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स्वीडन के नए प्रधानमंत्री बने उल्फ क्रिस्टर्सन, पहली बार बनी देश में दक्षिणपंथी पार्टी की सरकार

 

स्वीडन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। स्वीडन की संसद ने सोमवार को कंजर्वेटिव मॉडरेट पार्टी के 59 वर्षीय नेता उल्फ क्रिस्टर्सन (Ulf Kristersson) को नया प्रधानमंत्री चुना है। उल्फ क्रिस्टर्सन चार दलों के दक्षिणपंथी गुट के नेता हैं। क्रिस्टर्सन 173 के मुकाबले 176 मतों से निर्वाचित हुए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगलवार को क्रिस्टर्सन की सरकार कार्यभार ग्रहण करेगी। हालांकि क्रिस्टर्सन को बहुमत हासिल नहीं हुआ है, लेकिन फिर भी वे प्रधानमंत्री बने रहेंगे। स्वीडन में प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए बहुमत साबित करना होता है।

मैग्लेना एंडरस की हुई थी हार
बीते महीने स्वीडन में हुए चुनाव में सोशल डेमोक्रेट नेता मैग्लेना एंडरसन की हार हुई थी। उनके लेफ्ट-सेंटर गठबंधन को बहुमत नहीं मिल पाया था। सबसे बड़ी पार्टी और करीब 30 फीसदी मत हासिल करने के बाद भी सोशल डेमोक्रेट की पार्टी सरकार नहीं बना पाई। मेग्लेना एंडरसन की पार्टी सोशल डेमोक्रेट को 107 सीटें हासिल हुईं। वहीं उनकी विपक्षी पार्टी स्वीडन डेमोक्रेट्स को 73 सीटें मिली। तीसरे नंबर पर मॉडरेट पार्टी है जिसे 68 सीटें आईं हैं। स्वीडन के नवनिर्वाचित पीएम इसी पार्टी के नेता हैं।

तीसरी सबसे बड़ी पार्टी को मिली सत्ता
स्वीडन में सबसे बड़ी दक्षिणपंथी पार्टी स्वीडन डेमोक्रेट्स है। मॉडरेट पार्टी को इससे 5 सीटें कम हासिल हुई हैं, लेकिन इस स्वीडन डेमोक्रेट्स के नेता जिमी एक्सन को बाकी अन्य दक्षिणपंथी सहयोगी दलों का समर्थन नहीं मिल पाया। ऐसे में तीसरे नंबर की पार्टी के नेता उल्फ किर्स्टन को सरकार बनाने की जिम्मेदारी मिली है। स्वीडन डेमोक्रेट्स ने नयी सरकार को बाहर से समर्थन देने का फैसला किया है।

स्वीडन डेमोक्रेट्स देगी बाहर से समर्थन
स्वीडन में सबसे बड़ी दक्षिणपंथी पार्टी स्वीडन डेमोक्रेट्स है। मॉडरेट पार्टी को इससे 5 सीटें कम हासिल हुई हैं, लेकिन इस स्वीडन डेमोक्रेट्स के नेता जिमी एक्सन को बाकी अन्य दक्षिणपंथी सहयोगी दलों का समर्थन नहीं मिल पाया। ऐसे में तीसरे नंबर की पार्टी के नेता उल्फ किर्स्टन को सरकार बनाने की जिम्मेदारी मिली है। स्वीडन डेमोक्रेट्स ने नयी सरकार को बाहर से समर्थन देने का फैसला किया है।

स्वीडन चौथा यूरोपीय देश जहां दक्षिणपंथी पार्टी का शासन
इन चारों पार्टियों ने 62 पृष्ठों का एक रोडमैप तैयार किया है, जिसके सहारे ये सत्ता चलाने वाले हैं। इसमें बिजली की कीमतें कम करना, अपराध और आव्रजन पर कड़ी कार्रवाई करना आदि मुद्दे शामिल हैं। बतादें कि हंगरी, पोलैंड और इटली के बाद स्वीडन ऐसा चौथा यूरोपीय देश है जहां दक्षिणपंथी पार्टी की सरकार बनी है।

स्वीडन में हलचल हुई तेज
बता दें कि स्वीडन में दक्षिणपंथी सरकार बनने से देश में हलचल तेज हो गयी है। दक्षिपंथी पार्टी मुस्लिम विरोधी मानी जाती हैं और उनका लक्ष्य गैर-यूरोपीय देशों से अप्रवासन को रोकना है। बीते चुनाव में यह पार्टी की राजनीति का एक केंद्रीय मुद्दा रहा था और इस गठबंधन के जीतने की वजह भी इसी नीति को बताया जा रहा है।

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