खेल

झारखंड राज्य के तीरंदाजी विभाग के मुख्य कोच हरेन्द्र ने तीरंदाजी केन्द्र जशपुर का किया विजिट

 जशपुरनगर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। जिला प्रशासन की ओर से प्रतिभावान छात्रों के खेल प्रतिभा को विकसित करने के लिए संचालित तीरंदाजी केन्द्र व एकलव्य खेल अकादमी को और अधिक विकसित करने के लिए सार्थक प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला प्रशासन की पहल पर झारखंड राज्य के तीरंदाजी विभाग के मुख्य कोच हरेन्द्र कुमार सिंह की ओर से जशपुर के तीरंदाजी केंद्र का विजिट किया गया। उनके द्वारा केंद्र के बच्चों की कला, खेल की प्रति रुचि का अवलोकन करते हुए उन्हें दी जाने वाली आहार योजना सहित अन्य सुविधाओं की पूरी जानकारी ली।

इस दौरान कोच सिंह ने कलेक्टर डॉ रवि मित्तल भेंट कर केंद्र को विकसित करने सहित अन्य जरूरतों के संबंध में विस्तार से चर्चा की। कलेक्टर की ओर से केंद्र को और अधिक विकसित करने व बच्चों की खेल प्रतिभा को निखारने, उन्हें भविष्य की स्पर्धाओं के लिए तैयार करने, उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने की बात कही। उन्होंने बच्चों के खेल प्रतिभा को निखारने के लिए टाटा एकेडमी सहित अन्य खेल संस्थाओं का भ्रमण कराने व समय-समय पर विविध प्रतिस्पर्धा आयोजित करने के लिए कहा।

गौरतलब है कि अनुभवी तीरंदाजी कोच हरेंद्र सिंह दो दशकों से अधिक समय से तीरंदाजी सर्किट का हिस्सा रहे हैं। वे इंडियन आर्चरी टीम कंपाउंड टीम के 10 वर्षों तक कोच रहे है। वर्तमान में झारखंड सरकार के आर्चरी विभाग के मुख्य कोच है। साथ ही खेलो इंडिया नार्थ-ईस्ट व ईस्ट जोन के ऑब्जर्वर है। पूर्व में वे एनआईएस कोच रहे है। हरेन्द्र सिंह ने एक अंतर्राष्ट्रीय कोच के रूप में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर खेल प्रतिभाओं को उभारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, साथ ही जमीनी स्तर पर तीरंदाजी के विकास में भी सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। कोच हरेन्द्र सिंह की अगुवाई में कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 सहित अन्य अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में भारतीय आर्चरी टीम ने स्वर्ण पदक जीता है।

कोच सिंह ने तीरंदाजी केंद्र के बच्चों को खेल की बारीकियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। जिससे बच्चों का खेल का स्तर ऊंचा हो सके। साथ ही लक्ष्य साधने के लिए एकाग्रता बनाए रखने के विशेष सुझाव दिए। साथ ही अपने अनुभव साझा किए। कोच सिंह की ओर से तीरंदाजी केंद्र के विकास के लिए अधोसंरचना निर्माण सहित केंद्र में निर्धारित सीटों का पुनर्गठन, भर्ती के लिए रुचि लेने वाले छात्रों का चयन, पृथक खेल मैदान, आवश्यक खेल सामग्री, बच्चों की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रस्ताव तैयार कर जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया जाएगा। जिस पर प्रशासन की ओर से केंद्र के विकास के लिए आगे की आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

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