क्राइम पेट्रोल

कूटरचित दास्तावेजों के आधार पर बेची करोड़ों की जमीन, एफआईआर दर्ज...

 रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। राजधानी में लगभग 52 हजार स्क्वेयर फीट जमीन के फर्जीवाड़े के मामले में डीजीपी से शिकायत और जांच के बाद तेलीबांधा थाने में तीन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मामले में में बतौर आरोपी राजेश पुजारी, कु. लक्ष्मी पुजारी और श्रीमती विजय लक्ष्मी शर्मा समेत अन्य शामिल है। आरोप है कि प्रार्थियां सीमा अग्रवाल की जमीन के कुटरचित दस्तावेजों के आधार पर आरोपियों ने जमीन पर कब्जा कर किसी और को जमीन बेच दी।

पीड़ित परिवार का आरोप है कि ये जमीन करीब 2003 में उन्होंने खरीदी थी। जिसका नामंत्रण और बी-1 भी उनके नाम से है। बावजूद इसके फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उनकी जमीन बेच दी गई। इसके लिए उन्होंने सीमांकन करानी चाहा, लेकिन साठ-गाठ कर उक्त प्लॉट का सीमांकन कभी होने नहीं दिया गया।
जिसके बाद पीड़ित परिवार को पुलिस से मदद लेनी पड़ी और जांच की एक लंबी प्रक्रिया के बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने इस मामले में 120-B, 420-, 447, 466, 467, 468, 471 और 474 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार आवेदिका श्रीमती सीमा अग्रवाल पति अशोक अग्रवाल उम्र 52 वर्ष निवासी एच/6 अनुपम नगर थाना खम्हारडीह रायपुर के द्वारा पुलिस महानिदेशक रायपुर को 19 जनवरी को आवेदन प्रेषित किया था जिसे जांच के लिए पूर्व में थाना न्यु राजेन्द्र नगर रायपुर भेजा गया था। घटना स्थल पुरैना थाना तेलीबांधा क्षेत्र का पाये जाने से जांच के लिए थाना तेलीबांधा को मूल शिकायत पत्र प्राप्त हुआ है, जिसकी जांच क्रम में आवेदिका श्रीमती सीमा अग्रवाल उसके पति अशोक अग्रवाल रिटायर्ड राजस्व निरीक्षक रामभूषण ब्यौहार, शुभम शर्मा, मोहित पुजारी, राजेश पुजारी से पुछताछ कर कथन लेखकर दोनो पक्षो से संबंधित दस्तावेज प्राप्त किया गया। शिकायत पत्र की जांच पर पाया गया कि स्व0 मुकेश पुजारी को श्रीमती नारायणी बाई के वसियत नामा के आधार पर ग्राम पुरैना हल्का नंबर 113 में स्थित भूमि खसरा नंबर 362/5, खसरा नंबर 0.486 हे0 भूमि मिली थी, जिसका राजस्व रिकार्ड के बी/1 नक्शा सन् 1998-99 में भूमि स्वामी के रूप में नाम दर्ज था। जिसे स्व0 मुकेश पुजारी द्वारा अपने जीवन काल में 17 मार्च 2003 को आवेदिका श्रीमती सीमा अग्रवाल के नाम से उप पंजीयक कार्यालय रायपुर में विक्रय विलेख निष्पादित कर प्रतिफल प्राप्त किया है। इस विक्रय विलेख निष्पादन के आधार पर राजस्व रिकार्ड में जमीन का नामांतरण आवेदिका श्रीमती सीमा अग्रवाल के नाम से दर्ज किया गया है। वर्तमान में भी उक्त क्रय किये भूमि सीमा अग्रवाल के नाम से बी/1 नक्शा में दर्ज है।

