हिंदुस्तान

रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में 50 रुपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। घरेलू 14.2 किलो की रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में 50 रुपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि हुई।दिल्ली में घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 1053 रुपए हुई।5 किलो घरेलू सिलेंडर की कीमत में 18 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी हुई। 19 किलो कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में 8.50 रुपये की कमी हुई।

 
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बादल फटने से मची तबाही, महिला समेत 5 लोग लापता…

कुल्लू (छत्तीसगढ़ दर्पण)। हिमाचल प्रदेश में बारिश ने तबाही मचा रखी है। कुल्लू जिले के मणिकर्ण में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। स्थानीय छलाल पंचायत के प्रधान चुनी लाल के मुताबिक बादल फटने से चोज में एक होमस्टे, कैंपिंग साइट और एक पैदल पुल बाढ़ की चपेट में आने से बह गया है। हादसे में चार लोग भी बह गए हैं। सभी लोग कामगार बताए जा रहे हैं। वहीं, किन्नौर जिले में भूस्खलन होने की वजह से एनएच-5 बंद हो गया है। फिलहाल हाईवे को खोलने के लिए टीम लगी हुई है।

जानकारी के अनुसार, मणिकर्ण और कसोल के बीच बुधवार सुबह करीब 5 बजे बादल फटने के घटना हुई। इसके अलावा जिला कुल्लू के अंतर्गत मणिकर्ण घाटी की पार्वती नदी के सहायक नाले चोज गांव में बुधवार सुबह पानी एकाएक बढ़ गया। इस वजह से पार्वती नदी के किनारे स्थित एक कैंपिंग साइट पूरी तरह से तबाह हो गई है। केपिंग साइट से कुछ लोगों के लापता होने की सूचना है।
 
कुल्लू के अंतर्गत मणिकर्ण घाटी में बादल फटन से आई बाढ़ में मलाणा गांव के पास मलाणा पावर प्रोजेक्ट की एडिट 1 (टनल) के समीप नाला में एक स्थानीय महिला शाजी देवी (उम्र 34 वर्ष ) पत्नी सिंगाराम निवासी साराबेहड़ मलाणा जिला कुल्लू के पानी में बहने की सूचना है। इसके अतिरिक्त 10 से 12 घोड़े व लोगों की गाड़ियों के बहने की सूचना है। स्थानीय मलाणा पंचायत के उपप्रधान राजू राम ने बाढ़ में घोड़ों के बहने की पुष्टि की है। वहीं कई जगहों पर सड़क के बंद होने से पर्यटक व आम लोग फंसे हुए है।
 
पहाड़ी में बादल फटने से मची तबाही
इससे पार्वती नदी का जलस्तर भी उफान पर है और पूरी पार्वती घाटी में अफरा-तफरी का माहौल है। पीछे पहाड़ी में बादल फटने से तबाही मची है। पार्वती नदी के किनारे स्थित पर्यटकों के लिए कैंपिंग साइट बनाई गई थी, यह बह गई है।

जिला कुल्लू में हुई भारी बारिश से कई सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। खासकर मणिकर्ण घाटी के अधिकतर मार्ग बंद हो गए हैं और जगह-जगह भूस्खलन और पत्थर गिरने की घटना से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
 
भूस्खलन होने से एन-एच-5 सुबह से बंद
दूसरी ओर, झाकड़ी के नजदीक ब्रोनी खड्ड के पास भूस्खलन होने से एन-एच-5 सुबह से बंद है। हाईवे के बंद होने से किन्नौर के लिए संपर्क मार्ग बंद हो गया है। जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

 

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कोरोना अपडेट : 24 घंटे में 16 हजार से ज्यादा नए मामले, 28 मौत

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। देश में कोरोना के मामलों में फिर बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बीते 24 घंटे में संक्रमण के 16,159 मामले सामने आए हैं। कल के मुकाबले बुधवार को 737 नए मामले बढ़ें हैं। मंगलवार को देशभर में 13,086 मामले सामने आए थे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इस दौरान कोरोना से 28 लोगों की मौत भी हुई है।

मंत्रालय ने बताया कि कोरोना से 15,394 मरीज ठीक हुए हैं। इसके साथ ही एक्टिव केस बढ़कर 1 लाख 15 हजार 212 हो गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अब तक कोरोना के कुल 4 करोड़ 35 लाख 47 हजार 809 मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा 4 करोड़ 29 लाख 7 हजार 327 लोग महामारी को मात दे चुके हैं। वहीं, कुल 5 लाख 25 हजार 270 लोगों की मौत हो चुकी है।
 
एक्टिव केस कुल मामलों का 0.26 फीसद है। जबकि रिकवरी रेट 98.53 फीसद हो गया है। डेली पाजिटिविटी दर 3.56 फीसद और वीकली पाजिटिविटी दर 3.84 फीसद है।

रिपोर्ट में बताया गया कि बीते 24 घंटे में कोरोना के कारण सबसे ज्यादा मौतें केरल और महाराष्ट्र में हुई हैं। इन दोनों राज्यों में कोरोना से 6-6 लोगों की जान गई है। दिल्ली और पश्चिम बंगाल में तीन-तीन, गोवा और कर्नाटक में दो-दो, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु और यूपी में 1-1 की मौत हुई है।
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मुख्यमंत्री एक बार फिर करेंगे शादी, ये होंगी उनकी दुल्हनियां

चंडीगढ़ (छत्तीसगढ़ दर्पण)। आम आदमी पार्टी के नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान एक बार फिर शादी के पवित्र बंधन में बंधने जा रहे हैं। बता दें कि भगवंत मान का छह साल पहले तलाक हो गया था।

