हिंदुस्तान

आरपीएफ महानिदेशक मनोज यादव ने हॉट स्प्रिंग्स, मेमोरियल लद्दाख में पुलिस शहीदों को श्रद्धांजलि दी

रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक श्री मनोज यादव के नेतृत्व में विभिन्न राज्य पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) का प्रतिनिधित्व करने वाले पुलिस अधिकारियों का 28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स मेमोरियल में एकत्र हुआ। एन. प्रकाश रेड्डी, डीआइजी, तेलंगाना पुलिस समूह के उपनेता थे। श्री दीपक कुमार शर्मा, RI ने पुलिस प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में छत्तीसगढ़ पुलिस का प्रतिनिधित्व किया, जिन्होंने स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। एकजुटता दिखाने के लिए आईटीबीपी, आईटीबीएफ और भारतीय सेना के वीर अधिकारी और जवान जो अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बीच LAC पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं, वे भी शहीदों को सलामी देने के लिए पुलिस दल में शामिल हुए।

पुलिस प्रतिनिधिमंडल को 86 वर्षीय वयोवृद्ध और जीवित किंवदंती और गश्ती दल के सदस्य श्री सोनम दोरजे से मिलने का सम्मान मिला, जो 21 अक्टूबर 1959 के दौरान चीनी सैनिकों के खिलाफ बहादुरी से खड़े थे जहां उन्हें पकड़ लिया गया था। उनका लचीलापन और साहस इतिहास का एक प्रेरक अध्याय बना हुआ है।


समुद्र तल से 15,400 फीट की ऊंचाई पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास ऊबड़-खाबड़ और दुर्गम इलाके में स्थित, यह स्थल उन दस सीआरपीएफ जवानों के ऐतिहासिक और वीरतापूर्ण बलिदान का प्रमाण है, जिन्होंने रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। 21 अक्टूबर, 1959 को राष्ट्र पूर्वी लद्दाख के बीहड़ और उजाड़ इलाके में स्थित यह स्मारक भारतीय पुलिस बलों के लिए एक पवित्र स्थल रहा है, जहाँ इन बहादुर अधिकारियों की याद में हर साल श्रद्धांजलि दी जाती है। यह समारोह, जो 1960 में स्मरण के संकेत के रूप में शुरू हुआ था  देश भर में सेवारत और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों के लिए एक अत्यधिक सम्मानित परंपरा बनी हुई है। इस वर्ष की तीर्थयात्रा एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है, क्योंकि श्री मनोज यादव प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले रेलवे सुरक्षा बल के पहले महानिदेशक बने। विभिन्न बलों के पुलिस अधिकारियों की एक टीम के साथ उनकी भागीदारी, भारत में विभिन्न पुलिस बलों के बीच साझा की गई एकता, ताकत और सौहार्द को मजबूत करती है। 1958 में बल की स्थापना के बाद से ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले रेलवे सुरक्षा बल के 1011 बहादुर कर्मियों को यह तीर्थयात्रा समर्पित करते हुए, आरपीएफ महानिदेशक ने बहादुरों द्वारा अनुकरणीय कर्तव्य, वीरता और बलिदान की भावना के प्रति आरपीएफ की प्रतिबद्धता दोहराई। 1959 के दिल, जिनकी यादें पुलिस इतिहास के इतिहास में हमेशा के लिए अंकित रहेंगी।

श्री मनोज यादव की यात्रा और इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उनकी भागीदारी कानून प्रवर्तन समुदाय के सभी सदस्यों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह राष्ट्र की सेवा में पुलिस अधिकारियों द्वारा किए गए बलिदानों की एक मार्मिक याद दिलाता है और कर्तव्य, वीरता और प्रतिबद्धता की स्थायी भावना को मजबूत करता है जो भारतीय पुलिस बिरादरी को परिभाषित करता है।
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छत्तीसगढ़ उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी को उत्कृष्ट प्रदर्शनी के लिए मिला प्रथम पुरस्कार

देश की राजधानी नई दिल्ली के भारत मण्डपम में आयोजित राष्ट्र स्टार की प्रदर्शनी एग्रीटेक इनोवेट इंडिया में छत्तीसगढ़ उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी को उत्कृष्ट प्रदर्शनी के लिए प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राम विचार नेताम ने स्टॉल प्रदर्शनी में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी है। उद्यानिकी विभाग के संचालक श्री जगदीशन एस. के मार्गदर्शन में उद्यानिकी एवं वानिकी कृषकों की सफलता की कहानी पर आधारित प्रदर्शनी लगाई गई है। 


गौरतलब है कि नई दिल्ली में 29 से 31 अगस्त तक आयोजित एग्रीटेक इनोवेट इंडिया प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ शासन के उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, विभाग द्वारा भी स्टॉल लगाई गई है। इस स्टॉल में उद्यानिकी उत्पाद पुष्प, फल, सब्जी एवं प्रसंस्कृत उत्पादों से सुसज्जित कर प्रगतिशील कृषकों की सफलता की कहानी प्रदर्शित की गई। स्टॉल में सक्ती जिले की मल्लिका किस्म की आम एवं जेरेनियम का बना हुआ रूम फ्रेशनर आदि प्रसंस्कृत उत्पाद प्रदर्शित किया गया, जो मुख्य आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। 

प्रदर्शनी के दूसरे दिन आज छत्तीसगढ़ उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी के स्टॉल को आगंतुकों एवं जनप्रतिनिधियों सहित प्रबुद्धजनों द्वारा काफी सराहना मिल रही है। स्टॉल में दिल्ली सहित अन्य राज्यों के किसान उत्साह के साथ प्रदर्शनी का अवलोकन कर रहे हैं।
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केंद्रीय पर्यटन मंत्री की अध्यक्षता में पश्चिमी व मध्यवर्ती तथा संघ राज्य क्षेत्रों के पर्यटन मंत्रियों का सम्मेलन पणजी गोवा में सम्पन्न