आवेदिका के पास बिक्री करने वाला स्व0 मुकेश पुजारी के अन्य हिस्सेदार राजेश पुजारी, कु0 लक्ष्मी पुजारी, श्रीमती विजयलक्ष्मी शर्मा के द्वारा पटवारी अभिलेखो में राजस्व विभाग के कर्मचारियों से मिलकर षडयंत्र पूर्वक नक्शा में कांट छांट करके अपने अपने जमीन को अन्य लोगो से विक्रय किये गये है। कुछ भूमि शेष है। आवेदिका श्रीमती सीमा अग्रवाल द्वारा क्रय की गई भूमि को कूटरचित दस्तावेज तैयार कर हड़प लिया गया है। आरोपी राजेश पुजारी एवं कु0 लक्ष्मी पुजारी ने मे0 अमरगंगा बिल्डर्स एण्ड प्रापर्टीस प्राईवेट लिमि0 के नाम से कंपनीज आफ रजिस्टार के कार्यालय से पंजीयन कराया है। कु0 लक्ष्मी पुजारी व अन्य के द्वारा खसरा नंबर 362/2, 362/4 रकबा 3.139 हे0 भूमि का विकास अनुज्ञा हेतु आवेदन पत्र नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय रायपुर में प्रस्तुत किया था जिसमें संलग्न नक्शा रिटायर्ड राजस्व निरीक्षक रामभूषण ब्यौहार के द्वारा पारिवारिक संबंध के कारण बटवारा के लिये बनाये गये नक्शा दिनांक 23.10.2005 का प्रस्तुत करके विकास अनुज्ञा प्राप्त किया था। जबकि रामभूषण ब्यौहार राजस्व निरीक्षक पद से दिनांक 31.12.2001 को रिटायर्ड हो चुका था जिन्होने अपने कथन में बताया है कि राजेश पुजारी व उसके परिवार के लोग पूर्व परिचीत होने के कारण समझौता के तौर पर नक्शा बनाकर हस्ताक्षर करके उसे दिया था। विकास अनुज्ञा हेतु उस समय के पदस्थ पटवारी से नक्शा प्राप्त कर विकास अनुज्ञा चाहने आवेदन पत्र प्रेषित करना था। इस नक्शा को प्रस्तुत किये जाने की जानकारी नही होना बताया। यह विकास अनुज्ञा मिलने के बाद समयावधि में निर्माण कार्य नही किये जाने से निरस्त हो गया था। दिनांक 13.01.2009 में पुन: अनावेदिका कु0 लक्ष्मी पुजारी ने ग्राम विकास अनुज्ञा हेतु नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय रायपुर में आवेदन पत्र प्रस्तुत किये थे जिसके अनुसार विकास अनुज्ञा प्राप्त किया था। इस नक्शा में दिनांक 01.02.1991 का पटवारी नक्शा तथा आर्टीकेचर से नक्शा संलग्न किया था, पटवारी नक्शा वर्तमान पटवारी का तैयार कराना था। आर्टीकेचर से आरोपीगण अपने हिसाब से नक्शा बनाकर आवेदिका के खरीदे जमीन के कुछ भाग को कब्जा बताते हुये कुटरचित नक्शा तैयार कर विकास अनुज्ञा प्राप्त किये थे। इसी प्रकार दिनांक 19.07.2014 को संबंधित पटवारी द्वारा नक्शा बनाया गया है जिस पर दिनांक 29.07.2014 को राजस्व निरीक्षक द्वारा हस्ताक्षर किया है एवं दिनांक 18.09.2014 को अपर कलेक्टर रायपुर का नक्शा में संशोधन आदेश में हस्ताक्षर व सील है। नक्शा में कंडिका 01 आरेंज कलर में छ.ग. गृह निर्माण मंडल को आबंटित भूमि पर अशोक पुजारी का कब्जा होना बताया गया है। कंडिका 02 पीले रंग से आवेदिकागणों द्वारा अन्य को बिक्री की गई भूमि. कंडिका 03 कु0 दुर्गा पुजारी के कब्जे की भूमि. कंडिका 04 कु0 लक्ष्मी पुजारी के कब्जे की भूमि जिसे हरा रंग से दर्शाया गया है। कंडिका 05 में खसरा नंबर 362 की भूमि जो छ.ग. गृह नि0मं0 के कब्जे में है। कंडिका 06 में आवेदिकागणों के कब्जे की भूमि जो अतिरिक्त है जिसे भविष्य में छोडा जाना बताया गया है जिसे लाल रंग से चिन्हीत किया गया है। यह नक्शा के अवलोकन से दर्शित हो रहा है कि आवेदिका श्रीमती सीमा अग्रवाल के द्वारा खरीदे हुये भूमि के कुछ भाग को आवेदिका लक्ष्मी पुजारी के कब्जा बताया गया है। इसी प्रकार खसरा नंबर 362/3 के रास्ता के भूमि को लक्ष्मी पुजारी द्वारा कब्जा बताया गया है। इसी प्रकार खसरा नंबर 362/2,4 तथा खसरा नंबर 362/3 के मध्य भूमि को अतिरिक्त होना बताया गया है, जो संभव नही है। यह नक्शा कुटरचित प्रतीत हो रहा है। जिसे आरोपी राजेश पुजारी व अन्य दोषपूर्ण लाभ प्राप्त करने वाले आरोपियों द्वारा राजस्व विभाग के अधिकारियों से त्रुटी पूर्ण व कुटरचित नक्शा तैयार कराया जाना पाया गया है। इस नक्शा में छ.ग. गृह निर्माण मंडल के भूमि को अशोक पुजारी का कब्जा बताते हुये अपर कलेक्टर महोदय रायपुर से संशोधन आदेश पारित कराया गया है। जबकि अवैध अतिक्रमण हटाकर राजस्व रिकार्ड के मुताबीक नक्शा में संशोधन किया जाना था। मात्र कब्जा के आधार पर अन्य व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने की आशय से मूल पटवारी नक्शा को संशोधित करना विधि अनुकुल प्रतीत नही हो रहा है। आवेदिका द्वारा आरोप लगाया गया है कि इस संशोधन आदेश पारित करने के पूर्व आसपास के भूमि स्वामियों को आहुत कर सूचना नही दिया गया था। अनावेदकगण द्वारा ही उपस्थित होकर पटवारी नक्शा को संशोधन कराया गया है। इस नक्शा में सन् 1990 में बटांकन भूमि 362/1 एवं 362/3 की स्थिति स्पष्ट नही किया गया है। आवेदिका श्रीमती सीमा अग्रवाल द्वारा खरीदे हुये भूमि खसरा नंबर 362/5 जो खरीदी क पूर्व व वर्तमान में राजस्व रिकार्ड के बी/1 नक्शा में भूमि स्वामी के रूप में नाम दर्ज है। नक्शा बटांकन का दायित्व संबंधित राजस्व विभाग के अधिकारियों का है, यह भूमि स्वामी का नही है। आवेदिका सीमा अग्रवाल द्वारा अपनी खरीदी भूमि का सीमांकन हेतु आवेदन पत्र अतिरिक्त तहसीलदार रायपुर के समक्ष दिनांक 27.03.2010 को प्रस्तुत की थी जिसे खरीज कर दिये थे जिसके बाद सन् 2020 में पुन: सीमांकन हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किये जिसमें आरोपी राजेश पुजारी, लक्ष्मी पुजारी व अन्य के द्वारा आपत्ति लगाया गया जिस पर पटवारी नक्शा में बटांकन नही होना लेख करते हुये सीमांकन किये जाने से इंकार कर दिये। आरोपी राजेश पुजारी एवं कु0 लक्ष्मी पुजारी को खसरा नंबर 362/2 एवं खसरा नंबर 362/4 में भूमि वसियत नामा पर मिली हुई है। खसरा नंबर 362/3 में भूमि श्रीमती विजयलक्ष्मी शर्मा को मिली हुई है। खसरा नंबर 362/1 की भूमि में आवेदिका को बिक्री करने वाले स्व0 मुकेश पुजारी व उनके अन्य परिवार के सदस्यों को वसियत नामा में भूमि प्राप्त हुआ था। श्रीमती विजयलक्ष्मी शर्मा ने अपने मुख्तयार आम आनंद शर्मा एवं शुभम शर्मा के माध्यम से सत्यनारायण सिंघानिया, शिव कुमार सिंघानिया, पुरूषोत्तम सिंघानिया के पास प्रार्थिया सीमा अग्रवाल के खरीदे जमीन को दिखाकर खसरा नंबर 362/3 का भाग रकबा 0.21445 हे0 को विक्रय दिनांक 23.08.2019 को किया है। अपर कलेक्टर रायपुर से नक्शा का संशोधन कराकर विजयलक्ष्मी शर्मा एवं कु0 लक्ष्मी पुजारी ने जमीन का विनमय निष्पादित करके आवेदिका द्वारा खरीदे भूमि खसरा नंबर 362/5 के भाग को रास्ता बताकर सत्यनारायण सिंघानिया व अन्य को विक्रय किया है। जिस पर आवेदिका के पति द्वारा उसके सीमांकन कार्यवाही के समय आपत्ति किये जाने पर राजेश पुजारी के रिपोर्ट पर दिनांक 27.11.2019 को थाना तेलीबांधा रायपुर में अप.क्रं. 561/2019 धारा 447,427 भादसं का अपराध पंजीबद्व कराया है, जिसका विचारण न्यायालय में विचाराधीन है।

