छत्तीसगढ़

दुर्ग-विशाखापट्टनम के बीच दौड़ेगी वंदे भारत ट्रेन

 दुर्ग से विशाखापट्टनम तक वंदे-भारत एक्सप्रेस इसी महीने से दौड़ने लगेगी। इसकी तैयारी में रेलवे मंडल जुटा हुआ है और रेलवे बोर्ड से हरी झंडी मिलने का इंतजार किया जा रहा है। दरअसल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लोकसभा चुनाव के ठीक पहले रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर दुर्ग से विशाखापट्टनम के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की मांग की थी। इस बीच आचार संहिता लगने से इसकी अधिकृत घोषणा नहीं हो पाई। अब आचार संहिता हटने के बाद वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की तैयारी जोर-शोर से की जा रही है। मु्ख्यमंत्री विष्‍णुदेव साय ने रेलमंत्री को लिखे गए पत्र में कहा था कि दुर्ग, भिलाई, चरोदा, कुम्हारी और राजधानी  रायपुर में बड़ी संख्या में आंध्र प्रदेश के मूल निवासी रहते हैं।

अधिकांश लोग आंध्र प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते हैं। वह अक्सर अपने पैतृक निवास और सामाजिक कार्यों में शामिल होने के लिए विशाखापट्टनम और उसके आसपास के क्षेत्रों में आते-जाते रहते हैं, लेकिन कम समय में सीधी रेल सुविधा का अभाव है।  साथ ही विशाखापट्टनम उच्च शिक्षा, पर्यटन और व्यावसायिक केंद्र है। यहां के स्कूलों, इंजीनियरिंग कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दुर्ग-भिलाई और  रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के अनेक बच्चे पढ़ते हैं। यहां बंदरगाह होने के कारण कोयला, जिप्सम, कोक, अनाज और अन्य वस्तुओं का आयात-निर्यात होता है।इसकी वजह से लोगों को विशाखापट्टनम बार-बार आना-जाना पड़ता है। वंदे भारत एक्सप्रेस चलने से सभी लोगों को आने-जाने में सुविधा मिलेगी।

दुर्ग से दूसरी सीधी ट्रेन,  रायपुर से गुजरेगी

विशाखापट्टनम के लिए वंदे-भारत एक्सप्रेस के शुरू होने से दुर्ग से विशाखापट्टनम जाने के लिए दूसरी सीधी ट्रेन मिलेगी।इन दिनों दुर्ग-विशाखापट्टनम् वाल्टेयर एक्सप्रेस चल रही है। यह ट्रेन 48 स्टेशनों में रुकती है। इसमें करीब 16 घंटे का सफर होता है। इस तरह वंदे-भारत एक्सप्रेस में लगभग आधे समय में यानी 8.30 घंटे में विशाखापट्टनम पहुंच सकेंगे और उसी दिन काम पूरा करके वापस लौट भी लौट सकेंगे। इसकी औसत गति 66.47 किलोमीटर प्रति घंटे रहेगी।

8.30 घंटे का सफर

दुर्ग से वंदे भारत एक्सप्रेस सुबह छह बजे निकलेगी और दोपहर 2.30 बजे विशाखापट्टनम पहुंचेगी।दोपहर 3.15 को विशाखापट्टनम से छूटेगी साढ़े आठ घंटे में 565 किलोमीटर की दूरी तय कर रात 11.50 को दुर्ग स्टेशन पहुंचेगी। यह ट्रेन दुर्ग से  रायपुर, लखोली, महासमुंद, खरियार-रोड, कांटा-भांजी, टिटलागढ़, सिंगापुर-रोड, रायगढ़ा, पार्वतीपुरम् और विजयानगरम होते हुए विशाखापट्टनम पहुंचेगी। दोनों स्टेशनों के बीच ट्रेन को महज साढ़े आठ घंटे का ही समय लगेगा।

दुर्ग से विशाखापट्टनम तक वंदे-भारत एक्सप्रेस इसी महीने से दौड़ने लगेगी। इसकी तैयारी में रेलवे मंडल जुटा हुआ है और रेलवे बोर्ड से हरी झंडी मिलने का इंतजार किया जा रहा है। दरअसल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लोकसभा चुनाव के ठीक पहले रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर दुर्ग से विशाखापट्टनम के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की मांग की थी। इस बीच आचार संहिता लगने से इसकी अधिकृत घोषणा नहीं हो पाई। अब आचार संहिता हटने के बाद वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की तैयारी जोर-शोर से की जा रही है। मु्ख्यमंत्री विष्‍णुदेव साय ने रेलमंत्री को लिखे गए पत्र में कहा था कि दुर्ग, भिलाई, चरोदा, कुम्हारी और राजधानी  रायपुर में बड़ी संख्या में आंध्र प्रदेश के मूल निवासी रहते हैं।

अधिकांश लोग आंध्र प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते हैं। वह अक्सर अपने पैतृक निवास और सामाजिक कार्यों में शामिल होने के लिए विशाखापट्टनम और उसके आसपास के क्षेत्रों में आते-जाते रहते हैं, लेकिन कम समय में सीधी रेल सुविधा का अभाव है।  साथ ही विशाखापट्टनम उच्च शिक्षा, पर्यटन और व्यावसायिक केंद्र है। यहां के स्कूलों, इंजीनियरिंग कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दुर्ग-भिलाई और  रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के अनेक बच्चे पढ़ते हैं। यहां बंदरगाह होने के कारण कोयला, जिप्सम, कोक, अनाज और अन्य वस्तुओं का आयात-निर्यात होता है।इसकी वजह से लोगों को विशाखापट्टनम बार-बार आना-जाना पड़ता है। वंदे भारत एक्सप्रेस चलने से सभी लोगों को आने-जाने में सुविधा मिलेगी।

दुर्ग से दूसरी सीधी ट्रेन,  रायपुर से गुजरेगी

विशाखापट्टनम के लिए वंदे-भारत एक्सप्रेस के शुरू होने से दुर्ग से विशाखापट्टनम जाने के लिए दूसरी सीधी ट्रेन मिलेगी।इन दिनों दुर्ग-विशाखापट्टनम् वाल्टेयर एक्सप्रेस चल रही है। यह ट्रेन 48 स्टेशनों में रुकती है। इसमें करीब 16 घंटे का सफर होता है। इस तरह वंदे-भारत एक्सप्रेस में लगभग आधे समय में यानी 8.30 घंटे में विशाखापट्टनम पहुंच सकेंगे और उसी दिन काम पूरा करके वापस लौट भी लौट सकेंगे। इसकी औसत गति 66.47 किलोमीटर प्रति घंटे रहेगी।

8.30 घंटे का सफर

दुर्ग से वंदे भारत एक्सप्रेस सुबह छह बजे निकलेगी और दोपहर 2.30 बजे विशाखापट्टनम पहुंचेगी।दोपहर 3.15 को विशाखापट्टनम से छूटेगी साढ़े आठ घंटे में 565 किलोमीटर की दूरी तय कर रात 11.50 को दुर्ग स्टेशन पहुंचेगी। यह ट्रेन दुर्ग से  रायपुर, लखोली, महासमुंद, खरियार-रोड, कांटा-भांजी, टिटलागढ़, सिंगापुर-रोड, रायगढ़ा, पार्वतीपुरम् और विजयानगरम होते हुए विशाखापट्टनम पहुंचेगी। दोनों स्टेशनों के बीच ट्रेन को महज साढ़े आठ घंटे का ही समय लगेगा।

 

 

 

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