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चाय को बार-बार गर्म करना हो सकता है आपकी सेहत पर भारी

 चाय बनाते समय होने वाली छोटी-मोटी लापरवाही आपकी हेल्थ को काफी हद तक डैमेज कर सकती हैं इसलिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। अगर आप दूध वाली चाय बना रहे हैं तो आपको इसमें दूध डालने के बाद 2 से 3 मिनट से ज्यादा बॉइल करने से बचना चाहिए। अगर चाय में डाला जाने वाला दूध पहले से गर्म है तो आप बॉइल करने के समय को थोड़ा सा और कम कर सकते हैं। अगर आप तीन मिनट से ज्यादा दूध वाली चाय को बॉइल करेंगे तो आपकी चाय का टेस्ट कड़वा हो सकता है।

 

दूध वाली चाय को ज्यादा देर तक उबालने की वजह से आपकी गट हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है। ज्यादा देर तक उबाली गई चाय पीने से आपको एसिडिटी, पेट में दर्द और कब्ज जैसी पेट से जुड़ी तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चाय को तीन मिनट से ज्यादा देर तक उबालने की वजह से इसमें मौजूद पोषक तत्व भी खत्म हो सकते हैं।

 

आपको चाय सर्व करने के थोड़ी देर के अंदर ही चाय को पी लेना चाहिए। कुछ लोगों की चाय जब ठंडी हो जाती है, तो वो उसे दोबारा गर्म करके पी लेते हैं। लेकिन चाय को बार-बार गर्म करने की आदत आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है। इस तरह चाय को बार-बार गर्म कर पीने की वजह से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा भी बढ़ सकता है। इसके अलावा चाय को दोबारा गर्म करने से उसके टेस्ट में भी बदलाव आ सकता है इसलिए चाय को सर्व करके एक ही बार में पी लेना चाहिए।

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गंदे से गंदे बर्तन चायपत्ती से होंगे चकाचक साफ

 रोजाना घर की कितनी सफाई कर लें। लेकिन कहीं ना कहीं कमी रह ही जाती है। वहीं किचन की सफाई में कुछ ना कुछ रहता ही है। अब रसोई घर की कुछ चीजें साफ करने के लिए हम आपके लिए जबरदस्त ट्रिक लेकर आए आइए जानते हैं।

ज्यादातर लोग चायपत्ती का इस्तेमाल टेस्टी चाय पीने या फिर खाद के तौर पर किया होगा। वहीं, कई लोग हैं चायपत्ती को बेकार समझकर फेंक देते हैं। लेकिन यह अब कचरा नहीं रहा। इसका इस्तेमाल आप साफ-सफाई में कर सकते हैं। चाय बनाने के बाद आप इसका रियूज कर सकते हैं। इसे आप किचन के सामान की क्लीनिंग के लिए कर सकते हैं।

प्लास्टिक के डिब्बे क्लीन करें

किचन में रखें प्लास्टिक के डिब्बों में चिकनाई लग जाती है, इसे क्लीन करने के लिए आप बची हुए चायपत्ती को प्रायोग कर सकते हैं। डिब्बे साफ करने के लिए सबसे पहले बची हुई चायपत्ती को एक बर्तन पानी में डालकर उबाल लीजिए। इस घोल से डिब्बों को स्पंज की मदद से रगड़कर साफ कर लें।

कांच के बर्तन साफ करें

बची हुई चायपत्ती और लिक्विड डिशवॉश के घोल से आप कांच के बर्तनों के दाग और चिकनाई को हटा सकते हैं। इसके साथ ही घर के कांच भी साफ कर सकते हैं। क्लीनिंग के लिए बर्तनों पर इस घोल को लगाकर साफ कपड़े के मदद से हल्के हाथों से रब करें। फिर इसे आप साफ पानी से धो ले। इससे कांच एक दम चमक जाएगा।

किचन की सिंक करें क्लीन

सिंक की सफाई के लिए आपको एक बर्तन में एक कप में एक चम्मच चाय पत्ती, 2 चम्मच डिटर्जेंट पाउडर या जेल, 2 चम्मच बाथरूम क्लीनर और 2 चम्मच कास्टिक सोडा डालकर उबाल लीजिए। इसे छन्नी से छानने के बाद सिंक के ऊपर अच्छी तक ब्रश की मदद से फैला दीजिए। 15 मिनट तक ऐसे ही छोड़ दें इसके बाद रगड़कर साफ कर लें।

 

 

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भरवा करेला बनाते समय इन टिप्स को करें फॉलो

 करेले का नाम सुनकर अधिकतर लोग टेढ़े-मेढ़े मुंह बनाते हैं। यह सच है कि करेला कड़वा होता है और इसलिए लोग इसे खाने से बचते हैं। जबकि इसे वास्तव में सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। अगर आप करेले को एक टेस्टी तरीके से खाने का मन बना रहे हैं तो ऐसे में भरवा करेला बनाना अच्छा विचार हो सकता है। आप इसे अपनी थाली में साइड डिश के रूप में शामिल कर सकते हैं। वहीं, कुछ लोग तो सिर्फ भरवा करेले से भी रोटी खाना काफी पसंद करते हैं। अगर आप भी घर पर टेस्टी भरवा करेला बनाना चाहते हैं तो ऐसे में कुछ छोटे-छोटे टिप्स को फॉलो कर सकते हैं।

