हिंदुस्तान

महाकाल लोक की यह भव्यता भावी पीढ़ियों को आलौकिक दिव्यता के दर्शन कराएगी : नरेंद्र मोदी

 उज्जैन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। महाकाल की नगरी उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के आंगन में बना श्री महाकाल लोक का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथो हुआ। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल का पूजन भी किया। महाकाल लोक परियोजना का पहला चरण तीर्थयात्रियों को विश्व स्तरीय आधुनिक सुविधाएं प्रदान करके मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों के अनुभव को स्मरणीय बनाने में सहायता प्रदान करेगा।



इससे पहले उन्होंने बाबा महाकाल की आरती भी की। इस दौरान मौजूद पुजारी ने पीएम मोदी को रुद्राक्ष की माला पहनाई। मंत्रोच्चार के साथ पीएम मोदी के माथे पर त्रिपुंड लगाया। हालांकि पीएम मोदी जलाभिषेक नहीं कर सके, क्योंकि बाबा महाकाल का श्रृंगार हो चुका था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नंदी द्वार पर पहुंचकर महाकाल लोक का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने रिमोट से रक्षासूत्र से बनाए गए शिवलिंग का पर्दा हटाया। ये महाकाल लोक का प्रतीक स्वरूप माना गया था। रक्षासूत्र से बने 16 फीट ऊंचे शिवलिंग के अनावरण के साथ लोकार्पण हुआ है। इसके बाद पीएम मोदी ने इलेक्ट्रिक वाहन से महाकाल कॉरिडोर का भ्रमण किया।

पीएम मोदी ने अपना संबोधन हर हर महादेव से शुरू किया। उन्होंने कहा कि उज्जैन की यह ऊर्जा, यह उत्साह, अवंतिका की यह आभा, यह अद्भुत यह आनंद, महाकाल की यह महिमा, यह महात्म्य,... शंकर के सानिध्य में कुछ भी साधारण नहीं है। असाधारण है। यह महसूस कर रहा हूं कि हमारी तपस्या से महाकाल प्रसन्न होते हैं तो ऐसे ही भव्य स्वरूपों का निर्माण होता है। जब महाकाल का आशीर्वाद मिलता है तो काल की रेखाएं मिट जाती हैं। समय की सीमाएं मिट जाती हैं। अंत से अनंत की यात्रा आरंभ हो जाती है।

महाकाल लोक की यह भव्यता भी समय की सीमा से परे आने वाली कई पीढ़ियों को आलौकिक दिव्यता के दर्शन कराएगी। भारत की अध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना को ऊर्जा देगी। मैं इस अद्भुत अवसर पर राजाधिराज महाकाल के चरणों में शत-शत नमन करता हूं। मैं आप सभी को देश-दुनिया में महाकाल के सभी भक्तों को ह्दय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। विशेष रूप से भाई शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार, उनका मैं ह्दय से अभिनंदन करता हूं। जो लगातार इतने समर्पण से इस सेवा यज्ञ में लगे हुए हैं। साथ ही मैं मंदिर ट्रस्ट से जुडे सभी लोगों, संतों-विद्वानों का आभार प्रकट करता हूं। जिनके प्रयास यह सफल हुआ है।

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