शिक्षा

सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से लाखों बेटियों को फायदा


रांची(छत्तीसगढ़ दर्पण)। झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार की ओर से किशोरियों को शिक्षा में सहायता देने के लिए सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना चलाई जा रही है, जिससे लाखों बच्चियों को फायदा मिलने की उम्मीद है। इस योजना के तहत किशोरियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए कुल 40,000 रुपए की वित्तीय सहायता दी जाती है। यह राशि उन्हें दी जाने वाली किसी भी तरह की छात्रवृत्ति के अतिरिक्त है। इस योजना के तहत आठवीं में पढ़ने वाली किशोरियों से लेकर 18 साल से ज्यादा उम्र की लड़कियों को भी शामिल किया जा रहा है। इस योजना के तहत छात्राओं को कैश सहायता उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान है।

आठवीं की छात्रा से सहायता राशि देने की शुरुआत
झारखंड सरकार की सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत अलग-अलग कक्षा की बच्चियों के लिए अलग-अलग सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है। इसके तहत 8वीं में पढ़ने वाली छात्रा को 2500 रुपए, 9वीं की छात्रा को भी 2500 रुपए, 10वीं और 12वीं की छात्रा को 5000-5000 रुपए की सहायता राशि दिए जाने की व्यवस्था है। जबकि, 18 साल से ऊपर की लड़कियों को शिक्षा के लिए एकमुश्त 20,000 रुपए का अनुदान दिया जाता है।

ड्रॉपआउट छात्राओं के लिए भी विशेष पहल
सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना में झारखंड की उन सभी किशोरियों को शामिल किया जाता है, जो किसी सरकारी, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त या राइट टू एजुकेशन ऐक्ट के तहत चलने वाले किसी निजी स्कूल में पढ़ती हैं। इस योजना के तहत ड्रॉपआउट किशोरियों को स्कूल-कॉलेजों से जोड़ने की भी विशेष पहल की जा रही है।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस योजना के बारे में कहा है,
आज हम पूरे गौरव के साथ कहते हैं कि झारखंड की बेटियां किसी से कम नहीं हैं। यहां की बच्चियां विभिन्न क्षेत्रों में चाहे, वह शिक्षा के क्षेत्र में हो, चाहे खेल के क्षेत्र में हो और चाहे स्वरोजगार के क्षेत्र में हो....उन लोगों को ध्यान में रखकर हमलोग सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना लाए। सावित्री बाई फुले पहली महिला शिक्षिका थीं और वो भी दलित महिला। पूरे देश में सावित्री बाई फुले का नाम सम्मान से लिया जाता है। आज उन्हीं के नाम पर इस योजना की शुरआत हमने की है

लाभार्थियों के लिए पात्रता की शर्तें

मां की पहली दो बेटियों को ही इसका लाभ मिलेगा।
माता-पिता आयकर दाता नहीं होने चाहिए।
माता-पिता केंद्र सरकार/राज्य सरकार/दोनों में किसी के सार्वजनिक क्षेत्र के स्थायी कर्मचारी या पेंशनभोगी नहीं होंगे।
18 वर्ष की उम्र होने पर लाभार्थी का नाम झारखंड राज्य की मतदादाता सूची में शामिल करना अनिवार्य होगा।
बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र देगा होगा।
बच्ची और उनके माता-पिता का आधार प्रमाण पत्र।
बच्ची का बैंक या पोस्ट ऑफिस में खाता होना चाहिए।

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