मंत्री श्री केदार कश्यप सम्मेलन में शामिल हुए और राज्य की आगामी 5 वर्षों की योजनाओं से अवगत कराया


राज्य में पर्यटन के विकास के लिए केंद्र से संसाधन एवं समर्थन की मांग की

 

केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में पश्चिमी और मध्यवर्ती राज्यों तथा संघ राज्य क्षेत्रों के पर्यटन मंत्रियों का सम्मेलन गोवा के पणजी में आयोजित किया गया। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर  कैबिनेट मंत्री श्री केदार कश्यप ने भी भाग लिया। सम्मेलन का उद्देश्य विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के पर्यटन विकास की संभावनाओं और चुनौतियों पर चर्चा करना था। इस मौके पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने पर्यटन क्षेत्र में सुधार और नए आयाम जोड़ने के लिए विभिन्न राज्यों से सहयोग और समर्थन का आह्वान किया।

पर्यटन की समग्र प्रगति और विकास हेतु सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के साथ मिलकर कार्य करने के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा गोवा में पश्चिमी तथा मध्यवर्ती राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र के पर्यटन मंत्रियों के सम्मेलन का आयोजन किया गया। ताकि पर्यटन क्षेत्र के लिए संकल्पना निर्माण तथा विचार-विमर्श किया जा सके और एक साझा विजन तैयार किया जा सके। 

इस बैठक में वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित पर्यटक केंद्रों के विकास, वैकल्पिक गंतव्यों के विकास, मार्केटिंग और संवर्धन, पर्यटन क्षेत्र में कनेक्टिविटी, स्वच्छता, व्यवसाय करने की सुविधा और सुगमता में सुधार के साथ-साथ पर्यटन में निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करने संबंधी उत्कृष्ट कार्य पद्धतियों को साझा करने पर फोकस किया गया। सम्मेलन में राज्यों के प्रतिष्ठित पर्यटक केंद्र, वैकल्पिक गंतव्य, मार्केटिंग और संवर्धन, व्यवसाय करने की सुगमता और निजी निवेश तथा स्वच्छता तथा पर्यटक सुरक्षा जैसे विषयों को शामिल किया गया। 

छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री श्री केदार कश्यप ने छत्तीसगढ़ में पर्यटन के विकास की संभावनाओं और चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने राज्य के प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन स्थलों की क्षमता को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा की, साथ ही विकास की राह में आने वाली चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श किया। मंत्री श्री कश्यप ने केंद्र से समर्थन और संसाधनों की मांग की ताकि छत्तीसगढ़ को एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित किया जा सके।

मंत्री श्री कश्यप ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़, प्राचीन स्मारकों, दुर्लभ वन्यप्राणियों, नक्काशीदार मंदिरों, बौद्ध स्थलों, राजमहलों, जलप्रपातों, गुफाओं और प्रागैतिहासिक काल के शैलचित्रों से परिपूर्ण राज्य है। हमारा राज्य ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक एवं प्राकृतिक धरोहरों के साथ गौरवशाली प्राचीन लोक संस्कृति का भी अद्वितीय उदाहरण है।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय से भी पूरा सहयोग प्राप्त होता रहा है। हमने अनेक परियोजनाएँ केंद्रीय सहायता से विकसित की हैं। स्वदेश दर्शन में ’ट्रायबल टूरिज्म सर्किट’ विकसित किया है। प्रशाद योजना में डोंगरगढ़ का कार्य अंतिम चरणों में है। इसके पूर्व जगदलपुर, चित्रकोट, भोरमदेव, सिरपुर, रतनपुर, मैनपाट, राजिम, मल्हार आदि स्थलों को केंद्रीय सहायता से विकसित किया है। इसमें राज्य बजट से भी कार्य कराया गया है।

इन विकास कार्यों से और पर्यटन के व्यापक प्रचार-प्रसार से अब यहाँ पर्यटक आने लगे हैं और लगातार पर्यटकों की संख्या बढती जा रही है। आने वाले समय में राज्य में शक्तिपीठ स्थलों का विकास किया जायेगा। हम रोपवे एवं क्रूज पर्यटन के विकास के लिये भी कार्यवाही कर रहे हैं। नयी पर्यटन नीति पर कार्य चल रहा है एवं पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने हेतु भी कार्यवाही चल रही है। हमने केंद्र की होमस्टे गाइडलाइन्स के आधार पर राज्य में ’होमस्टे एंड बेड-एंड-ब्रेकफास्ट’ गाइडलाइन्स तैयार कर जारी की है। इको टूरिज्म पॉलिसी, एडवेंचर गतिविधियों की गाइडलाइन्स, वाटर एक्टीविटी लाइसेंस हेतु गाइडलाइन्स बनाने की भी तैयारी चल रही है।

राज्य में पर्यटन को और गति देने के लिये हमें पर्यटन मंत्रालय से नयी योजनाओं की स्वीकृति की अपेक्षाएँ हैं। स्वदेश दर्शन 2.0 में चयनित डेस्टीनेशंस बिलासपुर एवं जगदलपुर के लिये भारत सरकार के स्तर से कंसल्टेंट नियुक्त किया जाना है। प्रशाद योजना में सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ का कांसेप्ट प्लान जमा किया जा चुका है जिसकी स्वीकृति अपेक्षित है। अगले प्रस्तुतिकरण के अनुसार आगे भी नयी योजनाएँ तैयार हो रही हैं जिनके प्रस्ताव जल्द ही पर्यटन मंत्रालय को भेजे जायेंगे। 

मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि निजी सहभागिता एवं निवेश तथा छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के द्वारा निर्मित किये गए हाइवे मोटलों को संचालन एवं प्रबंधन हेतु लीज पर निजी क्षेत्र को सौंपे जाने की कार्यवाही की जा रही है। जिससे पर्यटकों को पर्यटन स्थलों के भ्रमण के दौरान राजमार्गों पर स्तरीय सुविधा उपलब्ध हो सके।

