू रूप से चले इसके भी इंतजाम किए गए हैं। जानकारी में यह भी आया है कि करीब 5 सैकड़ा सेवादार पुलिस और प्रशासन के मार्गदर्शन में काम कर रहा है।

सिद्ध आश्रम में बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं इसलिए उनके स्वास्थ्य की भी चिंता करना स्वाभाविक है। प्रतिकूल मौसम के बावजूद लोगों का जोश कम नहीं हो रहा है। राजनगर से आए डॉ. कुलदीप सिंह यादव ने बताया कि अस्थाई अस्पतालों के माध्यम से लोगों को इलाज देने का प्रयास किया जा रहा है।

रात भर हास्य-व्यंग्य की गूंजती रहीं कविताएं
बागेश्वर धाम में अखिल भारतीय स्तर का कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। देश के विभिन्न स्थानों से आए कवियों ने अपनी कविताओं से लोगों को खूब गुदगुदाया। लखनऊ के वेदव्रत बाजपेई की ओज काव्यों से लोगों में राष्ट्रीय भावना को जगाया। देर रात शुरू हुए कवि सम्मेलन को सुनने के लिए बड़ी तादाद में लोग इकट्ठा रहे।
 
और भी

काशी विश्वनाथ मंदिर में सावन के महीने में वीआईपी-स्पर्श दर्शन पर रोक

 सावन के महीने में भगवान विश्वनाथ के दर्शन में अव्यवस्था रोकने के लिए मंदिर और वाराणसी प्रशासन ने कमर कस ली है। मंदिर प्रशासन ने सावन के दौरान भगवान विश्वनाथ के वीआईपी और स्पर्श दर्शन पर पूणत: रोक लगा दी है। काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “प्रत्येक वर्ष श्रावण मास में आकलन के हिसाब से एक से डेढ़ करोड़ श्रद्धालु आते हैं। इसके लिए सारी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। लाइन्स की संख्या को बढ़ा दिया गया है। साथ ही पानी, कूलर, ओआरएस घोल देने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।


लोगों की सुविधा के लिए सभी कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगा दी गई है। सभी आगंतुक श्रद्धालुओं को सुगम और सुचारू दर्शन हो सके, इसके लिए न्यास पूरा प्रयास करेगा।” वह कहते हैं, “श्रावण महीने में भीड़ बहुत ज्यादा होने की वजह से स्पर्श दर्शन और वीआईपी दर्शन पर पूर्णत: रोक रहेगी।” उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा सावन की तैयारियों को लेकर हम शुक्रवार को पहला रिहर्सल करेंगे, जिसमें न्यास के अधिकारी आपस में बातचीत करेंगे। इसके पश्चात मंडलायुक्त के निर्देशानुसार 20 जुलाई को सभी अधिकारियों के सामने फाइनल रिहर्सल किया जायेगा। जो कमियां रह जाएंगी, उन्हें 21 जुलाई को फिर से रिहर्सल कर पूरा कर लिया जाएगा।



इसके बाद हम 22 जुलाई से सावन के लिये मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल देंगे।” 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। पिछले साल सावन के महीने में एक करोड़ से अधिक लोगों ने काशी में भगवान विश्वनाथ के दर्शन किये थे। इस बार सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू हो रहा है और पूरे महीने के पांच सोमवारों में मंदिर न्यास को पिछली बार से ज्यादा भक्तों के दर्शन की उम्मीद है।

 

 