सही करेले का चयन

भरवा करेले का टेस्ट काफी अच्छा आए, इसके लिए सबसे पहला और जरूरी स्टेप है कि आप सही करेले का चयन करें। भरवा करेले बनाने के लिए आप हमेशा मीडियम साइज के सख्त और कम दाग वाले ताजे करेले चुनें। ताजे करेले का टेक्सचर अच्छा होता है और कड़वाहट कम होती है, जिससे यह अधिक टेस्टी बनता है।  

कड़वाहट करें कम

करेले में अगर कड़वाहट हो तो पूरा स्वाद ही खराब हो जाता है। इसलिए, करेले की कड़वाहट को कम करने के लिए खुरदुरे छिलके को हल्के से खुरचें और करेले को नमक वाले पानी में लगभग 30 मिनट से एक घंटे तक भिगोएँ। भिगोने के बाद उन्हें धीरे से निचोड़ें। नमक और भिगोने से कड़वाहट कुछ हद तक कम हो जाती है, जिससे करेले ज़्यादा स्वादिष्ट बनते हैं।

सही तरह से पकाएं

भरवा करेलों को हमेशा मध्यम आंच पर शैलो फ्राई करें। आप इसे तब तक तलें जब तक वे समान रूप से भूरे न हो जाएं। इसके बाद आप इन्हें ढककर धीमी आंच पर तब तक पकाएं जब तक वे नरम न हो जाएं। अगर आप चाहें तो भरवा करेलों को ओवन में भी बेक कर सकते हैं। करेले को शैलो फ्राई करने से करेले बाहर से कुरकुरे लगते हैं, जबकि ढककर धीमी आंच पर पकाने से वे पूरी तरह पक जाते हैं और सभी फ्लेवर अच्छी तरह मिक्स हो जाते हैं।

 

 

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भोजपुरी एक्ट्रेसेस ने अपनी खूबसूरती के दम पर दूसरी इंडस्ट्री में भी मचाया धमाल

 बीते कई सालों से भोजपुरी इंडस्ट्री का लोगों में काफी ज्यादा क्रेज देखने को मिला है। सबसे ज्यादा भोजपुरी इंडस्ट्री की एक्ट्रेसेस आए दिन सुर्खियां बटोरती रहती हैं। लोग भी इन्हें जमकर पसंद करते हैं। फिल्मों के साथ-साथ ये एक्ट्रेसेस सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं।


आज हम आपके लिए ऐसी एक्ट्रेसेस लिस्ट लेकर आए हैं, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत भोजपुरी इंडस्ट्री से की, लेकिन वे आज हर इंडस्ट्री में फेमस है। इनके गाने रिलीज होते ही वायरल हो जाते हैं। आइए, जानते हैं कि वे एक्ट्रेस कौन सी हैं।
नम्रता मल्ला

भोजपुरी इंडस्ट्री की सबसे हाॅट एक्ट्रेस मानी जाने वाली नम्रता मल्ला अपनी हॉटनेस और बोल्डनेस के लिए सबसे ज्यादा में रहती हैं। वे अपने गानों में बोल्ड सीन देने के साथ-साथ अपने सोशल मीडिया पर भी हाॅट फोटोज शेयर करती हैं। नम्रता को सोशल मीडिया पर भी खूब पसंद किया जाता है।
अक्षरा सिंह

अक्षरा सिंह भी भोजपुरी इंडस्ट्री की टॉप एक्ट्रेस मानी जाती हैं। उन्हें इस इंडस्ट्री की नगीना कहा जाता है, क्योंकि वे काफी टैलेंटेड और खूबसूरत हैं। वे अपने भोजपुरी गानों से आग लगा देती हैं। इतना ही नहीं, फैंस भी उनके गानों को खूब पसंद करते हैं।

आम्रपाली दुबे

भोजपुरी इंडस्ट्री की टॉप एक्ट्रेस की लिस्ट में आम्रपाली दुबे का नाम न आए, ऐसा नहीं हो सकता। आम्रपाली दुबे के गाने भी काफी फेमस होते हैं। उनके हर गाने पर मिलियन व्यूज आते हैं। वे इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहती हैं। अपनी हाॅट और बोल्ड अदाओं से वे लोगों का दिल जीतती रहती हैं।

काजल राघवानी

काजल राघवानी एक ऐसी एक्ट्रेस हैं, जो अपनी सादगी के साथ-साथ अपनी बोल्डनेस के लिए भी खूब फेमस हैं। इंडस्ट्री में पवन सिंह और उनकी जोड़ी खूब पसंद किया जाता है। काजल 16 साल की उम्र से ही इंडस्ट्री का हिस्सा है और अभी तक वे जाना-पहचाना नाम बन चुकी हैं।

मोनालिसा

भोजपुरी इंडस्ट्री की क्वीन कहलाने वाली मोनालिसा की हर अदा पर फैंस फिदा है। उनकी फिल्में और गानों को अलग रख दिया जाए, तो उनका सोशल मीडिया ही आग लगाने के लिए काफी है। वे भोजपुरी इंडस्ट्री के साथ-साथ बाॅलीवुड इंडस्ट्री में भी काफी फेमस हैं। फैंस उनकी फोटोज का इंतजार करते रहते हैं।

 

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झटपट से बनाएं यह मलाई सैंडविच