भगवंत मान शादी की शादी बहुत ही लो प्रोफाइल में उनके चंडीगढ़ आवास पर गुरुवार (7 जुलाई) को होगी, जिसकी तैयारियां चल रही हैं। भगवंत मान के दोनों बच्चे शपथ ग्रहण समारोह में आए थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में भगवंत मान की पत्नी इंदरप्रीत कौर ने भी उनके साथ चुनाव प्रचार किया था।
 
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की मां हरपाल कौर की ख्वाहिश थी की वो अपना घर बसाएं। भगवंत मान की शादी डॉक्टर गुरप्रीत कौर से होगी, जिनको मुख्यमंत्री की मां और बहन ने खुद चुनी है।

भगवंत मान की शादी उनके घर में एक छोटे से प्राइवेट समारोह में होगी और समारोह में सिर्फ परिवार वाले शामिल होंगे। शादी समारोह में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल होंगे और दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद देंगे।
 
भगवंत मान साल 2014 में पहली बार संगरूर से सांसद बने थे और तब उनकी पत्नी इंदरप्रीत कौर ने भी उनके साथ चुनाव प्रचार किया था। इसके बाद साल 2019 के चुनाव में भी भगवंत मान ने संगरूर से जीत हासिल की और लगातार दूसरी बार लोकसभा पहुंचे। 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने उन्हें अपने सीएम उम्मीदवार बनाया और उनके नेतृत्व में पार्टी को प्रचंड बहुमत हासिल की। इसके बाद भगवंत मान ने 16 मार्च 2022 के पंजाब के सीएम के रूप में शपथ ली।
 
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नागरिकों को घर पहुंच सेवा का लाभ प्रदान करना है मितान योजना का मुख्य उद्देश्य : समीर विश्नोई

अहमदाबाद (छत्तीसगढ़ दर्पण)। गुजरात के अहमदाबाद स्थित गांधीनगर महात्मा मंदिर में 4 से 9 जुलाई तक आयोजित डिजिटल इंडिया सप्ताह में छत्तीसगढ़ की ओर से आज तीसरे दिन के आयोजन में भाग लिया। कांफ्रेंस में छत्तीसगढ़ इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के विशेष सचिव एवं छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसायटी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी समीर विश्नोई ने राज्य की महत्वाकांक्षी मितान योजना की विस्तृत जानकारी प्रदान की श्री विश्नोई ने बताया कि राज्य शासन द्वारा प्रारंभ की गई मितान योजना का मुख्य उद्देश्य शासकीय सेवा वितरण प्रणाली में सुधार लाते हुए नागरिकों को घर पहुंच सेवा का लाभ प्रदान करना है।

इसके अलावा गोधन न्याय योजना की भी जानकारी प्रदान की गई मंच संचालन कर रहे भारत शासन सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव राजेंद्र कुमार ने छत्तीसगढ़ के नवीन पहलुओं की प्रशंसा की है। सीएससी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ दिनेश त्यागी ने मितान योजना की प्रशंसा करते हुए कहा यह नागरिक सशक्तिकरण के लिए आईटी का वास्तविक उपयोग है। अनेक देशों में इस तरह के पहल होने लगे हैं।
 
इससे पूर्व डिजिटल इंडिया सप्ताह के तीसरे दिन गुजरात सरकार की माइ gov पोर्टल, आईटी पॉलिसी की मार्गदर्शिका और आईटी क्षेत्र में सब्सिडी प्रदान करने हेतु एकल खिड़की पोर्टल का शुभारंभ गुजरात सरकार के शिक्षा मंत्री जीतू भाई वाघनी ने किया।

कार्यक्रम में देश भर से आए आईटी विशेषज्ञों ने भाग लिया इनमें डॉ जे सतनारायण, सलाहकार वर्ल्ड इकोनामिक फोरम, सामान्य सेवा केंद्र के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ दिनेश कुमार त्यागी, आंध्र प्रदेश के आईटी विभाग के प्रमुख सचिव सौरभ गोरे, उत्तर प्रदेश सरकार के सचिव कुमार विनीत सहित अनेक विशेषज्ञों ने भाग लिया।
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महाराष्ट्र में ईंधन पर वैट कम करेगी शिंदे सरकार

मुंबई (छत्तीसगढ़ दर्पण)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में आश्वासन दिया कि ईंधन पर मूल्य वर्धित कर -वैट जल्द ही कम किया जाएगा। उन्होंने विधानसभा में बधाई प्रस्ताव का जवाब देते हुए इसके साथ ही  रायगढ़ जिले के हिरकनी गांव के विकास के लिए 21 करोड़ रुपये देने की भी घोषणा की।

श्री शिंदे ने  कहा कि वे राज्य के  किसानों को हर प्रकार की सहायता प्रदान करेंगे ताकि  किसी भी किसान को आत्महत्या न करनी पडे। विश्वास मत हासिल करने के बाद उन्‍होंने आश्वासन दिया कि वे राजनीतिक प्रतिशोध में लिप्‍त नहीं होंगे और राज्य के समग्र विकास के लिए काम करेंगे। श्री शिंदे ने कहा कि उनके और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाला गुट, 2024 में राज्य में अगले विधानसभा चुनाव में 200 सीटें जीतेगा।
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एंकर रोहित को पकड़ने पहुंची छत्तीसगढ़ पुलिस; गाजियाबाद पुलिस ने रोका, नोएडा पुलिस पकड़ ले गई

