छत्तीसगढ़

सड़क और सड़क जैसी परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों का हो रहा चिन्हांकन

 

बच्चों के सर्वेक्षण, रेस्क्यू और पुर्नवास के लिए अभियान जारी

मनेन्द्रगढ़-चिरमिर-भरतपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)एमसीबी कलेक्टर के नेतृत्व तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी के मार्गदर्शन में सड़क एवं सड़क जैसी परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों के सर्वेक्षण, रेस्क्यू एवं पुनर्वास की कार्यवाही हेतु अभियान जारी है।

सर्वाेच्च न्यायालय के निर्देश व छत्तीसगढ़ शासन के बाल सक्षम नीति के अनुसार बाल श्रम, अपशिष्ठ संग्रहण एवं भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के अंतर्गत सड़क एवं सड़क जैसी परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों के रेस्क्यू अभियान जिले के चिन्हांकित हॉट स्पोट स्थल रेल्वे स्टेशन, मार्केट, बस स्टैण्ड, हाट बाजार, जुग्गी-झोपड़ी, नगरी क्षेत्र, उद्योग, कारखानो, मार्केट एवं प्रतिष्ठानों में चलाया जा रहा है, जो 31 मार्च तक जारी रहेगा।

 

अभियान के अंतर्गत गत मंगलवार को महिला एवं बाल विकास विभाग, श्रम विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई एवं चाइल्ड लाइन की संयुक्त टीम द्वारा मनेन्द्रगढ़ मार्केट, हजारी चौक, बस स्टैण्ड, रेल्वे स्टेशन, ग्राम पंचायत लालपुर एवं केराडोल चिरमिरी में विशेष अभियान चलाया गया। इसी प्रकार खडगवा अंतर्गत ग्राम पंचायत दुबछोला, ठग्गांव में भी अभियान चलाया गया।
 

उल्लेखनीय है कि एमसीबी कलेक्टर के नेतृत्व में पूर्व में चलाये अभियान के दौरान कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन करने वाले बच्चे जो शिक्षा की मुख्य धारा से वंचित थे, जिन्हें विद्यालय से जोड़ा गया। इन चिन्हांकित बच्चों का जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा फॉलोअप कर मिशन वात्सल्य के दिशा निर्देशानुसार बच्चों को बाल कल्याण समिति में उपस्थित कराकर शासन की विभिन्न योजना से जोड़ने की कार्यवाही की जा रही है। चिन्हांकित बच्चों को प्रवर्तकता कार्यक्रम का लाभ एवं कुछ बच्चों को संस्थागत देखरभाल में रखा जायेगा।
 

सड़क एवं सड़क जैसी परिस्थितियों में रहने वाले बालक वे है, जो बिना किस सहारे के सड़कों पर अकेले रहते है, दिन में सड़कों पर रहते है और रात में निकट की झुग्गी-झोपड़ी बस्तियों में रहने वाले अपने परिवार के पास घर वापस आ जाते है, अपने परिवार के साथ सड़कों पर रहने वाले बच्चे। इस प्रकार के श्रेणी के बच्चे अपनी उत्तजीविका, भोजन, पानी, वस्त्र, आश्रय एवं संरक्षण हेतु प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के संघर्षाे एवं चुनौतियों का सामना करते है। ऐसे बच्चों का चिन्हांकन की कार्यवाही हेतु विभाग द्वारा लगातार अभियान संचालित किया जा रहा है। कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया कि इस प्रकार के बच्चों के चिन्हांकन एवं पुर्नवास सतत प्रक्रिया है, अभियान समाप्ति के उपरांत भी सतत् रूप से चिन्हांकन, पुनर्वास की कार्यवाही बच्चों के सर्वाेत्तम हित को ध्यान में रखते हुये किया जावे।

 

संबंधित विभाग, जनप्रतिनिधि, आमजनो से यह अपील की जाती है, कि इस प्रकार के बच्चे मिलने, दिखने या जानकारी होने पर कार्यालय जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग, चाईल्ड लाईन ट्रोल फ्री न. 1098 पर सूचित किया जा सकता है, जिस पर जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं चाईल्ड लाईन त्वारित कार्यवाही करेगी।

 

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