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मानवाधिकार को लेकर सऊदी अरब पर अपना रुख नहीं बदलने वाला : बाइडन

रेहोबोथ बीच (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उन्होंने प्रमुख तेल उत्पादकों द्वारा उत्पादन बढ़ाने के लिए सऊदी अरब की प्रशंसा होने के बावजूद वहां मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर अपने विचार नहीं बदले हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में बाइडन ने सऊदी अरब को मानवाधिकार हनन को लेकर अलग-थलग करने का संकल्प जताया था।

बाइडन ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि वह भविष्य में सऊदी अरब जाएंगे या नहीं, लेकिन उनकी फिलहाल वहां का दौरा करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने माना कि वह आगे चलकर इजराइल और सऊदी अरब सहित कुछ अरब देशों के नेताओं से मिलने की उम्मीद करते हैं।

हालांकि, व्हाइट हाउस राष्ट्रपति की इस यात्रा की योजना को लेकर अधिक स्पष्ट नजर आता है। योजना से वाकिफ व्हाइट हाउस के एक व्यक्ति ने कहा कि बाइडन ने सऊदी अरब के साथ-साथ इजराइल का दौरा करने का फैसला किया है और वह संभवतः इस महीने यूरोप में कई शिखर बैठकों के लिए पहले से निर्धारित अपने यात्रा कार्यक्रम के बीच इन देशों में जा सकते हैं। हालांकि, उनके यात्रा कार्यक्रम को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।

सऊदी अरब की संभावित यात्रा के बारे में पूछे जाने पर बाइडन ने संवाददाताओं से कहा, देखिए, मैं वहां मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर अपने विचार नहीं बदलने जा रहा हूं। लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में अगर मैं शांति लाने की दिशा में कुछ कर सकता हूं तो जरूर करूंगा। मैं यही करने की कोशिश कर रहा हूं।

अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में बाइडन ने शहजादे मोहम्मद बिन सलमान के क्रूर तरीकों की आलोचना की थी और अमेरिका के पत्रकार जमाल खाशोगी की 2018 की हत्या के लिए सउदी अरब को अलग-थलग करने का संकल्प जताया था। अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने कहा है कि शहजादे सलमान ने खाशोगी को मंजूरी दी थी।

इससे पहले, व्हाइट हाउस ने ओपेक प्लस समूह के तेल उत्पादन के संकल्प को हासिल करने में सऊदी अरब की भूमिका की प्रशंसा की थी। वहीं, बाइडन ने यमन के साथ सात साल से जारी युद्ध में 60 दिनों के संघर्ष-विराम विस्तार पर सऊदी अरब के इस सप्ताह सहमति जताने को साहसिक नेतृत्व का प्रदर्शन बताते हुए इस कदम की सराहना की थी।

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