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मनी लॉन्ड्रिंग केस: जल्द भारत लाया जा सकता है आर्म्स डीलर संजय भंडारी, UK कोर्ट ने दी मंजूरी

 

लंदन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। हथियार डीलर संजय भंडारी को भारत प्रत्यर्पित करने के मामले में बड़ी खबर आई है। यूनाइटेड किंगडम में वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने सोमवार को विवादास्पद हथियार डीलर संजय भंडारी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जा रही मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय भंडारी के प्रत्यर्पण का आदेश दिया गया है। एजेंसी भारत सरकार की ओर से यूके की अदालत में केस लड़ रही थी।

संजय भंडारी पर आरोप क्या हैं?
भंडारी को जुलाई 2020 में प्रत्यर्पण वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। भंडारी ने इसके खिलाफ वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में अपील की थी। सीबीआई और ईडी की तरफ से संजय भंडारी के खिलाफ भारत में मनी लान्ड्रिंग यानी गलत तरीके से विदेशों में पैसे भेजने के आरोप लगाए गए हैं। टैक्स देने से बचा जा सके, इसके लिए संजय भंडारी ने अपने दोस्तों की मदद से काफी पैसा बाहर भेजा। इस वजह से राष्ट्रीय खजाने को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। ईडी ने 1 जून, 2020 को संजय भंडारी और अन्य सह-साजिशकर्ताओं के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, जिसमें उनके द्वारा विदेशी अधिकार क्षेत्र में बनाई गई विभिन्न कंपनियां भी शामिल थीं।

भगोड़ा साबित कर चुकी है भारत सरकार
बता दें कि ब्रिटेन में होने के कारण उसे भारत सरकार पहले ही भगोड़ा घोषित कर चुकी है। उसके बाद से ही उसे भारत लाने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए भारत सरकार ने प्रत्यर्पण की अपील ब्रिटेन से की थी। 16 जून 2020 को तत्कालीन ब्रिटिश गृहमंत्री प्रीति पटेल ने भंडारी के प्रत्यर्पण आग्रह को स्वीकार कर लिया था। इसके बाद 15 जुलाई 2020 को उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। उसे अदालत ने 1.20 लाख पाउंड की सिक्योरिटी के साथ अपना पासपोर्ट जमा कराने, मध्य लंदन स्थित घर में नजरबंद रहने और नजदीकी पुलिस स्टेशन में रोजाना हाजिरी लगाने समेत सात शर्तों के साथ जमानत दी गई थी।

रॉबर्ट वाड्रा संग संजय भंडारी का कनेक्शन!
सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग की जांच में रॉबर्ट वाड्रा और संजय भंडारी के बीच संबंध स्थापित हुए थे। रॉबर्ट वाड्रा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई हैं। वाड्रा के खिलाफ लंदन में भंडारी से बहुत सस्ते दाम पर बंगला खरीदने की जांच भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है। इसके अलावा साल 2016 में आयकर विभाग संजय भंडारी से रॉबर्ट वाड्रा की 2012 के फ्रांस ट्रिप को लेकर भी कई सवाल पूछ चुका है। हालांकि रॉबर्ट वाड्रा, संजय भंडारी संग कोई भी व्यापारिक संबंध होने से इनकार करते रहे हैं।

रक्षा सौदों में रिश्वत लेने का आरोप
जांच एजेंसी के अनुसार, जांच के दौरान, यह पता चला कि संजय भंडारी के हिस्सेदारी यूएई, पनामा सहित अन्य देशों की कंपनियों में हैं। आयकर विभाग के मुताबिक भंडारी ने विदेशी संपत्ति को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। इस सब के अलावा संजय भंडारी पर रक्षा सौदों में रिश्वत लेने का आरोप भी है। यूपीए सरकार के जामने में हुई कुछ डीलों को लेकर वो विवाद है जिसमें संजय भंडारी का नाम भी सामने आया है। भारतीय वायुसेना को 75 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट की आपूर्ति का ठेका दिलाने में कथित भ्रष्टाचार के मामले में संजय भंडारी का नाम आ चुका है।

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