छत्तीसगढ़

जंगलों को आग से बचाने के लिए हुए व्यापक इंतजाम

 नों का अग्नि से बचाव अत्यंत आवश्यक है। इसके मद्देनजर वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप के मार्गदर्शन में विभाग द्वारा प्रदेश के वन क्षेत्रों में आग से बचाने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। इसके तहत 15 जून 2024 तक वनों को अग्नि से बचाव वन विभाग की प्राथमिकता में है। 

 
वन विभाग द्वारा इसके अंतर्गत प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय अरण्य भवन रायपुर में कन्ट्रोल रूम में टॉल फ्री नम्बर 18002337000 स्थापित किया गया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति अग्नि घटनाओं की सूचना दे सकते हैं। इसी तरह समस्त वनमंडलों में भी वनमंडल कार्यालयों में अग्नि सुरक्षा हेतु कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहां से अग्नि घटनाओं की सतत् निगरानी की जा रही है। 
 
वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अग्नि सीजन 15 फरवरी से प्रारंभ हो गया है तथा 15 जून 2024 तक वनों को अग्नि से बचाना विभाग की प्राथमिकता में है। अग्नि से जहां एक ओर प्राकृतिक पुनरूत्पादन के पौधे नष्ट हो जाते हैं वहीं दूसरी ओर वृक्षों की काष्ठ की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। अतएव वनों को अग्नि से बचाव अत्यंत आवश्यक है। अग्नि सुरक्षा हेतु समस्त वनमंडलों में अग्नि रेखाओं की कटाई, सफाई, जलाई की जा चुकी है। वन क्षेत्रों में अग्नि से सुरक्षा हेतु कैम्पा मद से समस्त बीटो में एक-एक अग्नि रक्षक की नियुक्ति की गई है। वनों में लगने वाली आग को बुझाने हेतु कर्मचारियों को आधुनिक उपकरण फायर ब्लोअर उपलब्ध कराया गया है। 
 
इसी तरह फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (एफसीआई) से फायर एलर्ट रजिस्टर कराए गए हैं। कर्मचारियों के मोबाइल नम्बरों पर एसएमएस के माध्यम से अग्नि घटना स्थल का जीपीएस निर्देशांक सीधे प्राप्त होता है। इस सूचना का उपयोग अग्नि नियंत्रण में प्रभावी रूप से किया जा रहा है। एफएमआईएस अरण्य भवन रायपुर द्वारा भी प्रतिदिन समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों को एसएमस के माध्यम से अग्नि घटना स्थल का जीपीएस निर्देशांक सूचित किया जा रहा है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव द्वारा विभाग के समस्त अधिकारियों को अग्नि सुरक्षा हेतु आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। 
 
इसके तहत उन्होंने निर्देशित किया है कि समस्त अधिकारी, कर्मचारी एवं वन सुरक्षा समितियां, वन सुरक्षा श्रमिक, लगाये गये अग्नि प्रहरी वनों की अग्नि से सुरक्षा हेतु सतत् रूप से निरंतर सक्रिय रहेंगे। सुरक्षा में लगे अग्नि प्रहरियों तथा सुरक्षा श्रमिको को वनक्षेत्रों में जहां कहीं भी अग्नि या धुंआ दृष्टिगोचर हो तत्परता से वहां पहुंच कर सुलग रही अग्नि को तत्काल बुझाने की कार्यवाही सुनिश्चित करें। वन प्रबंधन समितियों को वनों की अग्नि सुरक्षा में सक्रिय जवाबदारी दी जाये। (फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (एफसीआई) देहरादून एवं एफएमआईएस अरण्य भवन रायपुर से प्राप्त अग्नि स्थलो की सूचना के आधार पर तत्काल अग्नि स्थल का निरीक्षण कर आग को बुझाया जाये। आमजनों के बीच वनों की अग्नि से सुरक्षा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। यह ध्यान में रखें कि लोगों की जागरूकता अग्नि सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। 
 
उन्होंने निर्देशित किया है यदि कतिपय प्रकरणों में ऐसा पाया जाता है कि वन क्षेत्रों में आग जानबूझकर अथवा शिकार करने के उद्देश्य से लगाई गई है तो अपराधी का पता लगाकर सम्यक विधिक कार्यवाही कर प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया जाये। तेंदूपत्ता संग्रहण सीजन 2024 में शाखाकर्तन तथा तेंदूपत्ता संग्रहण के दौरान फड़ो के वनक्षेत्रो में अग्नि घटनाऐं होने पर क्रेता करारनामा की शर्तों के तहत कार्यवाही की जाये। इस वर्ष अग्नि प्रकरणों की संख्या एवं अग्नि से प्रभावित रकबे को न्यूनतम रखने का पूर्ण प्रयास किया जाये।

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