गाजियाबाद (छत्तीसगढ़ दर्पण)। राहुल गांधी के खिलाफ फेक न्यूज चलाने के आरोपी एंकर रोहित रंजन की मंगलवार सुबह नाटकीय ढंग में गिरफ्तारी हो गई। शुरुआत छत्तीसगढ़ पुलिस से हुई जो तड़के 5.30 रोहित के इंदिरापुरम स्थित घर के बाहर पहुंच गई। दरवाजे पर पुलिस देख रोहित ने ट्वीट कर UP पुलिस से मदद मांगी। गाजियाबाद पुलिस ने उनके ट्वीट का जवाब ट्वीट से दिया कि वे मदद के लिए जरूरी कार्रवाई कर रहे हैं।

रायपुर पुलिस ने भी एंकर को इन्फॉर्म किया, वो भी ट्वीट के जरिए। कहा कि जांच में सहयोग करें। इस बीच गाजियाबाद के इंदिरापुरम की पुलिस भी रोहित के घर पहुंच गई। वहां रोहित की गिरफ्तारी को लेकर रायपुर और इंदिरापुरम पुलिस के बीच खींचतान चल ही रही थी कि नोएडा पुलिस की एंट्री हुई। नोएडा पुलिस ने कहा कि उनके यहां रोहित के खिलाफ केस दर्ज है, और वह रायपुर पुलिस के सामने रोहित को गिरफ्तार कर ले गई।

मंगलवार सुबह 5:30 बजे रायपुर पुलिस एंकर रोहित को गिरफ्तार करने के लिए गाजियाबाद पहुंची। रोहित गाजियाबाद में इंदिरापुरम क्षेत्र में नियो स्कॉर्टिस सोसाइटी में रहते हैं। रोहित ने 6:16 बजे ट्वीट कर UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ASP गाजियाबाद और ADG जोन लखनऊ से मदद मांगी।

इसका जवाब रायपुर पुलिस ने ट्वीट पर ही देते हुए कहा कि वे पुलिस को सहयोग दें और अपना पक्ष कोर्ट में रखें। इस बीच गाजियाबाद पुलिस ने भी ट्वीट कर रोहित से कहा कि मामला उनके संज्ञान में है और वह जरूरी कार्रवाई कर रही है। करीब साढ़े छह बजे इंदिरापुरम पुलिस रोहित के घर के बाहर पहुंच गई।

बिना UP पुलिस की इजाजत के गिरफ्तारी को लेकर रायपुर और गाजियाबाद पुलिस के बीच बहस शुरू हो गई। तभी 7:15 बजे अचानक नोएडा पुलिस ने एंट्री ली और रोहित को गिरफ्तार कर लिया।

नोएडा पुलिस का तर्क है कि उनके यहां एंकर रोहित के खिलाफ पहले से मामला दर्ज है। हालांकि, केस कब दर्ज किया गया था, इसका जवाब अफसरों ने नहीं दिया है। इंदिरापुरम के सीओ अभय मिश्रा ने रोहित की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।

रोहित रंजन ने मंगलवार सुबह 6.16 बजे ट्वीट किया, बिना लोकल पुलिस को जानकारी दिए छत्तीसगढ़ पुलिस मेरे घर के बाहर मुझे अरेस्ट करने के लिए खड़ी है। क्या ये कानूनन सही है। रोहित ने यह ट्वीट UP मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ASP गाजियाबाद और ADG जोन लखनऊ को टैग भी किया है।

एंकर रोहित रंजन के इस ट्वीट का जवाब देते हुए छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस ने लिखा, सूचित करने के लिए ऐसा कोई नियम नहीं है। फिर भी, अब उन्हें सूचित किया गया है। पुलिस टीम ने आपको कोर्ट का गिरफ्तारी वारंट दिखाया है। उन्हें वास्तव में सहयोग करना चाहिए, जांच में शामिल होना चाहिए और अपना पक्ष अदालत में रखना चाहिए।

कांग्रेस का आरोप है कि पिछले दिनों एंकर रोहित रंजन ने अपने स्पेशल टीवी शो में वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के बयान को तोड़-मरोड़कर दिखाया। इससे उनकी छवि धूमिल हुई। इस मामले में छत्तीसगढ़ में एक FIR दर्ज हुई है। दो दिन पहले नोएडा में टीवी चैनल के बाहर प्रदर्शन करने और पुतला फूंकने के आरोप में 19 कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी भी हुई थी। रोहित रंजन पर राजस्थान में भी इस बयान को लेकर मुकदमे दर्ज हुए हैं।
 
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यदि आप भी हैं सहारा इण्डिया के ग्राहक, तो हो जाइये तैयार, इस खबर में आपके लिए है कुछ ख़ास…

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। देशभर के कई इन्वेस्टर्स के पैसे सहारा इंडिया में फंसे हैं। अगर आपके भी पैसे सहारा इंडिया में हैं, तो यह खबर सिर्फ आपके लिए है। अच्छी बात यह है कि अब आपके पैसे ब्याज सहित वापस मिलेंगे। कंपनी ने चिट्ठी के माध्यम से बड़ी जानकारी दी है।

दरअसल, देशभर में सहारा इंडिया के करोड़ों निवेशक हैं जिनके पैसे इसमें फंसे हैं और वे अब अपना पैसा पाने के लिए भटक रहे हैं। सरकार की सख्ती के बाद आपकी रकम की आस लगाए निवेशक लगातार अपने नजदीकी कार्यालय और जिला प्रशासन के कार्यालय पहुंचकर पैसा वापस दिलाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि अब तक उन्हें रकम वापस नहीं मिली है। इसी बीच सहारा की ओर से एक लेटर जारी किया गया है, जिसमें कंपनी ने बड़ी जानकारी दी है।
 
