हिंदुस्तान

धर्मेन्द्र प्रधान ने बालवाटिका 49 केन्द्रीय विद्यालयों की पायलट परियोजना का शुभारंभ किया

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने शिक्षा की नींव चरण (फाउंडेशनल स्टेज) के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा और देश भर में बालवाटिका 49 केंद्रीय विद्यालयों की पायलट परियोजना का शुभारंभ किया। श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, शिक्षा राज्य मंत्री; डॉ. सुभाष सरकार, शिक्षा राज्य मंत्री के साथ-साथ स्कूली शिक्षा सचिव श्रीमती अनीता करवाल; युवा कार्यक्रम एवं खेल सचिव संजय कुमार; निदेशक, एनसीईआरटी  दिनेश सकलानी; एनसीएफ की संचालन एवं अधिदेश समिति के सदस्य तथा शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारीगण इस अवसर पर उपस्थित थे।

एनसीएफ की संचालन एवं अधिदेश समिति के अध्यक्ष  के. कस्तूरीरंगन भी इस कार्यक्रम में वर्चुअल ढंग से शामिल हुए। श्री प्रधान ने कहा कि आज का दिन एनईपी के उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में एक ऐतिहासिक दिन है। पिछले 8 वर्षों में भारत ने जो यज्ञ और मंथन देखा है, वह अब अमृत उत्‍पन्‍न करने लगा है। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूली शिक्षा के लिए एनसीएफ के ये चार चरण हैं: नींव (फाउंडेशनल), प्रारंभिक, मध्‍य और माध्यमिक चरण। उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 के तहत शिक्षा की नींव चरण की रूपरेखा को विकसित करना सबसे महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण पहलुओं में से एक है, क्योंकि हमारे देश के भविष्य को सही स्‍वरूप देने में इसका व्‍यापक असर पड़ता है।

 
 
 

उन्होंने शिक्षा की नींव चरण के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा विकसित करने में योगदान देने वाले सभी लोगों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह नई रूपरेखा हमारे छोटे बच्चों यानी नौनिहालों को 21वीं सदी की संज्ञानात्मक और भाषाई क्षमता या दक्षता से लैस करने में मदद करेगी। मंत्री महोदय ने एनसीईआरटी से इस एनसीएफ को सार्वजनिक रूप से उपलब्‍ध कराने, इसे एससीईआरटी और बचपन की देखभाल एवं विकास में शामिल सभी हितधारकों को उपलब्‍ध कराने का आग्रह किया।

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