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साइनस के लक्षण हैं तो आहार का रखें ध्यान : डॉ.अंजली चौधरी

 साइनस एक ऐसी बीमारी है जिसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। इस बीमारी का इलाज अगर शुरूआत में ही कर लिया जाए साथ ही डाइट पर ध्यान दिया जाए तो बीमारी को क्रॉनिक अवस्था में जाने से रोका जा सकता है। सर्दी में साइनस के मरीज़ों की परेशानी बढ़ जाती है, ठंडी हवाएं नाक को जाम कर देती है जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। साइनस इंफेक्शन नाक से जुड़ी एक ऐसी परेशानी है जो एलर्जी, बैक्टीरियल इंफेक्शन या कोल्ड की वजह से हो जाती है। साइनस की वजह से सीने में बलगम जमने लगता है जिससे सिर में दर्द रहता है और सांस लेने में भी तकलीफ महसूस होती है। कई बार इसकी वजह से जबड़ा और आंखों के आस-पास की जगह में भी दर्द महसूस होता है।

साइनस एक ऐसी बीमारी है जिसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। इस बीमारी का इलाज अगर शुरूआत में ही कर लिया जाए, साथ ही डाइट पर ध्यान दिया जाए तो बीमारी को क्रॉनिक अवस्था में जाने से रोका जा सकता है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए कुछ फूड परेशानी पैदा कर सकते हैं। जिन लोगों को साइनस की परेशानी है उन्हें कुछ चीज़ों से परहेज़ करने की जरूरत होती है। आहार विशेषज्ञ अंजली चौधरी ने बताया कि साइनस के मरीज़ों को डाइट में किन चीज़ों से परहेज़ करने की जरूरत है।

आलू और मैदा से परहेज़ करें:
जिन लोगों को साइनस की परेशानी है वो डाइट में रिफाइन्ड कार्बोहाइड्रेड का सेवन कम करें। रिफाइन्ड कार्बोहाइड्रेड में आलू और मैदा ऐसे फूड है जो सूजन को बढ़ाने में जिम्मेदार है।

ओमेगा-6 फैटी एसिड से परहेज़ करें:
डाइट में ओमेगा-6 फैटी एसिड से परहेज़ करें। ओमेगा-6 फैटी एसिड में सनफ्लावर, कॉर्न, बादाम का तेल शामिल है।

प्रोसेस्ड शुगर नहीं खाएं:
अगर आपको साइनस की शिकायत है तो आप पेस्ट्री, सोडा, फ्रूट जूस, डेजर्ट, चॉकलेट से परहेज़ करें। इन सभी चीज़ों का सेवन साइनस की परेशानी को बढ़ा सकता है।

फास्ट फूड बढ़ा सकते हैं मुश्किल:
फास्ट फूड में मोनो सोडियम ग्लूटामेट होता है जो साइनस के मर्ज़ को बढ़ा देता है। अगर आप फास्ट फूड खाने के शौकीन हैं तो इसे डाइट से निकाल दीजिए इनके सेवन से बीमारी बढ़ सकती है।

परहेज:
डेयरी प्रोडक्ट से! डेयरी प्रोडक्ट्स यानि दूध और दूध से बने पदार्थों से परहेज़ करें। डेयरी प्रोडक्ट और सोयाबीन एलर्जी बढ़ाने में जिम्मेदार है इसलिए इनसे दूरी बेहतर है।

अंजली चौधरी ने आगे बताया कि क्या खाना इस हालत में अच्छा होता है! ताजे फल और सब्जियां- इनका सेवन नियमित तौर पर करने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ने के साथ-साथ एनर्जी भी भरपूर मात्रा में मिलती है।

 
 



पानी- पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और कंजेस्शन होने की संभावना कुछ हद तक कम हो जाती है।

 
 



एप्पल साइडर विनेगर- सलाड ड्रेसिंग आदि में एप्पल साइडर विनेगर का इस्तेमाल करने से शरीर को पोटाशियम और मिनरल दोनों मिल जाएगा, जिससे म्यूकस का उत्पादन भी कम हो जाएगा।

 
 



अनानास- इस फल में ब्रोमेलिन प्रोटियोलिटिक एंजाइम होता है, जिसका एंटी-इफ्लामेटरी गुण कंजेस्शन को रोकने में मदद करता है।

हर्बल टी– क्या आपको पता है कि हर्बल टी पीने से शरीर का इम्यून सिस्टम बेहतर तरीके से काम करने लगता है। इसके कारण सूजन और म्यूकस का प्रोडक्शन भी कम होने लगता है। अदरक, कैमोमाइल, ग्राउंड आइवी या पेपरमिंट, म्यूकस या बलगम को नैचुरल तरीके से निकालने में मदद करते हैं।

 
 



ग्रीन टी- ग्रीन टी का सेवन करने से साइनस के कारण जो सिर दर्द होता है, उससे जल्दी आराम मिलने के साथ-साथ सर्दी और छींक की समस्या से भी आराम मिलता है।इसलिए साइनस में डायट फॉलो कर रहें हैं, तो ग्रीन टी का सेवन करें।

खट्टे फल या साइट्रस फ्रूट- संतरा, अंगूर और बेर विटामिन सी (Vitamin C) से भरपूर होते हैं, जो साइनस के लक्षणों से आराम दिलाने में सहायता करते हैं। इसके अलावा टमाटर, ब्रोकली ओर स्ट्रॉबेरी में भी विटामिन सी होता है। विटामिन ए– इस विटामिन को मेमब्रेन कंडिशनर भी कहते हैं। यह छाती, सिर और गले के म्यूकस मेमब्रेन को हेल्दी रखने के साथ-साथ त्वचा और आंखों को स्वस्थ रखने में सहायता करता है। विटामिन ए (Vitamin A) मूल रूप से गाजर, स्क्वाश, पीली और लाल शिमला मिर्च, गहरे हरे रंग के सब्जियों, पत्तेदार सब्जियों आदि में बहुतायत मात्रा में पाया जाता है। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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