दुनिया-जगत

ब्रिटेन के उच्चायुक्त ने किया शी इज़ विमेन इन स्टीम का विमोचन

 ब्रिटेन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय सूद और ब्रिटेन के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने शी इज़ – विमेन इन स्टीम पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक को एल्सा मैरी डी’ सिल्वा और सुप्रीत के. सिंह ने लिखा है। 75 विमेन इन स्टीम’ भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक और ब्रिटेन के उच्चायुक्त के साथ पुस्तक के विमोचन के अवसर पर; इस पुस्तक में एसटीईएएम (स्टीम) में उनकी यात्रा के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है। 

भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष होने के क्रम में इस पुस्तक में एसटीईएएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी, कला और गणित के क्षेत्र) की 75 महिलाओं को सम्मानित किया गया है। पुस्तक में स्टीम के क्षेत्र में सतत विकास, नेतृत्व और स्त्रीत्व का अभिनंदन किया गया है। साहस, आशा और दृढ़ता की निजी कहानियों को पेश करते हुये यह पुस्तक उन महिलाओं की निजी और व्यावसायिक संघर्षों को बयान करती है, जिन्हें आसानी से कुछ नहीं मिला। ये महिलायें, निश्चित रूप से हर उस लड़की के लिये प्रेरणा हैं, जो इन विषयों में आगे बढ़ना चाहती है। 

पुस्तक की लेखिकाओं एल्सा मेरी डी सिल्वा और सुप्रीत के. सिंह ने कहा, “कारपोरेट और विकास सेक्टर में कई वर्षों तक काम करते हुये, हमने देखा कि हर जगह, हर पैनल में पुरुषों का बोलबाला है। विभिन्न क्षेत्रों-विषयों में वही आगे हैं, जिनके निर्णयों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव महिलाओं पर पड़ता है। महिलाओं के योगदानों को दिलेरी के साथ नजरअंदाज कर दिया जाता है, उनकी आवाज की कोई कीमत नहीं है।

हमने जब महिला, पुरुष या अन्य के साथ काम करना शुरू किया कि हम लैंगिक समानता वाला संसार बना सकें, तब हमने तय किया कि सफल नारियों की कहानियां सबके सामने लायें। इस पुस्तक में एसटीईएएम के क्षेत्रों से जुड़ी महिलाओं के बारे में प्रमुखता से बताया गया है, उनके योगदान का अभिनंदन किया गया है तथा उनकी यात्रा को पहचान दी गई है। उनकी यात्रा लैंगिक आधार पर हमेशा चुनौतीपूर्ण रही है। भारत की स्वतंत्रता में महिलाओं के योगदान और उसके बाद उनकी सफलता व उन्नति को बहुधा कम आंका जाता है और उनका जिक्र नहीं किया जाता।

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