बहराइच के 35 गांवों में आदमखोर भेड़ियों का आतंक
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आदमखोर भेड़ियों ने 35 गांवों में भय का माहौल पैदा कर दिया है। यहां के लोग रातों को जागकर अपने परिवार की सुरक्षा के लिए पहरा दे रहे हैं। वन विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, इन हमलों के लिए जिम्मेदार भेड़ियों का एक झुंड है, जिसमें कुल छह भेड़िए शामिल हैं। अब तक चार भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है, जबकि दो की तलाश जारी है।
पांच वन प्रभागों की टीमें लगीं तलाश में
बहराइच में इन आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग ने बहराइच, कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ, श्रावस्ती, गोंडा और बाराबंकी के पांच वन प्रभागों की लगभग 25 टीमों को तैनात किया है। हालांकि वन विभाग ने भेड़ियों की संख्या छह बताई है, लेकिन प्रभावित गांवों के लोगों का कहना है कि इनकी संख्या दो दर्जन तक हो सकती है।
गांवों में जागरण और पहरेदारी
भेड़ियों के हमलों के बाद गांवों में डर का माहौल इतना बढ़ गया है कि लोग रात में जागकर पहरा दे रहे हैं। अपने बच्चों और परिवार को सुरक्षित रखने के लिए गांववाले अंधेरा होने के बाद घर से बाहर निकलने से बच रहे हैं।
औराही गांव से शुरू हुआ आतंक
भेड़ियों का आतंक सबसे पहले जिले के औराही गांव से शुरू हुआ। लगभग डेढ़ महीने पहले यहां 7 साल के फिरोज पर एक भेड़िये ने हमला किया था। वह अपनी मां के साथ सोया हुआ था, जब रात के करीब 12 बजे एक भेड़िया घर के बरामदे में घुसकर उसे उठा ले गया। फिरोज को 200 मीटर दूर खेत तक घसीट कर ले जाया गया, लेकिन गांववालों के शोर मचाने पर भेड़िया उसे छोड़कर भाग गया। फिरोज को गंभीर चोटें आई थीं, और 13 दिन के इलाज के बाद उसकी जान बची।
राहुल की कहानी: मार्च में हुआ था हमला
इसी गांव में, 7 साल के राहुल पर भी इसी साल मार्च में भेड़ियों ने हमला किया था। राहुल अपनी मां के साथ सो रहा था जब भेड़िया उसे उठा ले गया। हालांकि, उसके चाचा ने बच्चों के रोने की आवाज सुनकर भेड़िये का पीछा किया, जिससे वह जाल में फंसकर भाग गया। राहुल भी बुरी तरह घायल हो गया था, और उसकी यह कहानी सुनकर आज भी लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
वन विभाग और ग्रामीणों के प्रयासों से अब तक चार भेड़ियों को पकड़ लिया गया है, और बाकी दो भेड़ियों की तलाश जारी है। लेकिन इन घटनाओं ने इलाके में दहशत का माहौल बना दिया है, जिससे लोग अभी भी सहमे हुए हैं।