 
और भी

शारदा विद्यालय, रिसाली में छात्र संसद का शपथ ग्रहण समारोह

 मंगलवार को शारदा विद्यालय, रिसाली में छात्र संसद का शपथ ग्रहण समारोह सम्पन्न किया गया। कार्यक्रम का आरंभ मुख्य अतिथि विपिन ओझा चेयरमैन स्कूल मैनेजिंग कमेटी के कर कमलों द्वारा ईश्वर की चरण वन्दना से किया गया। इसी कड़ी में संजय ओझा डायरेक्टर शकुन्तला ग्रूप ऑफ स्कूल्स ने निर्वाचित विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि शपथ एक भावना है, स्वयं के निर्धारित लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्धिता है, जो संघर्ष से सफलता का रास्ता तय करती है। आज देश और समाज में सुदृढ़ नैतिक मूल्यों को स्थापित करना, स्व'छता तथा विकास के प्रतिकटिबद्ध रहना हर छात्र की नैतिक जिम्मेदारी है, जिसे हृदय से निभाना चाहिए। शपथ ग्रहण की श्रृंखला का आरंभ ग्रीन एम्बेस्डर की शपथ से हुआ। जिसकी कड़ी में क्लास वाइस कैप्टन, क्लास कैप्टन, हाऊस कैप्टन, स्पोर्टस कैप्टन, वाइस हेड बॉय तथा वाइस हेड गर्ल ने भी शपथ ली। अंतिम कड़ी में विद्यालय के हेड बॉय डेनिस कुमार साह तथा हेडगर्ल जैनब खान को चयनित किया गया। उन्होंने शपथ की गरिमा को समझते हुए अपना कत्तव्य ईमानदारी से निभाने की शपथ ली। प्रेरक गीत की भावभीनी प्रस्तुति के पश्चात् प्राचार्या सुतापा सरकार ने विद्यालय प्रबंधन समिति की ओर से सभी 'यनित सदस्यों को बधाई दी एवं बड़ों का सम्मान करते हुए जीवन में अपने लक्ष्य को पूरा करने की सीख दी। संचालन शिक्षिका अनुपमा सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन शारीरिक शिक्षा विभागाध्यक्ष शेशांक गुप्ता द्वारा किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।समारोह के दौरान विद्यालय मैनेजर ममता ओझा, हेड मिस्ट्रेस पुष्पा सिहं, सीनियर एक्टिविटी इंचार्ज पूजा बब्बर, प्रतीक ओझा, वनिता ओझा एवं शिक्षक/शिक्षिकाओं ने भी विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया।

और भी

पंडित प्रदीप मिश्रा का सात दिवसीय शिव महापुराण कथा भिलाई में 25 से

 प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का भव्य कार्यक्रम भिलाई में जानकारी के मुताबिक भिलाई के सिविक सेंटर जयंती स्टेडियम के पास स्थित ग्राउंड में विश्व प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का सात दिवसीय शिव महापुराण कथा का आयोजन होने जा रहा । 25 जुलाई से 31 जुलाई   तक होगा भव्य कथा जिसकी तैयारियां बोल बम समिति ने शुरु कर दि है वही तैयारी को लेकर बोल बम समिति के अध्यक्ष दया सिंह ने बताया आगामी 25 जुलाई से  31 जुलाई तक कथा का आयोजन भिलाई में होगा। समय शाम 1 बजे से 4 बजे तक तक कथा को लेकर तैयारियां अभी से शुरू हो गई है परमिशन से लेकर तमाम चीजों की रूपरेखा भी तैयार कर ली गई है। कार्यक्रम भिलाई के जयंती स्टेडियम के पास स्थित ग्राउंड में होगा। वही होने वाले इस कथा को लेकर दया सिंह ने पुलिस कप्तान जितेंद्र शुक्ला से भी मुलाकात की व एडिशनल एसपी से भी मुलाकात कर कथा के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

 


और भी

दीर्घ तपस्वी श्री विरागमुनि जी के मंगल प्रवेश पर निकली भव्य शोभायात्रा

 सदर बाजार जैन मंदिर से एमजी रोड स्थित दादाबाड़ी तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। रास्ते भर में जिन शासन के जयकारे गूंजते रहे और गुरुभक्ति का उल्लास छाया रहा। वरघोड़े के साथ हाथी, घोड़े और ऊंट की पालकी यात्रा के साथ चलती रही। गुरू के सम्मान में महिलाओं ने अपने सिर पर कलश लेकर मंगल कलश यात्रा निकाली, जो शोभायात्रा के साथ चल रहीं थी। जैन संत श्री विरागमुनि जी के प्रवेश के दौरान दादाबाड़ी में सुमधुर संगीतमयी प्रस्तुति विशेष आकर्षण का केंद्र रही। भजनों की प्रस्तुति को मुनिश्री ने आत्मजागृती का अलार्म बताया। मंगल प्रवेश के बाद मुनिश्री ने भगवान धर्मनाथ मंदिर के दर्शन किये और फिर प्रवचन स्थल पर अपना आसन ग्रहण किया। इसके साथ ही उन्होंने अपना 121 उपवास पूरा कर सोमवार को पारणा किया। आत्मस्पर्शी चातुर्मास 2024 के पदाधिकारियों ने रायपुर श्रीसंघ को चातुर्मास प्राप्त होेने आभार जताया। 

