क्राइम पेट्रोल

मुठभेड़ में मारा गया 'मोस्ट वांटेड' नक्सली हड़मा, 100 से अधिक जवानों की शहादत का था जिम्मेदार

 सुकमा (छत्तीसगढ़ दर्पण)। माओवादी प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबल लगातार ऑपरेशन चलाकर लाल आतंक पर नकेल कसने में लगे हुए हैं। सोमवार को नक्सलियों के शहीदी सप्ताह के दौरान सुरक्षाबलों ने सुकमा जिले में 8 लाख रुपए के इनामी हार्डकोर नक्सली हड़मा को एनकाउंटर में मार गिराया है। माओवादियों की डिवीजनल कमेटी के मेंबर रहे हड़मा ने बस्तर संभाग में हुई कई नक्सली वारदातों में हिस्सा लिया था, जिससे वह लगभग 100 से अधिक जवानों की शहादत का जिम्मेदार था।

ऐसे हुआ हड़मा का अंत
जानकारी के अनुसार , सुकमा पुलिस को मुखबिर ने जानकारी दी थी थी कि भंडारपदर के जंगल में लगभग 40 से 50 की तादाद में हथियारबंद माओवादी जमा हैं। 31 जुलाई की रात्रि इसी सूचना के आधार पर DRG के जवानों का दल सर्च ऑपरेशन के लिए निकला। अगले दिन सुबह जवान माओवादियों के कैम्प तक पहुंचे,तो उन्होंने जवानों पर गोलाबारी शुरू कर दी। इसी मुठभेड़ में हड़मा मारा गया है।

इन घटनाओं में था शामिल
बताया जा रहा है कि हड़मा ने साल 2003 माओवादी संगठन में भर्ती ली थी ,जिसके बाद से नक्सल संगठन में कई अहम पदों पर रहते हुए वह लगातार कई वारदातों में शामिल रहा। साल 2007 में एर्राबोर में हुई नक्सल मुठभेड़ , 2007 में तारलागुड़ा मुठभेड़,साल 2009 में चिंतागुफा की नक्सल मुठभेड़ और साल 2009 में ही इंजरम और 2021 में जगरगुंडा में हुए नक्सल हमले में हड़मा शामिल था।

माओवादियों के खिलाफ जारी है ऑपरेशन मानसून
यह भी जानना जरुरी है कि बीते कुछ सालों से पुलिस आपरेशन मानसून चला रही है। इसके लिए बस्तर पुलिस अहित अन्य सुरक्षाबलों के जवानों को विशेष ट्रेनिंग भी दिलाई गई है। बारिश में माओवादियों के खिलाफ नई रणनीति से पुलिस को लगातार सफलता मिल रही है। वहीं माओवादियों के गढ़ में घुसकर सुरक्षा बल के जवान सर्च आपरेशन कर रहे हैं।

नक्सली मना रहे हैं शहीदी सप्ताह
दरअसल हर साल की भांति इस बार भी 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मना रहे हैं। इस दौरान माओवादी ने बस्तर के इलाकों में बड़ी तादाद में पर्चे , बैनर आदि लगाकर नक्सली अभियान में मारे गए अपने साथियों को शहीद मानते हुए, उनके सम्मान में रैलियां, सभाएं और अन्य कार्यक्रम आयोजित करते हैं। दरअसल भाकपा माले के संस्थापक चारू मजूमदार और कन्हैया चटर्जी को याद करते हुए मोआवादी देशभर में शहीदी सप्ताह मनाते हैं।

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