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यूनिवर्सिटीज में बढ़ते फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनों से घबराई सरकार

न्यूयॉर्क/नई दिल्ली: अमेरिका के कई विश्वविद्यालय इन दिनों विरोध प्रदर्शनों का केंद्र बने हुए हैं। दरअसल अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में फलस्तीन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यह विरोध प्रदर्शन इतने बढ़ गए हैं कि अमेरिकी सरकार भी घबरा गई है। यही वजह है कि सरकार ने कई यूनिवर्सिटीज को बंद करने और ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का आदेश दिया है। विरोध प्रदर्शनों के चलते सैंकड़ों छात्रों को हिरासत में लिया गया है और 100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

अमेरिका की 21 यूनिवर्सिटीज में जारी विरोध प्रदर्शन
कैलिफोर्निया से लेकर न्यूयॉर्क तक अमेरिका की 21 यूनिवर्सिटीज में बीते कुछ दिनों से फलस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। बड़ी संख्या में छात्र कॉलेज परिसर में ही तंबू लगाकर रह रहे हैं। न्यूयॉर्क पुलिस ने तो सोमवार को यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क और येले यूनिवर्सिटी प्रशासन को समन जारी कर फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनों को सुलझाने को कहा है। बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के चलते 21 यूनिवर्सिटीज में कक्षाएं ऑनलाइन संचालित की जा रही हैं। वहीं कुछ कॉलेज बंद ही कर दिए गए हैं।

अमेरिकी पुलिस ने सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। जिन यूनिवर्सिटीज से छात्रों को हिरासत में लिया गया है, उनमें यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास और यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया आदि शामिल हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास से ही 34 लोगों को हिरासत में लिया गया है। वहीं यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया से 93 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने इस हफ्ते की शुरुआत में 100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

अमेरिकी स्पीकर के दौरे से बढ़ा विरोध
अमेरिका की संसद के स्पीकर माइक जॉनसन ने हाल ही में कोलंबिया यूनिवर्सिटी के कैंपस का दौरा किया, जहां उन्हें फलस्तीन समर्थकों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। जॉनसन ने इसकी तीखी आलोचना की और इसे भीड़तंत्र की मानसिकता बताया। साथ ही उन्होंने इसे यहूदी विरोध का वायरस भी बताया। प्रदर्शनकारी छात्र कॉलेज कैंपस में इस्राइल विरोधी नारे लगा रहे हैं। 

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