सहारा की तरफ से व‍िभ‍िन्‍न समाचार पत्रों में पत्र जारी कर कहा है कि वह (सहारा) भी सेबी से पीड़ित है. सहारा ने कहा हमसे दौड़ने के ल‍िए तो कहा जाता है, लेक‍िन हमें बेड़ियों में जकड़ कर रखा गया है। इतना ही नहीं, इस चिट्ठी के माध्यम से सहारा ने बताया क‍ि न‍िवेशकों का पैसा अब सेबी का पास है। दरअसल, प‍िछले द‍िनों सहारा ने सेबी पर निवेशकों के 25,000 करोड़ रुपए रखने का आरोप लगाया है। हालांकि पहले भी सहारा की तरफ से यह जानकारी न‍िवेशकों को दी जा चुकी है।

गौरतलब है कि सरकार भी सहारा के न‍िवेशकों का पैसा वापस द‍िलाने के ल‍िए प्रयासरत है। इसके पहले वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सदन में बताया था क‍ि सेबी को महज 81.70 करोड़ रुपये के लिए 53,642 ओरिजिनल बॉन्ड सर्टिफिकेट/पास बुक से जुड़े 19,644 आवेदन म‍िले हैं। सरकार ने जानकारी दी थी क‍ि शेष आवेदनों का SIRECL और SHICL की तरफ से दिए गए दस्तावेजों में रिकॉर्ड का पता नहीं चल पा रहा है।
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देशभर में वीवो के 44 ठिकानों पर ईडी का छापा

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। चीनी स्मार्टफोन मोबाइल निर्माता वीवो व उससे संबंधित कंपनियों के खिलाफ मंगलवार को ईडी की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई। ईडी की टीम ने देशभर में वीवो व उससे संबंधित कंपनियों के 44 ठिकानों पर छापेमारी की। जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश समेत दक्षिण भारत के कई राज्यों में ईडी की ओर से यह कार्रवाई की गई है।

जानकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की गई है। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी जारी है और जरूरी दस्तावेजों की जांच की जा रही है। इस मामले में सीबीआई भी जांच कर रही है। बता दें, चाइनीज फर्म पहले से ही भारतीय जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं।
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सरकार गिरने के बाद उद्धव ठाकरे ने भाजपा को दे दी बड़ी चुनौती…

मुंबई (छत्तीसगढ़ दर्पण)। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार गोरने और एकनाथ शिंदे के सीएम बनने के बाद सियासी दांवपेंच बढ़ती जा रही है।

दरअसल, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बयान जारी करते हुए कहा कि बीजेपी उनकी पार्टी को खत्म करने की योजना बना रही है। इसके साथ ही उद्धव ने बीजेपी को मध्यावधि चुनाव कराने की चुनौती भी दी।

मिली जानकारी के अनुसार शिवसेना भवन में शिवसेना जिला अध्यक्षों की बैठक में उद्धव ठाकरे ने कहा कि, विधानसभा को मनमाने ढंग से चलाना संविधान का अपमान है। उन्होनें कहा कि एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा। एकनाथ शिंदे शिवसेना के बागी विधायकों और बीजेपी के समर्थन से सीएम बने हैं।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ठाकरे ने अपने पार्टी के नेताओं से कहा, ‘अगर वे लड़ाई लड़ना चाहते हैं, तो साथ रहें। उन्होंने कहा, बीजेपी शिवसेना को खत्म करने का प्रयास कर रही है। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे राज्य में मध्यावधि चुनाव कराकर दिखाएं। अगर हम गलत हैं, तो लोग हमें घर भेज देंगे। अगर वे (बीजेपी, एकनाथ गुट) गलत हैं, तो लोग उन्हें घर भेज देंगे।
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बड़ी खबर : फ्लोर टेस्ट में पास हुए शिंदे, समर्थन में मिले इतने वोट…

 मुंबई (छत्तीसगढ़ दर्पण)। महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से चल रहा सियासी ड्रामा धीरे-धीरे शांत हो रहा है। नई सरकार का गठन हो चुका है। एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने हैं। इस बीच विधानसभा के विशेष सत्र का आज, सोमवार को दूसरा दिन है। इस दौरान विधानसभा की कार्यवाही शुरू हो गई। पहले ध्वनिमत से बहुमत पर फैसला होना था। हालांकि, विपक्ष ने इस पर एतराज जताया। इसके बाद मतदान के जरिए कार्यवाई शुरू की गई। शिंदे के पक्ष में 164 वोट पड़े, उन्होंने विश्वास मत हासिल कर लिया है।

महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की कार्यवाही के दौरान एकनाथ शिंदे के खिलाफ 99 वोट पड़े हैं। वहीं शिंदे के समर्थन में 164 वोट पड़े। वहीं देरी से आने के कारण पांच विधायक वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सके।
 
इससे पहले शिंदे और उद्धव गुट ने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया था। वहीं, एकनाथ शिंदे गुट के मुख्य सचेतक भरत गोगावाले ने विधानसभा अध्यक्ष को व्हिप के उल्लंघन के आरोप में उद्धव गुट के 16 विधायकों को निलंबित करने की याचिका दी है। विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय ने पुष्टि करते हुए बताया कि 16 विधायकों को निलंबन के लिए नोटिस जारी किया जाएगा। इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने भाजपा और शिंदे गुट गठबंधन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा भाजपा और शिंदे गुट का गठबंधन एक अस्थायी व्यवस्था है, वे लोगों के पास नहीं जा सकेंगे।
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मणिपुर में भू-स्‍खलन से मरने वालों की संख्‍या 42 हुई