स्थानीय सहभागिता, छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के द्वारा चित्रकोट में वन विभाग के सहयोग से नेचर ट्रेल का विकास किया गया है। इसका संचालन स्थानीय महिला स्वसहायता समुह की महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है तथा पर्यटन से उनके लिये अतिरिक्त आय के स्रोत बढ़ाने एवं पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति, रहन सहन व खानपान का अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से होमस्टे बेड एंड ब्रेकफास्ट की सुविधा भी प्रदान की जा रही है तथा हॉस्पिटेलिटी क्षेत्र में प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करने एवं युवाओं को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य में इंस्टीट्युट ऑफ होटल मैनेजमेंट, केटरिंग टेक्नॉलाजी एंड अप्लाइड न्यूट्रिशन संस्थान का संचालन किया जा रहा है। 

मंत्री श्री कश्यप ने राज्य की आगामी 5 वर्षों की योजनाओं से कराया अवगत 

श्री कश्यप ने आगामी 5 वर्षों की राज्य की योजनाएं से अवगत कराया जिसके तहत राज्य के पाँच शक्तिपीठों को जोड़ते हुए सर्किट विकसित करना, स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत बिलासपुर एवं जगदलपुर डेस्टीनेशंस के पर्यटन स्थलों का विकास। प्रशाद योजना के तहत सूरजपुर जिले के माँ कुदरगढ़ी देवी स्थल का विकास कार्य एवं रोपवे की स्थापना शामिल है। इसी तरह नवनिर्मित राजमार्गों एवं बायपास पर पर्यटकों के लिये वेसाइड अमेनिटी विकसित करना। पर्यटन गतिविधियों में स्थानीय लोगों की सहभागिता को बढ़ावा देना। ईको टूरिज्म, एग्री टूरिज्म, रूरल टूरिज्म एवं माइस (MICE) टूरिज्म को बढ़ावा देना। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड की आवासीय इकाईयों को लीज पर निजी क्षेत्र को संचालन हेतु दिया जाना जैसी योजनाएं भी शामिल है। 

इस अवसर पर केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री श्री सुरेश गोपी, राजस्थान की उप मुख्यमंत्री श्रीमती दीया कुमारी, गोवा के पर्यटन मंत्री श्री रोहन खाउंते, मध्यप्रदेश से मंत्री श्री धर्मेंद्र लोधी, राज्यों से आए पर्यटन मंत्रीगण एवं वरिष्ठ अधिकारीगण शामिल थे।
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बहराइच के 35 गांवों में आदमखोर भेड़ियों का आतंक

 उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आदमखोर भेड़ियों ने 35 गांवों में भय का माहौल पैदा कर दिया है। यहां के लोग रातों को जागकर अपने परिवार की सुरक्षा के लिए पहरा दे रहे हैं। वन विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, इन हमलों के लिए जिम्मेदार भेड़ियों का एक झुंड है, जिसमें कुल छह भेड़िए शामिल हैं। अब तक चार भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है, जबकि दो की तलाश जारी है।


पांच वन प्रभागों की टीमें लगीं तलाश में
बहराइच में इन आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग ने बहराइच, कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ, श्रावस्ती, गोंडा और बाराबंकी के पांच वन प्रभागों की लगभग 25 टीमों को तैनात किया है। हालांकि वन विभाग ने भेड़ियों की संख्या छह बताई है, लेकिन प्रभावित गांवों के लोगों का कहना है कि इनकी संख्या दो दर्जन तक हो सकती है।

गांवों में जागरण और पहरेदारी
भेड़ियों के हमलों के बाद गांवों में डर का माहौल इतना बढ़ गया है कि लोग रात में जागकर पहरा दे रहे हैं। अपने बच्चों और परिवार को सुरक्षित रखने के लिए गांववाले अंधेरा होने के बाद घर से बाहर निकलने से बच रहे हैं।

औराही गांव से शुरू हुआ आतंक
भेड़ियों का आतंक सबसे पहले जिले के औराही गांव से शुरू हुआ। लगभग डेढ़ महीने पहले यहां 7 साल के फिरोज पर एक भेड़िये ने हमला किया था। वह अपनी मां के साथ सोया हुआ था, जब रात के करीब 12 बजे एक भेड़िया घर के बरामदे में घुसकर उसे उठा ले गया। फिरोज को 200 मीटर दूर खेत तक घसीट कर ले जाया गया, लेकिन गांववालों के शोर मचाने पर भेड़िया उसे छोड़कर भाग गया। फिरोज को गंभीर चोटें आई थीं, और 13 दिन के इलाज के बाद उसकी जान बची।

राहुल की कहानी: मार्च में हुआ था हमला
इसी गांव में, 7 साल के राहुल पर भी इसी साल मार्च में भेड़ियों ने हमला किया था। राहुल अपनी मां के साथ सो रहा था जब भेड़िया उसे उठा ले गया। हालांकि, उसके चाचा ने बच्चों के रोने की आवाज सुनकर भेड़िये का पीछा किया, जिससे वह जाल में फंसकर भाग गया। राहुल भी बुरी तरह घायल हो गया था, और उसकी यह कहानी सुनकर आज भी लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

वन विभाग और ग्रामीणों के प्रयासों से अब तक चार भेड़ियों को पकड़ लिया गया है, और बाकी दो भेड़ियों की तलाश जारी है। लेकिन इन घटनाओं ने इलाके में दहशत का माहौल बना दिया है, जिससे लोग अभी भी सहमे हुए हैं।

 

 

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अब अन्य वर्ग को भी अपनी जमीन बेच सकेंगे आदिवासी, हाईकोर्ट ने दी अनुमति...