 आमतौर पर बच्चों को बाहर का स्ट्रीट फूड कुछ ज्यादा ही पसंद आ रहा है। घर का खाना तो उन्हें पसंद भी नहीं आ रहा है। जब पिज्जा-बर्गर मिल जाए तो बड़े ही स्वाद से खाते हैं, लेकिन घर में  हरी  सब्जी बन जाए तो उसे खाते नहीं है। बाहर का स्ट्रीट फूड खाने से बीमारियां होती है इसलिए घर पर ही बच्चों के लिए स्ट्रीट फूड जैसा हेल्दी चीजें बनाएं। आज हम इस लेख में लेकर आए मलाई सैडविच की रेसिपी। घर में एक बार बन लिया तो बच्चे बार-बार इसे मांगेंगे। आइए जानते हैं इसे बनाने का तरीका।

मलाई सैंडविच बनाने की सामग्री

-ब्रेड

- ताजा मलाई

- शिमला मिर्च

- प्याज

- टमाटर

- कॉर्न

- काली मिर्च

- ऑरिगैनो

- नमक

- कैचअप

- मक्खन

सैंडविच बनाने की विधि

- सबसे पहले आप मलाई सैंडविच बनाने के लिए सभी  सब्जियों को बरीक काट लें।

- इसके बाद इन सब्जियों को मलाई में डालकर इसमें नमक और ऑरेगैनो अच्छी तरह से मिक्स करें।

- अब आप एक ब्रेड स्लाइस पर टोमैटो केचअप की लेयर लगाकर सब्जियों का मिश्रण लगाएं और ऊपर से दूसरा स्लाइस लगाकर सैंडविच बना लें।

- फिर आप हल्का सा बाटर लगाने के बाद इसे सुनहरा होने तक दोनों साइड से सेक लें।

- अब इस सैंडविच को अपने बच्चे की पसंदीदा शेप में काट लें और सॉस के साथ परोसें।

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गंदे से गंदे काले पड़े गैस बर्नर होंगे साफ, बस अजमाएं ये टिप्स

 जब हम सभी किचन की सफाई करते हैं तो गैस के बर्नर को साफ करना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में परेशान होते हैं कैसे साफ करें। लेकिन कई बार ये साफ होने के बाद भी गंदे ही दिखते हैं। अगर लंबे समय तक गैस बर्नर साफ न करें तो उनके छेदों में गंदगी जमने लगती है और ये मेल से काले भी दिखने लगते है। जिस कारण कई बार गैस से आग सही नहीं निकलती और गैस लीक होने का खतरा भी बना रहता है। वैसे तो इसे साफ करने में ज्यादा समय लगता है लेकिन इस ट्रिक के माध्यम से मिनटों में होगा साफ।

बर्नर को साफ करने के लिए आप सिरका इस्तेमाल कर सकते हैं। इस का प्रयोग से बर्नर अच्छे से साफ होगा। सबसे पहले एक कटोरी में सिरका और नमक डालकर मिक्स करके उबाल लें। इस पानी में गंदे गैस के बर्नर डालकर कुछ देर के लिए रख दें। इस उपाय के बाद गंदे बर्नर जैसे चमक जाएंगे।

ईनो का इस्तेमाल

गैस बर्नर साफ करने के लिए आप इस टिप्स को जरुर फॉलो करें। आपको एक कटोरी गर्म पानी लेकर उसमें नींबू और इनो को मिक्स करके इस लिक्विड को बर्नर पर कुछ देर डालकर छोड देना है। इसके बाद लिक्विड को साफ करके ब्रेश की मदद से साफ करके साफ पानी से धोकर सूखे कपड़े से सूखा लें।

नींबू का यूज करें

गंदे गैस बर्नर को साफ करने के लिए नींबू का यह उपाय कर सकते है। इस उपाय को फॉलो करने के लिए एक बाउल में गर्म पानी लेकर उसमें रात भर के लिए बर्नर को डूबा दीजिए। अगली सुबह नींबू के छिलके में नमक लगाकर बर्नर की सफाई करें। इस किचन हैक्स को फॉलो करने से गैस बर्नर नए की तरह चमकने लगेगा।

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वेब सीरीज '1000 बेबीज' का टीजर जारी, नीना गुप्ता को देख उड़े होश...

 डिज्नी प्लस हॉटस्टार ने अपनी नई वेब सीरीज '1000 बेबीज' का टीजर जारी कर दिया है। यह एक मलयालम सीरीज है। इस थ्रिलर सीरीज में नीना गुप्ता ने अहम रोल अदा किया है। '1000 बेबीज' का टीजर काफी खतरनाक लग रहा है। इसका निर्देशन नजीम कोया ने किया है। इसका निर्माण अगस्त सिनेमा द्वारा किया गया है। सीरीज की स्ट्रीमिंग कब से शुरू होगी, फिलहाल इसके बारे में कोई आधिकारिक एलान नहीं किया गया है। सीरीज में शंकर शर्मा का संगीत सुनने को मिलेगा।


'1000 बेबीज' के टीजर की शुरूआत में एक सुनसान जंगल दिखाई देता है। इसके बाद एक अस्पताल और उसमें कुछ गर्भवती महिलाएं दिखाई देती हैं। वहां काम कर रही नर्स को देखकर लगता है कि दाल में कुछ काला है। तभी जंगल में नीना गुप्ता का किरदार दिखता है, जो कहती हैं कि मेरे बच्चों की आवाज मेरे कानों में गूंजती है। सारे बच्चे एक साथ चिल्ला रहे हैं। इसके बाद अन्य कलाकारों की एंट्री होती है।