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)।मणिपुर के नोनी जिले में जमीन धंसने की आपदा में मृतकों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है। कल दो साल के बच्चे सहित आठ और शव मलबे से निकाले गए। इस बीच, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार और अन्य ने दुर्घटनास्‍थल का दौरा कर राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया। डॉक्‍टर सुभाष सरकार ने कहा कि केन्‍द्र सरकार इस दुर्घटना पर गंभीरता से नज़र रख रही है और बचाव कार्यो में हरसंभव सहायता देने के लिए तैयार है।

उन्‍होंने सभी घायलों के शीघ्र स्‍वस्‍थ होने की कामना की। मणिपुर के मुख्‍यमंत्री एन. बिरेन सिंह के नेतृत्‍व में दार्जिलिंग से लोकसभा सांसद राजू विस्‍टा, मणिपुर से राज्‍यसभा सांसद महाराजा लेशंबा सनाजोबा, असम के जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका और अन्‍य कई मंत्रियों ने स्‍थल का दौरा किया। इस बीच, मणिपुर के मुख्‍यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने कल इम्‍फाल में असम राइफल्‍स मिलिट्री अस्‍पताल का दौरा कर घायलों का हाल चाल लिया। बिरेन सिंह ने घायलों को पचास-पचास हजार रुपये का मुआवजा भी प्रदान किया।
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अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगा न्यायालय

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। उच्चतम न्यायालय सशस्त्र बलों में भर्ती संबंधी केंद्र की ‘अग्निपथ’ योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करने के लिए सोमवार को सहमत हो गया।

न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि गर्मी की छुट्टी के बाद शीर्ष अदालत के फिर से खुलने पर याचिकाओं को अगले सप्ताह उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा।
 
सरकार ने पिछले महीने, ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा की थी। योजना के तहत साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष तक की उम्र के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए सशस्त्र बलों में शामिल किया जाएगा। इनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा। सरकार ने 16 जून को इस साल के लिए इस योजना के तहत भर्ती के वास्ते आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था।
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स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास कुछ वर्षों, कुछ लोगों तक सीमित नहीं : प्रधानमंत्री मोदी

 भीमावरम (छत्तीसगढ़ दर्पण)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास कुछ वर्षों या कुछ लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के हर कोने से दिए गए बलिदान का इतिहास है। मोदी ने यहां अल्लूरी सीताराम राजू की 30 फुट की कांस्य प्रतिमा का अनावरण करने के बाद कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी की 125वीं जयंती और रम्पा विद्रोह की शताब्दी वर्ष भर मनाई जाएगी। उन्होंने कहा, देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के साथ ही अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती और रम्पा विद्रोह के 100 साल मना रहा है। मन्यम वीरुडु (वन नायक) के नाम से लोकप्रिय अल्लूरी ने 1922 में शुरू हुए रम्पा विद्रोह का नेतृत्व किया था।

मोदी ने कहा, स्वतंत्रता संग्राम केवल कुछ वर्षों, कुछ क्षेत्रों या कुछ लोगों का इतिहास नहीं है। यह देश के हर नुक्कड़ और हर कोने से दिए गए बलिदान का इतिहास है। मोदी ने अल्लूरी सीताराम राजू को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह शुरुआती आयु में ही देश की आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए थे और उन्होंने आदिवासी कल्याण एवं देश के लिए खुद को समर्पित कर दिया तथा वह कम उम्र में शहीद हो गए।
 
प्रधानमंत्री ने उनके जीवन को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि अल्लूरी भारत की संस्कृति, आदिवासी पहचान और मूल्यों के प्रतीक थे। मोदी ने कहा कि अल्लूरी ने ब्रितानी शासकों को चुनौती दी थी कि वह उन्हें रोककर दिखाए। उन्होंने कहा, जब हमारे युवा, आदिवासी, महिलाएं और दलित देश का नेतृत्व करेंगे तो ‘नए भारत’ का निर्माण कोई नहीं रोक सकता।

मोदी ने कहा, मुझे पूरा भरोसा है कि अल्लूरी सीताराम राजू से मिली प्रेरणा देश को अनंत ऊंचाइयों पर ले जाएगी। उन्होंने कहा, मैं आंध्र प्रदेश में जन्मे महान स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करता हूं। हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों को भूले नहीं हैं, हम उन्हें भूलेंगे नहीं और हम उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ेंगे।
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जीएसटी : पांच साल में बेमिसाल

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। आज हमारे देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किए जाने के 5 साल पूरे हो गए हैं। इस पर पहली बार चर्चा वर्ष 2003 में अप्रत्यक्ष करों पर केलकर कार्यदल की रिपोर्ट में की गई थी और इस तरह से जीएसटी को मूर्त रूप देने में 13 साल का लंबा समय लग गया। वर्ष 2017 से ही जीएसटी को स्वाभाविक रूप से शुरुआती समस्याओं का सामना करना पड़ा है। लेकिन शुरुआती समस्याओं से भी कहीं अधिक महत्वसपूर्ण बात यह है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी द्वारा ढाए गए व्यासपक कहर और इसके बेहद प्रतिकूल प्रभावों का सामना करने के बाद यह काफी मजबूती के साथ उभर कर सामने आया है। इसका श्रेय जीएसटी परिषद को जाता है क्यों कि उसके जरिए ही केंद्र और राज्यों ने न केवल संकट का सामना करने के लिए, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था को फि‍र से तेज विकास के रास्तेा पर ले जाने के लिए एक-दूसरे का हाथ बड़ी मजबूती के साथ थाम लिया। यह एक साथ मिलकर काम करने का ही सुखद नतीजा है कि भारत इस वर्ष के साथ-साथ अगले साल के लिए भी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभर कर सामने आया है, जैसा कि कई दिग्गसज संस्थाअनों द्वारा अनुमान लगाया गया है।

