दुनिया-जगत

गांधी शांति तीर्थयात्री पुरस्कार से सम्मानित हुए श्रीश्री रविशंकर

 वाशिंगटन/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। भारतीय आध्यात्मिक नेता श्रीश्री रविशंकर को अटलांटा में गांधी शांति तीर्थयात्रा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ये पुरस्कार उन्हें महात्मा गांधी और डॉ मार्टिन लूथर किंग जूनियर द्वारा समर्थित शांति और अहिंसा के संदेशों को फैलाने के उनके प्रयासों के सम्मान में दिया गया।


श्रीश्री रविशंकर को अमेरिकी गांधी फाउंडेशन द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया। डॉ मार्टिन लूथर किंग जूनियर के भतीजे और अटलांटा में भारत के महावाणिज्य दूत डॉ स्वाति कुलकर्णी की उपस्थिति में श्री श्री रविशंकर को पुरस्कार प्रदान किया गया।

आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक को उनकी सेवा और मानवता के लिए दुनिया में बदलाव लाने के योगदान के लिए ये पुरस्कार प्रदान किया गया है। श्री श्री रविशंकर ने अपने स्वीकृति भाषण में कहा, "कुछ संदेश टाइमलेस होते हैं। इस श्रेणी में मार्टिन लूथर किंग और महात्मा गांधी के संदेश बहुत प्रासंगिक हैं। वे हर युग में हर पीढ़ी के लिए हमेशा ताजा रहेंगे। कभी-कभी यह और भी प्रासंगिक हो जाता है। आज की दुनिया में जहां हम तनाव का सामना कर रहे हैं, शांति का संदेश जोर से और स्पष्ट रूप से सुना जाना चाहिए"।

आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर का जन्म 1956 में दक्षिण भारत में हुआ था। महज चार वर्ष की उम्र में ही बाल रविशंकर भगवद गीता पढ़ने लगे थे। उनकी बचपन से ही रूचि ध्यान करने में थी। वैदिक साहित्य और भौतिक विज्ञान के विषयों में भी रविशंकर ने शिक्षा ग्रहण की है। वर्ष 1982 में कर्नाटक के शिमोगा में रविशंकर ने 10 दिन का मौन धारण किया था। बता दें कि आर्ट ऑफ लिविंग की सबसे लोकप्रिय विद्या सुदर्शन क्रिया है। रविशंकर ने आर्ट ऑफ लिविंग के माध्यम से कई लोगों की मानसिक अशांति को दूर किया है।

श्री श्री हर साल करीब 40 देशों की यात्रा करते हैं। देश-विदेश का दौरा करने वाले रविशंकर को 7 भाषाओं का ज्ञान हैं। बता दें कि 7 जुलाई को अमेरिकी और कैनेडियन शहरों की लीग में डेट्रॉइट के मेयर श्री श्री रविशंकर दिवस मनाते है। हर साल इन जगहों पर ये दिवस श्री श्री रविशंकर के दिवस के रूप में मनाया जाता है।

 

 

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