 ओडिशा हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में आदिवासियों की शहरी क्षेत्रों में स्थित गैर-खेती योग्य जमीन की बिक्री के लिए अन्य वर्गों के लोगों को अनुमति दी है। यह फैसला छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा और झारखंड जैसे राज्यों के संदर्भ में अत्यधिक महत्वपूर्ण है, जहां आदिवासी आबादी का एक बड़ा हिस्सा निवास करता है।


इस फैसले के अनुसार, अगर कोई आदिवासी व्यक्ति शहरी क्षेत्र में रहता है और उसकी जमीन अब कृषि के योग्य नहीं है, तो वह अपनी जमीन किसी भी वर्ग के व्यक्ति को बेच सकता है। हालांकि, इसके लिए तहसीलदार की रिपोर्ट अनिवार्य होगी, जिसमें जमीन की वर्तमान स्थिति और उसके उपयोग का ब्यौरा दिया जाएगा।

मामले की पृष्ठभूमि:
इस मामले में याचिकाकर्ता हेमंत नायक और 60 अन्य लोगों ने ओडिशा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता एसटी श्रेणी से संबंधित थे और अपनी घरबाड़ी जमीन को एक जनरल कैटेगरी के खरीदार को बेचना चाहते थे। लेकिन सब-रजिस्ट्रार ने रजिस्ट्री करने से इंकार कर दिया क्योंकि राजस्व प्राधिकरण की अनुमति नहीं थी।

कोर्ट का निर्देश:
ओडिशा हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति बीपी राउतराय की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि ओडिशा भूमि सुधार अधिनियम 1960 की धारा 22, जो आदिवासी भूमि की बिक्री पर प्रतिबंध लगाती है, उन मामलों में लागू नहीं होगी जहां जमीन शहरी क्षेत्र में स्थित है और अब खेती योग्य नहीं है।

कोर्ट ने तहसीलदार को निर्देश दिया है कि वे 60 दिनों के भीतर जमीन की उपयोगिता के संदर्भ में अपनी राय दें, ताकि जमीन की बिक्री प्रक्रिया आगे बढ़ सके। यह निर्णय आने वाले समय में आदिवासी भूमि की खरीद-बिक्री पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में।

 

 

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बांग्लादेशी घुसपैठ को नहीं रोका गया तो हमारे समाज का अस्तित्व खतरे में आ जायेगा : चंपई

 केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से सोमवार देर रात मुलाकात करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने सोशल मीडिया पर 'मन की बात' लिखी है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर चंपई ने लिखा है कि तिलका मांझी और सिदो-कान्हू की भूमि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है। आदिवासियों और मूल वासियों को सामाजिक और आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा रहे इन घुसपैठियों को अगर रोका नहीं गया तो संथाल परगना में हमारा अस्तित्व संकट में आ जायेगा।

उन्होंने आगे लिखा, ' पाकुड़ और राजमहल समेत कई अन्य क्षेत्रों में उनकी संख्या आदिवासियों से ज्यादा हो गयी है। राजनीति से इतर हमें इस मुद्दे को जन आंदोलन बनाना होगा तभी हमारा अस्तित्व बच पायेगा। इस मुद्दे पर सिर्फ भाजपा ही गंभीर दिखती है, अन्य पार्टियां इस मुद्दे को वोट बैंक और अन्य कारणों से नजरअंदाज कर रही है। इसलिए आदिवासी अस्मिता और अस्तित्व को बचाने के संघर्ष में मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में आस्था जताते हुए भाजपा से जुड़ने का फैसला लिया हैउन्होंने जनता से अपील करते हुए लिखा, झारखंड के आदिवासियों-मूलवासियों, दलितों, पिछड़ों, गरीबों, मजदूरों, किसानों, महिलाओं, युवाओं और आम लोगों के मुद्दे और अधिकारों के संघर्ष वाले इस नये अध्याय में आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।

चंपई सोरेन ने इसके पहले 18 अगस्त को सोशल मीडिया पर बतौर सीएम अपने अपमान को लेकर व्यथा लिखी थी। उन्होंने लिखा, ‘पिछले हफ्ते एक पत्र द्वारा झारखंड समेत पूरे देश की जनता के सामने अपनी बात रखी थी। उसके बाद, मैं लगातार झारखंड की जनता से मिल कर, उनकी राय जानने का प्रयास करता रहा। कोल्हान क्षेत्र की जनता हर कदम पर मेरे साथ खड़ी रही, और उन्होंने ही संन्‍यास लेने का विकल्प नकार दिया।‘

 

झामुमो पर सवाल खड़ा करते हुए चंपई सोरेन ने लिखा, ‘ पार्टी में कोई ऐसा फोरम मंच नहीं था, जहां मैं अपनी पीड़ा को व्यक्त कर पाता तथा मुझसे सीनियर नेता स्वास्थ्य कारणों से राजनीति से दूर हैं।‘ बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या का उल्लेख करते हुए उन्होंने लिखा कि आज बाबा तिलका मांझी और सिदो-कान्हू की पावन भूमि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ बहुत बड़ी समस्या बन चुका है। इससे ज्‍यादा दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है कि जिन वीरों ने जल, जंगल व जमीन की लड़ाई में कभी विदेशी अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार नहीं की, आज उनके वंशजों की जमीनों पर ये घुसपैठिए कब्जा कर रहे हैं। इनकी वजह से फूलो-झानो जैसी वीरांगनाओं को अपना आदर्श मानने वाली हमारी माताओं, बहनों व बेटियों की अस्मत खतरे में है।

