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चिकित्सा के क्षेत्र में स्वीडन के स्वांते पैबो को मिला नोबल पुरस्कार

 वाशिंगटन/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)।स्वीडन के स्वांते पैबो को फिजियोलॉजी या मेडिसिन के क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें विलुप्त होमिनिन और मानव विकास की आनुवांशिकी (जीनोम) से जुड़ी खोजों के लिए सोमवार को यह पुरस्कार दिया गया है। नोबेल समिति के सचिव थॉमस पर्लमैन ने कोरोलिंस्का संस्थान में विजेता की घोषणा की।

नोबेल समिति ने बयान जारी कर कहा, कोरोलिंस्का इंस्टीट्यूट में नोबेल समिति ने विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनों से जुड़ी खोजों के लिए स्वांते पैबो को फिजियोलॉजी या चिकित्सा क्षेत्र में 2022 का नोबेल पुरस्कार देने का फैसला किया है।

स्वांते पैबो ने अपने शोध में पाया कि विलुप्त होमोनिन जीन होमो सेपियन्स में ट्रांसफर हुए थे। पैबो पैलियोजेनेटिक्स के संस्थापकों में से एक रहे हैं जिन्होंने निएंडरथल जीनोम पर बड़े पैमाने पर काम किया है। वह जर्मनी के लीपजिंग में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी मेंजेनेटिक्स विभाग के निदेशक भी रहे हैं।

पिछले साल इन वैज्ञानिकों को मिला था ये पुरस्कार
बीते साल 2021 का चिकित्सा के नोबेल पुरस्कार से डेविड जूलियस और आर्डेन पैटामूटियम को सम्मानित किया गया था। इन दोनों शोधकर्ताओं को शरीर के तापमान, दबाव और दर्द देने वाले रिसेप्टरों की खोज करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया था। दोनों नोबेल विजेता अमेरिकी हैं।

डेविड जूलियन यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में प्रोफेसर हैं। वहीं पैटापूटियन अर्मेनियाई मूल के अमेरिकी नागरिक हैं और ला जोला के स्क्रिप्स इंस्टीट्यूट में वैज्ञानिक हैं।

चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के साथ ही नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की शुरूआत हो गई है। अब आज यानी मंगलवार को भौतिकी विज्ञान, बुधवार को रसायन विज्ञान और गुरुवार को साहित्य के क्षेत्र में इन पुरस्कारों की घोषणा की जाएगी। 2022 के नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में पुरस्कार की घोषणा 10 अक्तूबर को की जाएगी।

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