हिंदुस्तान

स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास कुछ वर्षों, कुछ लोगों तक सीमित नहीं : प्रधानमंत्री मोदी

 भीमावरम (छत्तीसगढ़ दर्पण)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास कुछ वर्षों या कुछ लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के हर कोने से दिए गए बलिदान का इतिहास है। मोदी ने यहां अल्लूरी सीताराम राजू की 30 फुट की कांस्य प्रतिमा का अनावरण करने के बाद कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी की 125वीं जयंती और रम्पा विद्रोह की शताब्दी वर्ष भर मनाई जाएगी। उन्होंने कहा, देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के साथ ही अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती और रम्पा विद्रोह के 100 साल मना रहा है। मन्यम वीरुडु (वन नायक) के नाम से लोकप्रिय अल्लूरी ने 1922 में शुरू हुए रम्पा विद्रोह का नेतृत्व किया था।

मोदी ने कहा, स्वतंत्रता संग्राम केवल कुछ वर्षों, कुछ क्षेत्रों या कुछ लोगों का इतिहास नहीं है। यह देश के हर नुक्कड़ और हर कोने से दिए गए बलिदान का इतिहास है। मोदी ने अल्लूरी सीताराम राजू को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह शुरुआती आयु में ही देश की आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए थे और उन्होंने आदिवासी कल्याण एवं देश के लिए खुद को समर्पित कर दिया तथा वह कम उम्र में शहीद हो गए।
 
प्रधानमंत्री ने उनके जीवन को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि अल्लूरी भारत की संस्कृति, आदिवासी पहचान और मूल्यों के प्रतीक थे। मोदी ने कहा कि अल्लूरी ने ब्रितानी शासकों को चुनौती दी थी कि वह उन्हें रोककर दिखाए। उन्होंने कहा, जब हमारे युवा, आदिवासी, महिलाएं और दलित देश का नेतृत्व करेंगे तो ‘नए भारत’ का निर्माण कोई नहीं रोक सकता।

मोदी ने कहा, मुझे पूरा भरोसा है कि अल्लूरी सीताराम राजू से मिली प्रेरणा देश को अनंत ऊंचाइयों पर ले जाएगी। उन्होंने कहा, मैं आंध्र प्रदेश में जन्मे महान स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करता हूं। हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों को भूले नहीं हैं, हम उन्हें भूलेंगे नहीं और हम उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ेंगे।
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जीएसटी : पांच साल में बेमिसाल

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। आज हमारे देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किए जाने के 5 साल पूरे हो गए हैं। इस पर पहली बार चर्चा वर्ष 2003 में अप्रत्यक्ष करों पर केलकर कार्यदल की रिपोर्ट में की गई थी और इस तरह से जीएसटी को मूर्त रूप देने में 13 साल का लंबा समय लग गया। वर्ष 2017 से ही जीएसटी को स्वाभाविक रूप से शुरुआती समस्याओं का सामना करना पड़ा है। लेकिन शुरुआती समस्याओं से भी कहीं अधिक महत्वसपूर्ण बात यह है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी द्वारा ढाए गए व्यासपक कहर और इसके बेहद प्रतिकूल प्रभावों का सामना करने के बाद यह काफी मजबूती के साथ उभर कर सामने आया है। इसका श्रेय जीएसटी परिषद को जाता है क्यों कि उसके जरिए ही केंद्र और राज्यों ने न केवल संकट का सामना करने के लिए, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था को फि‍र से तेज विकास के रास्तेा पर ले जाने के लिए एक-दूसरे का हाथ बड़ी मजबूती के साथ थाम लिया। यह एक साथ मिलकर काम करने का ही सुखद नतीजा है कि भारत इस वर्ष के साथ-साथ अगले साल के लिए भी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभर कर सामने आया है, जैसा कि कई दिग्गसज संस्थाअनों द्वारा अनुमान लगाया गया है।

वर्ष 2017 में भारत में लागू होने से बहुत पहले ही कई देशों ने जीएसटी व्यवस्था को अपने यहां बाकायदा अपना लिया था। लेकिन भारत में जीएसटी परिषद का स्व रूप अपने आप में अद्वितीय है। भारतीय राजनीति के अर्ध-संघीय स्व रूप, जिसमें केंद्र और राज्यों दोनों को ही कराधान का स्वतंत्र अधिकार प्राप्त था, को देखते हुए इसके लिए एक अद्वितीय समाधान की नितांत जरूरत थी। विभिन्न आकार वाले राज्यों और विरासत में मिली अपनी कर प्रणाली के साथ विकास के विभिन्न चरणों से गुजर रहे राज्यों को जीएसटी के तहत एक साथ लाया जाना था। यही नहीं, राजस्व संग्रह के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के मामले में भी राज्य विभिन्न चरणों से गुजर रहे थे। इस तरह के हालात में एक संवैधानिक निकाय ‘जीएसटी परिषद’ और भारत के लिए अद्वितीय जीएसटी समाधान (दोहरा जीएसटी) की नितांत आवश्य कता महसूस की गई। कुछ अपवादों को छोड़ केंद्र और राज्यों दोनों के ही करों को जीएसटी में समाहित कर दिया गया। 17 अलग-अलग कानूनों का विलय कर दिया गया और जीएसटी के माध्यम से ‘एकल कराधान’ अमल में लाया गया।
 
भारत में जीएसटी परिषद ने जीएसटी के प्रमुख मुद्दों यथा दरों, छूट, व्यावसायिक प्रक्रियाओं और आईटीसी के संचालन इत्यारदि पर राष्ट्रीय सहमति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

