आंगनबाड़ी केन्द्र पमशाला को मॉडल केन्द्र के रूप में किया गया है विकसित
जिले में पोषण अभियान के प्रारंभ से अभी तक आंगनबाड़ी केन्द्रों में 2800 पोषण वाटिका विकसित किया गया है। पोषण वाटिकाओं में फलों और सब्जियों के उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है, जिससे विटामिन और खनिज तत्व होते हैं, जो हमे स्वस्थ बने रहने में मदद् करते हैं, साथ ही हमें कुछ खास बीमारियों से भी बचाते हैं। फल और सब्जियां से विटामिन और पौष्टिक अहार मिलता है। पोषण वाटिकाओं में विकसित सब्जियों, भाजियों व फलों को आंगनबाड़ी केन्द्र के हितग्राहियों की ओर से नियमित रुप से सेवन से पोषण स्तर में सुधार होगा। इसी कड़ी में एकीकृत बाल विकास परियोजना तकपरा सेक्टर के आंगनबाड़ी केन्द्र पमशाला को मॉडल केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है। केन्द्र के बाहर पोषण वाटिका विकसित की गई है, जहां की हरी साग-सब्जियों व पलाक, लाल भाजी को गर्भ भोजन में शामिल कर परोसात जा रहा है। साथ ही हितग्राहियों को भोजन में हरी सब्जियों को शामिल करने हेतु परामर्श भी दिया जा रहा है।
आंगनबाड़ी केन्द्र पमशाला में 0-6 वर्ष के दर्ज बच्चों की संख्या 28 है। माह सितम्बर 2022 के वजन के अनुसार सामान्य श्रेणी-22, मध्यम-04, गंभीर कुपोषित-02 है। 02 गंभीर कुपोषित बच्चों को 15 दिनों के लिए एनआरसी जशपुर में भर्ती कराया गया था। समस्त कुपोषित बच्चों को बाल संदर्भ शिविर से लाभान्वित किया जा चुका है। रेडी टू ईट फूड का नियमित सेवन कराया जा रहा है। प्रतिमाह-0-6 वर्ष के बच्चों का वजन लेकर ग्रोथ मॉनिटरिंग किया जा रहा है। माह अक्टूबर 2022 में 02 बच्चे मध्यम ग्रेड से सामान्य ग्रेड में आ गए हैं।