ये कलाकार आएंगे नजर
'1000 बेबीज' में नीना गुप्ता के साथ-साथ संजू शिवराम, सिराजुद्दीन नजर, अश्विन कुमार, रहमान, राधिका राधाकृष्णन, शाजू श्रीधर, जॉय मैथ्यू, इरशाद अली, श्रीकांत मुरली, आदिल इब्राहिम, श्रीकांत बालचंद्रन, मनु एम लाल, दिलीप मेनन, शालू रहीम, वीकेपी, डेन डेविस, नाजलिन और धनेश आनंद समेत कई कलाकारों ने काम किया है। मालूम हो कि नीना गुप्ता को 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में 'ऊंचाई' फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार मिला था।

 

 

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स्वास्थ्य के अच्छा क्या है- फलों का जूस या फल

 फल खाना ज्यादा फायदेमंद होता है या फलों का जूस पीना लाभदायक रहता है। इन दोनों में से आपको क्या चुनना चाहिए? फल स्वादिष्ट, ताज़ा और विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। आप उन्हें सीधे खा सकते हैं या जूस निकालकर भी पी सकते हैं। फलों को मिक्स करके भी पिया जा सकता है। चाहे वह नींबू के रस के साथ फलों की चाट हो या थोड़े से सेंधा नमक के साथ एक गिलास मिक्स फलों का रस, लेकिन जब दोनों में से किसी एक को चुनने की बात आती है तो आपको किसे चुनना चाहिए? आज इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि दोनों में आपके शरीर के लिए क्या बेस्ट है।

साबुत फल खाने के फायदे

पूरे फल खाने से आपके शरीर को ढेर सारा फाइबर मिलता है, जो पाचन में सुधार और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। ताजे फलों को खाने से भी आपके शरीर को भरपूर मात्रा में विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोकेमिकल्स मिलते हैं। फल खाने से मोटापे और पुरानी बीमारियों का खतरा भी कम होता है। फलों और सब्जियों को खाने से शरीर को भरपूर आहार मिलता है। साथ ही फलों को खाने को वजन कम करने में भी मदद मिलती है। फलों में कैलोरी कम होती है और फाइबर की मात्रा बहुत अधिक मात्रा में सेवन किए बिना आपको जल्दी से फ्रेश कर देती है। फल जो वजन घटाने में मदद कर सकते हैं उनमें जामुन, सेब, नाशपाती, खट्टे फल और अंगूर शामिल हैं।

फलों के रस के फायदे और नुकसान

फलों का रस एक या एक से अधिक फलों को मिक्स करके बनाया जाता है। यह फलों का सेवन करने का एक आसान तरीका हो सकता है। हालांकि, जूस में पूरे फल में पाए जाने वाले फाइबर की कमी होती है और पूरे फल के सभी पोषक तत्वों और एंटीऑक्सिडेंट को बरकरार नहीं रख पाता है। यह चीनी और कैलोरी में भी उच्च हो सकता है, खासकर यदि आप पैकेज्ड जूस पी रहे हैं।

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इन समस्याओं में खाएं अजवाइन, हींग और काला नमक

 अजवाइन हींग और काला नमक, तीनों ही डाइजेस्टिव गुणों से भरपूर है। अजवाइन जहां एंटीबैक्टीरियल है वहीं, हींग आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है। हींग में कुछ डाइजेस्टिव गुण होते हैं जो कि आंतों के काम काज को तेज करते हैं। इसके अलावा काला नमक पेट में हाइड्रेशन को बढ़ाता है और एक लैक्सटेसिव की तरह काम करता है। इससे आंतों में थोक जुड़ता है और जिससे मल त्याग आसान हो जाता है। इतना ही नहीं ये पेट की कई समस्याओं में भी कारगर तरीके से काम करता है।

1. कब्ज में

अजवाइन हींग और काला नमक कब्ज की समस्या में कारगर तरीके से काम करते हैं। ये लैक्सटेसिव है जो कि मल त्याग को आसान बनाता है। ये आंतों की गतिविधियों को तेज करता है और मल त्याग को आसान बनाता है। इसके अलावा ये तीनों पानी को सोख लेते हैं और आंतों की गति को तेज कर देते हैं। इसकी वजह से बॉवेल मूवमेंट तेज होता है और मल त्याग को आसान बनाता है।

2. एसिडिटी और अपच में

एसिडिटी और अपच की समस्या में अजवाइन हींग और काला नमक का सेवन फायदेमंद है। ये पेट में बने अतिरिक्त गैस को बाहर निकालने और एसिडिटी को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा ये सीने में जलन और जीआरडी के लक्षणों में कमी लाता है। साथ ही ये पेट के अस्तर को आराम पहुंचाता है जिससे एसिड रिफ्लक्स कम होता है। इतना ही नहीं ये खाना पचाने में मदद करता है जिससे अपच की समस्या नहीं होती है।

3. पेट दर्द में

पेट दर्द में ये तीनों ही चीजें कारगर तरीके से काम आती हैं। दरअसल, ये तीनों एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है जो कि पेट दर्द से आराम दिलाते हैं। ये आपके पेट में डाइजेस्टिव एंजाइम्स को बढ़ावा देते हैं जिससे पेट हो रही दर्द और सूजन में कमी आती है। तो, अजवाइन हींग और काला नमक का सेवन करें और इन तमाम समस्याओं से छुटकारा पाएं। ये कारगर तरीके से काम करते हैं।