जुलाई 2017 में 63.9 लाख से भी अधिक करदाताओं ने जीएसटी को अपना लिया था। करदाताओं की यह संख्या जून 2022 तक दोगुनी से भी अधिक बढ़कर 1.38 करोड़ से ज्यातदा हो गई है। 41.53 लाख से भी अधिक करदाता और 67 हजार ट्रांसपोर्टर ई-वे पोर्टल पर पंजीकृत हो गए हैं, जो प्रति माह औसतन 7.81 करोड़ ई-वे बिल सृजित करते हैं। इस सिस्टम को लॉन्च किए जाने के बाद से लेकर अब तक कुल 292 करोड़ ई-वे बिल सृजित हुए हैं, जिनमें से 42 प्रतिशत ई-वे बिल विभिन्न वस्तुतओं की अंतर-राज्य ढुलाई से जुड़े हुए हैं। इस साल 31 मई को एक दिन में सबसे ज्यादा 31,56,013 ई-वे बिल सृजित किए गए थे।

औसत मासिक संग्रह 2020-21 के 1.04 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 में 1.24 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इस साल के पहले 2 महीनों में औसत संग्रह 1.55 लाख करोड़ रुपये रहा। यह उम्मीद उचित है कि यह निरंतर वृद्धि का रुझान जारी रहेगा।

जीएसटी ने सीएसटी/वैट व्यवस्था के तहत भारतीय राज्यों के बीच मौजूद कर मध्यस्थता को समाप्त कर दिया है। एक हस्तक्षेप करने वाली नियंत्रण प्रणाली, जिसमें सीमा चौकियों को शामिल करना और माल से लदे ट्रकों का भौतिक सत्यापन शामिल था, से बाधाएं पैदा होती थीं, जिसके परिणामस्वरूप समय और ईंधन की हानि होती थी। परिणामस्वरूप कार्गो की आवाजाही के लिए लॉजिस्टिक, देश के भीतर भी, आवश्यक पैमाना और दक्षता हासिल नहीं कर पाया। माल की लागत में लॉजिस्टिक की लागत 15 प्रतिशत तक होने का अनुमान लगाया गया था।

आईजीएसटी के तहत और ई-वे बिल के साथ ऐसी कोई मध्यस्थता नहीं होने से, लॉजिस्टिक आपूर्ति श्रृंखला की क्षमता कई गुना बढ़ गई है। विभिन्न साधनों वाली परिवहन व्यवस्था पर हमारे विशेष ध्यान और अब पीएम गति शक्ति के कारण इन लाभों का बढ़ना निश्चित है।

जीएसटी-पूर्व की व्यवस्था में, अधिकांश वस्तुओं पर, केंद्र और राज्यों की संयुक्त दरें 31 प्रतिशत से अधिक थीं। हालांकि, जीएसटी के तहत 400 से अधिक वस्तुओं और 80 सेवाओं की दरों में कमी हुई है। उच्चतम 28 प्रतिशत दर भोग और विलासिता की वस्तुओं तक ही सीमित है। 28 प्रतिशत की श्रेणी में कुल 230 वस्तुएं थीं, इनमें से करीब 200 वस्तुओं को कम दरों वाली श्रेणियों में स्थानांतरित कर दिया गया है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की जरूरतों पर विशेष ध्यान दिया गया है। उद्देश्य यह है कि उनके कर और अनुपालन का बोझ कम रखा जाए। समान रूप से, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण भी था कि वे आईटीसी के उद्देश्य के लिए आपूर्ति श्रृंखला के साथ एकीकृत रहें। इस संदर्भ में, दो महत्वपूर्ण कदम उठाए गए थे: वस्तुओं के लिए छूट सीमा को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये और तिमाही रिटर्न तथा मासिक भुगतान (क्यूआरएमपी) योजना की शुरुआत, जिसमें 89 प्रतिशत करदाताओं को फायदा पहुंचाने की क्षमता थी।

शुरुआत के बाद से, जीएसटी का शासन आईटी आधारित और पूरी तरह से स्वचालित बना हुआ है। प्लेटफार्म के परिचालन के लिए पेशेवर रूप से प्रबंधित प्रौद्योगिकी कंपनी; जीएसटीएन का निर्माण सही दिशा में उठाया गया कदम था। हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर क्षमताओं की निरंतर समीक्षा और उन्नयन ने प्रणाली को कार्यकुशल रखने में मदद की है।
सीमा शुल्क द्वारा स्वचालित आईजीएसटी रिफंड की प्रणाली और जीएसटी अधिकारियों द्वारा निर्यातकों को संचित इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की वापसी ने निर्यात वस्तुओं और सेवाओं पर इनपुट करों को निर्बाध व समस्या मुक्त बना दिया है।

उल्लेखनीय है कि जीएसटी मामलों से संबंधित अधिकांश मुकदमे आईटीसी तथा जीएसटी अधिकारियों को सम्मन जारी करने, व्यक्तियों की गिरफ्तारी, वसूली के लिए संपत्ति की कुर्की आदि जैसे प्रवर्तन के विभिन्न पहलुओं से संबंध में प्राप्त शक्ति के मुद्दों से जुड़े हुए हैं। यहां तक कि मोहित मिनरल्स बनाम भारत संघ मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए बहुचर्चित निर्णय में, न्यायालय ने जीएसटी की मूलभूत विशेषताओं को खारिज या परिवर्तित नहीं किया है।

24 वर्षों तक पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री रहे असीम दासगुप्ता 2000-2010 के दौरान राज्यों के वित्त मंत्रियों के उच्चाधिकार प्राप्त समूह के अध्यक्ष थे। जीएसटी कानूनों का पहला सूत्रीकरण 2009 में किया गया था। 2 जुलाई 2017 को व्यापारिक मामलों से जुड़े एक समाचार पत्र को दिए गए एक साक्षात्कार में जीएसटी की महत्वपूर्ण विशेषताओं, जोकि आज भी बरकरार हैं, पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा था: “राज्यों को कभी भी सेवा कर लगाने की शक्ति प्राप्त नहीं थी। राज्य शुरू से ही महज [संग्रह किए गए] सेवा कर का एक हिस्से के बजाय इस कर को लगाने की शक्ति की मांग करते रहे हैं। जीएसटी के जरिए इस संबंध में प्रावधान कर दिया गया है।”