वर्ष 2017 में भारत में लागू होने से बहुत पहले ही कई देशों ने जीएसटी व्यवस्था को अपने यहां बाकायदा अपना लिया था। लेकिन भारत में जीएसटी परिषद का स्व रूप अपने आप में अद्वितीय है। भारतीय राजनीति के अर्ध-संघीय स्व रूप, जिसमें केंद्र और राज्यों दोनों को ही कराधान का स्वतंत्र अधिकार प्राप्त था, को देखते हुए इसके लिए एक अद्वितीय समाधान की नितांत जरूरत थी। विभिन्न आकार वाले राज्यों और विरासत में मिली अपनी कर प्रणाली के साथ विकास के विभिन्न चरणों से गुजर रहे राज्यों को जीएसटी के तहत एक साथ लाया जाना था। यही नहीं, राजस्व संग्रह के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के मामले में भी राज्य विभिन्न चरणों से गुजर रहे थे। इस तरह के हालात में एक संवैधानिक निकाय ‘जीएसटी परिषद’ और भारत के लिए अद्वितीय जीएसटी समाधान (दोहरा जीएसटी) की नितांत आवश्य कता महसूस की गई। कुछ अपवादों को छोड़ केंद्र और राज्यों दोनों के ही करों को जीएसटी में समाहित कर दिया गया। 17 अलग-अलग कानूनों का विलय कर दिया गया और जीएसटी के माध्यम से ‘एकल कराधान’ अमल में लाया गया।
 
भारत में जीएसटी परिषद ने जीएसटी के प्रमुख मुद्दों यथा दरों, छूट, व्यावसायिक प्रक्रियाओं और आईटीसी के संचालन इत्यारदि पर राष्ट्रीय सहमति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

जुलाई 2017 में 63.9 लाख से भी अधिक करदाताओं ने जीएसटी को अपना लिया था। करदाताओं की यह संख्या जून 2022 तक दोगुनी से भी अधिक बढ़कर 1.38 करोड़ से ज्यातदा हो गई है। 41.53 लाख से भी अधिक करदाता और 67 हजार ट्रांसपोर्टर ई-वे पोर्टल पर पंजीकृत हो गए हैं, जो प्रति माह औसतन 7.81 करोड़ ई-वे बिल सृजित करते हैं। इस सिस्टम को लॉन्च किए जाने के बाद से लेकर अब तक कुल 292 करोड़ ई-वे बिल सृजित हुए हैं, जिनमें से 42 प्रतिशत ई-वे बिल विभिन्न वस्तुतओं की अंतर-राज्य ढुलाई से जुड़े हुए हैं। इस साल 31 मई को एक दिन में सबसे ज्यादा 31,56,013 ई-वे बिल सृजित किए गए थे।

औसत मासिक संग्रह 2020-21 के 1.04 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 में 1.24 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इस साल के पहले 2 महीनों में औसत संग्रह 1.55 लाख करोड़ रुपये रहा। यह उम्मीद उचित है कि यह निरंतर वृद्धि का रुझान जारी रहेगा।

जीएसटी ने सीएसटी/वैट व्यवस्था के तहत भारतीय राज्यों के बीच मौजूद कर मध्यस्थता को समाप्त कर दिया है। एक हस्तक्षेप करने वाली नियंत्रण प्रणाली, जिसमें सीमा चौकियों को शामिल करना और माल से लदे ट्रकों का भौतिक सत्यापन शामिल था, से बाधाएं पैदा होती थीं, जिसके परिणामस्वरूप समय और ईंधन की हानि होती थी। परिणामस्वरूप कार्गो की आवाजाही के लिए लॉजिस्टिक, देश के भीतर भी, आवश्यक पैमाना और दक्षता हासिल नहीं कर पाया। माल की लागत में लॉजिस्टिक की लागत 15 प्रतिशत तक होने का अनुमान लगाया गया था।

आईजीएसटी के तहत और ई-वे बिल के साथ ऐसी कोई मध्यस्थता नहीं होने से, लॉजिस्टिक आपूर्ति श्रृंखला की क्षमता कई गुना बढ़ गई है। विभिन्न साधनों वाली परिवहन व्यवस्था पर हमारे विशेष ध्यान और अब पीएम गति शक्ति के कारण इन लाभों का बढ़ना निश्चित है।