 
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आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी को किया जायेगा निरंतर प्रोत्साहित: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सिंथेटिक केमिस्ट्री पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजन उज्जैन के माधव विज्ञान महाविद्यालय में किया जा रहा है, जो हम सबके लिए अत्यंत गौरव का विषय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं भी इस महाविद्यालय के छात्र रह चुके हैं। इस प्रकार के आयोजन से विज्ञान से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलता है। माधव विज्ञान महाविद्यालय प्रदेश का पहला ए प्लस ग्रेड का महाविद्यालय है। तत्वों व पॉलीमर को केमिस्ट्री लैब में संश्लेषित करने की प्रक्रिया पर यहां संगोष्ठी में विचार विमर्श किया जा रहा है। इस तरह के आयोजन से निश्चित रूप से विज्ञान से जुड़े शोध से आने वाले समय में बहुत महत्वपूर्ण निष्कर्ष सामने आएंगे।


मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को ऑर्गेनिक केमिस्ट्री पर आधारित दो दिवसीय (27 एवं 28 अगस्त) राष्ट्रीय संगोष्ठी के शुभारंभ के बाद संबोधित कर रहे थे।दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन, म.प्र. विज्ञान एवं परिषद, भोपाल एवं जनभागीदारी समिति शा. माधव विज्ञान महाविद्यालय उज्जैन द्वारा "A Conventional Discussion on Synthetic Organic Chemistry and Beyond" विषय पर आयोजित की गई। रसायन शास्त्र विषय में अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन की दिशा में संगोष्ठी का आयोजन किया है।

 


 मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी देश में विभिन्न प्रकार के आधुनिक रिसर्च को प्रोत्साहित कर रहे है। जेनेरिक दवाइयां व पॉलिएस्टर के विभिन्न प्रयोग तथा अन्य प्रकार के निर्माण पर निरंतर जोर दिया जा रहा है। संगोष्ठी में जानकारी दी गई कि यह कॉन्फ्रेंस एक प्रयास है, जहां ऑर्गेनिक केमिस्ट्री और रसायन के विभिन्न सिंथेटिक स्वरुप के बारे में चर्चा की जाएगी । इस संगोष्ठी में विभिन्न शोध पत्र प्राप्त हुए हैं। कॉन्फ्रेंस में तकनीकी सेशन और अन्य महत्वपूर्ण सेशन होंगे। शोध पत्रों को बाद में जर्नल में प्रकाशित किया जाएगा। हमारे विभिन्न शोधार्थी सेशन में अपना शोध प्रस्तुत करेंगे। मुख्यमंत्री द्वारा कॉन्फ्रेंस प्रोसीडिंग्स पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।

 


संगोष्ठी में सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर मुकेश टटवाल, विवेक जोशी, कुलगुरु विक्रम विश्वविद्यालय अखिलेश कुमार पांडे,अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के डॉ. अरविंद चौधरी, कुलगुरु महर्षि पाणिनि संस्कृत वैदिक विश्वविद्यालय आचार्य विजय कुमार सी जी, प्राचार्य शासकीय माधव विज्ञान महाविद्यालय उज्जैन, विज्ञानविद, प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

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आदिवासी युवक ने थाने में की आत्महत्या, थाना प्रभारी समेत चार पुलिसकर्मी निलंबित

 मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के पंधाना थाना में एक आदिवासी युवक ने आत्महत्या कर ली है। युवक का नाम धर्मेंद्र (32 वर्ष) था, जो खरगोन जिले के देहात निमित गांव का रहने वाला था। उसे चोरी के आरोप में पूछताछ के लिए थाने लाया गया था। शुक्रवार और शनिवार की देर रात, धर्मेंद्र ने थाने में बंद रहते हुए चादर से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।


पुलिस अधीक्षक मनोज राय ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पंधाना थाना प्रभारी समेत चार पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। निलंबित पुलिसकर्मियों में थाना प्रभारी, एक सब इंस्पेक्टर और दो कांस्टेबल शामिल हैं। मामले की न्यायिक जांच के आदेश भी दिए गए हैं।

क्या है पूरा मामला?
धर्मेंद्र, जो शादी के बाद अपने ससुराल खंडवा के गांव दीवाल में रहता था, वहाँ खेती-बाड़ी का काम करता था। कुछ दिन पहले गाँव में चोरी की एक घटना हुई थी, जिसके बाद धर्मेंद्र समेत गाँव के कुछ लोगों पर शक हुआ था। इसी सिलसिले में चार दिन पहले उसे पूछताछ के लिए थाने लाया गया था।

थाने में युवक ने लगाई फांसी
पुलिस के अनुसार, धर्मेंद्र ने थाने के भीतर चादर को फाड़कर फांसी का फंदा बनाया और रोशनदान से बांधकर आत्महत्या कर ली। उसने फांसी लगाने के लिए एक बाल्टी का सहारा लिया। इस घटना के बाद थाने में हड़कंप मच गया। पुलिसकर्मी उसे तुरंत अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। धर्मेंद्र के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।

परिजनों के आरोप और ग्रामीणों का आक्रोश
धर्मेंद्र के आत्महत्या की खबर मिलते ही परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने धर्मेंद्र के साथ मारपीट की थी और यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले जब पुलिस गाँव आई थी, तब भी धर्मेंद्र को उनके सामने पीटा गया था। इस घटना के बाद आदिवासी युवा संगठन में भारी आक्रोश है और उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

पुलिस का पक्ष
पुलिस का कहना है कि धर्मेंद्र ने पूछताछ के दौरान 18 बाइक चोरी करने की बात स्वीकार की थी, जिसमें से तीन बाइक बरामद कर ली गई थी। बाकी की बाइक उसने बेच दी थी। फिलहाल इस मामले की न्यायिक जांच जारी है और पुलिस पर लगे आरोपों की भी जांच की जा रही है।

 

 

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अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन ने किया वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान

 अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन द्वारा आयोजित एक भव्य सम्मान समारोह में अग्रवाल समाज के 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित किया गया। यह समारोह दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में महामण्डलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द महाराज के सानिध्य और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। संगठन के राष्ट्रीय चेयरमैन प्रदीप मित्तल ने समारोह की अध्यक्षता की। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन और महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा पर माल्यार्पण से की गई।