उन्होंने कहा, “उच्चाधिकार प्राप्त समिति राज्यों की स्वायत्तता के मामले में दृढ़ रवैया अपनाती रही है। प्रसंगवश जीएसटी परिषद, केन्द्रीय जीएसटी के मामले में संसद के लिए और राज्य जीएसटी के मामले में विधानसभाओं के लिए एक सिफारिशी निकाय है। तकनीकी रूप से, विधायिका इसे स्वीकार कर भी सकती है और नहीं भी। इस प्रकार, विधायिका की यह शक्ति नहीं छीनी गई है।”

महत्वपूर्ण बात यह है कि दासगुप्ता ने कहा, “जहां तक दरों का सवाल है, राज्य और केन्द्र मिलकर दोनों के लिए एक तरह का एकल कर स्वीकार कर रहे हैं। इसलिए, यह एक तरह से सहकारी संघवाद के हित में राज्यों और केन्द्र द्वारा किया गया एक आंशिक बलिदान है। जीएसटी, सेवा कर के मामले में राज्य को अतिरिक्त अधिकार दे रहा है। राज्य घरेलू उत्पाद में आधा हिस्सा सेवाओं का होता है।”

पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी के दो वर्ष पूरे होने पर अपने ब्लॉग में कहा था, “…जीएसटी उपभोक्ता और कर निर्धारिती, दोनों, के लिए अनुकूल साबित हुआ है।” करदाताओं द्वारा दिखाई गई सकारात्मकता और निर्धारिती द्वारा तकनीक को अपनाए जाने की वजह से जीएसटी ने वास्तव में भारत को एक एकल बाजार में रूपांतरित कर दिया है।
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भारत जेनेरिक औषधियों का विश्व में सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता : मांडविया

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण व रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित आईपीसी सम्मेलन- 2022 की अध्यक्षता की। इस सम्मेलन में उन्होंने इंडियन फार्माकोपिया (आईपी) के 9वें संस्करण का विमोचन किया। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार भी उपस्थित थीं। इस वर्ष के सम्मेलन की विषयवस्तु भविष्य के लिए चिकित्सा गुणवत्ता पर व्याख्यान थी।

इस अवसर पर डॉ. मनसुख मांडविया ने भारत के फार्माकोपिया को पूरे विश्व में स्वीकार और सराहना किए जाने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहा, हम जेनेरिक दवा सूत्रीकरण व निर्माण में विशेषज्ञता और विश्व को सस्ती दवा की आपूर्ति करके विश्व की फार्मेसी बन गए हैं। लेकिन हमें अभी भी औषध क्षेत्र में अनुसंधान को मजबूत करने की जरूरत है। अब तक चार देशों – अफगानिस्तान, घाना, नेपाल और मॉरीशस- ने आईपी को मानकों की पुस्तक के रूप में स्वीकार किया है। हमें एक रोडमैप बनाना चाहिए और इसे आगे बढ़ना चाहिए, जिससे अधिक से अधिक देश हमारे फार्माकोपिया को स्वीकार करें।
 
उन्होंने आगे इसका उल्लेख किया कि भारत जेनेरिक औषधि का विश्व में सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है और मात्रा के आधार पर जेनेरिक की आपूर्ति में 20 फीसदी हिस्सेदारी है। स्वास्थ्य मंत्री ने आगे बताया कि भारत ने कोविड महामारी के दौरान 150 देशों को सुलभ और सस्ती टीकों की आपूर्ति की है। उन्होंने कहा, कई देशों में टीके व अन्य जेनेरिक औषधियों की आपूर्ति में हमने कभी भी गुणवत्ता और मानकों से समझौता नहीं किया, घटिया या नकली दवाएं नहीं दीं। इसके परिणामस्वरूप भारत ने वैश्विक ख्याति प्राप्त की है।
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सरकार ने एड-टेक कंपनियों को अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ चेतावनी दी

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। केंद्र सरकार ने एड-टेक कंपनियों को अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ चेतावनी दी है। उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव,  रोहित कुमार सिंह ने आज नई दिल्ली में इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के तत्वावधान में चलने वाले स्व-नियामक निकाय इंडिया एडटेक कंसोर्टियम (आईईसी) के साथ बैठक की। श्री सिंह ने कहा कि यदि स्व-नियमन अनुचित व्यापार प्रथाओं पर अंकुश नहीं लगाता है, तो पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कड़े दिशा-निर्देश तैयार करने की आवश्यकता होगी।

बैठक में आईएएमएआई के प्रतिनिधियों के साथ-साथ आईईसी सदस्य कंपनियों के साथ अपग्रेड, बायजूस, अनएकेडमी, वेदांतु, ग्रेट लर्निंग, व्हाइटहैट जूनियर और सनस्टोन शामिल थे। बैठक के दौरान, भारतीय एड-टेक सेक्टर के लिए अनुचित व्यापार प्रथाओं और भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया। सचिव ने भारत के एड-टेक इकोसिस्टम में उपभोक्ता हितों को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के तरीकों पर चर्चा की।
 
