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ब्रिटेन में चीन की हुई भारी बेइज्जती, प्रतिनिधिमंडल को नहीं देखने देगा क्वीन एलिजाबेथ का ताबूत

 

लंदन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। महारानी एलिजाबेथ के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए लंदन जाने वाले चीनी प्रतिनिधिमंडल को संसद के अंदर ताबूत देखने की अनुमति नहीं मिलेगी। बीबीसी की खबर के मुताबिक ब्रिटेन सरकार ने चीन के प्रतिनिधि मंडल को संसद में क्वीन के अंतिम दर्शन की इजाजत नहीं दी है। चीन का प्रतिनिधि मंडल ब्रिटिश संसद में क्वीन एलिजाबेथ के अंतिम दर्शन नहीं कर पाएगा। हालांकि चीन का प्रतिनिधि मंडल क्वीन के अंतिम संस्कार में शामिल होगा।

ब्रिटेनी सांसदों ने चीन की निंदा की थी
ब्रिटेन के कुछ सांसदों ने चीन के प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित करने पर चिंता जताई थी। बता दें कि चीन के शिनजियांग प्रांत में उईगर मुसलमानों संग अत्याचार और मानवाधिकारों के हनन करने को लेकर ब्रिटेन के कुछ सांसदों ने चीन की कम्यूनिस्ट सरकार की आलोचना की थी। इसके बाद मार्च 2021 में ब्रिटेन ने चीन के शिन्जियांग में ह्यूमन राइट्स के हनन पर चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद चीन ने पलटवार करते हुए ब्रिटेन के नौ सांसद और चार संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया।

क्वीन का ताबूत देखने से किया बैन
बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीनी सरकार के प्रतिनिधिमंडल को ब्रिटिश सरकार की निगरानी में क्वीन का ताबूत देखने से बैन कर दिया है। ब्रिटेन की संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स के अध्यक्ष सर लिंडसे हॉयल ने चीनी सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल को वेस्टमिंस्टर हॉल में दिवंगत महारानी के 'लाइंग-इन-स्टेट' कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नहीं दी है।

बीबीसी ने रिपोर्ट में किया खुलासा
बीबीसी सूत्रों के मुताबिक सर लिंडसे हॉयल ने उइगुर मुस्लिम अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का आरोप लगाने के लिए पांच ब्रिटिश सांसदों के खिलाफ चीनी प्रतिबंधों के कारण चीनी प्रतिनिधिमंडल के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। इससे पहले सितंबर 2021 में भी चीन के एम्बेसेडर को संसद में आने से रोका गया था। ब्रिटेन की PM लिज ट्रस के प्रवक्ता का कहना है कि मेहमानों की लिस्ट विदेश मंत्रालय की स्वीकृति पर ही तैयार होती है। परम्परा के मुताबिक उन देशों के गेस्ट को बुलाया जाता है, जिनके ब्रिटेन से अच्छे डिप्लोमैटिक रिश्ते होते है।

तनावपूर्ण हो सकते हैं ब्रिटेन-यूके के संबंध
इस बीच हाउस ऑफ कॉमन्स ने कहा कि उसने सुरक्षा मामलों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन को अंतिम संस्कार कार्यक्रम में उपस्थित होने की अनुमति होगी, लेकिन उसे संसद भवन के अंदर के कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी। बता दें कि वेस्टमिंस्टर हॉल संसदीय संपदा का हिस्सा है तथा यह हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्ड्स के अध्यक्षों के नियंत्रण में होता है। इस घटनाक्रम से ब्रिटेन-चीन संबंधों के और तनावपूर्ण होने की आशंका है।

चीन ने कहा- मेहमानों के साथ हो उचित व्यवहार
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि उन्होंने अभी तक रिपोर्ट नहीं देखी है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के लिए क्वीन का अंतिम संस्कार एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। ब्रिटेन के आमंत्रण पर हिस्सा लेने वाला हमारा प्रतिनिधि मंडल क्वीन के सम्मान और ब्रिटेन के साथ संबधों के लिए जा रहा है। आयोजक के रूप में ब्रिटेन को राजनयिक प्रोटोकॉल के साथ-साथ मेहमानों के लिए भी उतिक शिष्टाचार बनाए रखना चाहिए। बता दें कि ब्रिटिश विदेश कार्यालय के सूत्र के अनुसार चीनी उपराष्ट्रपति वांग किशान चीन का प्रतिनिधित्व करेंगे।

19 सितंबर को होगा अंतिम संस्कार
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ का अंतिम संस्कार 19 सितंबर सोमवार को होना है। इस कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत बेल्जियम, स्वीडन, नीदरलैंड्स और स्पेन के राजा-रानी शामिल होंगे। फ्रांस, ब्राजील, न्यूजीलैंड, श्रीलंका, तुर्की आदि देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी वहां पहुंचेंगे। वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन समेत बेलारूस, म्यांमार, ईरान को निमंत्रण नहीं दिया गया है।

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