क्राइम पेट्रोल

गृहमंत्री के जिले में ही नहीं लग पा रहा अपराधों पर अंकुश...

 छह माह में 20 हत्या, 507 चोरियां और लूट की हुई वारदात

-शमशीर सिवानी

भिलाई (छत्तीसगढ़ दर्पण)। प्रदेश के गृहमंत्री के गृह जिला दुर्ग में अपराध का ग्राफ  बढ़ता ही चला जा रहा है। पिछले छह माह के दौरान जिले के अलग अलग थाना क्षेत्रों में 20 लोगों की हत्या, 507 चोरियां व लूट के && मामले दर्ज है तो कबाडिय़ों को जमकर आतंक चल रहा है। शहर में गाड़ी, सायकल सहित अन्य प्रकार की चोरी की घटनाओं में भी जमकर इजाफा हुआ है। पूरे 8-10 लोगों के गैंग के रूप में कबाड़ी वाले पूरा हथियार लेकर रात्रि 2 बजे से सुबह 4 बजे तक निकलते है। लोगों के घरों, बाड़ी में रखे लोहे और बाड़ी में घेरा लगे जाली वाला तार से लेकर उसके स्पोर्ट के लिए गडे लोहे के एंगल तक नही छोड़ रहे है। कुछ तो बीएसपी के शुद्ध लोहा से बने और जगह जगह कचरा रखने वाले कूडादान को आंकड़ों को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपराधियों को पुलिस और कानून का भय बिल्कुल भी नहीं है। बीएसपी का लोहे का रखा कूड़ादान एक से लेकर डेढ़ टन का रहता है और एक टन का लोहे का कूड़ादान करीब 80 हजार के आसपास का होता है।


यही नही जिले में अवैध शराब,जुआ-सट्टा,कबाड़ी सहित  जितने भी अवैध और दो नंबर का धंधा हो रहा है वह सब कांग्रेसियों और पुलिस के संरक्षण में ही हो रहा है। पुलिस के अवैध कार्यों और अपराधों में अकुंश नही लगने पर पुलिस प्रशासन से बेहद नाराज गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने पुलिस अधिकारियों की समीक्षा बैठक में भी पूरे आंकडों के साथ पुलिस की अवैध कार्य करने वालें से सेटिंग की बात कह चुके है।

विगत कई माह से देखा जा रहा है कि जिले में चोरी, अपहरण, लूट जैसी घटनाओं के बीच अब मामूली विवादों पर हत्या जैसी घटनाएं होने लगी है। छह माह में सबसे ज्याद चोरी की घटनाएं हुई है। जो घर सूना रहा, उस घर में चोर धावा बोलकर चोरी की वारदात को अंजाम देकर भागने में सफल रहे।  इसी तरह से हत्या, लूट, धोखाधड़ी और दुष्कर्म के मामले भी बढ़े हैं। हालांकि पुलिस के लिए राहत की बात यह है कि घटनाओं में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल पहुंचाने में सफलता भी मिली है। लेकिन कुछ मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी अभी भी शेष है। चोरी के कुछ मामले पुलिस के लिए अभी भी चुनौती बने हुए हैं।

पिछले छ: माह का सभी प्रकार के अपराधों का आंकड़ा
20 हत्या, &2 हत्या का प्रयास,9& अनाचार,124 अपहरण,&& लूट,08 बलवा,507 चोरी और 189 नकबजनी की घटनाए हुई है।

चोरी का माल के भरोसे कुकुरमुत्ते की तरह जगह जगह खुल गये है कबाड़ी
दुर्ग और भिलाई क्षेत्र में जगह जगह कुकुरमुत्ते की तरह कबाडी दुकाने खुल गई है जो केवल चोरी के माल के ही भरोसे है। जबसे शहर और उसके आऊटर में कबाड़ी दुकाने खुली है तबसे शहर में लोहे,टीना,सायकल और गाडिय़ों के चोरी में अत्यधिक बढोत्तरी हो गई है ये सभी चोरी के लोहा टीना और सायकल तथा गाड़ी को खरीदकर तुरंत कटिंग कर उसे खपाने में ये सभी एक्सपर्ट है और ऐसा नही है कि पुलिस को ये सब नही पता है बल्कि नजदीकी थानों के पुलिस स्टाफ कार्यवाही करने के बजाय बकायदा हर महिने इन लोगों से चढावा प्राप्त करते हैं।

भाजपा शासनकाल में कबाडिय़ों पर था प्रतिबंध,बंद थी गाडिय़ों और लोहे के सामानों की चोरी
प्रदेश में जब तक भाजपा का शासन था तब तक कबाडिय़ों पर प्रतिबंध लगा हुआ था केवल कागज, रद्दी व छोटे मोटे समान ही कबाडिय़ों को खरीदने की छूट थी लेकिन प्रदेश में कांग्रेस का शासन आने पर कांग्रेसियों द्वारा ही सेटिंग कराने का काम किया गया और तबसे जमकर लोहा,टीना,एल्युमिनियम और गाड़ी सायकल के चोरियों में बेतहासा वृद्धि हुई है यही नही जितने भी दो नंबर का धंधा दुर्ग-भिलाई में चल रहा है अधिकांश तक कार्य कांगे्रसियों के संरक्षण में चल रहा है, कुछ कांग्रेसी तो कई मामले में दलाली भी जमकर कर रहे है कि क्या पता अगली बार हमारी सरकार आये कि नही अभी मौके का फायदा उठा लो।

इनके विरूद्ध छापने वाले मीडिया कर्मियों को भी सुनियोजित तरीके से कर रहे है बदनाम
कबाड़ी सहित अन्य दो नंबर के धंधा करने वाले सिडिकेट बनाकर उन मीडियावालों को बदनाम कर रहे है जो इनके खिलाफ समाचार छापते है या अपने पोर्टल में चलाते है। उनके यहां मीडिया वाले जब दबिश देते है तो वे खुद ही कुछ ले देकर मामला रफा दफा करने की कोशिश करते है और मीडियाकर्मियों द्वारा जब चढावा लेने से इंकार कर दिया जाता है तो वे दो नंबर का व्यवसाय करने वाले खुद ही बवंडर खड़ा करते है और मीडियावालों को &0 हजार से लेकर 80 हजार तक पैसा मांगने का आरोप लगाकर बदनाम करते है और मीडियावालों पर हमला करते है,और बाद में माफी मांग लेते हैं।

वाहन चोर गिरोह शहर में सक्रिय
जिले में बाइक की चोरियां भी खूब हुई हैं। बाइक चोर पुलिस को खूब छका रहे हैं। आए दिन हो रही सभी प्रकार की चोरियों से जहां लोग सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। वहीं दिन में भी लोग घर में ताला बंद कर कहीं जाने से भयभीत हैं। चोरों का निशाना सूने मकान पर Óयादा रहता है। दिन के समय रेंकी कर रात में चोरी को अंजाम दिया जाता है। त्योहारी सीजन को देखते हुए पुलिस की सक्रियता हाल के दिनों में देखने को मिल रही है। लेकिन पिछले छह महीने में अपराध के ग्राफ का बढ़ा होना चिंतन का विषय है।

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