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खाली पेट गुड़ का पानी पीने से सेहत को मिलते हैं ये फायदे

 एनर्जी लेवल बढ़ता है: गुड़ कार्बोहाइड्रेट और ग्लूकोज का एक प्राकृतिक स्रोत है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करने के लिए जाना जाता है।  सुबह के मस इसक अपनी पीने से आप दिनभर ऊर्जावान महसूस करेंगे।

पाचन करता है बेहतर: सुबह के समय गुड़ का सेवन करने से आपका पाचन भी बेहतर होता है।  दरअसल,  गुड़ पाचन एंजाइम को एक्टिव करता है जिससे कब्ज की समस्या नहीं होती है। नियमित रूप से इसका पानी पीने से पाचन क्रिया बेहतर होती है और आपका भोजन आसानी से पच जाता है।

 

शरीर को करता है डिटॉक्सीफाई: गुड़ में प्राकृतिक डिटॉक्सीफाइंग गुण होते हैं जो लीवर को साफ करने और रक्त को शुद्ध करने में मदद करते हैं। इसका पानी पीने से आपकी बॉडी से वेस्ट पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते हैं।  

हार्मोन को संतुलित करता है: गुड़ में फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो शरीर में इंसुलिन और कोर्टिसोल हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करता है।  

 

इम्यून सिस्टम करे मजबूत: बारिश के इस मौसम में लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती हैं।  ऐसे में उसे बढ़ाने के लिए आप गुड़ का सेवन कर सकते हैं।  गुड़ मैग्नीशियम, विटामिन बी 1, बी 6 और सी का एक बड़ा स्रोत है। यह एंटीऑक्सिडेंट और खनिजों से भरा हुआ है।

हड्डियों का स्वास्थ्य: गुड़ हड्डियों को मजबूत बनाता है, जोड़ों के दर्द से राहत देता है, गठिया जैसी हड्डियों की बीमारियों को ठीक करता है और शरीर को आराम देता है। साथ ही गुड़ पोटेशियम से भरपूर होता है, यह शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।

 

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सर्दियों में गर्म पानी से नहाना हो सकता है नुकसानदायक

 अगर आप सर्दियों में गर्म पानी से नहा रहे हैं तो कुछ चीजों का ध्यान रखना काफी जरूरी है। अगर आपने ख्याल नहीं रखा तो सर्दी में गर्म पानी से नहाने का नुकसान ऐसा मिलेगा कि आप सोच भी नहीं पाएंगे।

एक्सपट्र्स के अनुसार, अगर सर्दी के मौसम में आप ज्यादा देर तक गर्म पानी से नहाते हैं तो सेहत के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं रहता है। एक्सपट्र्स के अनुसार, ज्यादा गर्म पानी से लंबे समय तक नहाने से शरीर और दिमाग दोनों पर बुरा असर पड़ता है।

एक्सपट्र्स के अनुसार, गर्म पानी में केराटिन स्किन सेल्स को डैमेज करता है, जिस वजह से त्वचा में खुजली, सूखापन और रैशेस की समस्य पैदा हो जाती है. इसलिए सलाह दी जाती है कि हमेशा सर्दियों में हल्के गर्म पानी से ही नहाना चाहिए।

एक्सपट्र्स की मानें तो अगर सर्दियों में आप तेज गर्म पानी से नहाते हैं तो यह शरीर में सुस्ती का कारण भी बन सकता है. दरअसल, गर्म पानी से नहाकर बॉडी रिलैक्स मोड में आ जाती है और इंसान को नींद आती है। इससे आपकी दिनभर की ऊर्जा पर भी असर देखने को मिल सकता है। आज सुस्त महसूस कर सकते हैं। वहीं एक्सपट्र्स के अनुसार, गर्म पानी से नहाने से आपको बालों को भी नुकसान पहुंचता है। तेज गर्म पानी आपके बालों को डैमेज कर सकता है। दरअसल, गर्म पानी से बालों में नमी कम हो जाती है, जिस वजह से वह रूखे और बेजान होने लगते हैं।

ज्यादा कपड़े न पहनें

सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए ज्यादा भी कपड़े नहीं पहनने चाहिए। ऐसा करने से आपका शरीर ओवरहीटिंग का शिकार भी हो सकता है। दरअसल, जब इंसान को ठंड लगती है तो उसका इम्यून सिस्टम व्हाइट ब्लड सेल्स बनाता है, जो इंफेक्शन और बीमारियों से बचाव  में मददगार है। ऐसे में बॉडी ओवरहीट होने पर इम्यून अपना काम ठीक से नहीं कर पाता है।

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कब और कैसे करें मूंग की दाल का सेवन

 मसूर और तूर से लेकर चना और मोठ तक, ऐसी कई तरह की दालें हैं  जिनका हम अपनी डेली लाइफ में खाने के लिए इस्तेमाल करते यहीं और इनका सेवन करने से हमे कई तरह के फायदे मिलते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक दाल ऐसी भी है जिसका सेवन कर आप आसानी से वजन कम कर सकते हैं। यह है छिलके वाली मूंग दाल… फाइबर से भरपूर मूंग दाल का सेवन ज्‍यादातर लोग बीमारी के समय करते है। छिलके वाली मूंग दाल कोलेसिस्टोकाइनिन हार्मोन को बढ़ाने में मदद करती है, जो खाने के बाद आपको भरा हुआ महसूस कराता है और आपके स्लो मेटाबोलिज़म को फास्ट करता है इस प्रकार, यह आपको अधिक खाने से रोककर वजन को नियंत्रित करने में मदद करती है। तो चलिए जानते हैं वजन कम करने के लिए आप इस दाल का इस्तेमाल कैसे करें?

