शिक्षा

ऑनलाइन लेन-देन में अपराधों से बचने सावधानी जरुरी

 डिजिटल मार्केटिंग से उत्पादों को मिल रहा है वैश्विक बाजार

रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अग्रसेन महाविद्यालय रायपुर तथा विवेकानंद महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में “रीसेंट ट्रेंड इन डिजिटल मार्केटिंग एंड इ-कामर्स विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आज समापन हुआ। अग्रसेन महाविद्यालय के सभागार में हुए इस कार्यक्रम के वरिष्ठ शिक्षाविद और समाजसेवी अजय तिवारी मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। वहीँ, महाराजाधिराज अग्रसेन शिक्षण समिति के कोषाध्यक्ष तथा छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज की केन्द्रीय इकाई के अध्यक्ष अजय दानी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।    

इस कार्यशाला में विषय विशेषग्य के रूप में ई.यू केयर फार्मासूटिकल्स प्रायवेट लिमिटेड के एरिया सेल्स मैनेजर रिमोंन बिस्वास और साइबर क्राइम से बचाव के विशेषग्य गौरव तिवारी को आमंत्रित किया गया था। अपने संबोधन में श्री बिस्वास ने कहा कि डिजिटल मार्केटिंग के लिए इन दिनों यू-ट्यूब, फेसबुक ट्विटर, इन्स्टाग्राम सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफोर्म का उपयोग सफलतापूर्वक किया जा रहा है।  इससे स्थानीय स्तर पर बनने वाले उत्पाद का दायरा और प्रचार क्षेत्र भी व्यापक रूप से बढाया जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल मार्केटिंग अभी नया ट्रेंड है और भारत जैसे विशाल देश में इसके लिए अपार संभावनाएं हैं। 

 

साइबर मामलों के विशेषज्ञ गौरव तिवारी ने कहा कि डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन लेन-देन के बढ़ते प्रचलन के साथ ही ऑनलाइन ठगी के मामले भी सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि नई तकनीक से हमें सुविधा तो मिल रही है, लेकिन इसके गलत इस्तेमाल से अपराध भी बढ़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि आजकल नकली नाम और आई-डी से ई-मेल तथा फोन कॉल करके या फिर मैसेज के लिंक भेजकर ठगी को अंजाम दिया जा रहा है. इसी तरह क्रेडिट कार्ड और मोबाइल एप के जरिये बैंक खाते में लेंन-देन को हैक करके भी ठगी की जा रही है. इस तरह के अपराधों से बचने के लिए ह्मे खुद ही सजग रहने की ज़रूरत है।  

 

इससे पहले अपने स्वागत भाषण में डॉ युलेन्द्र कुमार राजपूत ने कहा कि डिजिटल मार्केटिंग से आजकल प्रायः सभी व्यापारी और उद्यमी अपने कारोबार का विस्तार कर रहे हैं. इससे, घर बैठे भी व्यापार करना संभव हो गया है. उन्होंने  साइबर अपराधों के बारे में कहा कि तकनीक को सही तरीके से समझकर ऐसे अपराधों का शिकार होने से बचा जा सकता है। 

महाविद्यालय के एडमिनिस्ट्रेटर प्रो. अमित अग्रवाल ने इस कार्यशाला को उपयोगी बताते हुए कहा  वाणिज्य और प्रबंध के छात्रों तथा शोधार्थियों के लिए यह बहुत ही सामयिक विषय है और इस पर आगे भी अध्ययन की आवश्यकता बनी रहेगी। इस कार्यशाला में भाग लेने वाले सभी प्राध्यापको, शोधार्थियों और विद्यार्थियों को मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि के हाथों प्रमाण पत्र वितरित किये गए। कार्यक्रम में विवेकानंद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ मनोज मिश्रा, आई.क्यू.ए.सी. समन्वयक डॉ अशोक कुमार झा सहित वाणिज्य और प्रबंध संकाय के समस्त प्राध्यापक विशेष रूप से उपस्थित थे ।

 

 

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