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चीन में सत्ता पलट की अफवाहों पर लगा विराम, 10 दिन बाद दिखे राष्ट्रपति शी जिनपिंग

 

बीजिंग (छत्तीसगढ़ दर्पण)। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग मंगलवार को SCO समिट से लौटने के बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर नजर आए हैं। इससे पहले बीते सप्ताह तमाम रिपोर्ट्स आईं थीं, जिसमें अटकलें लगाई जा रहीं थी, कि शी जिनपिंग की सत्ता का तख्तापलट कर दिया गया है। इस दौरान चीन में हजारों विमानों के रद्द होने को सबूत के तौर पर पेश किया गया था। लेकिन अब चीनी राष्ट्रपति के एक बार फिर से देखे जाने के बाद तमाम अफवाहों पर विराम लग गया है।

16 सितंबर के बाद पहली बार दिखे जिनपिंग
16 सितंबर को उज्बेकिस्तान से लौटने के बाद पहली बार शी जिनपिंग सार्वजनिक तौर पर देखे गए हैं। सरकारी समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को कम्युनिस्ट पार्टी की एक प्रदर्शनी का दौरा किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदर्शनी में बोलते हुए, उन्होंने समाजवाद की एक नई जीत की दिशा में दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ने के लिए ठोस प्रयास करने का आह्वान किया। पर्यवेक्षकों का कहना है कि शी को सार्वजनिक रूप से नहीं देखा जा रहा था। ऐसे में संभव है कि विदेश से लौटने के बाद वे जीरो COVID नीति के तहत अनिवार्य क्वारंटाइन का पालन कर रहे थे।

फैली थीं तख्तापलट की अफवाहें
बता दें कि शी जिनपिंग की अनुपस्थिति में ऐसी अफवाहें फैला दी गई थीं कि चीन की सरकार का तख्तापलट हो गया है। सोशल मीडिया पर लोगों ने दावा किया कि बीजिंग पर सैन्य कब्जा हो गया है और शी जिनपिंग का तख्तापलट हो गया है। एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें पीएलए की गाड़ियां गुजरती दिख रही थीं। उस वीडियो को लेकर कहा गया था कि चीन की सेना बीजिंग की ओर बढ़ रही है। हालांकि 10 दिन बाद शी जिनपिंग के एक प्रदर्शनी में देखे जाने के बाद शी जिनपिंग की तख्तापलट की खबरें कोरी अफवाह साबित हुईं।

तीसरी बार राष्ट्रपति चुने जाएंगे शी जिनपिंग
अगले महीने कम्युनिस्ट पार्टी की मीटिंग होने वाली है, जिसमें शी जिनपिंग को लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति चुना जाएगा। इसके अलावा वह पीएलए के अध्यक्ष भी बने रहेंगे। 20वीं पार्टी कांग्रेस के लिए कुल 2,296 प्रतिनिधियों को नियुक्त कर दिया है, जिसमें 200 से ज्यादा पूर्ण सदस्य और लगभग 170 वैकल्पिक सदस्य शामिल हैं। वे शी जिनपिंग के तीसरे पांच साल के कार्यकाल पर मुहर लगा देंगे, जो माओत्से तुंग के शासनकाल के बाद से सबसे ज्यादा वक्त तक राष्ट्रपति होने का रिकॉर्ड बनाएंगे। शी जिनपिंग से पहले माओत्से तुंग ही सबसे ज्यादा वक्त तक देश के राष्ट्रपति थे। इसके साथ ही ये भी तय हो गया है, कि शी जिनपिंग शायद जीवनभर चीन के राष्ट्रपति रहेंगे।

सत्ता की सारी शक्तियां हैं जिनपिंग के पास
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगले महीने होने वाली कांग्रेस की बैठक का मुख्य उद्देश्य शी जिनपिंग की प्रशंसा करना और उन्हें तीसरे कार्यकाल के लिए निर्विवाद नेता के रूप में स्थापित करना है। का्ंग्रेस में जिन नेताओं को शामिल किया गया है, उनमें ज्यादातर शी जिनपिंग गुट के हैं। माओ शासन की गलतियों की पुनरावृति रोकने के लिए कम्युनिस्ट पार्टी ने "ग्रेट हेल्समैन" नीति का निर्माण किया, ताकि सत्ता की बागडोर सामूहिक नेतृत्व के हाथ में हो, लेकिन शी जिनपिंग ने सत्ता की सारी ताकतों को अपने हाथों में लेने का फैसला किया और वित्त विभाग, विदेश नीति और विचारधारा की नीति पर अपने सबसे करीबी लोगों को तैनात किया।

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