छत्तीसगढ़

EOW ने शराब घोटाले मामले में अरुण त्रिपाठी को बिहार से गिरफ्तार किया

रायपुर: शराब घोटाले को लेकर राज्य में चल रही कार्रवाई में गुरुवार को छापेमारी के दौरान टीम को बड़ी कामयाबी मिली है। ईओडब्ल्यू और एसीबी ने आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया है। अरूणपति त्रिपाठी जमानत मिलने के बाद से अंडरग्राउंड हो गया था। ईओडब्ल्यू और एसीबी चीफ अमरेश मिश्रा के नेतृत्व में उसे बिहार के सीवान से गिरफ्तार किया है। सूत्रों के मुताबिक त्रिपाठी को रायपुर लाया जा रहा है।


पूर्ववर्ती सरकार में आबकारी विभाग के सबसे ताकतवर अफसर रहे त्रिपाठी इस विभाग के विशेष सचिव थे। ईडी ने पूर्व में त्रिपाठी से गहन पूछताछ की थी, लेकिन एफआईआर दर्ज होने के बाद से वह फरार थे। ईडी ने आबकारी विभाग में जो एफआईआर दर्ज करवाई है, उसमें त्रिपाठी को कथित तौर पर शराब सिंडीकेट का मास्टरमाइंड बताया गया है। एसीबी की ओर से दर्ज एफआईआर में त्रिपाठी को पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर के बाद तीसरे नंबर पर रखा गया है।

वहीं दुर्ग जिले के भिलाई में दो अलग-अलग जगहों पर एजेंसी की छापेमारी जारी है। विश्वस्त सूत्रों की माने तो जिन लोगों के यहां छापा पड़ा है वे पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी बताये जा रहे हैं। फिलहाल छापेमारी किस मामले में की गई है, इसकी जानकारी निकलकर सामने आई हैं। ईओडब्‍ल्‍यू और एसीबी की टीम ने सुबह होते ही न्‍यू खूर्सीपार और नेहरु नगर में दबिश दी है। जहां खुर्सीपार में पप्पू बंसल और नेहरू नगर पूर्व निवासी विजय भाटिया के यहां कार्यवाही चल रही है। पप्पू बसंल की लंबे समय से तलाश चल रही थी।

ईओडब्ल्यू एसीबी ने रायपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगाव में छापेमारी की है। तक़रीबन एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर कार्रवाई चल रही है। जहां राजधानी के महावीर नगर, सदर बाजार, समता कॉलोनी और देवेंद्र नगर में कार्रवाई चल रही है।

कोल और शराब घोटाले में एजेंसी ने की है 2 FIR दर्ज
उल्लेखनीय है कि, कोयला और शराब घोटाला को लेकर प्रदेश में 2 अलग-अलग FIR दर्ज की गई हैं। यह FIR भ्रष्‍टाचार के खिलाफ कार्यवाही करने वाली राज्‍य सरकार की एजेंसी एसीबी और ईओडब्‍ल्‍यू ने दर्ज किया है। इसमें तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मंत्री आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा और तत्‍कालीन खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के साथ कांग्रेस के आधा दर्जन से ज्‍यादा विधायकों, अफसरों और शराब (डिस्टलरी) कारोबारियों के नाम शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो एसीबी और ईओडब्‍ल्‍यू ने यह FIR केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के डिप्‍टी डॉयरेक्‍टर संदीप आहुजा के आवेदन के आधार पर दर्ज किया है। दोनों FIR 17 जनवरी 2024 को दर्ज की गई थी। एजेंसी का नंबर 3/ 2024 और 4/ 2024 है।

शराब घोटाले में इनके नाम शामिल
इस शराब घोटाले में एआईएस अफसर निरंजनदास, रिटायर्ड आईएएस अनिल टूटेजा, उनके पुत्र यश टूटेजा के साथ एके त्रिपाठी, विवेक ढांड और तत्‍कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा के नाम शामिल हैं। शराब घोटाले में कारोबारी अनवर ढेबर, अरविंद सिंह, विजय भाटिया के साथ ही एक दर्जन से ज्‍यादा आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं।

कोयला घोटाले में ये हैं नामजद
वहीं यदि कोयला घोटाले की बात करें तो सूर्यकां‍त तिवारी, सौम्‍या चौरसिया, आईएएस समीर, रानू साहू, प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्‍यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, मंत्री अमरजीत भगत, विधायक देवेंद्र यादव, कांग्रेस के तत्‍कालीन विधायक शिशुपाल सोरी, चंद्रदेव राय, बृहस्‍पत सिंह, गुलाब कमरो, यूडी मिंज, विनोद तिवारी, इदरिश गांधी और सुनील अग्रवाल समेत करीब 35 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

 

 

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