हिंदुस्तान

एससीओ सदस्य देशों के बीच प्रभावी सहयोग की जरूरत : अनुप्रिया पटेल

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि एससीओ सदस्य देशों की व्यापार क्षमता का उपयोग करने के लिए विश्वास और पारदर्शिता के साथ रचनात्मक सहयोग महत्‍वपूर्ण है। वे विदेशी अर्थव्यवस्था और विदेश व्यापार का कामकाज देखने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के मंत्रियों की 21वीं बैठक में बोल रही थीं।

श्रीमती पटेल ने सभी एससीओ सदस्यों के लिए पारस्परिक रूप से लाभप्रद, संतुलित और समान लाभ के लिए एससीओ क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों का उल्लेख किया। उन्होंने व्यापार और वाणिज्य में संतुलित और समान विकास के लिए एससीओ सदस्य देशों के बीच प्रभावी सहयोग की जरूरत पर जोर दिया। श्रीमती पटेल ने कहा कि आर्थिक बहाली के तहत विकास में नई जान फूंकने के लिये यह जरूरी है कि संतुलित तथा समतावादी आर्थिक प्रगति को ध्यान में रखकर सामूहिक प्रयास किये जायें। उन्होंने जोर देकर कहा कि विश्वास और पारदर्शिता वैश्विक व्यापार की स्थिरता को निर्धारित करती है तथा बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के मूलभूत सिद्धांतों और उद्देश्यों को संरक्षित करती है।

श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने किसी भी महामारी से लड़ने के लिए सस्ती दवाओं, चिकित्सा विज्ञान, टीकों के साथ-साथ स्वास्थ्य सुविधाओं को सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस सिलसिले में सबसे गरीब लोगों के जीवन, आजीविका, भोजन और पोषण सुरक्षा को संरक्षित करना प्रमुख है।

श्रीमती पटेल ने कहा कि मानव जाति की समृद्धि के लिए तकनीकी विकास, संसाधनों के इष्टतम उपयोग, पर्यावरण के संरक्षण, संसाधनों के सतत वितरण पर उत्कृष्ट व्यवहारों को साझा करने की जरूरत है, ताकि वर्तमान और भावी पीढ़ी के पास खुशहाल जीवन जीने के लिए पर्याप्त संसाधन हों। पर्यावरण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि विश्व मंच पर जलवायु एजेंडा का उपयोग व्यापार और निवेश सहयोग को प्रतिबंधित करने वाले उपायों को पेश करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

श्रीमती पटेल ने इस बात को भी रेखांकित किया कि डिजिटल प्रौद्योगिकी को लेकर विकसित और विकासशील देशों के बीच बड़ा अंतराल है, जिसे डिजिटल क्षमताओं का निर्माण करके कम करने की आवश्यकता है।

श्रीमती पटेल ने एससीओ की हालिया पहल की सराहना की, जिसमें वाराणसी शहर को 2022-2023 की अवधि के लिए पहली बार एससीओ पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में नामित किया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इससे पर्यटन और लोगों से लोगों के बीच मेल-मिलाप को बढ़ावा देने तथा व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

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