संगठन के राष्ट्रीय चेयरमैन प्रदीप मित्तल ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस के अवसर पर आयोजित इस समारोह में 100 से अधिक वरिष्ठजनों की प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं, जिनमें से कुछ की उम्र 100 वर्ष से भी अधिक थी। यह पहल समाज के बुजुर्गों के प्रति आदर और सम्मान को प्रकट करने का एक प्रयास था। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि संगठन द्वारा आगामी 10 नवंबर को अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर, दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले अग्रवाल समाज के प्रतिभाशाली व्यक्तियों का सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा। साथ ही 15 दिसंबर को कुलदेवी महालक्ष्मी के वरदान दिवस को मनाने का निर्णय भी लिया गया है।



दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने अपने संबोधन में अग्रवाल समाज के इस प्रयास की सराहना की और समाज में प्री-वेडिंग शूट की कुप्रथा पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने सुझाव दिया कि अग्रवाल समाज की धर्मशालाओं को सिविल सर्विसेज और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए उपयोगी बनाया जाए। इस विचार का समर्थन करते हुए स्वामी ज्ञानानन्द महाराज ने कहा कि वे इन धर्मशालाओं में छात्रों को श्रीमद भगवद गीता का ज्ञान देने के लिए भी तैयार हैं।



कार्यक्रम में सम्मानित वरिष्ठ नागरिकों को सम्मान पत्र और शॉल देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संगठन के कई प्रमुख सदस्य और पदाधिकारी भी उपस्थित थे। राष्ट्रीय महामंत्री गिरीश मित्तल ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया और संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता का संदेश भी पढ़कर सुनाया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी वरिष्ठ नागरिकों ने इस आयोजन की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

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इसरो प्रमुख ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए PM मोदी की सराहना की

 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने भारत के अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में उनकी भूमिका के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की.

23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने के अवसर पर सोमनाथ ने अंतरिक्ष क्षेत्र को आगे बढ़ाने की दिशा में पीएम मोदी के नेतृत्व में हाल ही में किए गए नीतिगत सुधारों और पहलों पर प्रकाश डाला.

इसरो प्रमुख ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में कई प्रमुख नीतिगत हस्तक्षेपों में पीएम मोदी का नेतृत्व महत्वपूर्ण रहा है. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री के रूप में, मोदी ने न केवल सरकारी प्रणाली के माध्यम से नीतियां बनाई हैं, उन्हें लागू भी किया है."

तीन प्रमुख पहलों पर प्रकाश डालते हुए इसरो प्रमुख ने कहा, "अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों के बाद, हम अंतरिक्ष नीति पर काम कर रहे . यह नई नीति अंतरिक्ष विभाग, इसरो और न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करती है, जिससे अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र की अधिक भागीदारी का मार्ग प्रशस्त होता है."

उन्होंने कहा,"एक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति की भी घोषणा की गई है, जिसमें अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी निवेश या विदेशी निवेश को कुछ नियंत्रणों और विनियमों के साथ अनुमति दी गई है, जो पहले संभव नहीं था.

तीसरा भू-स्थानिक नीति पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, डीएसटी द्वारा किया गया है. इसका मतलब है कि सभी भू-स्थानिक डेटा, उपग्रह डेटा भी अब सभी के लिए पाँच-मीटर रिज़ॉल्यूशन तक निःशुल्क उपलब्ध कराया गया है, ताकि इस पर एक द्वितीयक प्रभाव डाला जा सके."

हाल की उपलब्धियों पर विचार करते हुए, सोमनाथ ने चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने की घटना में प्रधानमंत्री की लाइव भागीदारी को याद किया. उन्होंने कहा, "मुझे याद है कि हमारे प्रधानमंत्री मोदी लाइव प्रसारण देख रहे थे और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से कुछ पल निकालकर हमारे साथ शामिल हुए थे.

" चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद, मोदी ने 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस घोषित किया और लैंडिंग स्थल का नाम 'शिव शक्ति पॉइंट' रखा, जबकि चंद्रयान-2 लैंडिंग स्थल को 'तिरंगा पॉइंट' नाम दिया. सोमनाथ ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में मोदी की यात्रा को भी याद किया, जहाँ उन्होंने गगनयान मिशन और अन्य अंतरिक्ष परियोजनाओं में गहरी रुचि दिखाई.

सोमनाथ ने कहा, "हमें अमृतकाल में अंतरिक्ष 2047 के लिए एक दीर्घकालिक रोडमैप, एक विजन तैयार करने के लिए कहा गया था. प्रधानमंत्री गगनयान कार्यक्रम और अंतरिक्ष स्टेशन की योजनाओं सहित भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों पर हमारी प्रस्तुति से बहुत खुश थे." यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) के निदेशक एम शंकरन ने भी चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के बाद प्रधानमंत्री की अंतरिक्ष केंद्र की यात्रा को याद किया.

 

 

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थाने पर पथराव करने वाले 150 उपद्रवियों पर एफआईआर, 20 गिरफ्तार

 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मध्यप्रदेश 'शांति का प्रदेश' है, कोई भी कानून को हाथ में ले यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे अराजक तत्वों पर मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा कठोर कार्रवाई की जाए। प्रदेश में शांति और सौहार्द बना रहे यही हमारी प्राथमिकता है।

 

इसी अनुक्रम में छतरपुर के कोतवाली थाने में 21 अगस्त की दोपहर समुदाय विशेष द्वारा ज्ञापन सौंपने के दौरान हुए पथराव के मामले में पुलिस ने 48 नामजद एवं 100 से अधिक अन्य आरोपियों के विरूद्ध थाना कोतवाली में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण में अभी तक 70 से अधिक लोगों से पुलिस द्वारा पूछताछ की गई तथा 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। छतरपुर में बुधवार रात जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त फ्लैग मार्च निकाला गया तथा विभिन्न व्यापारी वर्ग, संगठनों से चर्चा कर शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु आश्वस्त कर स्थिति को नियंत्रित किया गया। पुलिस द्वारा अराजक तत्वों के विरुद्ध सतत् कार्रवाई की जा रही है। भीड़ को भड़काने वाले आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के विरुद्ध जिलाबदर/एनएसए और शस्त्र लायसेंस निरस्त करने की कार्रवाई प्रस्तावित की जा रही है।

