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आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य हासिल करने को लालकिले में बनी प्रयोगशाला : राय

नई दिल्ली: इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने कहा है कि यहां लालकिले में एक प्रयोगशाला बनी है और वह आत्मनिर्भर भारत और उन्नत भारत तथा प्रधामनंत्री के सपनों का भारत बनेगा, तो यह उसकी एक प्रयोगशाला होगी।

श्री राय ने यह बात केन्द्र के आत्मनिर्भर भारत सेंटर फॉर डिजाइन (एबीसीडी) द्वारा लाल किला परिसर में आयोजित दो दिवसीय ‘क्राफ्ट एंड डिजाइन एक्सचेंज फोरम’ के समापन सत्र में कही। समापन सत्र के मुख्य अतिथि देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार ‘पद्मश्री’ बिमान बिहारी दास थे। इस अवसर पर आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी और निदेशक (प्रशासन) डॉ. प्रियंका मिश्रा भी मौजूद थे। गौरतलब है कि एबीसीडी परियोजना का शुभारम्भ प्रधानमंत्री ने दिसंबर, 2023 में किया था।

श्री राय ने अपने सम्बोधन में आगे कहा कि आयोजन स्थल से लाल किले का जितना मनोरम दृश्य दिख रहा है, आत्मनिर्भर भारत का दृश्य भी उतना ही मनोरम होगा। उन्होंने कहा, आत्मनिर्भर भारत के रास्ते में रुकावटें बहुत हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सपना जगाया है और मेरी दृष्टि में सपने का पैदा होना ही जरूरी है। इस संदर्भ में उन्होंने अमेरिका के मार्टिन लूथर किंग जूनियर का उदाहरण दिया, जिन्होंने कहा था- मेरा एक सपना है (आई हैव अ ड्रीम) और यह वाक्य अमेरिका में अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक अधिकारों के संघर्ष का घोष वाक्य बन गया।

उन्होंने कहा, 17वीं-18वीं शताब्दी में भारत की कला बहुत समृद्ध थी। अगर हम ढाका के मलमल को याद करें, तो उसे ढाका के कारीगर बनाते थे और ऐसी हजारों चीजें थीं, जिसे हमारे यहां के कारीगर बनाते थे। उनके लिए दुनिया का बाजार उपलब्ध था। आज परिस्थियां पलट गई हैं। दुनिया के बाजार का माल भारत में खप रहा है और उसका इस्तेमाल हो रहा है। आत्मनिर्भर भारत का सपना यह है कि यहां सामान बने और अमेरिका में बिके।

इस अवसर पर प्रख्यात मूर्तिकार श्री बिमान बिहारी दास ने देशज कलाकारों और शिल्पकारों की बेहतरी के उद्देश्य से शुरू की गई एबीसीडी परियोजना के लिए आईजीएनसीए की सराहना करते हुए कहा कि भारत अपने कला और शिल्प के लिए जाना जाता है। आप भारत में कहीं भी चले जाइए, आपको अद्भुत कला और शिल्प के दर्शन हो जाएंगे।

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