आईईसी में भारतीय स्टार्ट-अप शामिल हैं और यह 95 प्रतिशत भारतीय शिक्षार्थी समुदाय के  का प्रतिनिधित्व करता है। एजेंडा के हिस्से के रूप में, सदस्यों ने उपभोक्ताओं के लिए निर्बाध, पारदर्शी और व्यवहार्य पेशकशों के माध्यम से उपभोक्ता हितों की बेहतर सुरक्षा के लिए भारतीय एडटेक इकोसिस्टम को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर चर्चा की।

सचिव ने कहा कि कुछ विज्ञापन और प्रथाएं प्रचलित दिशानिर्देशों और मौजूदा नियमों के अनुरूप नहीं हैं। इसलिए, उपभोक्ताओं के हितों के अनुरूप मजबूत चैकप्वाइंट को बनाए रखने के लिए मिलकर काम करना अनिवार्य है। झूठी समीक्षाओं में वृद्धि की समस्या भी प्रमुख चिंता का एक विषय है जिसे नियंत्रित करने की आवश्यकता है।
 
विशेष रूप से एएससीआई की अभी हाल की रिपोर्ट से पता चला है कि शिक्षा श्रेणी 2021-22 में विज्ञापन कोड का सबसे बड़ा उल्लंघनकर्ता है। सचिव ने आईईसी को इकोसिस्टम की सेवा के लिए अपने सकारात्मक प्रयासों को जारी रखने और इस संबंध में एसओपी बनाने के लिए संबंधित हितधारकों के साथ एक संयुक्त कार्य समूह बनाने की भी सलाह दी।
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सपा ने राष्ट्रीय, राज्य और जिला कार्यकारिणी को किया भंग

लखनऊ (छत्तीसगढ़ दर्पण)। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के सभी युवा संगठनों, महिला सभा, अन्य प्रकोष्ठों और राष्ट्रीय एवं राज्य कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। सपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके यह जानकारी दी है।

ट्वीट में कहा गया है, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी ने पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष को छोड़कर पार्टी के सभी युवा संगठनों, महिला सभा एवं अन्य सभी प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय अध्यक्षों, प्रदेश अध्यक्षों एवं जिला अध्यक्षों तथा राष्ट्रीय, राज्य एवं जिला कार्यकारिणी को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। पार्टी के एक प्रवक्ता ने बताया कि सपा अध्यक्ष ने पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को छोड़कर सभी संगठनों की तमाम इकाइयों के साथ-साथ राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राज्य कार्यकारिणी को भंग कर दिया है।
 
हालांकि पार्टी ने इसका कोई कारण स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि पिछले विधानसभा चुनाव में शिकस्त के बाद हाल में सपा को अपना मजबूत गढ़ माने जाने वाले रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में भी पराजय मिलने के मद्देनजर वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले संगठन को मजबूत करने के लिए यह कवायद की गई है।
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सीढ़ी से गिरे लालू, कंधे की हड्डी में फ्रैक्चर…

पटना (छत्तीसगढ़ दर्पण)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव रविवार को घायल हो गए। राजधानी पटना में राबड़ी आवास पर सीढ़ी से उतरने के दौरान उनका संतुलन बिगड़ गया। इससे वह गिर गए। आननफानन में उन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। लालू के कंधे और कमर में भी गहरी चोट आई है। चिकित्सकों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। डाक्टरों ने प्रारंभिक जांच के बाद कोई ज्यादा चिंता की बात नहीं बताई है। कहा गया कि दायें कंधे में माइनर फ्रैक्चर है। घर में ही आराम करने की सलाह दी गई है।

बता दें कि चारा घोटाले के मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव अभी जमानत पर जेल से बाहर हैं। इस समय वह 10 सर्कुलर स्थित पूर्व मुख्यमंत्री व पत्नी राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। रविवार को लालू प्रसाद दोमंजिले आवास की सीढ़ियों से उतर रहे थे। इसी दौरान संतुलन बिगड़ने से उनका पैर फिसल गया, जिसके कारण वह गिर गए। घटना के बाद तुरंत स्वजनों द्वारा उनको पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्राथमिक जांच में उनके कंधे और कमर में गहरी चोट आने की बात कही जा रही है। कहा गया कि दायें कंधे में माइनर फ्रैक्चर है।
 
प्राथमिक उपचार के बाद लालू यादव को डाक्टरों ने घर वापस भेज दिया है। उन्हें चिकित्सकों ने आराम करने की सलाह दी है। लालू को चोट लगने की खबर लगते ही समर्थक चिंतित हो गए हैं। पटना के राबड़ी आवास पर हाल-खबर लेने के लिए राजद के नेता भी जुटने लगे हैं। हालांकि लालू को कोई गंभीर चोट नहीं आई है।
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सीएम योगी भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में होंगे शामिल

लखनऊ (छत्तीसगढ़ दर्पण)। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी की निगाह अब 2023 में तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। भाजपा ने तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में अपनी दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की है, जिसमें पार्टी की कोर टीम में शामिल हो चुके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी भाग लेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद शनिवार को पहुंचे हैं। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तथा डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के साथ ही भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह पहले से ही हैदराबाद में जमे हैं। इस बैठक को विजय संकल्प सभा नाम दिया गया है, जिसको प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को संबोधित करेंगे। इस बैठक में उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का नाम भी तय हो सकता है।

भाजपा की दो दिन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शनिवार यानी आज प्रारंभ होने के बाद रविवार को समाप्त होगी। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश (जेपी) नड्डा के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा कार्यकारिणी के अन्य सदस्य भी शामिल होंगे। इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा शासित राज्यों के सीएम और डिप्टी सीएम भी इस बैठक में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हैदराबाद के भाग्यलक्ष्मी मंदिर प्रबंधन का निमंत्रण भी स्वीकार कर लिया है। वह चारमीनार के पास में भाग्यलक्ष्मी मंदिर जाकर दर्शन-पूजन करेंगे।

