शिक्षा

हिंदी विश्‍वविद्यालय में पंचगव्य आधारित उत्‍पादों पर कौशल विकास प्रशिक्षण से कर्मचारी, विद्यार्थी बनेंगे आत्मनिर्भर : प्रो. चंद्रकांत रागीट

वर्धा (छत्तीसगढ़ दर्पण)। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय एवं महात्‍मा गांधी ग्रामीण औद्योगीकरण संस्‍थान, वर्धा (एमगिरी) के संयुक्‍त तत्‍वावधान में पंचगव्‍य आधारित उत्‍पादों पर कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत दो दिवसीय (1 एवं 2 जुलाई) प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन प्रतिकुलपति प्रो. चंद्रकांत रागीट की अध्‍यक्षता में शुक्रवार, 01 जुलाई को विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में किया गया। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से सप्ताह मनाया जा रहा है, इसके तहत यह आयोजन किया गया। इस अवसर पर एमगिरी के वरिष्‍ठ तकनीकी सहायक डॉ. जयकिशोर छांगाणी ने पंचगव्‍य आधारित उत्‍पादों को तैयार करने की प्रक्रिया बताते हुए आत्‍मनिर्भर बनाने की दिशा में एमगिरी द्वारा निर्मित उत्‍पादों की जानकारी दी।

अध्‍यक्षीय उद्बोधन में प्रतिकुलपति प्रो. चंद्रकांत रागीट ने कहा कि प्रथम चरण में विश्‍वविद्यालय के कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आगामी दिनों में विद्यार्थियों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। कार्यक्रम की प्रस्‍तावना में महात्‍मा गांधी फ्यूजी गुरुजी सामाजिक कार्य अध्‍ययन केंद्र के निदेशक प्रो. मनोज कुमार ने कहा कि कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने की बात महात्‍मा गांधी ने की थी। गांधी के विचारों को केंद्र में रखकर विश्‍वविद्यालय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। पंचगव्‍य आधारित उत्‍पादों का लाभ परिसर के लोगों को भी मिल पाएगा। उद्घाटन के बाद गौशाला में पंचगव्‍य आधारित उत्‍पादों को तैयार करने की प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया गया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. शिव सिंह बघेल ने किया तथा आभार डॉ. मिथिलेश कुमार तिवारी ने ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ. के बालराजु, डॉ. प्रियंका मिश्र, विनोद वैद्य सहित कार्यशाला में स‍हभागिता कर रहे कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थि‍त थे।

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