छत्तीसगढ़

समर्थन मूल्य में धान खरीदी की तैयारियां पूरी

 धमतरी (छत्तीसगढ़ दर्पण)। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के तहत धमतरी ज़िले में आगामी एक नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है। ज़िला विपणन कार्यालय में खरीफ सीजन में प्राप्त शिकायतों के निराकरण के लिए नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। अवैध धान के भंडारण और परिवहन पर नकेल कसने ज़िले के सीमावर्ती क्षेत्रों में पांच चेकपोस्ट बनाए गए हैं। इसी तरह कोचियों और बिचौलियों के विरुद्ध कार्रवाई करना सुनिश्चित् करने सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को सख्त निर्देश दिए गए हैं। मार्कफेड की कार्ययोजना के मुताबिक इस साल अनुमानित चार लाख 84 हजार 287 मीट्रिक टन धान खरीदी समर्थन मूल्य में 74 समितियों के 96 उपार्जन केंद्रों के जरिए की जाएगी। इस साल भी केंद्रों से उपार्जित धान को मिलर्स सीधे उठाएंगे।

इसके साथ ही अन्य जिलों से मिलने वाले धान के भंडारण के लिए ज़िले में चार संग्रहण केन्द्र में पिछले साल की तरह इस साल भी व्यवस्था की गई है। इनमें चिटौद (बालोद) स्थित संग्रहण केन्द्र में 40 हजार एम टी,  भोयना और भाठागांव में 45-45 हजार मीट्रिक टन, जंवरगांव में 25 हजार मीट्रिक टन,  कुल एक लाख 55 हजार मीट्रिक टन की भंडारण की क्षमता है। कस्टम मिलिंग के लिए मिलर्स से आवेदन मिलना शुरू हो गया है। अगले एक सप्ताह में सभी मिलर्स का पंजीयन करा लिया जाएगा। उक्त जानकारी कलेक्टर पी.एस.एल्मा ने दी।

दरअसल  प्रदेश के मुख्य सचिव अमिताभ जैन द्वारा आज दोपहर साढ़े तीन बजे से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए विभिन्न एजेंडों की समीक्षा की गई। जिलों के कलेक्टर्स को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव  जैन ने धान खरीदी की सभी आवश्यक तैयारियां कर लेने पर बल दिया। एनआईसी कक्ष में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान कलेक्टर ने बताया कि नामांतरण प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए सभी तहसीलदार को निर्देशित किया गया है। ज़िले में अविवादित नामांतरण, अविवादित खाता विभाजन की कार्रवाई ऑनलाइन नामांतरण पंजी के ज़रिए नियमानुसार समय सीमा में करने कहा गया है।  गुरुवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग में कलेक्टर ने खाता विभाजन की कार्रवाई ऑनलाइन नामांतरण पंजी के ज़रिए नियमानुसार समय सीमा में करने कहा है।

गुरुवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग में कलेक्टर ने जिले के 643 गांवों में दो अधिसूचित फसलें धान सिंचित और धान असिंचित के तीन हजार 548 फसल कटाई प्रयोग के लक्ष्य और उसकी पूर्ति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले में 55 फसल कटाई प्रयोग आनलाईन मोबाईल एप्प के जरिए किए गए हैं। पूरे राज्य में सबसे पहले धमतरी जिले में धान असिंचित/सिंचित धान फसल कटाई प्रयोग में ऑनलाइन फसल कटाई प्रांरभ की गई है। शासन की मंशा अनुरूप फसल कटाई प्रयोग मोबाइल एप्प के माध्यम से करनी है। इसके लिए जिले के पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों, राजस्व निरीक्षकों/एडीओ को प्रशिक्षण दिया गया है। ज्ञात हो कि धान सिंचित के लिए 10 दिसम्बर और धान असिंचित के लिए 30 दिसम्बर तक फसल कटाई प्रयोग कर पोर्टल मे प्रविष्ट किया जाना है। यह भी बताया गया है कि धान पंजीयन होना है, गिरदावरी हो चुकी है। गिरदावरी के बाद प्राप्त आंकड़ों को पटवारियों द्वारा ऑनलाइन भुईयां में अपलोड किया जाएगा ।

नगरीय निकायों में लिगेसी वेस्ट के निराकरण की कार्ययोजना और प्रगति की समीक्षा के दौरान बताया गया कि योजना के तहत 35 हजार टन पुराने कचरे को एनजीटी के दिशा-निर्देश अनुरूप धमतरी नगर निगम स्थित दानीटोला के ट्रेंचिंग ग्राउंड में प्रसंस्करण और निष्पादन किया जाना है। पूर्व में जिस एजेंसी को कार्य दिया गया था , उसने काम नहीं किया। इसके मद्देनजर ठेकेदार की जमा अमानत राशि राजसात कर उक्त निविदा/कार्य आदेश निरस्त किया गया। कार्य के लिए रिस्क एंड कास्ट पर पुनः निविदा बुलाकर हाल में निविदा खोली गई है। जल्द ही उक्त एजेंसी से पुनः कार्य प्रारंभ कर लिगेसी वेस्ट का निराकरण समय सीमा में कराना सुनिश्चित किया जाएगा। इसी तरह नगर निगम धमतरी में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण और क्षमता अनुसार उपचार कार्ययोजना एवं प्रगति की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने बताया कि नदी के पानी को प्रदूषण से बचाने के लिए नगरपालिक निगम धमतरी को 19.60 एमएलडी क्षमता वाली सीवरेज उपचार संयंत्र की स्थापना के लिए 25 करोड़ 56 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति मिली है।

धमतरी के मुजगहन में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापना का काम आगामी जून माह तक पूरा कर लिया जाएगा। बैठक में मुख्य सचिव द्वारा पंचायतों में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन की समीक्षा के दौरान धमतरी ज़िले की प्रगति की जानकारी कलेक्टर ने दी।

राज्य योजना आयोग द्वारा सतत् विकास लक्ष्य (एसडीजी) के जिला इंडिकेटर फ्रेमवर्क का पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया गया। ज्ञात हो  कि जिले में भी मानव विकास के 17 लक्ष्य  चिन्हांकित कर आगामी 2030 तक पूरा करने हैं। इसके लिए 82 सूचकांक  के आधार पर ज़िले के 23 चयनित विभागों को प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं । 17 लक्ष्य में मुख्यतः गरीबी और भुखमरी से मुक्ति, उत्तम स्वास्थ्य और खुशहाली, गुणवत्तापरक शिक्षा, लैंगिक समानता, स्वच्छ जल और स्वच्छता, किफायती और स्वच्छ ऊर्जा, उत्कृष्ट कार्य और आर्थिक विकास, उद्योग, नवाचार और बुनियादी सुविधाएं, असमानताओं में कमी, संवहनीय शहरी और सामुदायिक विकास, जिम्मेदारी के साथ उपभोग और उत्पाद, जलवायु कार्रवाई, जलीय और थलीय जीवों की सुरक्षा, शांति, न्याय और सशक्त संस्थाएं तथा लक्ष्य हेतु भागीदारी शामिल है।

इसके लिए लक्ष्य प्राप्त करने कलेक्टर  एल्मा ने संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। गुरुवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग में सीईओ ज़िला पंचायत प्रियंका महोबिया, अपर कलेक्टर  चंद्रकांत कौशिक सहित संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

 

 

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