जीएसटी-पूर्व की व्यवस्था में, अधिकांश वस्तुओं पर, केंद्र और राज्यों की संयुक्त दरें 31 प्रतिशत से अधिक थीं। हालांकि, जीएसटी के तहत 400 से अधिक वस्तुओं और 80 सेवाओं की दरों में कमी हुई है। उच्चतम 28 प्रतिशत दर भोग और विलासिता की वस्तुओं तक ही सीमित है। 28 प्रतिशत की श्रेणी में कुल 230 वस्तुएं थीं, इनमें से करीब 200 वस्तुओं को कम दरों वाली श्रेणियों में स्थानांतरित कर दिया गया है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की जरूरतों पर विशेष ध्यान दिया गया है। उद्देश्य यह है कि उनके कर और अनुपालन का बोझ कम रखा जाए। समान रूप से, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण भी था कि वे आईटीसी के उद्देश्य के लिए आपूर्ति श्रृंखला के साथ एकीकृत रहें। इस संदर्भ में, दो महत्वपूर्ण कदम उठाए गए थे: वस्तुओं के लिए छूट सीमा को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये और तिमाही रिटर्न तथा मासिक भुगतान (क्यूआरएमपी) योजना की शुरुआत, जिसमें 89 प्रतिशत करदाताओं को फायदा पहुंचाने की क्षमता थी।

शुरुआत के बाद से, जीएसटी का शासन आईटी आधारित और पूरी तरह से स्वचालित बना हुआ है। प्लेटफार्म के परिचालन के लिए पेशेवर रूप से प्रबंधित प्रौद्योगिकी कंपनी; जीएसटीएन का निर्माण सही दिशा में उठाया गया कदम था। हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर क्षमताओं की निरंतर समीक्षा और उन्नयन ने प्रणाली को कार्यकुशल रखने में मदद की है।
सीमा शुल्क द्वारा स्वचालित आईजीएसटी रिफंड की प्रणाली और जीएसटी अधिकारियों द्वारा निर्यातकों को संचित इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की वापसी ने निर्यात वस्तुओं और सेवाओं पर इनपुट करों को निर्बाध व समस्या मुक्त बना दिया है।

उल्लेखनीय है कि जीएसटी मामलों से संबंधित अधिकांश मुकदमे आईटीसी तथा जीएसटी अधिकारियों को सम्मन जारी करने, व्यक्तियों की गिरफ्तारी, वसूली के लिए संपत्ति की कुर्की आदि जैसे प्रवर्तन के विभिन्न पहलुओं से संबंध में प्राप्त शक्ति के मुद्दों से जुड़े हुए हैं। यहां तक कि मोहित मिनरल्स बनाम भारत संघ मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए बहुचर्चित निर्णय में, न्यायालय ने जीएसटी की मूलभूत विशेषताओं को खारिज या परिवर्तित नहीं किया है।

24 वर्षों तक पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री रहे असीम दासगुप्ता 2000-2010 के दौरान राज्यों के वित्त मंत्रियों के उच्चाधिकार प्राप्त समूह के अध्यक्ष थे। जीएसटी कानूनों का पहला सूत्रीकरण 2009 में किया गया था। 2 जुलाई 2017 को व्यापारिक मामलों से जुड़े एक समाचार पत्र को दिए गए एक साक्षात्कार में जीएसटी की महत्वपूर्ण विशेषताओं, जोकि आज भी बरकरार हैं, पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा था: “राज्यों को कभी भी सेवा कर लगाने की शक्ति प्राप्त नहीं थी। राज्य शुरू से ही महज [संग्रह किए गए] सेवा कर का एक हिस्से के बजाय इस कर को लगाने की शक्ति की मांग करते रहे हैं। जीएसटी के जरिए इस संबंध में प्रावधान कर दिया गया है।”

उन्होंने कहा, “उच्चाधिकार प्राप्त समिति राज्यों की स्वायत्तता के मामले में दृढ़ रवैया अपनाती रही है। प्रसंगवश जीएसटी परिषद, केन्द्रीय जीएसटी के मामले में संसद के लिए और राज्य जीएसटी के मामले में विधानसभाओं के लिए एक सिफारिशी निकाय है। तकनीकी रूप से, विधायिका इसे स्वीकार कर भी सकती है और नहीं भी। इस प्रकार, विधायिका की यह शक्ति नहीं छीनी गई है।”

महत्वपूर्ण बात यह है कि दासगुप्ता ने कहा, “जहां तक दरों का सवाल है, राज्य और केन्द्र मिलकर दोनों के लिए एक तरह का एकल कर स्वीकार कर रहे हैं। इसलिए, यह एक तरह से सहकारी संघवाद के हित में राज्यों और केन्द्र द्वारा किया गया एक आंशिक बलिदान है। जीएसटी, सेवा कर के मामले में राज्य को अतिरिक्त अधिकार दे रहा है। राज्य घरेलू उत्पाद में आधा हिस्सा सेवाओं का होता है।”

पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी के दो वर्ष पूरे होने पर अपने ब्लॉग में कहा था, “…जीएसटी उपभोक्ता और कर निर्धारिती, दोनों, के लिए अनुकूल साबित हुआ है।” करदाताओं द्वारा दिखाई गई सकारात्मकता और निर्धारिती द्वारा तकनीक को अपनाए जाने की वजह से जीएसटी ने वास्तव में भारत को एक एकल बाजार में रूपांतरित कर दिया है।
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भारत जेनेरिक औषधियों का विश्व में सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता : मांडविया

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण व रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित आईपीसी सम्मेलन- 2022 की अध्यक्षता की। इस सम्मेलन में उन्होंने इंडियन फार्माकोपिया (आईपी) के 9वें संस्करण का विमोचन किया। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार भी उपस्थित थीं। इस वर्ष के सम्मेलन की विषयवस्तु भविष्य के लिए चिकित्सा गुणवत्ता पर व्याख्यान थी।