इस दौरान मुनिश्री ने कहा कि जैसे जन्म मृत्यु निश्चित है वैसे ही संतों का चातुर्मासिक प्रवेश और उनकी गोचरी भी निश्चित है। आज भगवान धर्म नाथ के मंदिर में मंगल प्रवेश के दौरान हुई वह संगीतमय प्रस्तुति खुद को आत्मजागृत करने का अलार्म है। यह प्रवेश शब्द हम रोज उपयोग करते हैं। हमने अपने जीवन काल में 84 लाख योनियों में प्रवेश किया। कभी स्कूल में प्रवेश किया, कभी कॉलेज में प्रवेश किया, कभी डॉक्टरी की पढ़ाई में प्रवेश किया तो कभी इंजीनियरिंग और सीए की पढ़ाई में प्रवेश किया। हम रोज घर में प्रवेश करते हैं, ऑफिस में प्रवेश करते हैं जबकि हमें ऐसे स्थान पर प्रवेश करना है, जहां केवल एक बार प्रवेश करना पड़े बार-बार नहीं। 

 
 
 

उन्होंने आगे कहा कि चातुर्मास की जिनवाणी सिर्फ श्रवण का कार्य नहीं है। जिनवाणी हमारे जीवन का एक आधार है। सुनना और सुनकर उसे अपने जीवन में उतारना। आप जिनवाणी को आचरण में नहीं ले पा रहे तो जीवन की गाड़ी सुचारू रूप से नहीं चल पाएगी। वैसे ही परमात्मा की वाणी को सिर्फ बाहर से सुनना नहीं है। उनकी वाणी को आप जितना अपने जीवन में उतारते गए, उतना आप जीते गए। चातुर्मास का मतलब यह है कि इस चार महीने में बाहर के सांसारिक जीवन की गतिविधियां लगभग बंद हो जाती है। जैसा कि बाहर आना-जाना, शादी समरोह, संबंध आदि कार्यक्रम चार महीने बंद हो जाते है और वहीं, धर्म की लाइन ऑन कर दी जाती है। अब इस चार महीने में क्या करेंगे। इन चार महीने अपने करीब रहना है। अपने जितने निकट रहोगे आप परमात्मा महावीर के उतने ही प्रिय बनोगे। 

 
 
 

श्री ऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय कांकरिया और कार्यकारी अध्यक्ष अभय कुमार भंसाली ने बताया कि दादाबाड़ी में सुबह 8.45 से 9.45 बजे मुनिश्री का प्रवचन होगा। आप सभी से निवेदन है जिनवाणी का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।

 
और भी

जैनसंत श्री विरागमुनि जी का मंगल प्रवेश आज, सदर बाजार से दादाबाड़ी तक निकलेगा भव्य वरघोड़ा