मूंग की दाल पोषक तत्वों से भरपूर है इसमें आयरन, विटामिन बी 6, विटामिन सी, फाइबर, कॉपर, फास्फोरस और मैग्नीशियम और कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। इसको खाने के बाद आपको लम्बे समय तक भूख नहीं लगेगी जिससे आप ओवरईटिंग से बच जाते हैं। इस वजह से आपको वेट लॉस में मदद मिलती है। इसका सेवन करने से आपका पाचन भी बेहतर होता है।

 

मूंग की दाल का सेवन आप सलाद, सूप, चीला के रूप में कर सकते हैं। आप इन्हें उबाला या स्टीम कर भी खा सकते हैं। साथ ही उन्हें अंकुरित, कच्चा और पकाकर खाया जा सकता है। आप इसका सेवन  लंच डिनर और ब्रेकफास्ट कभी भी कर सकते हैं।

 

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मधुमेह के मरीज ऐसे करें आंवला का सेवन

 आंवल में विटामिन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट काफी मात्रा में पाए जाते हैं जो शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। आंवला डाइजेशन और मेटाब्लिजम दुरुस्त करता है जो बॉडी में एक्स्ट्रा शुगर को जमा होने से रोकता है। आयुर्वेद में भी आंवला को मधुमेह के मरीजों के लिए कारगर माना गया है इसलिए अपनी डाइट में आंवल को नियमित रूप से लें।

मधुमेह के मरीज रोजाना सुबह आंवला का जूस पी सकते हैं। इसके अलाव आप आंवला को धूप में सुखाकर उसका पाउडर भी बना सकते हैं। एक बार जब पाउडर तैयार हो जाए, तो इसे एक कप पानी में एक चम्मच तक मिलाना शुरू करें और हर दिन घोल पिएँ। आप इसे मीठा करने के लिए इसमें थोड़ा शहद भी मिला सकते हैं। आप रोजाना आंवला खा सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि बहुत ज्यादा न खाएं क्योंकि इससे कब्ज हो सकता है। आप आंवले की चटनी भी बना सकते हैं। चटनी बनाने के लिए, आंवला के गूदे को थोड़े से धनिया, मिर्च और अदरक के साथ पीस लें। नमक डालकर इसका सेवन करें।

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सौंफ का सेवन करने से मिलते हैं ये फायदे

 आंखो की रौशनी होती है तेज: सौंफ़ के बीज आपकी आँखों की सेहत के लिए फ़ायदेमंद हो सकते हैं। इसमें विटामिन ए होता है, जो आँखों के लिए ज़रूरी है।

वजन घटाना: सौंफ के बीज वजन घटाने में सहायक हो सकते हैं। सौंफ खाने से भूख कम लगती है और लोग ओवरईटिंग से बच जाते हैं। यह फाइबर से भरपूर बीज आपके पेट को लम्बे समय तक भरा हुआ रखता है.ऐसे में मोटापे से पीड़ित लोगों के लिए सौंफ मददगार हो सकते हैं।

कैंसर में फायदेमंद: सौंफ़ में एनेथोल पाया जाता है, जिसमें कैंसर से लड़ने वाले गुण पाए गए हैं। शोध से पता चला है कि एनेथोल स्तन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने और स्तन और यकृत कैंसर कोशिकाओं दोनों के प्रसार को रोकने में प्रभावी है।

दूध बढ़ाए: सौंफ़ के बीजों में एनेथोल पाए जाते हैं जो दूध उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि सौंफ़ के बीज खाने से प्रोलैक्टिन बढ़ता है - वह हार्मोन जो दूध उत्पादन को बढ़ाता है।

पाचन में सुधार: भोजन के बाद पाचन को बेहतर करने और गैस से राहत पाने के लिए के लिए लोग सौंफ़ खाते हैं। सौंफ़ आंतों में सूजन को कम करके और गैस पैदा करने वाले बैक्टीरिया को कम करके पाचन में मदद करती है।

पीरियड्स क्रैम्प्स से दिलाए राहत:  पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से राहत दिलाने में सौंफ काफी कारगर है। सौंफ ऑक्सीटोसिन और प्रोस्टाग्लैंडीन के प्रोडक्शन को कम कर सकती है, ये दो हार्मोन हैं जो दर्दनाक पीरियड्स का कारण बनते हैं।

कैसे करें सेवन?