इस अवसर पर डॉ. मनसुख मांडविया ने भारत के फार्माकोपिया को पूरे विश्व में स्वीकार और सराहना किए जाने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहा, हम जेनेरिक दवा सूत्रीकरण व निर्माण में विशेषज्ञता और विश्व को सस्ती दवा की आपूर्ति करके विश्व की फार्मेसी बन गए हैं। लेकिन हमें अभी भी औषध क्षेत्र में अनुसंधान को मजबूत करने की जरूरत है। अब तक चार देशों – अफगानिस्तान, घाना, नेपाल और मॉरीशस- ने आईपी को मानकों की पुस्तक के रूप में स्वीकार किया है। हमें एक रोडमैप बनाना चाहिए और इसे आगे बढ़ना चाहिए, जिससे अधिक से अधिक देश हमारे फार्माकोपिया को स्वीकार करें।
 
उन्होंने आगे इसका उल्लेख किया कि भारत जेनेरिक औषधि का विश्व में सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है और मात्रा के आधार पर जेनेरिक की आपूर्ति में 20 फीसदी हिस्सेदारी है। स्वास्थ्य मंत्री ने आगे बताया कि भारत ने कोविड महामारी के दौरान 150 देशों को सुलभ और सस्ती टीकों की आपूर्ति की है। उन्होंने कहा, कई देशों में टीके व अन्य जेनेरिक औषधियों की आपूर्ति में हमने कभी भी गुणवत्ता और मानकों से समझौता नहीं किया, घटिया या नकली दवाएं नहीं दीं। इसके परिणामस्वरूप भारत ने वैश्विक ख्याति प्राप्त की है।
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सरकार ने एड-टेक कंपनियों को अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ चेतावनी दी

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। केंद्र सरकार ने एड-टेक कंपनियों को अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ चेतावनी दी है। उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव,  रोहित कुमार सिंह ने आज नई दिल्ली में इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के तत्वावधान में चलने वाले स्व-नियामक निकाय इंडिया एडटेक कंसोर्टियम (आईईसी) के साथ बैठक की। श्री सिंह ने कहा कि यदि स्व-नियमन अनुचित व्यापार प्रथाओं पर अंकुश नहीं लगाता है, तो पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कड़े दिशा-निर्देश तैयार करने की आवश्यकता होगी।

बैठक में आईएएमएआई के प्रतिनिधियों के साथ-साथ आईईसी सदस्य कंपनियों के साथ अपग्रेड, बायजूस, अनएकेडमी, वेदांतु, ग्रेट लर्निंग, व्हाइटहैट जूनियर और सनस्टोन शामिल थे। बैठक के दौरान, भारतीय एड-टेक सेक्टर के लिए अनुचित व्यापार प्रथाओं और भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया। सचिव ने भारत के एड-टेक इकोसिस्टम में उपभोक्ता हितों को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के तरीकों पर चर्चा की।
 
आईईसी में भारतीय स्टार्ट-अप शामिल हैं और यह 95 प्रतिशत भारतीय शिक्षार्थी समुदाय के  का प्रतिनिधित्व करता है। एजेंडा के हिस्से के रूप में, सदस्यों ने उपभोक्ताओं के लिए निर्बाध, पारदर्शी और व्यवहार्य पेशकशों के माध्यम से उपभोक्ता हितों की बेहतर सुरक्षा के लिए भारतीय एडटेक इकोसिस्टम को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर चर्चा की।

सचिव ने कहा कि कुछ विज्ञापन और प्रथाएं प्रचलित दिशानिर्देशों और मौजूदा नियमों के अनुरूप नहीं हैं। इसलिए, उपभोक्ताओं के हितों के अनुरूप मजबूत चैकप्वाइंट को बनाए रखने के लिए मिलकर काम करना अनिवार्य है। झूठी समीक्षाओं में वृद्धि की समस्या भी प्रमुख चिंता का एक विषय है जिसे नियंत्रित करने की आवश्यकता है।
 
विशेष रूप से एएससीआई की अभी हाल की रिपोर्ट से पता चला है कि शिक्षा श्रेणी 2021-22 में विज्ञापन कोड का सबसे बड़ा उल्लंघनकर्ता है। सचिव ने आईईसी को इकोसिस्टम की सेवा के लिए अपने सकारात्मक प्रयासों को जारी रखने और इस संबंध में एसओपी बनाने के लिए संबंधित हितधारकों के साथ एक संयुक्त कार्य समूह बनाने की भी सलाह दी।
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सपा ने राष्ट्रीय, राज्य और जिला कार्यकारिणी को किया भंग

लखनऊ (छत्तीसगढ़ दर्पण)। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के सभी युवा संगठनों, महिला सभा, अन्य प्रकोष्ठों और राष्ट्रीय एवं राज्य कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। सपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके यह जानकारी दी है।

ट्वीट में कहा गया है, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी ने पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष को छोड़कर पार्टी के सभी युवा संगठनों, महिला सभा एवं अन्य सभी प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय अध्यक्षों, प्रदेश अध्यक्षों एवं जिला अध्यक्षों तथा राष्ट्रीय, राज्य एवं जिला कार्यकारिणी को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। पार्टी के एक प्रवक्ता ने बताया कि सपा अध्यक्ष ने पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को छोड़कर सभी संगठनों की तमाम इकाइयों के साथ-साथ राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राज्य कार्यकारिणी को भंग कर दिया है।
 
हालांकि पार्टी ने इसका कोई कारण स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि पिछले विधानसभा चुनाव में शिकस्त के बाद हाल में सपा को अपना मजबूत गढ़ माने जाने वाले रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में भी पराजय मिलने के मद्देनजर वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले संगठन को मजबूत करने के लिए यह कवायद की गई है।
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