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फिनलैंड में मिली 6000 साल पुरानी कब्र, बाज के पंख और कुत्ते की फर के साथ दफनाया गया था बच्चा

 

फिनलैंड (छत्तीसगढ़ दर्पण)। फिनलैंड के जंगल में पुरातत्वविदों को एक बच्चे की कब्र मिली है। इस बच्चे की कब्र पाषाण युग की बताई जा रही है। हालांकि इस क्रब में बच्चे की दांतों के अलावा कोई और हड्डी नहीं मिली है। ये दांत 6,000 साल पहले, मेसोलिथिक काल के बताए जा रहे हैं। पथरीली सड़क के नीचे मिली इस कब्र में कुछ ऐसी भी चीजें भी मिली हैं जिसने पुरातत्विविदों की जिज्ञासाएं बढ़ा दी हैं।

जानवरों के फर और पक्षियों के पंख मिले
पुरातत्विदों को कब्र से कुछ जानवरों के फर और पक्षियों के पंख मिले हैं. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ये उस समय के अंतिम संस्कार के रीति-रिवाजों में से एक हो सकता है। इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण मिल भी चुके हैं। PLOS ONE जर्नल में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, फिनलैंड की मिट्टी अम्लीय है, जिसमें मानव अवशेष ज्यादा लंबे समय तक सुरक्षित नहीं रह पाते हैं। यही वजह है कि लंबे वक्त से दफन अवशेषों के बारे में कुछ हासिल करना बेहद मुश्किल हो जाता है।

दस साल के बच्चे की मिली दांत
पुरातत्विदों की टीम को वहां से कंकाल मिलने की कोई उम्मीद नहीं थी, इसलिए उन्होंने कब्र से माइक्रोपार्टिकल्स की खोज की और उन्हें वहां से जो भी मिला वह उम्मीद से ज्यादा मिला। शोध की लेखक क्रिस्टीना मनेरमा ने कहा कि दांतों की जांच से पता चला कि मृतक एक बच्चा था। इस बच्चे की उम्र लगभग 10 साल होगी। दांतों की रेडियोकार्बन डेटिंग करना संभव नहीं था, इसलिए शोधकर्ताओं ने बच्चे के साथ दफन की गईं पत्थर की कलाकृतियों के आधार पर कब्र की उम्र का पता लगाया।

शोधकर्ताओं ने लगाया अनुमान
शोधकर्ताओं को दो क्वार्ट्ज के तीर मिले जो मेसोलिथिक काल की भौतिक संस्कृति के अनुरूप थे। इस कब्रगाह को मजूनसुओ के नाम से जाना जाता है, जहां से पक्षी के पंख भी मिले। इनमें से सात पंख एक जलपक्षी के थे, जिससे यह पता चलता है कि या तो बच्चे ने पंखों से बना कोट पहना होगा या उसे पंखों के बिस्तर पर लिटाकर दफनाया गया होगा। शोधकर्ताओं को बाज के पंख वाला बारबुल भी मिला है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि बाज के पंखों का इस्तेमाल कब्र या मृत बच्चे के कपड़ों को सजाने के लिए किया जाता रहा होगा।

अंतिम संस्कारों के बारे में मिली अहम जानकारी
इसके साथ ही शोधकर्ताओं को क्रब से से कुत्ते जैसे किसी जानवर के तीन बाल भी मिले हैं। हालांकि भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये बाल कुत्ते के हैं या भेड़िए के हैं। हालांकि, माजूनसुओ साइट से कु्त्ते का कोई दांत नहीं मिला जिससे लगता है कि बच्चे को शायद पूरे जानवर के साथ नहीं, बल्कि सिर्फ उसकी फर के साथ दफनाया गया होगा। इन फरों का इस्तेमाल कपड़े या कब्र के सामान के रूप में किया गया होगा। क्रिस्टीना का कहना है कि इन सबसे हमें पाषाण युग में होने वाले अंतिम संस्कारों के बारे में अहम जानकारी मिलती है। इससे पता लगता है कि तब के लोग मृत्यु के बाद की यात्रा के लिए बच्चे को किस तरह तैयार करते थे।
 

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