 आज का युवा केवल तारीफ का भूखा है, उसे सिर्फ अपनी तारीफ सुनना पसंद है। चार लोगों के सामने कोई तारीफ कर दे तो क्या ही कहना, इज्जत के महल में चार चांद लग गए हो मानो। यह सत्य है। किसी को अपनी तारीफ और सम्मान में कमी नहीं चाहिए। किसी ने जरा सा भी उपर नीचे कुछ कह दिया तो देखिए फिर। आज कल बड़े-बड़े रिश्ते भी झूठे तारीफों के पूल पर ही टिके हुए हैं। झूठी तारीफ पाने के लिए सब आतुर है, जबकि आपको पता है कि सामने वाला व्यक्ति झूठी तारीफ कर रहा है फिर भी आप फुले नहीं समाते हो। अगर आपको पता है कि कोई आपकी झूठी तारीफ कर रहा है तो आप उससे किनारा कर सकते है लेकिन आप ऐसा नहीं करते है। ऐसा व्यक्ति आपसी संबंधों को बांधे रखने या फिर अपने निजी स्वार्थ सिद्ध करने के लिए करता है। अब यह निर्भर करता है कि आपको ऐसे व्यक्ति से संबंध रखना है या नहीं। यह बातें राजधानी के सदर बाजार स्थित जैन मंदिर में चल रहे प्रवचन श्रृंखला "जिनवाणी की वर्षा" के दौरान रविवार को दिर्घ तपस्वी प.पू. श्री विरागमुनि जी म.सा. ने कही। 

मुनिश्री कहते है कि आज झूठ बोलने की नौबत क्यों आ रही है, यह समझने वाली बात है। आज आपको अगर एक दिन में चार शादियां अटेंड करनी है तो आप छोटे भाई, संतान और बुजुर्गाें को केटेगरी देख कर अलग-अलग पार्टियों में शामिल होने भेज देते हो। वहीं, जब धर्म की बात आती है तो आप व्यापार को पुत्र के हवाले कर खुद धार्मिक आयोजनों में शामिल हो जाते हो। ऐसा इसलिए क्योंकि आप डरते हो कि कहीं आपका पुत्र जो आपका उत्तराधिकारी है, वह गुरूवाणी से प्रभावित न हो जाए। जबकि आप खुद व्यापार संभालते और बच्चों को धर्म सभाओं में भेजते तो आज यह नौबत आती ही नहीं कि आपको अपने बच्चों को समझाना या डांटना पड़े। हमें इस भव में आत्मा के गुणों में सुधार करना है। वैसे इसमें बच्चों की कोई गलती नहीं बल्कि माता-पिता और दादा-दादी की है। उन्होंने बचपन से बच्चों को यह संस्कार दिये होते तो आज यह नौबत आती ही नहीं। जबकि आज तो लोग धन-संपत्ति कमाने के लिए पाप की गिनती नहीं गिनते, उलटा पाप के रास्ते पर चलने लग जाते है। आपको पुण्य चुनना है क्योंकि पाप के रास्ते आसान तो होते है लेकिन जब पाप से आपका मन भर जाता है तो पुण्य के ट्रैक पर आपका वापस आना मुश्किल हो जाता है फिर आपको बहुत पुरूषार्थ करना पड़ता है। 

मुनिश्री का आज होगा 121वां उपवास

रायपुर की पावन धरा में 20 जुलाई से जैन संत दीर्घ तपस्वी श्री विरागमुनि जी का चातुर्मास प्रारंभ होने जा रहा है। उन्होंने रविवार को अपना 120वां उपवास पूरा कर लिया है और सोमवार को मंगल प्रवेश के दिन उनका 121वां उपवास होगा। इन उपवास के बाद पारणा वे उनके द्वारा लिए गए संकल्प पूर्ण होने के बाद करेंगे। उपवास के दौरान वे केवल दिन में गर्म पानी का सेवन करते हैं। 

आत्मस्पर्शी चातुर्मास समिति 2024 के अध्यक्ष पारस पारख, महासचिव नरेश बुरड़ और कोषाध्यक्ष अनिल दुग्गड़ ने बताया कि रायपुर को इस वर्ष श्री विरागमुनि जी के वर्षावास का सौभाग्य मिला है और इसी कड़ी में सोमवार को मुनिश्री का दादाबाड़ी में मंगल प्रवेश होगा और सुबह 7.30 बजे सदर बाजार जैन मंदिर से दादाबाड़ी तक भव्य वरघोड़ा निकाला जाएगा। मुनिश्री के मंगल प्रवेश के लिए देशभर से श्रावक-श्राविकाएं रायपुर की पावन धरा पर पधार चुके हैं।

 
और भी

46 साल बाद खुलेगा पुरी जगन्नाथ मंदिर का प्राचीन खजाना, विषैले सांप करते हैं रखवाली

