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हरभजन सिंह ने कुंबले के रिकॉर्ड को किया याद, 'जब 6-7 हो गए थे तब लगा कि मुझे विकेट नहीं मिलने चाहिए'

 

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में सभी 10 विकेट हासिल करना बड़ी बात है। न्यूजीलैंड के एजाज पटेल ने पिछले साल यह उपलब्धि हासिल की थी। वह टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में 10 विकेट लेने वाले दुनिया के तीसरे गेंदबाज बने थे। पटेल ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत के खिलाफ 47.5 ओवर में 119 रन देकर 10 विकेट चटकाए थे। पटेल से पहले अनिल कुंबले ऐसा करने वाले आखिरी गेंदबाज थे। दिग्गज अनिल कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ फिरोज शाह कोटला स्टेडियम में सभी 10 विकेट लिए। दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में उन्होंने 26.3 ओवर में 74 रन देकर 10 झटके थे और भारत को जीत तक पहुंचाया था।

भज्जी ने की तारीफ
दो दशक से अधिक समय लगा लेकिन एक और गेंदबाज आखिरकार इस क्लब में शामिल हो गया। कुंबले के साथ घातक साझेदारी करने वाले भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने अपने सीनियर की जमकर तारीफ की। हरभजन ने याद किया कि एक भी विकेट न मिलने के बावजूद वह खुश थे, क्योंकि कुंबले एक टेस्ट पारी में 10 विकेट ले रहे थे।

मुझे विकेट नहीं मिलने चाहिए
स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत में हरभजन सिंह ने बताया, "टेस्ट मैच दिल्ली में था जब अनिल भाई ने सभी 10 विकेट लिए थे। मैं भी वह खेल खेल रहा था। एक बार के लिए मैं खुश था कि मुझे एक भी विकेट नहीं मिला। 10 विकेट हासिल करना बहुत बड़ा है। जब 6-7 हो गए थे तब लगा कि विकेट मुझे नहीं मिलने चाहिए... सभी विकेट अनिल कुंबले को मिलनी चाहिए। जब उन्होंने 6-7 बल्लेबाजों को आउट किया, तो मैंने सोचा कि मुझे कोई विकेट नहीं मिलना चाहिए ... वे सभी उनके थे।
चालाक लेग स्पिनर हैं
कुंबले ने 2007 और 2008 में भारत की टेस्ट टीम की कप्तानी की और 2016-17 में भारतीय टीम के मुख्य कोच भी थे। वह टेस्ट और वनडे दोनों में देश के अग्रणी विकेट लेने वाले गेंदबाज बने हुए हैं। वह मुथैया मुरलीधरन और शेन वार्न के बाद 132 मैचों में 29.65 की औसत से 619 विकेट लेकर दुनिया के सर्वाधिक विकेट लेने वालों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं। हरभजन ने इससे पहले कुंबले को टेस्ट में दुनिया के सफल गेंदबाजों में शामिल किया था। उन्होंने कहा था कि वह एक चालाक लेग स्पिनर हैं, वह स्पिन की परवाह किए बिना ही बल्लेबाजों को आउट कर सकते हैं।

मैं सालों उनके साथ खेला
हरभजन ने स्पोर्टस्टार से बातचीत में कहा था, "मेरे विचार में अनिल भाई भारत के लिए खेलने वाले अब तक के सबसे महान खिलाड़ी थे। वह शायद भारत के अब तक के सबसे महान मैच विजेता खिलाड़ी हैं। लोग कहते थे कि उन्होंने गेंद को स्पिन नहीं किया, लेकिन उन्होंने दिखाया कि अगर आपके पास दिल होता तो आप बल्लेबाजों को आउट कर सकते थे भले ही गेंद घूमती हो या नहीं। अगर किसी के पास अनिल भाई की आधी प्रतिस्पर्धा है तो वह चैंपियन बन जाएगा। मैं भाग्यशाली हूं कि इतने सालों तक उनके साथ खेला। वह अविश्वसनीय रूप से प्रतिबद्ध खिलाड़ी थे।"

 

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