दो दिन की इस कार्यकारिणी की बैठक में कई राजनीतिक प्रस्ताव पास होंगे। इसके साथ ही देश की मौजूदा परिस्थितियों पर भी चर्चा होगी। पार्टी अपने आगे के कार्यक्रम भी तय करेगी। तेलंगाना में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा का प्रयास एआइएमआइएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के गढ़ में अपनी पैठ मजबूत करने का भी है।

हैदराबाद की इस बैठक में उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का नाम भी तय हो सकता है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के गठन के बाद से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के पास दोहरा काम है। उनको सरकार में जल शक्ति मंत्री बनाया गया है, इसके साथ ही वह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का भी काम देख रहे हैं। ऐसे में हैदराबाद की बैठक में भाजपा उत्तर प्रदेश का नया अध्यक्ष तथा महामंत्री संगठन भी तय हो सकता है।
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शिरोमणि अकाली दल ने राजग की राष्‍ट्रपति उम्‍मीदवार द्रोपदी मुर्मू को समर्थन की घोषणा की

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। शिरोमणि अकाली दल ने राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की राष्‍ट्रपति पद की उम्‍मीदवार द्रोपदी मुर्मू को समर्थन की घोषणा की है। शिरोमणि अकाली दल के अध्‍यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने चंडीगढ़ में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के बाद यह घोषणा की। श्री बादल ने कहा कि कुछ मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी के साथ मतभेदों के बावजूद उन्‍होंने सुश्री मुर्मू को समर्थन देने का निर्णय लिया है, क्‍योंकि शिरोमणि अकाली दल ने हमेशा समाज के निर्धन और कमजोर वर्गों के लिए काम किया है। उन्‍होंने कहा कि वो कांग्रेस समर्थित उम्‍मीदवार को अपना समर्थन नहीं दे सकते।

इससे पहले सुश्री मुर्मू ने चंडीगढ में शिरोमणि अकाली दल के नेताओं से मुलाकात की और राष्‍ट्रपति चुनाव में उनका समर्थन मांगा। सुश्री मुर्मू ने हरियाणा बीजेपी और जेजेपी के विधायकों और सांसदों तथा पंजाब के भाजपा नेताओं से भी मुलाकात की। हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उपमुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला, भाजपा की हरियाणा इकाई के प्रमुख ओम प्रकाश धनखड़ और पंजाब इकाई के अध्‍यक्ष अश्विनी शर्मा ने चंडीगढ के हरियाणा भवन में सुश्री मुर्मू का स्‍वागत किया।
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डीआरडीओ ने मानव रहित लड़ाकू विमान की पहली उड़ान संचालित की

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन-डीआरडीओ ने ऑटोनोम्‍स फ्लाइंग टेक्‍नालॉजी डिमोंसट्रेटर की प्रथम सफल उड़ान संचालित की है। यह उड़ान कर्नाटक में चित्रदुर्ग में एरोनाटिकल टेस्‍ट रेंज में की गई। इसके साथ ही भारत के गोपनीय मानवरहित कम्‍बेट एरियल व्‍हीकल-यूसीएवी का सफल परीक्षण कर एक उपलब्धि हासिल कर ली गई है।

इसे स्‍टील्‍थ विंग फ्लाइट टेस्‍ट बेड- स्विफ्ट भी कहा जाता है। यह कार्यक्रम भारत के पांचवीं पीढी के स्‍टील्‍थ फाइटर एडवांस मीडियम कम्‍बेट एयरक्राफ्ट विकसित करने से संबंधित है। यह उड़ान पूरी तरह से स्‍वचलित थी। विमान ने स्‍टीक उड़ान भरी तथा टेकऑफ और टचडाउन भलीभांति हुआ।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल उड़ान के लिए डीआरडीओ को शुभकानाएं दी। उन्‍होंने कहा कि यह स्‍वचलित विमान निर्मित करने की दिशा में महत्‍वपूर्ण उपलब्धि है और इससे सैन्‍य प्रणाली के संदर्भ में आत्‍मनिर्भर भारत की दिशा में महत्‍वपूर्ण कदम बढा है।
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जीएसटी ने कारोबारी सुगमता बढ़ाने में योगदान दियाः प्रधानमंत्री

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के पांच साल पूरे होने के मौके पर इसे एक बड़ा कर सुधार बताते हुए कहा कि इसने कारोबारी सुगमता बढ़ाने के साथ ही ‘एक राष्ट्र एक कर’ की संकल्पना को भी साकार किया।
 
प्रधानमंत्री ने अपने एक ट्वीट में जीएसटी प्रणाली के लागू होने के पांच साल पूरे होने का जिक्र करते हुए कहा, यह एक प्रमुख कर सुधार है जिसने ‘कारोबार करने को सुगम’ बनाया और ‘एक राष्ट्र, एक कर’ की संकल्पना को भी साकार किया। एक एकीकृत अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के रूप में जीएसटी को एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था।

प्रधानमंत्री ने भारत सरकार के नागरिक संपर्क मंच ‘माइगवइंडिया’ के एक ट्वीट को भी ‘टैग’ किया जिसमें कहा गया है कि जीएसटी ने नए भारत की आर्थिक संरचना को परिभाषित करने और नागरिकों को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
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अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपया कहीं बेहतर स्थिति मेंः सीतारमण

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में लगातार आ रही गिरावट के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय मुद्रा दुनिया की अन्य मुद्राओं की तुलना में डॉलर के बरक्स कहीं बेहतर स्थिति में है। सीतारमण ने यहां कार्यक्रम के दौरान रुपये की गिरती कीमत के बारे में पूछे जाने पर कहा, हम कुछ हद तक बेहतर स्थिति में हैं। हम एक बंद अर्थव्यवस्था नहीं हैं। हम वैश्वीकृत अर्थव्यवस्था का हिस्सा हैं। ऐसे में वैश्विक घटनाक्रम का हम पर असर पड़ेगा।

डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत लगातार गिरती जा रही है। बुधवार को यह 79 प्रति डॉलर के मनोवैज्ञानिक स्तर से भी नीचे गिर गया। यह रुपये का अबतक का सर्वकालिक निचला स्तर है। रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद से आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंताएं बढ़ने, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने, मुद्रास्फीति के स्तर में हो रही वृद्धि और केंद्रीय बैंकों के ब्याज दरें बढ़ाने के रुख से डॉलर के मुकाबले दुनिया की अधिकांश प्रमुख मुद्राओं की स्थिति कमजोर होती जा रही है।

यूक्रेन के खिलाफ रूस का हमला शुरू होने के बाद से भारतीय रिजर्व बैंक ने रुपये को समर्थन देने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल किया है। इस वजह से 25 फरवरी के बाद से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 40.94 अरब डॉलर की गिरावट आ चुकी है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल डी पात्रा ने पिछले हफ्ते कहा था कि केंद्रीय बैंक रुपये में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होने देगा और हाल में भारतीय मुद्रा को सबसे कम नुकसान उठाना पड़ा है।
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नेपाल में भारत के नए राजदूत नवीन श्रीवास्तव कार्यभार संभाला

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। नेपाल में भारत के नए राजदूत नवीन श्रीवास्तव अपना कार्यभार संभालने के लिए काठमांडू पहुंच चुके हैं। श्रीवास्तव ने राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी को अपना परिचय पत्र सौंपा

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कोर्ट में बम विस्फोट से मची अफरातफरी, दरोगा-सिपाही घायल…

पटना (छत्तीसगढ़ दर्पण)। पटना सिविल कोर्ट परिसर में शुक्रवार दोपहर उस समय अफरातफरी मच गई, जब प्रक्रिया के तहत जांच के लिए लाए गए बारूद में विस्फोट हो गया। सुरक्षाकर्मी अलर्ट मोड में आ गए। कोर्ट परिसर के अभियोजन कार्यालय के पास धुआं फैल गया। ब्‍लास्‍ट में दारोगा व सिपाही जख्‍मी हो गए। जांच में पता चला कि पटेल छात्रावास में छापेमारी के दौरान पिछले दिनों बरामद बम को प्रादर्श के लिए कोर्ट लाया गया था। वही ब्‍लास्‍ट कर गया। जख्‍मी दारोगा व सिपाही को पीएमसीएच ले जाया गया। हालांकि वे खतरे से बाहर हैं। प्रथम दृष्‍टया ज्‍यादा गर्मी से ब्‍लास्‍ट होने की बात सामने आ रही है। हालांकि, लापरवाही के बिंदुओं पर भी जांच की जा रही है।

पटेल छात्रावास से बरामद हुआ था बारूद
जानकारी के अनुसार पटेल छात्रावास से स्‍टील के डब्‍बे में बरामद बम को प्रादर्श के लिए अगमकुआं थाने के दारोगा उमाकांत राय व सिपाही सुबोध कुमार लेकर कोर्ट परिसर पहुंचे थे। कागजी कार्रवाई के दौरान टेबल पर रखा बम ब्‍लास्‍ट कर गया। ब्‍लास्‍ट की आवाज इतनी तेज थी कि पुलिसकर्मी सतर्क हो गए। अफरातफरी की स्थिति हो गई। पीरबहोर थाने की पुलिस भी पहुंची। मामला स्‍पष्‍ट होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। बताया जाता है कि बम में बारूद के साथ स्पिलंटर काफी कम मात्रा में था। इस कारण कम लोग जख्‍मी हुए। घायल हुए दारोगा व सिपाही को भी मामूली चोटें आई हैं। उनकी आंखों में जलन हो रही है। फिलहाल सुरक्षा के दृष्टि से कोर्ट परिसर में किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है। मौके पर सिटी एसपी पहुंच गए हैं। मामले की जांच की जा रही है। बताया जाता है कि अग्निपथ योजना के विरोध के दौरान आइबी की रिपोर्ट पर पटना के कई हॉस्‍टलों में जांच की गई थी। इसी क्रम में पटेल छात्रावास से ये बारूद बरामद हुए थे।
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भूस्खलन में अब तक 14 की मौत, जारी है राहत व बचाव कार्य

नोनी (छत्तीसगढ़ दर्पण)। मणिपुर के नोनी जिले में भीषण भूस्खलन के कारण ढहे निर्माणाधीन रेलवे साइट के मलबे में अनेकों लोग फंस गए। राहत और बचाव कार्य जारी है। इसके लिए एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर जुटी है। अब तक सेना के 13 जवानों और 5 स्थानीय नागरिकों को बचाया जा चुका है वहीं 9 जवानों और राज्य के एक नागरिक का शव निकाला गया है। लापता सैनिकों की तलाश में राहत और बचाव टीम जुटी है।

डीजीपी पी डूंगल ने बताया, ‘अब तक 23 लोगों को मलबे से निकाला जा चुका है जिसमें से 14 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। तलाश अभियान जारी है। अभी और कितने लोग मलबे में फंसे हैं इसकी जानकारी नहीं है। हालांकि ग्रामीणों और मजदूर समेत आर्मी और रेलवे के 60 लोगों के भी इस मलबे में फंसे होने का संदेह है।
राहत व बचाव कार्य में भारतीय रेलवे ने भी दिया सहयोग
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर कहा, ‘रेलवे, NDRF, SDRF और राज्य की टीम मिलकर काम कर रही है। तुपुल में हए इस हादसे के बाद हालात की काफी करीब से मानिटरिंग की जा रही है।’ भूस्खलन की यह घटना नोनी जिले के तुपुल रेलवे स्टेशन के करीब बुधवार और गुरुवार की दरम्यानी रात को हुई। इसके पास ही सेना की कंपनी लोकेशन भी है। आर्मी असम राइफल्स और टेरिटोरियल आर्मी के जवानों की टीम राहत कार्य में जुटी है।