  46 साल बाद आज पुरी जगन्नाथ मंदिर का खजाना खोलने का मुहूर्त तय किया गया है। खजाना खोलने से पहले यहां पर सांपों की मौजूदगी की आशंका के चलते स्नेक हेल्पलाइन के साथ ही मेडिकल टीम भी मौके पर तैनात की गई है। ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन के अनुसार मंदिर का रत्न भंडार खोलने के बाद जेवरातों व कीमती चीजों की एक लिस्ट बनाई जाएगी।


गौरतबल है कि ओडिशा सरकार जगन्नाथ मंदिर के खजाने यानी रत्न भंडार को आज 46 साल बाद एक बार फिर खोलने जा रही है। इस खजाने में मौजूद जेवरात और अन्य कीमती सामानों की सूची तैयार होगी। कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि दुनियाभर में रह रहे भगवान जगन्नाथ के भक्तों को काफी समय से इस पल का इंतजार था। आभूषणों की क्वालिटी की जांच होगी और कीमती सामानों का वजन किया जाएगा। इस खजाने को लेकर मेडिकल टीम अलर्ट है, क्योंकि यहां सांपों की मौजूदगी बताई जा रही है।



बता दें कि खजाने के कीमती सामानों की सूची की निगरानी के लिए राज्य सरकार ने समिति बनाई है। इस समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बिश्वनाथ रथ ने कहा कि जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार आज दोपहर 1.28 बजे फिर से खोला जाएगा। ओडिशा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि जिस स्थान पर कीमती सामान अस्थायी रूप से रखा जाएगा, वह भी तय कर लिया गया है।



मिली जानकारी के अनुसार पुरी जगन्नाथ मंदिर में स्नेक एक्सपर्ट तैयार हैं। मंदिर के रत्न भंडार का अंदरूनी हिस्से का ताला खोलने की तैयारियां चल रही हैं। खजाने रखने के लिए बड़े ट्रंक बॉक्स लाए गए हैं। मंदिर में मौके पर एसपी पिनाक मिश्रा पुलिस बल के साथ मौजूद हैं। पुजारी माधव पूजा पंडा सामंत भी मौजूद हैं।



खजाने के आभूषणों की डिजिटल फोटोग्राफी कराई जाएगी। मंत्री ने कहा कि जेवरात की सूची को लेकर पारदर्शिता रखने के लिए हम आरबीआई की मदद ले रहे हैं। आरबीआई के प्रतिनिधि सूची बनाए जाने के दौरान मौजूद रहेंगे। इसके लिए प्रबंध समिति द्वारा गठित टीम के साथ काम करेंगे। हर कार्य के लिए अलग टीमें हैं।



रत्न भंडार के लिए एसजेटीए मुख्य प्रशासक के नेतृत्व में एक विशेषज्ञ टीम बनाई गई है। इनमें एएसआई, सेवकों, प्रबंध समिति और हाई पावर कमेटी के प्रतिनिधियों को विशेषज्ञ पैनल के सदस्यों के रूप में शामिल किया गया है। मंदिर का खजाना आज शुभ मुहूर्त में खोला जाएगा।

सबसे पहले पुरी जिला प्रशासन के पास मौजूद डुप्लिकेट चाबी के साथ खजाना खोलने की कोशिश की जाएगी। कानून मंत्री ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में ताला तोड़ा जाएगा। पिछली बार इन्वेंट्री प्रक्रिया को पूरा करने में 70 दिन से अधिक का समय लगा था। उन्होंने कहा कि इस बार तकनीक की मदद से कम समय में यह काम पूरा करने की कोशिश की जाएगी। पुरी में जस्टिस रथ ने कहा कि एक मेडिकल टीम, हेल्पलाइन के सदस्य और ताला तोड़ने वाला ग्रुप स्टैंडबाय पर है।

 

 

 
और भी

पहला सावन सोमवार को लेकर तैयारी में जुटे भगवान शिव के भक्त

 सावन का महीना भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के लिए समर्पित होता है। सावन का महीना भोलेनाथ को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाने के लिए उत्तम माना गया है।

