छत्तीसगढ़

हमारी कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में पशुधन आज भी महत्व : टंकराम वर्मा

 घुलघुल में जिला स्तरीय पशुधन प्रदर्शनी और मेला आयोजित

रायपुर: राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन का महत्व है। पशुधन का उपयोग कृषि कार्यों के साथ-साथ अन्य आर्थिक गतिविधियों में भी है। इस महत्ता के कारण हमारी संस्कृति में पशुधन को पूजनीय माना गया है। श्री वर्मा रायपुर जिले के ग्राम घुलघुल में जिला स्तरीय पशुप्रदर्शनी और पशु मेला में पशु मालिकों को सम्बोधित कर रहे थे। 

पशु चिकित्सा विभाग के द्वारा आयोजित इस मेले में उन्नत नस्ल के पशु प्रदर्शित किए गए थे। साथ ही यहां स्वस्थ्य पशु प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस आयोजन में 230 कृषक और पशुपालकों ने हिस्सा लिया। मेले में बीमार पशुओं का उपचार कर दवाईयां वितरित की गई। प्रतियोगिता में दुधारू गाय वर्ग में संजय शर्मा नेवरा, आकाश अग्रवाल नेवरा, तथा शत्रुहन यादव रजिया के गाय को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।  इसी प्रकार फेरहा यदु,  हितेन्द्र मिर्झा एवं  गंगा यदु के भैंस को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान (दुधारू भैंस वर्ग)तथा बकरा-बकरी वर्ग में राकेश साहू कुम्हारी, परस निषाद खपरीकला एवं  देवेश वर्मा के बकरा-बकरी को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान, बैल जोड़ी वर्ग में  ईश्वर साहू,  रूपेन्द्र यादव, रामजी साहू के बैल को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान एवं उन्नत वत्स पालन में यशकुमार यदु मोहगांव,  हेमंत यदु खपरीकला,  अशोक यदु आलेसुर को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान तथा कुक्कुट वर्ग में बिसरू निषाद, महाराज टण्डन एवं बिसरू निषाद को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। 

इस अवसर पर जिला पंचायत सभापति राजू शर्मा, तिल्दा जनपद अध्यक्ष सुमन देवव्रत नायक, जनपद सदस्य स्वाति वर्मा, सभापति जनपद पंचायत तिल्दा शिवशंकर वर्मा, ग्राम कोहका के सरपंच सहदेव कुर्रे,  भगवती साहू, विजय ठाकुर, तेजराम वर्मा, पशुधन विकास विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. शंकरलाल उइके तथा विभाग के जिला स्तर के अधिकारी एवं कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

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