सौंफ का सेवन आप कई तरह से कर सकते हैं। आप सौंफ की चाय पी सकते हैं।  साथ ही आप सुबह के समय सौंफ के पानी का भी सेवन कर सकते हैं। रात में सौंफ को पानी में भिगोकर रखें और सुबह ये पानी गुनगुना कर पियें। इससे आपको काफी फायदा होगा।

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खून की कमी को आयरन से भरपूर ये चीज़ें करती हैं दूर

 आयरन कम होने पर एनीमिया के शिकार हो सकते हैं। एनीमिया की समस्या में रेड ब्लड सेल्स नहीं बन पाते हैं जिससे हीमोग्लोबिन लेवल कम हो जाता है और इस वजह से कई बीमारियां हो सकती हैं। बता दें, हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है जो फेफड़ों से ऑक्सीजन को शरीर के अन्य सभी अंगों तक पहुंचाता है। ऐसे में आयरन को हीमोग्लोबिन का जरूर घटक माना जाता है। आयरन से शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं (रेड ब्लड सेल्स) बनती हैं जो पूरे शरीर में खून के साथ ऑक्सीजन की सप्लाई करती हैं। एनीमिया होने पर थकान, कमजोरी और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। ऐसे में शरीर में खून की कमी न हो इसलिए अपनी डाइट में आयरन से भरपूर इन फूड्स का सेवन करें।

खजूर, अंजीर और किशमिश: खून की कमी को पूरा करने में इन ड्राई फ्रूट का कॉम्बिनेशन कमाल का है। इन नट्स में आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर, विटामिन ए और सी पाया जाता है। 2-3 रात भर भिगोए हुए खजूर, 2 अंजीर और एक चम्मच किशमिश नाश्ते के रूप में या अपने नाश्ते के साथ लें, जो तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं और शरीर में आयरन बढ़ाते हैं।

आंवला, चुकंदर और गाजर: चुकंदर और गाजर आयरन से भरपूर होते हैं और आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है। इन तीनों को एक साथ खाने से आयरन से भरपूर एक बेहतरीन रेसिपी बनती है क्योंकि आंवले में मौजूद विटामिन सी अन्य दो से आयरन के अवशोषण को बढ़ाता है।

नारियल: नारियल आयरन से भरपूर होता है, इसलिए खजूर या गुड़ के साथ नारियल को लड्डू के रूप में खाने या नारियल पानी के रूप में पीने से एनीमिया से लड़ने और हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद मिलती है और यहां तक कि सीने में जलन और कब्ज से भी बचाव होता है।

अनार: अनार विटामिन K, विटामिन C, फाइबर, पोटैशियम और प्रोटीन से भरपूर होता है। अनार में विटामिन C भरपूर मात्रा में होता है। अनार में विटामिन C की ज़्यादा मात्रा शरीर में मौजूद आयरन को आसानी से अवशोषित करने में मदद करती है।

हरी मूंग: एक कप हरी मूंग 80% फोलेट प्रदान करती हैं। इनमें आयरन, प्रोटीन और फाइबर भी भरपूर मात्रा में होते हैं। आप इनका सेवन अंकुरित या उबाल कर, कर सकते हैं।

भुने हुए छोले और रागी: 100 ग्राम में छोले में लगभग 22% आयरन होता है, जो शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ावा देता है और थकावट और मतली से भी कुछ राहत देता है। रागी में आयरन, कैल्शियम और फोलेट जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं।

 

 

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डायबिटीज में सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है मिलेट्स

 अनहेल्दी लाइफस्टाइल, स्ट्रेस, गलत खानपान के कारण लोग डायबिटीज की चपेट में तेजी से आते हैं। हर साल तकरीबन 10 लाख लोगों की मौत डायबिटीज के कारण हो जाती है। ऐसे में अगर समय रहते बढ़ते शुगर को कंट्रोल नहीं किया गया तो शरीर कई गंभीर बीमारियों का घर बन सकता है। शुगर कम करने के लिए सबसे ज़रूरी है आप अपनी डाइट में बदलाव करें। सबसे पहले आप अपनी डाइट में से चावल और आटे की रोटियां को डाइट से बाहर करें। आटे की रोटियों की जगह आप मिलेट्स का सेवन करें। कई लोगों को तो मिलेट्स के बारे में जानकारी ही नहीं होती है इसलिए लोग इनका सेवन नहीं करते हैं। अगर आप भी मिलेट के बारे में नहीं जानते तो चलिए आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं और जानते हैं ये शुगर कंट्रोल करने में कैसे फायदेमंद है।

क्या हैं मिलेट्स?

ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू को ही मिलेट कहा जाता है। इन अनाज को आम बोलचाल की भाषा में मोटा अनाज कहा जाता है। ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, कुटकी बाजार में आसनी से मिल जाते हैं। लेकिन सावां, कंगनी, चीना का प्रोडक्शन कम होता है। मिलेट्स में मिनरल, विटामिन, एंजाइम और फाइबर काफी ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही इनमें मैक्रो और माइक्रो जैसे बेहतरीन पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। इतना ही नहीं इनमें बीटा-कैरोटीन, नाइयासिन, विटामिन-बी6, फोलिक एसिड, पोटेशियम, मैग्नीशियम, जैसे पोषक तत्व भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

डायबिटीज में कैसे हैं फायदेमंद?