 

छतरपुर में बुधवार, 21 अगस्त को दोपहर लगभग 2.45 बजे शहर सदर जावेद अली एवं पूर्व सदर शहजाद अली के साथ 100-150 लोग महाराष्ट्र में समुदाय विशेष पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में ज्ञापन देने के लिए कोतवाली थाने पहुंचे थे। इस दौरान पुलिस और प्रशासन की टीम ने पहुंचकर समुदाय के लोगों से चर्चा की और ज्ञापन प्राप्त कर अभिस्वीकृति दी। मौके पर प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों द्वारा उन्हें समझाइश दी गई। इसके बाद कुछ उपद्रवी लोगों द्वारा थाने पर पथराव किया गया। इस घटना में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक छतरपुर और थाना प्रभारी कोतवाली सहित 10 लोग घायल हो गए। उपद्रवियों ने शासकीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया। उपद्रवियों को तितर-बितर करने और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आवश्यक बल प्रयोग किया। प्रकरण की विवेचना दौरान आरोपियों को चिह्नित करने और धरपकड़ के लिए पुलिस टीमें गठित की गईं। सीसीटीवी फुटेज एवं घटना के विभिन्न वीडियो फुटेजों का बारीकी से अवलोकन कर आरोपियों की पहचान की गई।

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त्रिपुरा में भूस्खलन और बाढ़ से हाहाकार; 22 लोगों की मौत

 त्रिपुरा में भारी बारिश के चलते बाढ़ और भूस्खलन से हाहाकार मचा है। इसके चलते राज्य में 22 लोगों की मौत हो गई। जबकि दो लोग लापता हो गए हैं। बाढ़ और भूस्खलन को देखते हुए बचाव अभियान शुरू कर दिया गया। इसके चलते अब तक 65,400 लोगों ने 450 राहत शिविरों में शरण ली है।  एनडीआरएफ की चार टीमें बचाव अभियान में राज्य की सहायता कर रही हैं। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा के सीएम से बात करके हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। वहीं राज्य सरकार ने अगले आदेश तक सभी स्कूल बंद करने का एलान किया है। 

राज्य सरकार के मुताबिक रविवार से हो रही भारी बारिश के चलते राज्य की सभी बड़ी नदियों में जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। इससे कई इलाकों में बाढ़ आ गई। इससे पहले राजस्व विभाग के सचिव बृजेश पांडेय ने बताया था कि पूर्वोत्तर राज्य में करीब 17 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। पांडेय ने कहा कि 2,032 स्थानों पर भूस्खलन की खबरें आईं, जिनमें से 1,789 स्थानों को साफ कर दिया गया है, जबकि अन्य स्थानों पर बहाली का काम जारी है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने गोमती और दक्षिण त्रिपुरा जिलों में फंसे लोगों को निकालने के लिए दो हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराए हैं।

 

 

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स्वतंत्रता दिवस पर थाने में लगे ठुमके, 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड...

 15 अगस्त को पूरे देश में धूमधाम से आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया, लेकिन महाराष्ट्र के नागपुर में एक अलग ही नजारा देखने को मिला। यहाँ तहसील पुलिस थाने में पुलिसकर्मियों ने स्वतंत्रता दिवस पर फिल्मी गानों पर जमकर ठुमके लगाए, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।


वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि तहसील थाने में पुलिसकर्मी, जिसमें महिला कॉन्स्टेबल भी शामिल हैं, फिल्म "डॉन" के प्रसिद्ध गाने ‘खइके पान बनारस वाला’ पर झूमकर नाच रहे हैं। यह पुलिसकर्मी वर्दी में ही डांस कर रहे थे, और उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया। वीडियो के वायरल होते ही पुलिसकर्मियों को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।

वीडियो पर मिली मिली-जुली प्रतिक्रिया
वायरल वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर्स की मिली-जुली प्रतिक्रिया आई। कुछ ने पुलिसकर्मियों के डांस की तारीफ की, तो कुछ ने इसे ड्यूटी के दौरान अनुचित बताया। एक यूजर ने लिखा, "मुझे खुशी है कि पुलिसकर्मी भी अच्छे इंसान हैं और उनके जीवन में भी खुशी के पल होते हैं।" वहीं, कुछ ने इसे स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अनुचित करार दिया, और वर्दी में इस तरह के व्यवहार की निंदा की।

चार पुलिसकर्मी सस्पेंड
वीडियो के वायरल होने के बाद, पुलिस अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच करवाई। इसके बाद परिमंडल-3 के प्रभारी डीसीपी राहुल मदने ने चार पुलिसकर्मियों को पुलिस की छवि खराब करने के आरोप में निलंबित कर दिया। निलंबित किए गए पुलिसकर्मियों में तहसील थाने के ASI संजय पाटणकर, हेड कांस्टेबल अब्दुल कय्युम गणी, भाग्यश्री गिरी और कांस्टेबल निर्मला गवली शामिल हैं। उन्हें तीन माह के लिए निलंबित किया गया है।

 

 

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डाकघर के सुपरिटेंडेंट ने की आत्महत्या