इसके अलावा भारतीय रेलवे, प्रशासन, NDRF, SDRF और नोनी जिले के स्थानीय लोग भी तलाश में अपना योगदान दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह से मणिपुर में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन का जायजा लिया और केंद्र सरकार की ओर से संभव सहायता देने का आश्वासन भी दिया ।
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नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, कहा : आपके कारण देश की सुरक्षा को हुआ नुकसान

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। पैगम्बर मोहम्मद पर टिप्पणी के मामले में निलंबित भाजपा नेता नुपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से कड़ी फटकार पड़ी है। कोर्ट ने कहा कि निलंबित भाजपा नेता की बदजुबानी के चलते ही पूरे देश में आग लग गई और इसके कारण सुरक्षा को भी नुकसान पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नुपुर को इसके लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। बता दें कि नुपुर ने अपनी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकी को जांच के लिए दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। नुपुर का कहना है कि उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं इसलिए वह अन्य राज्यों में पेशी के लिए नहीं जा सकती हैं। इसी सुनवाई के दौरान कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने नुपुर को लताड़ लगाई है।

कोर्ट ने कही ये बातें
सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि उदयपुर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए भी उनके खिलाफ नाराजगी ही जिम्मेदार है, जहां एक दर्जी की हत्या कर दी गई थी।
कोर्ट ने कहा- टीवी चैनल और नुपुर शर्मा का क्या काम है, जो एक एजेंडे को बढ़ावा देने के अलावा, जो मामला विचाराधीन है, उस पर चर्चा करें?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- उन्हें टीवी पर जाकर देश से माफी मांगनी चाहिए थी जिसके लिए उन्होंने काफी देर कर दी है।
नुपुर शर्मा को उनके अहंकार के लिए फटकार लगाते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि वह एक बड़ी पार्टी की प्रवक्ता थीं, इसके कारण पावर उनके सिर पर चढ़ गई थी।

कोर्ट ने अर्जी खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने इसी के साथ नुपुर की उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ कई राज्यों में दर्ज सभी केसों को दिल्ली स्थानांतरित करने की अपील की थी। कोर्ट ने नुपुर के वकील को इस मामले में संबंधित हाईकोर्ट के पास जाने का सुझाव दिया है। इसके बाद नुपुर ने शीर्ष न्यायालय से याचिका वापस ले ली है।

आपके लिए बिछाना चाहिए था रेड कार्पेट…
शीर्ष न्यायालय में सुनवाई के दौरान जब नूपुर शर्मा के वकील ने कोर्ट से कहा कि वह जांच में शामिल हो रही है और भाग नहीं रही है, तो सुप्रीम कोर्ट ने कटाक्ष करते हुए कहा कि वहां तो आपके लिए रेड कार्पेट होना चाहिए।

दिल्ली पुलिस को भी फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस को भी फटकार लगाई है। उन्होंने पूछा कि नुपुर शर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद दिल्ली पुलिस ने क्या किया। कोर्ट ने कहा नुपुर की शिकायत पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया जाता है, लेकिन कई एफआईआर के बावजूद नुपुर को अभी तक दिल्ली पुलिस ने छुआ तक नहीं है।
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नवाचारी समाधानों की बढ़ती मांग के साथ कौशलों की अत्यधिक आवश्यकता : डॉ. जितेन्द्र सिंह

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। भारत के विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने लिस्बन, पुर्तगाल में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सागर सम्मेलन के अवसर पर अलग से नार्वे के जलवायु और पर्यावरण मंत्री एस्पेन बार्थ ईड से पारस्परिक हित के अनेक विषयों पर बातचीत की।

यह बैठक पिछले सप्ताह नई दिल्ली में भारत में नार्वे के राजदूत हैन्स जैकब फ्राइडेनलैंड तथा पृथ्वी विज्ञान सचिव डॉ. एम. रविचन्द्रन के बीच नीली अर्थव्यवस्था पर 5वीं भारत-नार्वे कार्यबल की बैठक के बाद हुई। कार्यबल की बैठक में नई परियोजनाएं तथा दोनों देशों के समुद्री उद्योगों को जोड़ने के लिए रोडमैप तैयार करने पर सहमति हुई थी। दोनों देश हरित समुद्र, सतत सागर प्रबंधन, गहरी समुद्री टेक्नोलॉजी तथा अपतटीय पवन विषय पर सहयोग के उपाए तलाशने पर सहमत हुए थे।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने इस वर्ष जनवरी में नार्वे की साइंस यूनिवर्सिटी और टेक्नोलॉजी (एनटीएनयू) तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर (आईआईटी केजीपी) के बीच पायलट परियोजना पर हुई सहमति का जिक्र किया था। यह सहमति अंतर-विषयी, कौशल, डिजिटल साक्षरता तथा स्नातक विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण सोच में सुधार के लिए हुई थी। जितेन्द्र सिंह ने बल देते हुए कहा कि समुद्री क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों तथा नवाचारी समाधानों की बढ़ती मांग के साथ ऐसे कौशलों की अत्यधिक आवश्यकता है।
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उत्तर प्रदेश में उदयपुर की घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर रोक

