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'ड्रैगन' की अकड़ ढीली करेगा US! ताइवान और अमेरिका 'घातक' हथियार बनाएंगे, चीन के लिए 'खतरा'

 

ताइपे सिटी (छत्तीसगढ़ दर्पण)। ताइवान (Taiwan) के खिलाफ चीनी (Chinese) आक्रमकता को रोकने के लिए अमेरिका (US) ताइपे के साथ मिलकर हथियारों का उत्पादन करने की योजना पर विचार कर रहा है। इस विषय पर एक व्यापारिक लॉबी ने बताया कि, चीन के खिलाफ ताइवान की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए हथियारों के हस्तांतरण में तेजी लाने के उद्देश्य से इस योजना को आगे बढ़ाने पर विचार हो रहा है।

चीन के लिए बुरी खबर
ताइवान पर चीन की बुरी नजर है। यह दुनिया जानती है। ताइवान भी चीन को चेता चुका है कि वह किसी भी हालत में उसे जीत नहीं सकता है। अगर वह ऐसा करता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका चीन को सपोर्ट करने के वादा कर चुका है। वह कह चुका है कि, किसी भी परिस्थिति में वह ताइवान का साथ नहीं छोड़ेगा। अमेरिका के इस बयान से चीन पहले से ही वाशिंगटन पर गरमाया हुआ है।

ताइवान को हथियारों से लैस करेगा अमेरिका
बता दें कि, 2017 से अमेरिकी प्रशासन ने ताइवान को हथियारों की बिक्री में अब तक 20 बिलियन डॉलर से अधिक की मंजूरी दे चुका है। अमेरिका को मालूम है के चीन ने लोकतांत्रिक रूप से शासित द्वीप पर सैन्य दबाव बढ़ाता जा रहा है। अगर ताइवान को दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश मदद करता है तो चीन के लिए आगे की राह मुश्किल हो जाएगी। ताइवान को कब्जा करने के चीन के मंसूबों पर पानी फिरने की आशंका और अधिक प्रबल हो जाएगी।

चीन के खिलाफ मजबूत होगा ताइवान
चीन की बढ़ती आक्रमकता को देखते हुए अमेरिका ताइवान को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करना चाहता है। हालांकि, रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण हथियारों की डिलीवरी में देरी होने की आशंका जताई जा रही है। क्योंकि, यूक्रेन जंग के कारण कुछ सैन्य प्रणालियों की बढ़ती मांग के कारण बैकलॉग होने से सैन्य सामान की आपूर्ति में देरी हो सकती है। वहीं, यूएस-ताइवान बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष रूपर्ट हैमंड-चेम्बर्स ने इस योजना को सही ठहराया है।

कौन सा हथियार मिलेगा ताइवान को?
हालांकि, हैमंड-चेम्बर्स ने यह भी कहा कि अभी तक यह निर्धारित नहीं किया गया है कि किन हथियारों को ताइवान को मजूबती प्रदान करने के लिए दिया जाएगा। हालांकि, ताइवान को अधिक युद्ध सामग्री और लंबे समय के लिए स्थापित किए जाने वाले मिसाइल तकीनक प्रदान करने की दिशा में अमेरिका अपना ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने आगाह किया कि इस तरह के किसी भी कदम के लिए हथियार निर्माताओं को राज्य और रक्षा विभागों से सह-उत्पादन लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता होगी।

इस प्रक्रिया में क्या-क्या हो सकता है?
हैमंड-चेम्बर्स ने कहा कि एक विदेशी देश के लिए महत्वपूर्ण प्रोद्योगिकी को मंजूरी देने को लेकर अमेरिकी सरकार के भीतर सह-उत्पादन लाइसेंस जारी करने का विरोध हो सकता है। हैमंड-चेम्बर्स ने रायटर को बताया कि यह पहली का एक हिस्सा है, गेम चेंजर नहीं। उन्होंने बताया कि जापान के निक्केई अखबार ने पहली बार तीन अज्ञात स्रोतों का हवाला देते हुए योजना पर अपनी रिपोर्ट दी थी।

ताइवान ने अभी तक कुछ भी नहीं कहा है
हालांकि, ताइवान के विदेश मंत्रालय ने इस पूरे विष्य पर कुछ भी टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया है। हालांकि, मंत्रालय ने ताइवान-अमेरिका संबंध को करीबी और मैत्रीपूर्ण बताया है। निक्केई की रिपोर्ट में संभावना जताते हुए कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ताइवान में हथियार बनाने के लिए प्रौद्योगिकी प्रदान कर सकता है, या फिर संयुक्त राज्य अमेरिका में ताइवान के हिस्सों का उपयोग करके हथियारों का उत्पादन कर सकता है।

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