डायबिटीज के मरीज जब गेंहू की आटे की रोटियों का सेवन करते हैं तो उस्मने मौजूद ग्लूटेन आपकी बॉडी में चिपक जाते हैं जो शुगर बढ़ने का कारण बनते हैं। वहीं, मिलेट्स में विटामिन और फाइबर की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है। साथ ही इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जिससे ब्लड शुगर तेजी से नहीं बढ़ता है ऐसे में इसे कंट्रोल करना आसान होता है।

सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं मिलेट्स

मिलेट्स के सेवन से डायबिटीज कंट्रोल होता है साथ ही मोटापा, दिल की बीमारी और पाचन की समस्या भी नहीं होती है। मोटे आनाज शरीर में कैल्शियम का कमी पूरा कर हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ ही सर्दियों में शरीर को रखता गर्म रखते हैं।

 

 

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खाने की इन चीजों में होता है अंडे से भी ज्यादा प्रोटीन

 अगर आपकी बॉडी में प्रोटीन की कमी होती है तो अक्सर एक्सपर्ट्स अंडे को डाइट का हिस्सा बनाने की सलाह देते हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि अंडे में प्रोटीन की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है। लेकिन अगर आप अंडा नहीं खाते हैं, तो भी आप शरीर में पैदा होने वाली प्रोटीन की कमी को पूरा कर सकते हैं। आइए अंडे के अलावा खाने की कुछ ऐसी प्रोटीन रिच चीजों के बारे में जानते हैं जिन्हें वेजिटेरियन्स अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

प्रोटीन की कमी को दूर कर सकता है पनीर

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पनीर में भी प्रोटीन की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है। वेजिटेरियन्स की ओवरऑल हेल्थ को इम्प्रूव करने के लिए प्रोटीन रिच पनीर काफी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। 100 ग्राम पनीर में लगभग 11 ग्राम प्रोटीन होता है। पनीर में पाए जाने वाला कैसिइन प्रोटीन आपकी मसल्स को रिपेयर करने में कारगर साबित हो सकता है।

कर सकते हैं दाल और चने का सेवन

अगर आप अंडा नहीं खा सकते हैं तो कोई बात नहीं क्योंकि सभी दालों में भी प्रोटीन की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है। हर रोज एक कटोरी दाल खाने से आपकी बॉडी को अच्छा खासा प्रोटीन मिल सकता है। इसके अलावा चना भी प्रोटीन रिच फूड होता है। सही मात्रा में चना कंज्यूम कर आप अपनी हार्ट हेल्थ और गट हेल्थ को काफी हद तक सुधार सकते हैं।

डाइट में शामिल कर सकते हैं ग्रीक योगर्ट

ग्रीक योगर्ट में प्रोटीन के अलावा भी पौष्टिक तत्वों की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महज 100 ग्राम ग्रीक योगर्ट में लगभग 10 ग्राम प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है। अगर आप रेगुलरली ग्रीक योगर्ट खाते हैं तो आप प्रोटीन की कमी को दूर करने के साथ-साथ अपनी बोन और गट हेल्थ को भी काफी हद तक मजबूत बना सकते हैं।

अगर आप भी प्रोटीन की कमी को दूर करना चाहते हैं तो खाने की इन चीजों को अपनी डाइट में शामिल कर लीजिए। हालांकि, आपको खाने की इन चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। न्यूट्रिशनिस्ट आपको इन चीजों को कंज्यूम करने के सही तरीके के बारे में बता देंगे।

 

 

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वजन घटाने में सहायक होता है अंजीर

 अंजीर का स्वाद अनोखा और मीठा दोनों होता है। इसमें पाए जाने वाले मलाईदार गुद्दे चबाने में काफी अच्छा होता है। जिसे आप ताजा या सूखा कैसे भी खा सकते हैं। अंजीर में बहुत ज्यादा पौष्टिक गुण होते हैं. साथ ही साथ इसमें विटामिन ए, सी, ई, के, बी 6, आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम और मैंगनीज जैसे जरूरी पोषक तत्व होते हैं. इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर और चीनी होता है जो आपके वजन को कंट्रोल में रखता है।

वजन घटाने में सहायक होता है

अंजीर की फाइबर से भरपूर प्रकृति तृप्ति में योगदान करती है, जिससे व्यक्तियों को लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है। यह विशेषता अंजीर को उन लोगों के लिए एक उत्कृष्ट स्नैक विकल्प बनाती है जो अपना वजन नियंत्रित करना चाहते हैं। इन्हें संतुलित आहार में शामिल करने से आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हुए वजन प्रबंधन लक्ष्यों का समर्थन किया जा सकता है ।

दिल से जुड़ी बीमारी का जोखिम दूर करता है

अंजीर में मौजूद पोटेशियम सामग्री रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करके हृदय स्वास्थ्य में योगदान करती है। इसके अलावा, अंजीर में मौजूद फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भूमिका निभाते हैं, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम हो जाता है। हृदय-स्वस्थ आहार में इन्हें शामिल करना हृदय संबंधी स्वास्थ्य के लिए एक सरल लेकिन प्रभावी उपाय हो सकता है।

आंख की रोशनी को बढ़ाता है

अंजीर में बीटा-कैरोटीन जैसे यौगिक होते हैं, जो शरीर में विटामिन ए में परिवर्तित हो जाते हैं। विटामिन ए आंखों के इष्टतम स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक है और उम्र से संबंधित धब्बेदार अध: पतन को रोकने में मदद कर सकता है। अपने आहार में अंजीर को शामिल करने से स्वस्थ दृष्टि का समर्थन और संरक्षण करने में योगदान मिल सकता है।

अंजीर में पोषक तत्व होते हैं

अंजीर में कैल्शियम, फास्फोरस और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक खनिज होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। अंजीर का नियमित सेवन हड्डियों के घनत्व में योगदान कर सकता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी स्थितियों को रोकने में मदद कर सकता है, खासकर जब इसे अन्य हड्डियों के अनुकूल पोषक तत्वों के साथ मिलाया जाता है।

 

 

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