लखनऊ (छत्तीसगढ़ दर्पण)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने राज्य में उदयपुर की घटना के खिलाफ जुलूस या किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी है। ADG कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि उदयपुर घटना का संज्ञान प्रशासन द्वारा लिया गया है और उसके लिए अपेक्षित सतर्कता कल रात से बरती जा रही है। हमारे सभी अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए गए हैं और उन्हें बताया गया कि किसी भी तरह के भड़काऊ और धार्मिक बयान देने से लोगों को रोका जाए। 

अगर किसी व्यक्ति द्वारा ऐसा किया जाता है तो उसके विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जाए। इस संबंध में हम लोग लगातार सोशल मीडिया की निगरानी कर रहे हैं और संवेदनशील जगहों पर लगातार गश्त भी कर रहे हैं। सभी से अपील करते हैं कि लोग शासन द्वारा दिए गए निर्देश का पालन करे।
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उदयपुर हत्याकांड के बाद लोगों में आक्रोश, पीड़ित परिवार से मिलेंगे सीएम गहलोत

उदयपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। राजस्थान के उदयपुर में हुई कन्हैया लाल की नृशंस हत्या को लेकर पूरे देश में आक्रोश है। देशभर में कन्हैया लाल के हत्यारों को कड़ी सजा देने की मांग उठ रही है। उधर, गृह मंत्रालय ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी है। दरअसल, इस आतंकी वारदात में विदेशी साजिश की भी आशंका जताई जा रही है। उधर, राजस्थान एटीएस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

आरोपियों से पूछताछ के आधार पर करीब 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनसे भी पूछताछ जारी है। वहीं उदयपुर प्रशासन ने एहितयातन शहरभर में कर्फ्यू लगाया था। प्रदेशभर में इंटरनेट भी बंद है। हत्या के बाद शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए गुरुवार को कर्फ्यू में और सख्ती बरती जाएगी। पूरे प्रदेश में एक महीने के लिए धारा-144 लगा दी गई है। उधर, उदयपुर और जयपुर में बंद का ऐलान किया गया है।

कन्हैया लाल हत्याकांड के विरोध में सर्व समाज निकाली विशाल रैली
कन्हैया लाल की हत्या के विरोध में गुरुवार को हजारों लोगों ने उदयपुर में एक विरोध रैली में हिस्सा लिया। हिंदू संगठनों द्वारा ‘सर्व हिंदू समाज’ रैली बुलाई गई थी और जिला प्रशासन की अनुमति से टाउन हॉल से समाहरणालय तक शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित की गई। अतिरिक्त डीजी दिनेश एमएन ने कहा कि रैली के लिए अनुमति दी गई थी और मार्च के रास्ते में कर्फ्यू में ढील दी गई थी। हालांकि इसे एक शांति मार्च कहा गया था, लेकिन कुछ सदस्यों द्वारा हिंदू धर्म के समर्थन में नारे लगाए गए थे। कुछ लोग भगवा झंडे लिए भी देखे गए। बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार ने उदयपुर हत्याकांड को आतंकी घटना करार दिया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कन्हैया के शरीर पर धारदार हथियार के निशान समेत 26 चोट के निशान मिले हैं। शहर में कर्फ्यू लगा हुआ है और पुलिस की भारी तैनाती की गई है।

कन्हैया लाल के परिजनों से मिलेंगे सीएम गहलोत
कन्हैया लाल हत्याकांड में NIA की जांच और पूछताछ आज भी जारी रहेगी। NIA, SIT और उदयपुर पुलिस लगातार आरोपियों से पूछताछ कर रही है। उदयपुर पुलिस ने पकड़े गए गौस मोहम्मद और रियाज जब्बार के घर पर भी छापेमारी की है। गुरुवार को एनआईए पूछताछ कर आरोपियों की गिरफ्तारी दिखा सकती है। इसके 24 घंटे बाद इन्हें कोर्ट में पेश किया जा सकता है। उधर, गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव व अन्य अधिकारी उदयपुर आएंगे। यहां कन्हैयालाल के परिवार वालों से मुलाकात करेंगे।

कन्हैया लाल हत्याकांड से लोगों में भारी आक्रोश, जयपुर बंद का आह्वान
कन्हैया लाल की हत्या के विरोध में 30 जून को जयपुर बंद रखा जाएगा। जयपुर के सेवा सदन में हुई हिंदू संगठनों की बैठक में यह फैसला लिया गया। बंद के दौरान अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी बाजार और प्रतिष्ठान बंद रखे जाने का फैसला हुआ है। 3 जुलाई को हिंदू संगठन जयपुर में बड़ा विरोध मार्च निकालेंगे। जयपुर में हुई बैठक में आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल समेत कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी मौजूद रहे।

आरोपियों पर UAPA के तहत मामला दर्ज, NIA कर रही जांच
मुख्यमंत्री ने जयपुर में बुधवार को महत्वपूर्ण बैठक ली। मुख्यमंत्री कहा कि उदयपुर में हुई इस बड़ी घटना में मुकदमा UAPA के तहत दर्ज किया गया है। इसलिए अब आगे की जांच NIA करेगा। इसमें राजस्थान ATS अपना पूरा सहयोग करेगा। पुलिस एवं प्रशासन को पूरे राज्य में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है। उपद्रव करने वालों पर सख्ती की जाएगी। मुख्यमंत्री ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील भी की है।

जानें क्या है पूरा मामला…
उदयपुर के धानमंडी थाना इलाके में 28 जून को दोपहर दो युवकों मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने टेलर कन्हैयालाल की धारदार हथियार से हमला कर हत्या का दी थी। आरोपी कपड़े सिलवाने के बहाने दुकान पर आए थे। इसके बाद दोनों आरोपियों ने वीडियो शेयर कर कहा कि उन्होंने इस्लाम के अपमान का बदला लेने के लिए कन्हैयालाल की हत्या की है।
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