उसी प्रकार श्रीमती कृष्णा शर्मा के द्वारा अपनी भूमि खसरा नंबर 362/1 का भाग रकबा 0.261 हे0 को श्रीमती रीचा अग्रवाल के पास दिनांक 28.05.2002 की प्रतिलिपि राजेश पुजारी द्वारा पेश किया गया है। जिसमें खसरा नंबर 362/5 के स्थिति को अलग जगह बताया गया है। जबकि चौहदी विवरण में नक्शा का मेल नही खा रहा है। जूमला जांच पर अनावेदक राजेश पुजारी, लक्ष्मी पुजारी एवं श्रीमती विजयलक्ष्मी शर्मा के विरूद्व अपराधिक षडयंत्र कर छल करके राजस्व विभाग के नक्शा में कुटरचित तैयार करने तथा न्यायालय में कुटरचित दस्तावेज को असल के रूप में प्रस्तुत किये जाने से अपराध धारा 420,447,466,467, 468,471,474,120बी भादसं का अपराध प्रथम दृष्टया में घटित पाये जाने से अपराध सदर पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया है। आवेदन पत्र के विषय में लेख अनावेदिका स्नेहलता पुजारी एवं अनावेदक मोहित पुजारी व अनुभव पुजारी के विरूद्व अभीतक अपराध में संलग्न होने का साक्ष्य नही पाया गया है। नकल आवेदन पत्र जैल है।

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