छत्तीसगढ़

समय पर पीड़ित को न्याय दिलाना ही नये कानून का उद्देश्य : जिला-सत्र न्यायाधीश

  एक जुलाई से लागू होने वाले तीन नये कानूनों के संबंध में विस्तार से जानकारी देने तथा इसमें जुड़े प्रावधानों पर चर्चा करने रविवार को कलेक्ट्रेट स्थित ऑडिटोरियम में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला में जिले के अधिवक्ताओं को नये कानून के संबंध में जानकारी देते हुए पीड़ितों को न्याय देने में उनकी भूमिका को रेखांकित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सत्येन्द्र साहू, जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अपने उद्बोधन में कहा कि नये कानून का उद्देश्य न्याय में विलंब की प्रक्रिया को दूर करना और पीड़ितों को जल्दी न्याय दिलाना है। नये कानून में समय-सीमा भी निर्धारित की गई है। इसके साथ ही विटनेस के अभाव में प्रभावित होने वाली न्याय प्रक्रिया के लूप होल को भी नये कानून में दूर किया गया है।


कार्यशाला में जिला एवं सत्र न्यायाधीश साहू ने आगे कहा कि उच्च न्यायालय के दिशा निर्देश के तहत एक जुलाई से लागू होने वाले नये कानूनों की जानकारी से सभी को अवगत कराया जा रहा है। अधिवक्ताओं की भूमिका न्यायालय का सहयोग करने के साथ ही पीड़ितों को न्याय दिलाने में होता है। अधिवक्ता न्याय प्रक्रिया की महत्वपूर्ण कड़ी है। किसी भी कार्य को समर्पित होकर ईमानदारीपूर्वक किया जाये तो निश्चित ही समय पर कार्य पूर्ण होता है। उन्होंने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि पक्षकार, अधिवक्ता समर्पित होकर कार्य करें तो सिविल कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक पांच वर्ष के भीतर न्याय की प्रक्रिया संपादित हो सकती है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अधिवक्ताओं के कार्य को गौरवपूर्ण बताते हुए कहा कि उनकी विशिष्ट सेवाओं के कारण ही अधिवक्ताओं की सेवा को उपभोक्ता संरक्षण कानून के दायरे में नहीं लाया गया है। उन्होंने विधिक ज्ञान के दायरे को बढ़ाने की बात भी कही।

कार्यशाला में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी अजीत वसंत ने कानून को देश की विकास में महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि हम सभी शासन के अंग हैं और कानून का पालन सुनिश्चित कराने से पूर्व कानून के संबंध में जानकारी अवश्य रखें। कलेक्टर ने भारतीय संविधान के निर्माण में छत्तीसगढ़ के बैरिस्टर सहित अन्य अधिवक्ताओं के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि नये कानून भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियन 2023,भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के संबंध में सभी को जानकारी होने के साथ ही अधिवक्ताओं का सहयोग होना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश तेजी से आगे बढ़ा है। इससे पूर्व ब्रिटिश काल में कानून लागू किये गये थे। उस समय कानून का उद्देश्य उनके हितों के अनुसार तय किया गया था। एक जुलाई से लागू होने वाले नये कानून में पीड़ितों को जल्दी न्याय देने के साथ ही भारतीयों के हितों के लिए कानून बनाया गया है। उन्होंने डॉ.अम्बेडकर द्वारा तैयार कानून में समानता की बात कहते हुए नवीन कानून से सभी को अपडेट रहने की अपील की। कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने कहा कि भारत में लागू होने वाले नये कानूनों को सर्वाेत्तम बनाने के साथ ही उसे क्रियान्वित करने में हम सभी की भूमिका होगी। उन्होंने नये कानूनों में न्याय को प्राथमिकता, तकनिकी पहलुओं का समावेश, नागरिक केंद्रित एवं कल्याणकारी अवधारणा, महिला सुरक्षा, अनुसंधान में वैज्ञानिक तकनीक, समयबद्ध साक्ष्य संग्रह तथा निष्पक्षता आदि के संबंध में जानकारी दी। कार्यशाला में अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष गणेश कुलदीप, न्यायाधीश, अपर कलेक्टर दिनेश कुमार नाग, एडिशनल एसपी श्रीमती नेहा वर्मा सहित अधिवक्ता उपस्थित थे।

 

 

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