  यूपी के अलीगढ़ में पोस्ट ऑफिस के सुपरिटेंडेंट टीपी सिंह ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। वह बुलंदशहर मुख्य डाकघर में पोस्टेड थे। दिल्ली से आई विजिलेंस टीम ने 20 अगस्त शाम भ्रष्टाचार के आरोप में डाकघर पर छापेमारी की थी। बताया जा रहा है कि इस कार्यवाही से वो काफी परेशान थे। सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि कुछ कर्मचारी गलत कार्यों के लिए दबाव बना रहे थे, तंग कर रहे थे, इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं। बता दें कि डाकघर में करीब 10 घंटे चली छापेमारी के दौरान विजिलेंस टीम तमाम डाक्यूमेंट्स अपने साथ ले गई थी। पोस्ट ऑफिस सुपरिटेंडेंट टीपी सिंह (त्रिभुवन प्रसाद सिंह) से भी सुबह चार बजे तक पूछताछ की थी।

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सपा नेता ने नगर निगम की टीम को राइफल लेकर दौड़ाया

 समाजवादी पार्टी के नेता अमरनाथ मौर्या का राइफल लेकर नगर निगम की टीम को दौड़ाने का वीडियो वायरल हो रहा है। निगम की टीम विवेकानंद पार्क के पास जेसीबी लगाकर सफाई करवा रही थी। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि सपा नेता हाथ में राइफल लेकर तेजी से पार्क के पास आ रहे हैं। बता दें कि अमरनाथ मौर्या लोकसभा चुनाव में फूलपुर सीट से सपा के प्रत्याशी रह चुके हैं। दरअसल प्रयागराज की प्रीतम नगर कॉलोनी में एसटीपी से सटी हुई कुछ जमीन है, जिस पर पिछले दो-तीन सालों से गणेश पूजा आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पूजा कमेटी और मोहल्ले के लोग शामिल होते हैं और 9 दिनों तक चलने वाली इस गणेश पूजा में कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।  सितंबर में फिर से गणेश पूजा होनी है।  इसलिए जमीन को साफ करने के लिए नगर निगम को बुलाया गया था।  नगर निगम की टीम सफाई कर ही रही थी कि वहीं अमरनाथ मौर्या पहुंच गए और सफाई का विरोध करने लगे।  जब नगर निगम के कर्मचारी नहीं माने तो वो अपनी राइफल लेकर कर्मचारी से बात करते हुए और राइफल लेकर एक तरफ दौड़ पड़े।  

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सड़क हादसे में 4 की मौत, 3 की हालत नाजुक

यूपी के इटावा में हुए भीषण सड़क हादसे में चार लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में तीन लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। मृतक और घायल एक ही परिवार के थे। ये सभी अर्टिगा कार से अपने गंतव्य को जा रहे थे। तभी रास्ते में उनकी कार खड़े ट्रक में जा घुसी। कार के परखच्चे उड़ गए। गाड़ी के पार्ट्स काटकर शवों को बाहर निकाला गया। घटना सुबह लगभग 7:00 बजे इटावा के थाना इकदिल क्षेत्र के अंतर्गत नेशनल हाईवे 19 पर हुई। यहां आगरा-कानपुर हाइवे पर एक अर्टिगा कर खड़े ट्रक में जाकर टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी की कार में सवार सात लोगों में से चार की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। बाकी तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

 
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पुलिस चौकी में जुआ, वीडियो वायरल, 2 सस्पेंड

 नागपुर में पुलिस चौकी के अंदर दो पुलिसकर्मियों का जुआ खेलने और धू्म्रपान करने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद यह वीडियो चर्चा का विषय बन गया था। लोगों ने वीडियो के आधार पर दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग की थी। साथ ही लोगों ने पुलिस पर सवाल भी उठाया था। वहीं, अब दोनों को निलंबित कर दिया गया है। दोनों पुलिसकर्मियों पर यह कार्रवाई वीडियो के आधार पर की गई है। इसको लेकर एक बयान भी जारी किया गया है।  

 

 

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परिवहन विभाग में लर्निंग ड्रायविंग लायसेंस से संबंधित सेवाएं फेसलेस

 प्रदेश में लर्निंग ड्रायविंग लाइसेंस से संबंधित अधिकांश सेवाएं फेसलेस प्रक्रिया के तहत प्रारंभ की गई है। अब इन सेवाओं का लाभ उठाने के लिये आवेदक को परिवहन कार्यालयों में आने की आवश्यकता नहीं है। आवेदक ऑनलाइन आवेदन कर तथा निर्धरित प्रक्रिया को पूर्ण कर अपना लर्निंग लायसेंस प्राप्त कर सकता है।

प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र की सुविधा

वाहनों से उत्सर्जित होने वाली हानिकारक गैसों से होने वाले प्रदूषण के कारण पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाने एवं पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से प्रदूषण जांच केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। प्रदेश में प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र वाहन पोर्टल पर इंटिग्रेट किया जाकर ऑनलाइन जारी किये जा रहे हैं। प्रारंभ में इस व्यवस्था को भोपाल जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया। इस व्यवस्था को अब परिवहन विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है।

वाहनों मे मानव हस्तक्षेप रहित पारदर्शी तरीके से फिटनेस जांच किये जाने हेतु विगत 6 माह में प्रदेश में ग्वालियर, इंदौर एवं जबलपुर में आटोमेटड टेस्टिंग स्टेशन (ए.टी.एस.) स्टेशन स्थापित हो गये है, जिन्हें विभाग द्वारा पंजीयन प्रमाण-पत्र जारी किये गये हैं। 8 ए.टी.एस. के निर्माण के लिये प्राथमिक पंजीयन प्रमाण-पत्र जारी किया गया है तथा एक अन्य ए.टी.एस. के निर्माण के लिये पूर्व में ही प्राथमिक पंजीयन प्रमाण-पत्र जारी किया जा चुका है।

परिवहन विभाग ने जन-सामान्य को विभाग से जुड़ी लोक सेवा को पहुंचाने के मकसद से विभाग की 31 आवश्यक सेवाओं को लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के अंतर्गत लिया है। इसके साथ ही विभाग की 7 सेवाएं 'समाधान एक दिवस' योजना के अंतर्गत शामिल की गई हैं।

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