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मंगल ग्रह पर कहां से आया 'मानवीय कचरा' ? रहस्यमयी तस्वीर के बारे में NASA ने ये बताया

वॉशिंगटन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। नासा के वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह की सतह पर एक ऐसी चीज देखी जो दूसरी दुनिया की तो है ही, वह असल में 'मानव का छोड़ा हुआ कचरा' है। यह चमकीली पन्नी की तरह का कचरा ऐसे स्थान पर मंगल के चट्टानों के बीच पड़ा था, जहां से नासा का पर्सीवरेंस रोवर भी काफी दूर है। काफी पड़ताल के बाद पता चला कि लाल ग्रह पर पहुंचे इस मानवीय कचरे के लिए नासा का मंगल मिशन ही जिम्मेदार है। जानिए कि वह पन्नी जैसी चमकीली चीज है क्या और कैसे मंगल ग्रह तक पहुंच गई है।

मंगल ग्रह पर कहां से आया 'मानवीय कचरा' ?
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पर्सीवरेंस रोवर ने मंगल ग्रह पर चट्टानों के बीच पड़े एक रहस्यमयी चीज की तस्वीर खींची है। देखने में यह चमकीली पन्नी का टुकड़ा लग रहा है, जिसपर अनेकों स्पॉट भी स्पष्ट नजर आ रहे हैं। जब नासा के वैज्ञानिकों की नजर इस तस्वीर पर पड़ी तो वह सोचने मजबूर हो गए कि लाल ग्रह पर यह 'मानवीय कचरा' आया कहां से? क्योंकि, मंगल ग्रह के चट्टानों के बीच यह पूरी तरह से बाहरी दुनिया की वस्तु नजर आ रही थी। जब वैज्ञानिकों ने तस्वीर की गहन जांच की तो उन्हें अंदाजा हो गया कि इस 'मानवीय कचरे' के लिए खुद वही जिम्मेदार हैं। (पहली तस्वीर सौजन्य ट्विटर: NASA Perseverance Mars rover)

थर्मल ब्लैंकेट का हिस्सा है वह 'रहस्यमयी' चीज
दरअसल, वह रहस्यमयी चीज वास्तव में भी एक चमकीली पन्नी का टुकड़ा है, जो नासा के मुताबिक उस थर्मल ब्लैंकेट का हिस्सा है, जो मंगल की सतह पर रॉकेट से रोवर और इनजेनिटी मार्स हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के दौरान आया हो सकता है। लेकिन, एक बात अभी भी नासा के वैज्ञानिकों को समझ में नहीं आई है कि जिस जगह पर थर्मल ब्लैंकेट का हिस्सा पड़ा हुआ है, वह लैंडिंग वाली जगह से 2 किलो मीटर की दूरी पर है। वैज्ञानिक इस बात को लेकर निश्चित नहीं हैं कि यह टुकड़ा रॉकेट से यहीं पर गिरा था या फिर मंगल ग्रह की हवाओं से बहाकर लाया गया है।

पर्सीवरेंस रोवर टीम ने दी जानकारी
15 जून को पर्सीवरेंस रोवर टीम ने इसके बारे में ट्वीट करके जानकारी दी है। इसमें कहा गया है, 'मेरी टीम को कुछ अप्रत्याशित मिला है: यह थर्मल कंबल का एक टुकड़ा है जो उन्हें लगता है कि मेरे उतरने के चरण में आया हो सकता है, रॉकेट-पावर्ड जेट पैक जिसने मुझे 2021 में लैंडिंग के दिन यहां पर उतारा था।' 13 जून को रोवर के बाएं मास्टकैम-जेड कैमरे से खींची गई फोटो में, पन्नी का एक टुकड़ा जिसके चारों ओर डॉट्स मौजूद हैं, स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।

'सात मिनट का आंतक' के समय आता है काम
नासा के जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी के एक प्रवक्ता एंड्र्यू गुड ने भी सीएनईटी से कहा कि वह टुकड़ा निश्चित तौर पर थर्मल ब्लैंकेट का हिस्सा है। लेकिन, उन्होंने कहा कि यह पता नहीं चल पाया है कि यह स्पेसक्राफ्ट के किस पार्ट से आया है। ये थर्मल कंबल वास्तव में महत्वपूर्ण समय में तापमान को नियंत्रित करने का काम करते हैं, जिसमें ग्रह पर एंट्री, नीचे उतरने और लैंडिंग की प्रक्रिया शामिल है। इस प्रक्रिया को ही 'सात मिनट का आंतक' के नाम से भी जानते हैं।

मंगल पर प्राचीन जीवन की खोज में लगा है रोवर
रोवर की सोशल मीडिया टीम ने उन लोगों के बारे में भी जानकारी साझा की है, जो इस तरह का थर्मल कंबल बनाते हैं। ट्वीट में लिखा है, 'उन्हें अंतरिक्ष यान ड्रेसमेकर के रूप में समझें। वे इन अनूठी चीजों को एक साथ जोड़ने के लिए सिलाई मशीनों और दूसरे उपकरणों के साथ काम करते हैं।' रोवर इस समय मंगल ग्रह पर जेजेरो क्रेटर के अंदर एक प्राचीन नदी डेल्टा क्षेत्र का अध्ययन कर रहा है, जिससे लाल ग्रह पर प्राचीन जीवन के प्रमाण मिलने की उम्मीद है।

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मंगल से धरती पर सैंपल लाकर किया जाएगा अध्ययन
मंगल का यह स्थान वहां के चट्टानों का सैंपल जुटाने और इतिहास में पानी की मौजूदगी के साक्ष्य जुटाने के लिए उपयुक्त है। नासा की योजना इन सैंपलों को धरती पर लाकर उनका विस्तार से अध्ययन करना है। इसके लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने यूरोपियन स्पेस एजेंसी के साथ साझेदारी की हुई है। इसके लिए मंगल के सैंपल की जांच के लिए 16 वैज्ञानिकों का ग्रुप बनाया गया है, जो आगे का भी रोडमैप तैयार करेगा।

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