क्राइम पेट्रोल

प्रेमी ने की प्रेमिका की हत्या, बॉयफ्रेंड समेत 2 गिरफ्तार

 लखनऊ की वृन्दावन कॉलोनी में बर्थडे पार्टी के दौरान विवाद होने पर विष्णु ने पहले सुष्मिता को शराब पिलाई। फिर कमरे में ले जाकर गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद विष्णु दोस्त अनुज उर्फ सूरज गुप्ता के साथ कार से वृन्दावन कॉलोनी, सेक्टर-19 में छोड़ आया था। विष्णु से पूछताछ के बाद यह खुलासा होने पर पीजीआई पुलिस ने सूरज को भी गिरफ्तार कर लिया है। सूरज पर हत्या के साक्ष्य मिटाने का आरोप है। दोनों को जेल भेज दिया गया है।

सुष्मिता मूल रूप से उड़ीसा की रहने वाली थी। उसका शव वृन्दावन कॉलोनी सेक्टर-19 में कार के अंदर मिला था। कार में मिले सुष्मिता के मोबाइल नम्बर से उसके दोस्त कानपुर, बर्रा निवासी विष्णु द्विवेदी का पता चला था। इसके बाद पीजीआई पुलिस की सूचना पर विष्णु को धनबाद रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ ने पकड़ लिया था। विष्णु रट लगाये रहा कि सुष्मिता ने झगड़ा होने पर कमरा बंद कर फांसी लगा ली थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई।

एडीसीपी, एसीपी और इंस्पेक्टर ने विष्णु से शनिवार रात और रविवार दोपहर कई बार पूछताछ की। इसमें पता चला कि विष्णु कार से सुष्मिका का शव ठिकाने के लिए जगह ढूंढ़ रहा था तो उसके साथ इटावा, जसवंत नगर निवासी सूरज भी था। इससे पहले सूरज ने तीन दिन हिरासत में रहने के दौरान यह तथ्य छिपाए रखा। एडीसीपी सै. अली अब्बास ने बताया कि सूरज के खिलाफ हत्या के साक्ष्य छिपाने के तहत कार्रवाई की गई है। अन्य तीन दोस्तों की भूमिका खंगाली जा रही है।

सुष्मिता और विष्णु के मोबाइल की कॉल डिटेल में कई नम्बर समान मिले। इन पर जब बात हुई तो कई राज खुले। विष्णु ने कुबूला कि सुष्मिता से उसके सम्पर्क थे। वह कानपुर में भी उससे मिला था और खुद को अविवाहित बताया था। कुछ दिन पहले सुष्मिता को उसके शादी शुदा होने का पता चला को दोनों में झगड़ा हुआ था। सुष्मिता को यह भी पता चला था कि उसकी दो और गर्लफ्रेंड हैं।

डीसीपी हृदयेश कुमार के मुताबिक बाद में सुष्मिता मुश्किल से सामान्य हुई थी। नौ अगस्त को विष्णु ने वृन्दावन योजना में किराये के फ्लैट पर बर्थडे पार्टी रखी थी। यहां एक गर्लफ्रेंड का फोन बार-बार आ रहा था। सुष्मिता की वजह से वह फोन नहीं उठा रहा था। वह कुछ देर के लिए हटी तो उसने गर्लफ्रेंड से फोन पर बात शुरू कर दी थी। सुष्मिता ने सुन लिया और वहीं झगड़ने लगी। झगड़ा करते हुए ही वह कमरे में चली गई थी। विष्णु का कहना था कि वहीं उसने कमरा बंद कर फांसी लगा ली थी। एडीसीपी ने बताया कि विष्णु ने जेल जाने तक हत्या की बात नहीं कुबूल की।

 

 

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