दुनिया-जगत

Climate change: इस देश के आधे से ज्यादा हिस्से में पानी खत्म! दुनिया के लिए बहुत बड़ी चेतावनी

मेक्सिको सिटी (छत्तीसगढ़ दर्पण)। जलवायु परिवर्तन ने अपना भयावह रूप दिखाना शुरू कर दिया है। मेक्सिको जैसे देश में आज की तारीख में स्थिति ये है कि इसका आधा हिस्सा बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा है। पानी के सारे स्रोत सूख रहे हैं। नल से सप्लाई बंद है। लोग पूरे दिन पानी के इंतजाम में ही बिता रहे हैं। उन्हें पानी जमा करने से ही फुर्सत नहीं मिल पा रही है तो बाकी कुछ करने के लिए समय ही नहीं बच पा रहा है। सवाल है कि आखिर ऐसा कब तक चलेगा। सरकार बारिश का इंतजार कर रही है। लेकिन, सवाल है कि पहले से ही सूखा झेल रहे देश में एकबार और बरसात ने धोखा दिया तो क्या होगा ? यह चिंता सिर्फ मेक्सिको के लोगों की नहीं है। यह संकट पूरी दुनिया का है।

मेक्सिको में ऐतिहासिक जल संकट
उत्तरी अमेरिकी देश मेक्सिको ऐतिहासिक जल संकट झेलने को मजबूर है। फेडरल वाटर कमीशन कोनागुआ के मुताबिक आधा से ज्यादा मेक्सिको इस समय मध्यम से बहुत ही गंभीर सूखे की चपेट में है। भीषण गर्मी अलग पड़ रही है और वैज्ञानिक इसके लिए जलवायु परिवर्तन को दोष दे रहे हैं। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक मेक्सिको के कई शहरों में लोगों के पास पानी नहीं है। सियेरा वेंटाना के कई इलाकों में एक हफ्ते पहले से ही पानी के नल सूख चुके हैं। देश का सबसे महत्वपूर्ण ऑद्योगिक शहर ऐतिहासिक जल संकट की चपेट में आ चुका है। 60 वर्षीय महिला रोबल्स ने कहा, 
 
'हम सभी इसलिए जूझ रहे हैं, क्योंकि पानी नहीं आ रहा है।'
'हम अत्यधिक पर्यावरण संकट झेल रहे हैं' हताश होकर रोबल्स और उनके पड़ोसी पास के म्युनिसिपल वाटर टैंक पर चढ़ गईं और उनके जो भी बर्तन था, सब में एक-एक करके पानी इकट्ठा करना शुरू किया। क्योंकि, इसी से पीना है, खाना पकाना है, कपड़े धोने हैं और स्कूल यूनिफॉर्म की सफाई करनी है। उधर मॉनटेरी मेट्रोपॉलिटन एरिया में भी सूखे और कई वर्षों से कम बारिश की वजह से पूरे शहर में पानी की किल्लत चल रही है। यहां की आबादी करीब 53 लाख है। पिछले हफ्ते नुएवो लिओन के गवर्नर सैमुअल ग्रेसिया ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था, 'हम अत्यधिक पर्यावरण संकट झेल रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'आज, हम सब ऐसे ही जी रहे हैं और इससे पीड़ित हैं।'

सुपरमार्केट से पानी की बोतलें खत्म
यहां जून की शुरुआत से से ही पानी की कटौती शुरू की गई थी। दिन में सिर्फ 6 घंटे पानी उपलब्ध कराया जा रहा था। इसकी वजह से स्कूलों का समय बदलना पड़ गया। इससे इतनी घबराहट पैदा हुई कि लोगों ने बोतल बंद पानी का स्टॉक करना शुरू कर दिया और सुपरमार्केट से पानी ही खत्म हो गया। ऊपर से लोगों का गुस्सा इस बात को लेकर उबलने लगा कि सोडा और बीयर कंपनियों को पानी निकालने की इजाजत मिलती रही है, जबकि आम लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे थे।

बारिश की उम्मीद में जी रही है सरकार
स्थानीय सरकार का कहना है कि वह पाइप लीक की मरम्मत करके और प्रेशर वॉल्व लगाकर पानी को बचाने की कोशिश कर रही है। यही नहीं, उन खेतों, कंपनियों और बूचड़खानों पर नकेल कसा जा रहा है, जो नदियों या गुप्त कुओं से पानी चुराते हुए पकड़े गए हैं। सबसे ज्यादा गर्मी का महीना अभी बाकी है, इसलिए फिलहाल यह संकट दूर होने की उम्मीद नहीं है। उम्मीद सिर्फ आसमान पर टिकी है कि बारिश की कुछ बौछारें हो जाएं।

दुनिया के लिए बहुत बड़ी चेतावनी
वाटर एंड सीवेज एजेंसी के हेड जुआन इग्नासियो बैरागन के मुताबिक मेट्रोपॉलिटन एरिया के दो प्रमुख डैम जहां से इसे पानी की सप्लाई होती है, मंगलवार सुबह तक खाली हो सकता है। एक तीसरा डैम है, जहां क्षमता का सिर्फ 45% पानी बच गया है। उन्होंने प्रेस के सामने माना है कि कई इलाकों में पानी की सप्लाई ठप पड़ चुकी है। इनमें से वह इलाका भी है, जहां रोबल्स रहती हैं। मेक्सिको में आज जो हालात बन रहे हैं, वह भविष्य के लिए बहुत बड़ी चेतावनी है। दिन के समय 40 डिग्री का तापमान झेल रहे इस इलाके में लोगों की पूरी दिनचर्या पानी जुटाने तक सिमट चुकी है। जलवायु परिवर्तन धरती पर कितना बड़ा संकट बनता जा रहा है, यह इसका बहुत बड़ा उदाहरण है।
 

Leave Your Comment

Click to reload image