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इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट से झटका, EC के फैसले के खिलाफ याचिका की खारिज

 

इस्लामाबाद (छत्तीसगढ़ दर्पण)। चुनाव आयोग ( Election commission) के बाद इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (Islamabad High Court) ने भी पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को झटका दे दिया है। हाईकोर्ट ने सोमवार को इमरान खान की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले को तुरंत रद्द करने की मांग की थी। चुनाव आयोग ने खान को तोशाखाना मामले में 5 साल तक चुनाव लड़ने पर अयोग्य ठहराया था। आयोग के फैसले के खिलाफ इमरान खान के वकील अली जफर ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की थी जिसे कोर्ट के जज ने आज खारिज कर दिया।

इमरान की गुहार का असर नहीं
इस याचिका में इमरान खान ने अयोग्यता के फैसले को तुरंत निलंबित करने की कोर्ट से गुहार लगाई थी। कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया, हालांकि यह भी कहा कि उन्हें इस महीने होने वाले आगामी एनए-45 उपचुनाव में लड़ने के लिए किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

तोशाखाना विभाग के बारे में जाने
पाकिस्तान में साल 1974 में किया गया तोशाखाना विभाग कैबिनेट डिवीजन के कंट्रोल वाला एक विभाग है। इसका उद्देश्य देश के नेताओं,सांसदों, नौकरशाहों, अधिकारियों को अन्य देशों की सरकारों, विदेशी गणमान्य लोगों द्वारा कीमती उपहारों करना है। जो व्यक्ति उपहार को अपने पास रखना चाहते हैं, उन्हें एक निश्चित राशि का भुगतान करना होता है।

तोशाखाना मामला
खबर के मुताबिक जब इमरान खान ने उपहारों को अपने पास रखा था, उस वक्त उपहार राशि का 20 प्रतिशत देना होता था। रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2018 में नियमों को संशोधित किया गया था जिसमें इन उपहारों को बनाए रखने के लिए 50 फीसदी के भुगतान की आवश्यकता थी। इमरान पर आरोप है कि उन्होंने तोशाखाना की तोहफे में दी गई तीन घड़ियां एक स्थानीय डीलर रो 15.4 करोड़ रुपये से ज्यादा में बेची थी।

इमरान पर आरोप
इमरान खान पर सरकार को विदेशों से मिले दो गिफ्ट को बेचकर फंड इकट्ठा करने का आरोप है। इमरान खान के खिलाफ ये मामला सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार के पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के सांसद राजा अशरफ ने दायर किया था। सांसद द्वारा दायर याचिका में ये दावा किया था कि इमरान खान ने तोशेखान मामले में बेचे गए गिफ्ट की जानकारी छिपाई थी। हालांकि इसकी सफाई में इमरान खान का कहना है कि उन्‍होंने किसी भी नियम का उल्‍लंघन नहीं किया है। इस मामले में इमरान खान के वकील की तरफ से कहा गया है कि सरकार की तरफ से इमरान खान के खिलाफ गलत साक्ष्‍य और दलीलें पेश की गई हैं।

अब इमरान का क्या होगा?
पाकिस्तान सूचना आयोग (पीआईसी) द्वारा ऐसा करने का आदेश देने के बावजूद, पीटीआई, सरकार में रहते हुए, 2018 में अपना पद संभालने के बाद से इमरान को दिए गए उपहारों के विवरण का खुलासा करने से हिचक रही थी। पीटीआई ने दावा किया कि अगर इन उपहारों का खुलासा हुआ तो इससे अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नुकसान पहुंचेगा। इसके बाद चुनाव आयोग ने 29 अगस्त को अपनी सुनवाई में पीटीआई अध्यक्ष से 8 सितंबर तक लिखित जवाब मांगा था। वहीं, इमरान खान ने कहा कि वह नेशनल असेंबली को भंग करने और देश में मध्यावधि चुनाव की घोषणा करने के लिए दबाव बनाने को लेकर अगले सप्ताह अपने विरोध प्रदर्शन की तारीख का ऐलान करेंगे। इमरान को शुक्रवार को पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (ECP) ने देश के उपहारों की बिक्री से प्राप्त धन के बारे में सूचित करने में विफल रहने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। इसे तोशाखाना मामले के रूप में भी जाना जाता है।

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