बिलासपुरवासी प्रतिवर्ष भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर इस महाउत्सव में शामिल होते हैं। इस साल 22 जुलाई को पहला सावन सोमवार मनाया जाएगा।

 

शिव मंदिर शंकर नगर के पुजारी पंडित रमेश तिवारी का कहना है कि 22 जुलाई से सावन का पहला सोमवार मनाया जाएगा। सावन का समापन 19 अगस्त को होगा।

इस साल चार के बजाए पांच सावन सोमवार होंगे। बिलासपुर के प्रसिद्ध शिवालयों में सावन के दौरान भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। शिव भक्त विशेष रूप से बिलासपुर के शिवालयों में जाकर पूजा-अर्चना करेंगे। यहां भक्तों के लिए विशेष आयोजन किए जाएंगे, जिसमें भजन-कीर्तन और रुद्राभिषेक शामिल हैं।

प्रमुख शिव मंदिर, जहां पहुंचेंगे भक्त

देवरानी-जेठानी (रुद्र-शिव) मंदिर, तालागांव,बूढ़ा महादेव, रतनपुर. पातालेश्वर महादेव, मल्हार,चांटीडीह शिव मंदिर, अष्टमुखी शिव मंदिर, मध्यनगरी

और भी

अपने काम के लिए धूप में घंटों खड़े रह सकते हो, दूसरों के लिए पांच मिनट भी ज्वालामुखी जैसी तपिश देता है: श्री विरागमुनि जी

  जैन संत श्री विरागमुनि जी का रायपुर प्रवेश हो चुका है और वे जिनवाणी की वर्षा करते हुए शहर के श्रावक-श्राविकाओं को लाभान्वित कर रहे हैं। जिनवाणी की वर्षा के क्रम में रविवार को दीर्घ तपस्वी श्री विरागमुनिजी के श्रीमुख से विवेकानंद नगर में बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने प्रवचन का लाभ लिया। रायपुर शहर में चल रहे प्रवचन श्रृंखला के दौरान उन्होंने मन के रोग के संदर्भ में कहा कि अगर आपको 50 लाख रूपए का पेमेंट लेना हो तो आप धूप में घंटों तक खड़े रह सकते है। वहीं, आपके अगर दुकान में ग्राहक नहीं आ रहे तो आपको एसी में बैठकर भी गर्मी लगने लग जाएगी। जब तक हम अंदर से संतुष्ट नहीं होंगे तब तक हमें बाहर की विकृतियां दिखती रहेगी। हम अपने लिए तो कई घंटे धूप झेल सकते है लेकिन दूसरों के लिए पांच मिनट खड़ा होना भी ज्वालामुखी पर खड़े होना जैसा लगता है। 

मुनिश्री कहते है कि आज व्यक्ति मैं-मैं, मेरा-मेरा करते रहता है। मैंने बच्चों को पढ़ाया-लिखाया, पत्नी के लिए ऐसा किया, माता-पिता की सेवा की, दोस्तों-रिश्तेदारों का भरपूर सहयोग किया लेकिन किसी ने मेरे लिए कुछ नहीं किया, किसी ने मेरे बुरे समय में मेरा साथ नहीं दिया। जबकि यही सत्य है, इस दुनिया में किसी का कोई नहीं है। इसीलिए आपको अपनी आत्मा को पहचानना होगा क्योंकि जब आप अपनी आत्मा को पहचान लेंगे तो आपको किसी के सहयोग का इंतजार नहीं रहेगा। वैसे तो इस दुनिया में लगभग हर आदमी दुखी है, आप जिसे देखो चेहरा मुरझाया हुआ दिखता है, किसे से पूछेंगे तो वह अपनी दुख भरी कहानी सुनाएगा। अगर आपने इस दुख के पैटर्न को समझ लिया तो आप किसी ज्योतिष की तरह दूसरों का दुख उसके चहरे को देखकर ही बता सकते है। कारण यह है कि आज तक व्यक्ति ने आध्यात्म की स्पर्शना नहीं की। आज बाहर जितना भागमभाग मची हुई है, उससे कहीं ज्यादा भागदौड़ आपके अंदर मची हुई है। इसे सुलझाने के लिए आपको अपने गुरू को सारी बातें बता देनी चाहिए क्योंकि गुरू आपकी सारी समस्याओं को सुलझा सकता है बशर्तें उन्हें सभी बातें पता होनी चाहिए। 

