नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। उम्र के पांचवें दशक को पार कर चुके पांच बार के विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद का इरादा फिलहाल शतरंज को अलविदा कहने का नहीं है लेकिन खेल प्रशासक के तौर पर नयी पारी के जरिये वह खेल की लोकप्रियता का ग्राफ ऊपर ले जाने के लिये काम करेंगे ।
आनंद ने विशेष इंटरव्यू में कहा , पिछले कुछ साल में शतरंज ने काफी प्रगति की है खासकर कोरोना महामारी के दौर में लोग काफी शतरंज खेलने लगे । डिजिटिल, आनलाइन, इंटरनेट पर शतरंज का चलन बढा जिसे मैं आगे बढाना चाहूंगा । जुलाई अगस्त में महाबलीपुरम में होने वाले 44वें शतरंज ओलंपियाड के दौरान होने वाले चुनाव में अगर निवतृमान अध्यक्ष अर्काडी वोरकोविच फिर चुने जाते हैं तो आनंद अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) के उपाध्यक्ष होंगे । वोरकोविच ने अपनी टीम में आनंद को इस पद के लिये नामित किया है ।
आनंद ने कहा , मैं युवाओं के मामले में भारत को ध्यान में रखकर प्रयास करूंगा । कोशिश करूंगा कि ज्यादा से ज्यादा युवा खिलाड़ी आगे आयें और उनको पूरा सहयोग मिल सके । मैं अपना नजरिया और सुझाव रखूंगा । उन्होंने कहा , फिडे उपाध्यक्ष पद के लिये मुझसे मार्च में पूछा गया तो मुझे यह दिलचस्प अवसर लगा । अब मैं काफी कम टूर्नामेंट खेल रहा हूं और अपनी अकादमी पर भी फोकस है लेकिन यह एक नयी चुनौती है और मैं सीखने की कोशिश करूंगा । अब मैं वैसे भी चुनिंदा टूर्नामेंट खेल रहा हूं मसलन शतरंज ओलंपियाड नहीं खेल रहा तो इस नयी चुनौती के लिये मैं तैयार हूं ।