क्राइम पेट्रोल

घर के कामों को लेकर दो सगी नाबालिग बहनों के बीच झगड़ा, दोनों ने खाया जहर, एक की मौत

भोपाल (छत्तीसगढ़ दर्पण)। राजधानी भोपाल में दो सगी नाबालिग बहनों ने घर में काम के झगड़े को लेकर जहर खा लिया। जिसमें बड़ी बहन की इलाज के दौरान मौत हो गई। छोटी बहन का इलाज अस्पताल में वेंटिलेटर पर जारी है। मिली जानकारी के मुताबिक निशातपुरा थाने के जनता नगर कॉलोनी में रहने वाले हसमुख वर्मा प्राइवेट जॉब करते हैं। उन्होंने बताया कि 17 साल की सबसे बड़ी बेटी शीतल वर्मा इस साल फर्स्ट ईयर में पढ़ाई कर रही है और 15 साल की छोटी बेटी शिवानी स्कूल में पढ़ाई कर रही है। हसमुख के चाचा गुजर जाने के कारण वे मंगलवार को सुबह उनके अंतिम संस्कार में सीहोर गए हुए थे। दोपहर में उनकी पत्नी ने फोन लगाकर बताएं कि शीतल ने जहर खा लिया। कुछ देर बाद एक और फोन आया कि 15 साल की छोटी बेटी शिवानी ने भी जेहर खा लिया है। जिसके बाद वे सीहोर से भोपाल पहुंचे। अस्पताल गए तो पता चला कि बड़ी बेटी शीतल की मौत हो गई।

पिता ने कहा- मेरी तो अब दुनिया खत्म 
हसमुख ने बताया कि दोनों बहनों के बीच अक्सर घर के काम को लेकर मामूली झगड़ा होता रहता था। दोनों एक दूसरे से काम करने के लिए कहती थी। कभी लगा ही नहीं कि उनके बीच झगड़ा इतना बढ़ जाएगा कि दोनों जहर खा लेंगी। पिता हसमुख ने रोते हुए कहा कि मेरी तो अब दुनिया खत्म हो गई है। वहीं इस पूरे मामले में एडिशनल सीपी का कहना है कि अभी जांच कर रहे हैं इससे पहले भी कभी उन्होंने आत्मघाती कदम उठाया था या नहीं अभी किसी भी तरह की जानकारी नहीं आई है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। परिजनों से पूछताछ की जाएगी। अभी मामला गंभीर होने के कारण किसी भी तरह की पूछताछ नहीं की गई है और ना ही बयान लिया गया है। पूरे मामले में जांच की जा रही है जैसे साक्ष आएंगे उस अनुरूप वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

छोटी बेटी वेंटीलेटर पर लड़ रही है जिंदगी की जंग 
बताया जा रहा है कि झगड़े में सबसे पहले बड़ी बेटी ने जहर खाया। उसके बाद डर की वजह से छोटी बेटी शिवानी ने भी जहर खा लिया। उसकी हालत अभी गंभीर है, लेकिन वे पहले से बेहतर है। उसे ऑक्सीजन लगाई गई है। अभी कुछ बोल नहीं पा रही है। उससे बात करने पर ही पता चल पाएगा कि उनके बीच क्या हुआ था।

अगर परिवार में कोई जहर खा ले, तो करें ये उपाय
 एक्सपर्ट का मानना है कि अगर कोई व्यक्ति गलती से जहर खा लेता है, तो उसकी जान बचाई जा सकती है। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसने किस तरह का जहर खाया है, कितना खाया और कितनी देर पहले खाया है? कुछ जहर कम विषैले होते हैं और कुछ बहुत ज्यादा विषय होते हैं। कैप्सूल, टेबलेट, नींद की गोलियां आदि जहर जो सीधे पेट में जाते हैं उनका सर थोड़ी देर में होता है लेकिन चूहे मारने की दवा, फिनायल, कपूर की गोलियां जैसी चीजें बहुत खतरनाक होती हैं, जो तुरंत असर दिखाना शुरू कर देती हैं। घरेलू उपाय अगर कोई जहर खा लेता है, तो ध्यान रखें कि जितनी जल्दी हो सके उसे डॉक्टर के पास ले जाएं लेकिन अगर इसमें समय लग रहा है, तो आपको बहुत कम समय में यह उपाय भी ट्राई करनी चाहिए। मरीज को तुरंत उल्टी कराएं, हो सके तो उसे बाद में दूध पिला सकते हैं। इसके अलावा एक गिलास पानी में एक मुट्ठी नमक डालें और उसे अच्छी तरह हिलाकर उस व्यक्ति को पिला दें।

घरेलू उपाय 
अगर कोई जहर खा लेता है, तो ध्यान रखें कि जितनी जल्दी हो सके उसे डॉक्टर के पास ले जाएं लेकिन अगर इसमें समय लग रहा है, तो आपको बहुत कम समय में यह उपाय भी ट्राई करनी चाहिए। मरीज को तुरंत उल्टी कराएं, हो सके तो उसे बाद में दूध पिला सकते हैं। इसके अलावा एक गिलास पानी में एक मुट्ठी नमक डालें और उसे अच्छी तरह हिलाकर उस व्यक्ति को पिला दें।

डिप्रेशन को पहचाने 
मनोचिकित्सक डॉक्टर दीपक सांखला का कहना है कि अगर घर में बच्चों के बीच झगड़ा अत्यधिक होता है तो मां-बाप को तुरंत उस पर ध्यान देना चाहिए और उनकी काउंसलिंग भी कराना चाहिए। उनकी गतिविधियों पर भी नजर रखनी चाहिए। अगर आपका बच्चा ज्यादा सोचने वाला है, तो उसकी सोच पर भी कई बार ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि उदास रहना, व्यवहार में बदलाव आना, छोटी-छोटी बातों पर चिल्लाना ये सब डिप्रेशन की पहचान होती है। इसके बाद ही व्यक्ति आत्महत्या करने की कोशिश करता है। इसके अलावा और कोई कारण भी हो सकते हैं।
 

 

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