एक बार की बात है एक व्यापारी लकड़ी का सामान बनाता था। लकड़ी पर नक्काशी कर वह उन्हें बेचकर खूब मुनाफा कमाता था। अपने गुरू को उन्होंने एक दिन यह बात बताई कि गुरूजी आपकी कृपा से मेरा व्यापार बढ़िया चल रहा है और अब जीवन अच्छा चल रहा है। गुरू ने तुरंत उसे यह काम बंद करने को कहा और बताया कि लकड़ी की नक्कासी करना न्यायोचित कार्य नहीं है, उससे पाप लगता है। उसने तुरंत अपना काम बंद कर दिया और पूरा कारोबार अपने पार्टनर को सौंपते हुए कहा कि अगर व्यापार से मुनाफा होने वाले पैसे भी तुम मुझे नहीं दोगे तो भी चलेगा। एक बार बड़ा मुनाफा हुआ और पार्टनर ने आकर उससे कहा कि मुनाफा बहुत बड़ा हुआ है, तुम गुडविल के 80 लाख रूपए ले लो तो उसने कहा कि यह पैसे भी तुम रख लो क्योंकि मैंने अगर यह पैसे तुमसे ले लिए तो जैसे-जैसे व्यापार बढ़ता रहेगा वैसे-वैसे मुझ पर पाप भी चढ़ता रहेगा। 

वॉलफोर्ट एनक्लेव-1 में होगा गुरू भगवंतों का पदार्पण

आत्मस्पर्शी चातुर्मास समिति 2024 के प्रचार प्रसार संयोजक नीलेश गोलछा और तरुण कोचर ने बताया कि जिनवाणी की वर्षा के क्रम में गुरू भगवंत 08 जुलाई की सुबह 5.30 बजे कटोरा तालाब जय कुमार बैद के निवास से विहार करते हुए वॉलफोर्ट एनक्लेव-1 पहुंचेंगे। यहां क्लब हाउस में सुबह 9 से 10 बजे मुनिश्री का प्रवचन होगा। आप सभी से निवेदन है जिनवाणी का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।

 
और भी

हाथरस की घटना के बाद संत प्रेमानंद ने बंद की रात्रि की पदयात्रा

 हाथरस में सत्संग स्थल पर हुई भगदड़ की घटना के बाद वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज अब रात्रि के समय सड़क पर अनिश्चित काल के लिए भक्तों से नहीं मिलेंगे। उन्होंने भक्तों से रात्रि के समय संत दर्शन के लिए रास्ते में खड़े न होने और भीड़ लगाने से मना किया है।

संत प्रेमानंद के रमणेरती क्षेत्र स्थित श्रीहित राधा केली कुंज आश्रम में संत के आश्रम से हाथरस घटना के बाद जारी पत्र में कहा गया है कि हाथरस में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और ह्रदय विदारक है, जिसमें हम सब की संवेदनाएं उनके परिजनों के साथ हैं। उन्होंने ठाकुरजी से प्रार्थना की है कि भविष्य में ऐसी कोई भी घटना न घटे।

उन्होंने अपने अनुयायियों को संदेश दिया कि हाथरस की घटना को देखते हुए सावधानी के तौर पर संत प्रेमानंद महाराज अपने छटीकरा मार्ग स्थित निवास स्थान से रात्रि 2.15 बजे से पद यात्रा करते हुए अपने आश्रम श्रीहित राधा केलि कुंज जाते थे। इस दौरान श्रद्धालु उनके दर्शन करते थे। वह अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है। उन्होंने श्रद्धालुओं को संदेश दिया कि वह रात में रास्ते में दर्शन के लिए खड़े न हो ना ही रास्ते में किसी प्रकार की भीड़ लगाएं।

 

और भी
Previous123456789...2324Next