शिक्षा

डॉ.उमेश पांडेय को मिला बेस्ट रिसर्च पेपर का अवार्ड

 रायगढ़ (छत्तीसगढ़ दर्पण)। गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के आयोजित  21 से 23 सितंबर तक आयोजित व्याख्यानमाला में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर से कंप्यूटर साइंस विषय के लगभग 45  विभिन्न शोधार्थी, प्राध्यापक व छात्र छात्राओं ने शोध पत्र पावर पॉइंट के माध्यम से  प्रस्तुत किया। इस अंतरराष्ट्रीय व्याख्यानमाला में महाविद्यालय के कंप्यूटर साइंस एवं एप्लीकेशन विभागाध्यक्ष चेतन कुमार पैकरा, जनभागीदारी सहायक प्राध्यापक डॉ उमेश कुमार पांडेय, शशांक विश्वकर्मा, पूजा मिश्रा, प्रिया पाण्डेय और अनुभव श्रीवास्तव ने शोध पत्रों का वाचन किया। इनमे से डॉ.उमेश कुमार पांडेय के द्वारा प्रस्तुत शोध पत्र जिसका विषय "सेकुरिंग सिस्टम्स बाई यूजिंग आधार एथेंटिकेशन" था। जिसे व्याख्यानमाला के समापन समारोह में मुख्य अतिथि माननीय प्रो.अशोक सिंह, कुलपति संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय अंबिकापुर सरगुजा के हाथों उत्कृष्ट शोध पत्र सम्मान  कुलसचिव विनोद एक्का उपस्थिति में प्रदान किया गया। अन्य महाविद्यालय के प्राध्यापकों को शोध पत्र प्रस्तुत करने का प्रमाण पत्र व्याख्यानमाला  में प्राप्त  हुआ। इस आयोजन का सफलतम संयोजन विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग के कंप्यूटर विभागाध्यक्ष हरिशंकर प्रसाद टोंडे ने किया।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर एस.एस.अग्रवाल ने  कहा कि वर्तमान समय में साइबर अपराध के मामले जिस अनुपात में बढ़ रहे हैं, उनसे रोकथाम में भी इस प्रकार के शोध कार्य अपनी सार्थकता रखते हैं। डॉक्टर उमेश पांडेय के प्रस्तुत माडल पुलिस प्रशासन के लिए अपराध रोकथाम में सहायक हो सकता है, व्याख्यानमाला में सहभागी समस्त प्राध्यापकों का उत्साहवर्धन किया और यह भी कहा कि आप शोध कार्य के साथ-साथ शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन करें। सभी को यह प्रयास करना चाहिए कि छात्र छात्राओं को शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ सेमिनार वर्कशॉप में शामिल होने के लिए प्रेरित करते रहें। यथासंभव क्लास रूम में भी समय अनुसार उन्हें संबंधित विषय वस्तु के आधार पर प्रस्तुत और लेखन के लिए प्रेरित करना चाहिए। इस अवसर पर महाविद्यालय के डॉक्टर रिजवान उल्ला, ब्रजेश मिश्र, डॉक्टर एस.के.श्रीवास्तव, डॉक्टर राजकमल मिश्र, डॉक्टर एस. एन. पांडेय, डॉक्टर आर.पी.सिंह, डॉक्टर आर.के.जयसवाल, डॉक्टर जय नारायण पांडेय, रश्मित कौर,  डॉक्टर एम.के.मौर्या, सुनील केरकेट्टा, संगीता पांडेय,  मोनिका खेस, रानी चौरसिया, कृतिका सिन्हा, सुजीत विश्वकर्मा, सर्वेश पांडेय, विक्की शर्मा के साथ अन्य ने भी बधाई व शुभकामनाए प्रेषित किया।

डॉ  उमेश कुमार ने शोध पत्र के माध्यम से एक ऐसे वेब आधारित मॉडल की परिकल्पना, एलोरिथम एवं फ्रेमवर्क पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। जिसमे "आधार" से जुड़े सभी सार्वजनिक व निजी सुविधाओं को एक प्लेटफार्म पर रखा जा सकता है, इस प्लेटफार्म में यह "फेस रिकॉग्नाइजेशन" या मोबाइल नंबर, अन्य व्यक्तिगत जानकारी अथवा आधार नंबर में से किसी भी एक की उपस्थिति में कार्य करता है। इसमें कम्यूलेटिव एल्गोरिथम कार्य करता है, जिससे किसी व्यक्ति की संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर ली जाती है। इसमें किसी सर्विस रिक्वेस्ट होने पर किसी भी सैस्पेक्टेड पर्सन की सुविधाओं न केवल नियंत्रित किया जा सकता है, बल्कि उनके लोकेशन को ट्रेप कर सकते हैं। यह वर्तमान समय की आवश्यकता व अपनी सार्थकता रखता है। इस कार्य के लिए शोध संयोजक डाक्टर स्नेहलता बर्डे के उत्कृष्ट मार्गदर्शन, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.एस.एस.अग्रवाल और अन्य सभी कार्यरत प्राध्यापकों के यथा संभव सहयोग व उत्साह वर्जन के लिए उमेश पांडेय ने आभार व्यक्त किया।

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